शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

ज्योतिष ज्ञान -12 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 क्या आप जानते हैं कि भारतीय *पंचांग* प्रणाली के अनुसार, प्रत्येक वर्ष का एक विशिष्ट नाम होता है? और यह भी कि प्रत्येक नाम का एक विशिष्ठ अर्थ होता है?


प्रति 60 वर्षों को कहते हैं #संवत्सर। प्रत्येक नाम 60  jiसाल बाद फिर से आता है। साल आम तौर पर *मध्य अप्रैल* में शुरू होता है।


वर्ष 2019-20 का नाम *'#विकारी'* रखा गया, जो एक *'#बीमारी_वर्ष बनकर अपने नाम पर खरा उतरा! कोविड की शुरुआत 2019 से हुई।


वर्ष 2020-21 का नाम *#शर्वरी'* रखा गया, जिसका अर्थ है *#अंधेरा*, और इसने दुनिया को एक अंधेरे चरण में धकेल दिया!


अब '#प्लावा वर्ष  2021-22 प्रारंभ हो रहा है। 'प्लावा' का अर्थ है, *"पार करा देने वाला*।


 *वराह संहिता* कहती है: यह दुनिया को असहनीय कठिनाइयों के पार ले जाएगा और हमें एक बेहतर  स्थिति तक पहुंचाएगा। यानी अंधेरे से प्रकाश की ओर चलने का समय


वर्ष 2022-23 का नाम *'शुभकृत'* रखा गया है, जिसका अर्थ है कि जो *शुभता पैदा करता है।*


 यानी अब हमें आगे देखना है और एक हम एक बेहतर कल की उम्मीद कर सकते हैं


कोई माने या न माने लेकिन *सनातन धर्म*  दुनिया का सबसे वैज्ञानिक, व्यावहारिक और  समावेशीक धर्म है।


हमारे *ऋषि* और *मुनि* तब भी सटीक भविष्यवाणी कर सकते थे जब आधुनिक गैजेट और उपकरण मौजूद नहीं थे।


सनातन के लिए ये श्रद्धा और विश्वास अनायास ही नही है बल्कि इसमें समावेशित ज्ञान और जानकारी के लिए है

🙏🚩⚜️🕉️⚜️🚩🙏

ज्योतिष ज्ञान -11/ सिन्हा आत्म स्वरूप

 ज्योतिष में कुल 9 ग्रहों की गणना की जाती है। इनमें सूर्य, चंद्र, बृहस्पति (गुरु), शुक्र, मंगल, बुध, ‍शनि,मुख्य ग्रह तथा राहु-केतु छाया ग्रह माने जाते हैं। इन ग्रहों में सूर्य-मंगल क्रूर ग्रह तथा शनि, राहु व केतु पाप ग्रह माने जाते हैं। 

सूर्य हमारे नेत्र, सिर और हृदय पर प्रभाव रखता है। मंगल पित्त, रक्त, कान, नाक पर और शनि हड्डियों, मस्तिष्क, पैर-पिंडलियों पर प्रभुत्व रखता है। राहु-केतु का स्वतंत्र प्रभाव नहीं होता है। वे जिस राशि में या जिस ग्रह के साथ बैठते हैं, उसके प्रभाव को बढ़ाते हैं ।


बृहस्पति, शुक्र, बुध शुभ ग्रह माने जाते हैं। पूर्ण चंद्रमा शुभ कहा गया है। मगर कृष्ण पक्ष की तरफ बढ़ता चंद्रमा पापी हो जाता है। 

बृहस्पति शरीर में चर्बी, गुर्दे, व पाचन को नियंत्रित करता है। शुक्र वीर्य, आँख व कामशक्ति को नियंत्रण में रखता है। बुध का वर्चस्व वाणी (जीभ) पर होता है। चंद्रमा छाती, फेफड़े व नेत्रज्योति पर अपना प्रभाव रखता है।

गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

ज्योतिष ज्ञान -10 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व


चंद्रमा को राशि में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी ग्रहों में सबसे अधिक गति से चलने वाला चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्र माता, मन, मस्तिष्क, बुद्धिमता, स्वभाव, जननेद्रियों, प्रजनन संबंधी रोगों का कारक है।


इसके अलावा चंद्र व्यक्ति की भावनाओं पर नियंत्रण रखता है। वह जल तत्व ग्रह है। सभी तरल पदार्थ चंद्र के प्रभाव क्षेत्र में आती है। चंद्रमा के मित्र ग्रह सूर्य और बुध है। चंद्रमा का किसी भी ग्रह से दुश्मनी नहीं है।

 चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। वहीं चंद्र वृषभ राशि में उच्च स्थान प्राप्त करता है। चंद्र वृश्चिक राशि में होने पर नीच राशि में होते हैं। चंद्र का भाग्य रत्न मोती है। चंद्रमा मंगल, गुरु, शुक्र व शनि से सम संबंध रखते हैं।

ज्योतिष ज्ञान -7 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 


1 मेरे लिए ज्योतिष विज्ञान है एक अद्भुत ज्ञान है

टोटका या तुक्का नही2


सादर आमंत्रित

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हथेली की आयु रेखा पर बने त्रिभुज

