शनिवार, 25 अप्रैल 2015

प्राकृतिक आपदा- विपदा

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रस्तुति-  राहुल मानव, 

 

एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम (natural hazard) का ही परिणाम है (जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट (volcanic eruption), भूकंप, या भूस्खलन (landslide)) जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन (emergency management) का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। परिणाम स्वरुप होने वाली हानि निर्भर करती है जनसँख्या की आपदा को बढ़ावा देने या विरोध करने की क्षमता पर, अर्थात उनके लचीलेपन पर.[1] ये समझ केंद्रित है इस विचार में: "जब जोखिम और दुर्बलता (vulnerability) का मिलन होता है तब दुर्घटनाएं घटती हैं".[2] जिन इलाकों में दुर्बलताएं निहित न हों वहां पर एक प्राकृतिक जोखिम कभी भी एक प्राकृतिक आपदा में तब्दील नहीं हो सकता है, उदहारण स्वरुप, निर्जन प्रदेश में एक प्रबल भूकंप का आना.बिना मानव की भागीदारी के घटनाएँ अपने आप जोखिम या आपदा नहीं बनती हैं, इसके फलस्वरूप प्राकृतिक शब्द को विवादित बताया गया है।[3]

अनुक्रम


प्राकृतिक खतरे

प्राकृतिक जोखिम किसी ऐसी घटना के घटने की सम्भावना को कहते हैं जिससे मनुष्यों अथवा पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पर सकता हो.कई प्राकृतिक खतरे आपस में सम्बंधित हैं, जैसे की भूकंप सूनामी ला सकते हैं, सूखा (drought) सीधे तौर पर अकाल (famine) और बीमारियाँ पैदा करता है। खतरे और आपदा के बीच के विभाजा का एक ठोस उदहारण ये है की 1906 में सैन फ्रांसिस्को में आया भूकंप (1906 San Francisco earthquake) एक आपदा थी, जबकि कोई भी भूकंप एक तरह का खतरा है। फलस्वरूप भविष्य में घट सकने वाली घटना को खतरा कहते हैं और घट चुकी या घट रही घटना को आपदा.

प्राकृतिक आपदा


भूमि चालन से होने वाली आपदाएं


हिमस्खलन


माउन्ट टिम्पानोगोस, यूटा, एस्पेन ग्रोव ट्रेल के पृष्ठभाग (पूर्व) में आया हिमस्खलन
. उल्लेखनीय हिम्स्खालनों में शामिल हैं:

भूकंप

हाल के दिनों के कुछ सबसे महत्वपूर्ण भूकम्पों में शामिल हैं:


2004 में हिंद महासागर में आए भूकंप के कारण आयी सूनामी में सुमात्रा का एक पूरा गाँव तबाह हो गया था।


लहर्स

टाँगिवाई आपदा (Tangiwai disaster) लहर (lahar) का एक उत्कृष्ट उदहारण है, ऐसा की एक था जिसने अर्मेरो, कोलंबिया (Colombia) में लगभग 23000 लोगों को 1985 के नेवादो डेल रुइज़ (Nevado del Ruiz) के विस्फोट के दौरान मौत के घाट उतर दिया था।

भूस्खलन एंवं मिटटी का बहाव

कैलिफोर्निया में भारी बारिश के बाद ये काफ़ी नियमित रूप से होते हैं।

ज्वालामुखीय ईरप्शन



  • ज्वालामुखी के फटने या पत्थरों के गिरने से होने वाला ईरप्शन अपने आप में एक आपदा हो सकते हैं, लेकिन इनके कई सारे प्रभाव जो की ईरप्शन के बाद हो सकते हैं वो भी मानव जीवन के लिए हानिकारक हैं।

