Written by NewsDesk
Category: सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार
Published on 29 June 2012
सैकड़ों निर्दोष मुस्लिम बच्चे आतंकवाद के अरोप में जेलों में सड़ रहे हैं। जिनको छोड़ने का वादा करके सपा सत्ता में पहुंची है। वहीं दूसरी तरफ मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल की सीमा आजाद और विश्वविजय जैस पत्रकार और मानवाधिकार नेता को अखिलेश यादव राज में आजीवन कारावास दिया जाता है। इस पूरे अभियान का दस सूत्रीय मांग पत्र जारी करते हुए पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि अगर सपा अपने वादे से मुकरती है तो इस अघोषित आपातकाल का जवाब जनता सड़कों पर उतरकर देगी।
1- आतंकवाद के आरोप में बंद बेगुनाह मुसलमानों को छोड़ने का वादा पूरा करो।
2- खुफिया जांच एजेंसियों द्वारा बनाए गए कागजी संगठन इण्डियन मुजाहिदीन पर केंद्र सरकार श्वेत पत्र जारी करो।
3- आतंकवाद के आरोप में बंद बेगुनाहों की जेल में सुरक्षा की गारंटी करो और अमानवीय व्यवहार बंद करो।
4- तारिक-खालिद की गिरफ्तारी पर गठित आरडी निमेष जांच आयोग की रिर्पोट तत्काल जारी करो।
5- मानवाधिकार नेता-पत्रकार सीमा आजाद, विश्वविजय और वरिष्ठ पत्रकार एसएमए काजमी को तत्काल रिहा करो।
6- रामपुर सीआरपीएफ कांड, कचहरी विस्फोटों और कानपुर विस्फोट जिसमें बजरंग दल के दो नेता बम बनाते हुए मारे गये कि उच्च स्तरीय जांच कराओ।
7- आतंकवाद के आरोपियों की सुनवाई जेलों में करना बंद करो।
8- कतील सिद्दीकी की एटीएस और खुफिया द्वारा यरवदा जेल में की गई हत्या की न्यायिक जांच कराओ।
9- फसीह महमूद को गायब करने वाले आईबी अधिकारियों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करो।
10- सपा सरकार में आतंकवाद के नाम पर हो रहे मुस्लिमों के उत्पीड़न पर सरकार जवाब दे।
पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव शाहनवाज आलम, राजीव यादव द्वारा जारी.