  • लावा (Lava), जिसके अन्दर अत्यन्त गरम पत्थरों का समावेश होता है, किसी ज्वालामुखी के ईरप्शन के दौरान उत्पन्न होता है। इसके कई अलग प्रकार हैं, जो की या तो भुरभुरे (जैसे की a`a (a`a)) या चिपचिपे (जैसे की pahoehoe (pahoehoe)) हो सकते हैं। ज्वालामुखी से निकलने के बाद ये रास्ते में आने वाले भवनों और पौधों को नष्ट कर देता है।

  • ज्वालामुखीय राख (Volcanic ash) - आमतौर पर जिसका अर्थ है ठंडी राख - आस पास के वातावरण में एक घना कोहरा बन कर बस सकती है। जल के साथ मिश्रण करने पर ये एक ठोस पदार्थ में तब्दील हो सकती है। उचित मात्र में इकठ्ठा होने पर इसके वजन से छतें ढह सकती हैं, लेकिन कम मात्रा में भी यदि साँस के साथ अन्दर लिया जाए तो ये बीमारी पैदा कर सकती है। चूँकि इस राख में ग्राउंड ग्लास जैसी विशेषताएं होती हैं, इसलिए ये चलते पुर्जों जैसे की इंजन में घर्षण से होने वाले नुकसान पैदा कर सकती है।

  • विशालकाय ज्वालामुखी (Supervolcano): टोबा तबाही के सिद्धांत (Toba catastrophe theory) के अनुसार 70 से 75 हजार वर्ष पहले टोबा झील (Lake Toba) में एक विशालकाय ज्वालामुखीय घटना घटित हुई थी जिसने मानव जनसँख्या को घटा कर 10000 अथव 1000 प्रजनन लायक जोडों तक ही सीमित कर दिया था, इसकी वजह से मानव विकास में अड़चन पैदा हो गई थी। विशालकाय जलामुखी से मुख्य खतरा उसके द्वारा उत्पन्न रख के विशाल बदल से होता है, जो कई वर्षों तक जलवायु और तापमान पर विनाशकारी वैश्विक असर डालते हैं।

  • पाय्रोक्लास्टिक प्रवाह (Pyroclastic flows) गर्म ज्वालामुखीय राख से बने होते हैं जो ज्वालामुखी के ऊपर एकत्र होती रहती है, जब तक की स्वंयम के बोझ तले ये गिर नहीं जाती है, उसके बाद ये बहुत तेज़ी से पर्वत से नीचे आती है और अपने मार्ग में आने वाली प्रत्येक वस्तु को जला देती है। ऐसा मन जाता है की पोम्पी एक पाय्रोक्लास्टिक प्रवाह के कारन ही तबाह हुआ था।

  • लहर, जिनका की ऊपर वर्णन किया जा चुका है, ज्वालामुखीय ईरप्शन के कारन पैदा हो सकती हैं।

जलीय आपदाएं


बाढ़


कुछ सबसे उल्लेखनीय की बाढ़ों में शामिल हैं:

ट्रोपिकल चक्रवात (Tropical cyclone) अत्यधिक बाढ़ और तूफान वृद्धि (storm surge) ला सकते हैं, जैसा की इनके साथ हुआ:


लिम्निक ईरप्शन

न्योस झील (Lake Nyos) के लिम्निक ईरप्शन से निकलने वाली गैसों से एक गाय का दम घुंट गया]]. लिम्निक ईरप्शन (limnic eruption) तब होते हैं जब अचानक ही एक गहरे पानी की झील से CO2 गैस निकलने लगती है, इससे वन्य जीवन, पशुओं और मनुष्यों के दम घुंटने का खतरा बढ़ जाता है। इस प्रकार का रिसाव से झील में सूनामी भी आ सकती है क्योंकि उठती हुई CO2 गैस जल को विस्थापित करती है। वैज्ञानिकों का मानना है की भूस्खलन (landslides), ज्वालामुखीय गतिविधी या विस्फोट एक रिसाव का कारण हो सकते हैं। आज तक केवल दो लिम्निक रिसाव देखे और दर्ज किए गए हैं।


सूनामी


२६ दिसम्बर 2004 को आय भूकंप के कारण पैदा हुई सूनामी आओ नांग (Ao Nang), थाईलैंड से टकराई.
सूनामी समुद्र के अंदर आये भूकंप के द्वारा भी पैदा हो सकती है, जैसी की आओ नांग (Ao Nang), थाईलैंड में आई थी हिंद महासागर में 2004 आए भूकम्प के कारण, या फ़िर भूस्खलन के द्वारा भी जैसी की अलास्का की लीतुया खाडी (Lituya Bay) में आयी थी।

इसको भी भूमि चालन की श्रेणी में डाला जा सकता है क्योंकि ये एक भूकंप के कारण शुरू हुई थी।

मौसमी आपदायें


यंग स्टीयर एक बर्फानी तूफ़ान के बाद, मार्च 1966.

बर्फानी तूफ़ान

अमेरिका के महत्त्वपूर्ण बर्फानी तूफ़ान (blizzard) हैं:


सूखा

सर्वविदित ऐतिहासिक सूखे (drought) इस प्रकार हैं:


ओलावृष्टि

एक विशेष रूप से हानिकारक ओलावृष्टि म्यूनिख (Munich), जर्मनी में अगस्त 31 (August 31), 1986 को आई जिसने हजारों पेंड़ गिरा दिए और लाखों डॉलर के बीमे (insurance) के दावे करवाए.

ताप लहर

हाल के इतिहास में सबसे बुरी गर्मी की लहर यूरोप की 2003 की ताप लहर (European Heat Wave of 2003) थी।


चक्रवाती तूफ़ान

तूफान (Hurricane), उष्णकटिबंधीय चक्रवात (tropical cyclone) और आँधी (typhoon) एक ही तरह की घटना के लिए अलग अलग नाम हैं: एक चक्रवाती तूफान (storm) व्यवस्था जो महासागरों के ऊपर बनती है। अब तक का सबसे भीषण हरिकेन तूफ़ान था १९७० का भोला चक्रवात (1970 Bhola cyclone); एटलांटिक का सबसे भीषण हरिकेन था १९७० का महान हरिकेन तूफ़ान (Great Hurricane of 1780), जिसने मार्टीनिक, सेंट युस्तेतियुस (St. Eustatius) और बारबाडोस को तबाह कर दिया था। एक और उल्लेखनीय तूफान है तूफान कैटरीना, संयुक्त राज्य अमेरिका के खाड़ी तट (Gulf Coast of the United States) को 2005 में तबाह कर दिया था।

आग

जंगल की आग (Wildfire) एक ऐसी अनियंत्रित आग को कहते हैं जो वन्य प्रदेश (wildland) को जला देती है। इसके सामान्य कारण तो हैं बिजली गिरना (lightning) और सूखा (drought) परन्तु इसे मानव की लापरवाही और आगजनी (arson) द्वारा भी शुरू किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और वन्य जीवन (wildlife) के लिए ये खतरा उत्पन्न करती हैं।

स्वास्थ्य और रोग


महामारी


A H5N1 वायरस, जिसके कारण एवियन इन्फ्लूएंजा होता है।
महामारी (epidemic) एक छूट की बीमारी के फैलने को कहते हैं जो की मानव आबादी में बहुत तेजी से फिलती है। यदि महामारी विश्वभर में फ़ैल जाए तो उसे विश्वमारी (pandemic) कहते हैं। इतिहास भर में महामारियों के अनेकों वर्णन आते रहे हैं, जैसे की काली मौत (Black Death).पिछले सौ वर्षों की महत्त्वपूर्ण विश्व्मारियों में शामिल हैं:

अन्य बीमारियाँ जो धीरे धीरे फैलती हैं लेकिन अभी भी जिन्हें WHO का द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति ही माना जाता है:


अकाल

आधुनिक काल में अकाल नें सबसे अधिक उप सहारा अफ्रीका (Sub-Saharan Africa) को चपेट में लिया है, हालाँकि मरने वालों की संख्या २०वीं शताब्दी का एशियायी अकालों की तुलना में काफी कम है।

अंतरिक्ष


गिरेपेड़ों (tree) का कारण तुंगुस्का घटना (Tunguska event) जून, 1908 का तुंगुस्का उल्कापात था।

प्रभाव डालने वाली घटनाएँ

आधुनिक समय की अत्यधिक प्रभावी घटनाओं में जून 1908 की तुंगुस्का घटना (Tunguska event).

सौर भड़काव

जब सूरज अचानक सामान्य से अधिक सौर विकिरण (solar radiation) छोड़ने लगे तो इस घटना को सौर भड़काव (solar flare) कहते हैं। कुछ ज्ञात सौर भड़कावों में शामिल हैं:

  • एक X20 (X20) घटना अगस्त 16 (August 16)1989
  • इसी तरह की एक और चमक अप्रैल 22001
  • सबसे शक्तिशाली सौर चमक 4 नवम्बर 2003 को दर्ज की गई थी, अनुमानतः X40 और X50 का बीच में.
  • ऐसा माना जाता है की पिछले 500 वर्षों की सबसे शक्तिशाली चमक सितम्बर 1859 में हुई थी।
वर्तमान में इसे प्राकृतिक आपदा नहीं माना गया है क्योंकि मानव संरचनाओं को इसने क्षतिग्रस्त नहीं किया है; हालाँकि इसमें प्राकृतिक आपदा बनने की क्षमता है क्योंकि अन्तरिक्ष अन्वेषण में हमारे कदम बढ़ते जा रहे हैं।

स्रोत




  • G. Bankoff, G. Frerks, D. Hilhorst (eds.) (2003). Mapping Vulnerability: Disasters, Development and People. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ISBN 1-85383-964-7.

  • B. Wisner, P. Blaikie, T. Cannon, and I. Davis (2004). At Risk - Natural hazards, people's vulnerability and disasters. Wiltshire: Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ISBN 0-415-25216-4.

  • D. Alexander (2002). Principles of Emergency planning and Management. Harpended: Terra publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ISBN 1-903544-10-6.

    1. 1900 के बाद से विश्व की सबसे बुरी प्राकृतिक आपदाएं

    इन्हें भी देखें

    बाहरी कडियाँ

    भूकंप के बारे में कुछ और जानकारी

    भूकंप पृथ्वी की परत (crust) से ऊर्जा के अचानक उत्पादन के परिणामस्वरूप आता है जो भूकंपी तरंगें (seismic wave) उत्पन्न करता है। भूकंप का रिकार्ड एक सीस्मोमीटर (seismometer) के साथ रखा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। एक भूकंप का क्षण परिमाण (moment magnitude) पारंपरिक रूप से मापा जाता है, या सम्बंधित और अप्रचलित रिक्टर (Richter) परिमाण लिया जाता है, ३ या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर इम्परसेप्टीबल होता है और ७ रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारन होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर (Mercalli scale) किया जाता है।
    पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप अधिकेन्द्र (epicenter) अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं।
    सर्वाधिक सामान्य अर्थ में, किसी भी सीस्मिक घटना का वर्णन करने के लिए भूकंप शब्द का प्रयोग किया जाता है, एक प्राकृतिक घटना (phenomenon) या मनुष्यों के कारण हुई कोई घटना -जो सीस्मिक तरंगों (seismic wave) को उत्पन्न करती है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
    भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु केन्द्र (focus) या हाईपो सेंटर (hypocenter) कहलाता है। शब्द अधिकेन्द्र (epicenter) का अर्थ है, भूमि के स्तर पर ठीक इसके ऊपर का बिन्दु.
    १९६३-१९९८ के भूकंपों के अधिकेन्द्र (epicenter)s
    ग्लोबल प्लेट टेक्टोनिक मूवमेंट
    =

    अनुक्रम

    प्लेट सीमाओं से दूर भूकंप.

    जहाँ प्लेट सीमायें महाद्वीपीय स्थलमंडल में उत्पन्न होती हैं, विरूपण प्लेट की सीमा से बड़े क्षेत्र में फ़ैल जाता है। महाद्वीपीय विरूपण San Andreas दोष ([[:en:San Andreas = स्वाभाविक रूप से होने वाले भूकंप ==
    दोष के प्रकार
    टेक्टोनिक भूकंप भूमि के ऐसे किसी भी स्थान पर आ सकता है, जहाँ पर्याप्त मात्रा में संग्रहीत प्रत्यास्थता तनाव उर्जा होती है जो समतल दोष (fault plane) के साथ भू-भंग उत्पन्न करती है।रूपांतरित (transform) या अभिकेंद्रित (convergent) प्रकार की प्लेट सीमाओं के मामलों में, जो धरती पर सबसे बड़ी दोष सतह बनते हैं, वे एक दूसरे को सामान्य रूप से और असीस्मिक रूप (aseismically) से हिलाते हैं, ऐसा केवल तभी होता है जब सीमा के साथ किसी प्रकार की अनियमितता न हो जो घर्षण के कारण प्रतिरोध को बढाती है। अधिकांश सतहों में इस प्रकार की अनियमितताएं होती हैं और यह स्टिक-स्लिप व्यवहार (stick-slip behaviour) का कारण बनती हैं। एक बार जब सीमा बंद हो जाती है, प्लेटों के बीच में सतत सापेक्ष गति तनाव को बढ़ा देती है, इसलिए, दोष सतह के चारों और के स्थान में तनाव उर्जा संगृहीत हो जाती है। यह तब तक जारी रहता है जब तनाव पर्याप्त मात्रा में बढ़कर अनियमितता को उत्पन्न करता है और दोष सतह की बंद सीमा के ऊपर अचानक भूमि खिसकने लगती है, संग्रहीत ऊर्जा मुक्त होने लगती है। यह ऊर्जा विकिरित प्रत्यास्थ तनाव (strain) भूकंपीय तरंगों (seismic waves), दोष सतह पर घर्षण की उष्मा और चट्टानों में दरार पड़ने, के सम्मिलित प्रभाव के कारण मुक्त होती है और इस प्रकार भूकंप का कारण बनती है। तनाव के बनने की यह क्रमिक प्रक्रिया, अचानक भूकंप की विफलता के कारण होती है इसे प्रत्यास्थता-पुनर्बंधन सिद्धांत (Elastic-rebound theory) कहते हैं। यह अनुमान लगाया गया है की भूकंप की कुल ऊर्जा का १० प्रतिशत या इससे भी कम सीस्मिक ऊर्जा के रूप में विकिरित होता है। भूकंप की अधिकांश उर्जा या तो भू भंग (fracture) की वृद्धि को शक्ति प्रदान करने के लिए काम में आती है या घर्षण के कारण उत्पन्न ऊष्मा में बदल जाती है। इसलिए भूकंप पृथ्वी की उपलब्ध प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा को कम करता है और इसका तापमान बढाता है, हालाँकि ये परिवर्तन पृथ्वी की गहराई में से बाहर आने वाली उष्मा संचरण और संवहन की तुलना में नगण्य होते हैं।[1]fault|San Andreas fault]]) के मामले में, बहुत से भूकंप प्लेट सीमा से दूर उत्पन्न होते हैं और विरूपण के व्यापक क्षेत्र में विकसित तनाव से सम्बंधित होते हैं, यह विरूपण दोष क्षेत्र (उदा. “बिग बंद ” क्षेत्र) में प्रमुख अनियमितताओं के कारण होते हैं। Northridge भूकंप (Northridge earthquake) ऐसे ही एक क्षेत्र में अंध दबाव गति से सम्बंधित था। एक अन्य उदाहरण है अरब (Arabian) और यूरेशियन प्लेट (Eurasian plate) स के बीच तिर्यक अभिकेंद्रित प्लेट सीमा जहाँ यह ज़ाग्रोस (Zagros) पहाड़ों के पश्चिमोत्तर हिस्से से होकर जाती है। इस प्लेट सीमा से सम्बंधित विरूपण, एक बड़े पश्चिम-दक्षिण सीमा के लम्बवत लगभग शुद्ध दबाव गति तथा वास्तविक प्लेट सीमा के नजदीक हाल ही में हुए मुख्य दोष के किनारे हुए लगभग शुद्ध स्ट्रीक-स्लिप गति में विभाजित है। इसका प्रदर्शन भूकंप की केन्द्रीय क्रियाविधि (focal mechanism) के द्वारा किया जाता है।[2]
    सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में आंतरिक दबाव क्षेत्र होते हैं जो अपनी पड़ोसी प्लेटों के साथ अंतर्क्रिया के कारण या तलछटी लदान या उतराई के कारण होते हैं। (जैसे deglaciation) .ये तनाव उपस्थित दोष सतहों के किनारे विफलता का पर्याप्त कारण हो सकते हैं, ये अन्तःप्लेट भूकंप (intraplate earthquake) को जन्म देते हैं।

    उथला - और गहरे केन्द्र का भूकंप

    अधिकांश टेक्टोनिक भूकंप १० किलोमीटर से अधिक की गहराई से उत्पन्न नहीं होते हैं। ७० किलोमीटर से कम की गहराई पर उत्पन्न होने वाले भूकंप 'छिछले-केन्द्र' के भूकंप कहलाते हैं, जबकि ७०-३०० किलोमीटर के बीच की गहराई से उत्पन्न होने वाले भूकंप 'मध्य -केन्द्रीय' या 'अन्तर मध्य-केन्द्रीय' भूकंप कहलाते हैं। subduction क्षेत्र (subduction zones) में जहाँ पुरानी और ठंडी समुद्री परत (oceanic crust) अन्य टेक्टोनिक प्लेट के नीचे खिसक जाती है, गहरे केंद्रित भूकंप (deep-focus earthquake) अधिक गहराई पर (३०० से लेकर ७०० किलोमीटर तक)[3] आ सकते हैं। सीस्मिक रूप से subduction के ये सक्रीय क्षेत्र Wadati - Benioff क्षेत्र (Wadati-Benioff zone) स कहलाते हैं। गहरे केन्द्र के भूकंप उस गहराई पर उत्पन्न होते हैं जहाँ उच्च तापमान और दबाव के कारण subducted स्थलमंडल (lithosphere) भंगुर नहीं होना चाहिए.गहरे केन्द्र के भूकंप के उत्पन्न होने के लिए एक संभावित क्रियाविधि है ओलीवाइन के कारण उत्पन्न दोष जो spinel (spinel) संरचना में एक अवस्था संक्रमण (phase transition) के दोरान होता है।[4]

    भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि

    भूकंप अक्सर ज्वालामुखी क्षेत्रों में भी उत्पन्न होते हैं, यहाँ इनके दो कारण होते हैं टेक्टोनिक दोष तथा ज्वालामुखी में लावा (magma) की गतियां.ऐसे भूकंप ज्वालामुखी विस्फोट की पूर्व चेतावनी हो सकते हैं।

    भूकंप समूहों

    एक क्रम में होने वाले अधिकांश भूकंप, स्थान और समय के संदर्भ में एक दूसरे से सम्बंधित हो सकते हैं।

    भूकंप झुंड

    यदि ऐसा कोई झटका न आए जिसे स्पष्ट रूप से मुख्य झटका कहा जा सके, तो इन झटकों के क्रम को भूकंप झुंड कहा जाता है।

    भूकंप तूफान

    कई बार भूकम्पों की एक श्रृंख्ला भूकंप तूफ़ान (earthquake storm) के रूप में उत्पन्न होती है, जहाँ भूकंप समूह में दोष उत्पन्न करता है, प्रत्येक झटके में पूर्व झटके के तनाव का पुनर्वितरण होता है। ये बाद के झटके (aftershock) के समान है लेकिन दोष का अनुगामी भाग है, ये तूफ़ान कई वर्षों की अवधि में उत्पन्न होते हैं और कई बाद में आने वाले भूकंप उतने ही क्षतिकारक होते हैं जितने कि पहले वाले. इस प्रकार का प्रतिरूप तुर्की में २० वीं सदी में देखा गया जहाँ लगभग एक दर्जन भूकम्पों के क्रम ने उत्तर Anatolian दोष (North Anatolian Fault) पर प्रहार किया, इसे मध्य पूर्व में भूकंप के बड़े गुच्छों के रूप में माना जाता है।[5] ब्ल्द्क वे ल्स

    शीर्षक

    मोटा पाठ

    भूकंप के प्रभाव

    १७५५ तांबे का चित्रण उत्कीर्णन लिस्बन खंडहर में बदल गया और १७५५ में लिस्बन में भूकंप (1755 Lisbon earthquake) के बाद जल कर राख हो गया। एक सूनामी बंदरगाह में जहाजो को बहा ले जाती है।
    San Francisco १९०६ में आए भूकंप के बाद Smoldering (1906 San Francisco earthquake)
    .
    चित्र:Tlatelolco.PNG
    भूकंप में क्षति मेक्सिको सिटी (Mexico City) (१९८५) .
    चित्र:Spitakear.jpg
    भूकंप में क्षति आर्मेनिया (१९८८) .
    साईप्रस पुल का एक भाग लोमा Prieta भूकंप (Loma Prieta Earthquake) (१९८९) के दोरान दह गया।
    कैसर Permanente भवन Northridge भूकंप (Northridge Earthquake) (१९९४) में नष्ट हो गया।
    ग्रेट Hanshin भूकंप (Great Hanshin earthquake) (१९९५) में कोबे, जापान
    चित्र:阪神淡路大震災343.jpg
    में क्षति .
    Chūetsu (Chūetsu earthquake) के भूकंप (२००४) .
    भूकंप के प्रभावों में निम्न लिखित शामिल हैं, लेकिन ये प्रभाव यहाँ तक ही सीमित नहीं हैं।

    झटके और भूमि का फटना.

    झटके और भूमि का फटना भूकंप के मुख्य प्रभाव हैं, जो मुख्य रूप से इमारतों व अन्य कठोर संरचनाओं कम या अधिक गंभीर नुक्सान पहुचती है। स्थानीय प्रभाव कि गंभीरता भूकंप के परिमाण (magnitude) के जटिल संयोजन पर, epicenter (epicenter) से दूरी पर और स्थानीय भू वैज्ञानिक व् भू आकरिकीय स्थितियों पर निर्भर करती है, जो तरंग के प्रसार (wave propagation)[6] कम या अधिक कर सकती है। भूमि के झटकों को भूमि त्वरण (acceleration) से नापा जाता है।
    विशिष्ट भूवैज्ञानिक, भू आकरिकीय और भू संरचनात्मक लक्षण भू सतह पर उच्च स्तरीय झटके पैदा कर सकते हैं, यहाँ तक कि कम तीव्रता के भूकंप भी ऐसा करने में सक्षम हैं। यह प्रभाव स्थानीय प्रवर्धन कहलाता है। यह मुख्यतः कठोर गहरी मृदा से सतही कोमल मृदा तक भूकम्पीय (seismic) गति के स्थानांतरण के कारण है और भूकंपीय उर्जा के केन्द्रीकरण का प्रभाव जमावों कि प्रारूपिक ज्यामितीय सेटिंग करता है।
    दोष सतह के किनारे पर भूमि कि सतह का विस्थापन व भूमि का फटना दृश्य है, ये मुख्य भूकम्पों के मामलों में कुछ मीटर तक हो सकता है। भूमि का फटना प्रमुख अभियांत्रिकी संरचनाओं जैसे बांधों (dams), पुल (bridges) और परमाणु शक्ति स्टेशनों (nuclear power stations) के लिए बहुत बड़ा जोखिम है, सावधानीपूर्वक इनमें आए दोषों या संभावित भू स्फतन को पहचानना बहुत जरुरी है।[7]

    भूस्खलन और हिम स्खलन

    भूकंप, भूस्खलन (landslide) और हिम स्खलन पैदा कर सकता है, जो पहाड़ी और पर्वतीय इलाकों में क्षति का कारण हो सकता है।

    एक भूकंप के बाद, किसी लाइन या विद्युत शक्ति (electrical power) के टूट जाने से आग (fire) लग सकती है। यदि जल का मुख्य स्रोत फट जाए या दबाव कम हो जाए, तो एक बार आग शुरू हो जाने के बाद इसे फैलने से रोकना कठिन हो जाता है।

    मिट्टी द्रवीकरण

    मिट्टी द्रवीकरण (Soil liquefaction) तब होता है जब झटकों के कारण जल संतृप्त दानेदार (granular) पदार्थ अस्थायी रूप से अपनी क्षमता को खो देता है और एक ठोस (solid) से तरल (liquid) में रूपांतरित हो जाता है। मिट्टी द्रवीकरण कठोर संरचनाओं जैसे इमारतों और पुलों को द्रवीभूत में झुका सकता है या डूबा सकता है।

    सुनामी

    समुद्र के भीतर भूकंप से या भूकंप के कारण हुए भू स्खलन के समुद्र में टकराने से सुनामी आ सकते है। उदाहरण के लिए, २००४ हिंद महासागर में आए भूकंप.

    बाढ़

    यदि बाँध क्षतिग्रस्त हो जाएँ तो बाढ़ भूकंप का द्वितीयक प्रभाव हो सकता है। भूकंप के कारण भूमि फिसल कर बाँध की नदी में टकरा सकती है, जिसके कारण बाँध टूट सकता है और बाढ़ आ सकती है।;=RUL'

    मानव प्रभाव

    भूकंप रोग, मूलभूत आवश्यकताओं की कमी, जीवन की हानि, उच्च बीमा प्रीमियम, सामान्य सम्पत्ति की क्षति, सड़क और पुल का नुकसान और इमारतों को ध्वस्त होना, या इमारतों के आधार का कमजोर हो जाना, इन सब का कारण हो सकता है, जो भविष्य में फ़िर से भूकंप का कारण बनता है।
    मानव पर पड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव है, जीवन की क्षति.

    भूकंप के लिए तैयारी

    धर्म और पौराणिक कथाओं में भूकंप

    Norse पौराणिक कथाओं (Norse mythology) में, भूकंप को देवता Loki (Loki) के हिंसक संघर्ष के रूप में बताया गया है। जब शरारत और संघर्ष के देवता (god) लोकी ने, सौंदर्य और प्रकाश के देवता Baldr (Baldr) की हत्या कर दी, उसे दण्डित करने के लिए एक गुफा में बंद कर दिया गया, उसके पर एक जहरीला सांप रख दिया गया, जिससे उसके सर पर जहर टपक रहा था।Loki की पत्नी Sigyn (Sigyn) उसके पास एक कटोरा लेकर खड़ी हो गई जिसमें वह जहर इकठ्ठा कर रही थी, लेकिन जब भी वह कटोरे को खाली करती, जहर लोकी के चेहरे पर गिर जाता, तब वह उसे बचाने के लिए उसके सर पर दूसरी और धक्का देती, जिससे धरती कांपने लगती.[8]
    ग्रीक पौराणिक कथाओं में नेप्चून भूकंप के देवता थे। [9]

    यह भी देखिए

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    भूकंप को विक्षनरी,
    एक मुक्त शब्दकोष में देखें।

    संदर्भ

    बाहरी कड़ियाँ

    शिक्षा-संबंधी

    भूकंपीय आंकडों के केन्द्र

    यूरोप

    जापान

    संयुक्त राज्य अमेरिका

    भूकंप पैमाने

    वैज्ञानिक जानकारी

    विविध

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    संदर्भ


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