मनुष्य को दिर्घायु बनाता है


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ की रेखाओं के जरिए किसी भी व्यकित के भविष्य को लेकर जानकारी हासिल की जा सकती है। हथेली में केवल रेखाएं ही नहीं बल्कि कई तरह के चिन्ह भी मौजूद होते हैं, जो व्यक्ति के स्वभाव और उसके जीवन से जुड़े कई राज खोलते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे रेखाओं से बने त्रिभुज के बारे में। अगर हाथ के किसी भी स्थान पर तीन तरफ से रेखाएं आकर एक-साथ मिलती हैं, तो इसे त्रिभुज कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक हथेली की अलग-अलग जगहों पर त्रिभुज का होना अलग-अलग संकेत देता है।


बड़ा त्रिभुज: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के हाथ पर बड़े आकार का त्रिभुज बनता है तो इसका अर्थ है की वह व्यक्ति बेहद ही नरम दिल का होता है। वह बिना किसी उम्मीद के लोगों की मदद करता है। ऐसे लोग काफी भावनात्मक होते हैं।


चंद्र रेखा पर त्रिभुज: अगर किसी व्यक्ति की हथेली में चंद्र रेखा पर त्रिभुज का निशान है तो इसका अर्थ है की ऐसा व्यक्ति विदेश यात्रा पर जाता है। ऐसे लोग अक्सर सरकारी खर्चे या फिर कंपनी से तरफ से विदेश की यात्रा पर जाते हैं। ऐसे लोग बेहद ही बुद्धिमान होते हैं और इन्हें जीवन की सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।


शुक्र रेखा पर त्रिभुज का निशान: अगर किसी व्यक्ति के शुक्र पर्वत पर त्रिभुज का निशान है, तो ऐसे लोग काफी आकर्षक होते हैं। यह विलासिता में अपनी जिंदगी व्यतीत करते हैं।



ज्योतिष ज्ञान -6 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 वैदिक ज्योतिष में 9वा एवं 10th घर दोनों घर ही पिता के घर या भाव कहे जाते है।


लेकिन अगर सूक्ष्म रूप से देखा जाए तो 9वां भाव ज्यादा उपयुक्त है। 9वां भाव आपका धर्म का भाव है जो देश काल पात्र के अनुसार हमे हमारे पिता से मिलता है। 9वां भाव किस्मत का है, जिसकी शुरुआत पिता के घर से होती है। 9वां भाव से पंचम भाव लग्न है, मतलब आपके पिता की संतान यानी आप।


10वां भाव चतुर्थ से सप्तम होता है, यानी चतुर्थ भाव आपकी माता का तो उससे सप्तम माता के पति यानि आपके पिता का होता है।


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ज्योतिष के कुछ अचूक सूत्र


1)जब गोचर में शनि ग्रह धनु, मकर, मीन व कन्या राशियों में गुजरता है तो भयंकर अकाल रक्त सम्बन्धी विचित्र रोग होते हैं। वर्तमान में दृष्टिगोचर.....

 2)"स्त्री की कुंडली में यदि चन्द्र वृष कन्या या सिहं राशी में स्थित हो तो स्त्री के कम पुत्र होते हैं "।


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Western astrol

ogy

Based on sun sign


१९३० के दशक में डॉन नेरोमन (Don Neroman), "एस्ट्रोजियोग्राफी" के नाम से एक स्थानीय ज्योतिष शास्त्र (Locational Astrology) को विकसित करके इसे यूरोप में लोकप्रिय भी बनाया. १९७० के दशक में अमेरिका के ज्योतिषी जिम लेविस ने (Jim Lewis)आस्ट्रोकार्टोग्राफी नाम की (Astrocartography). एक लोकप्रिय और अलग दृष्टिकोण विकसित की. दोनों ही तरीकों से स्थान में परिवर्तन के साथ जीवन की स्थितियों में आने वाले बदलाओ को जाना जाता है।


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ज्योतिष एक साइंस है

मेरे पास 30साल का अध्ययन है

समस्या जानने का और precautions का अच्छा माध्यम है

हम यहां भारतीय और पश्चमी ज्योतिष की सभी बिधा पर चर्चा करेंगे

यह पूर्णतया knowledge sharing है 


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,कुंडली में उच्च का राहु व्यक्ति का भाग्य बदल देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में राहु ग्रह मजबूत होता है, उसे अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। यह व्यक्ति के आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता दिलाता है। राहु ग्रह अपने मित्र ग्रहों के साथ बलवान होता है।



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ज्योतिषशास्त्र में कुण्डली के नवम घर को भाग्य स्थान कहा जाता है। इस घर में जो ग्रह बैठा होता है या जो ग्रह इस घर को देखता है उसके अनुरूप व्यक्ति को भाग्य का सहयोग प्राप्त होता है। ... चन्द्रमा जिनकी कुण्डली में नवें घर में होता है उनका भाग्योदय 16वें वर्ष में होता है।





ज्योतिष ज्ञान -5 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 कब होगा विवाह लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज 

लिखे

- अपना जन्म दिनांक.. मास ..वर्ष ..जन्म समय.. व जन्म स्थान ...

  शुक्र ग्रह औऱ विवाह- गोचर द्वारा समय निर्धारण- 


जन्म पत्रिका में भाव 7 विवाह का मुख्य भाव है और भाव 2 परिवार का भाव है भाव 11 इच्छाओ को पूर्ण करने वाला भाव हैं।

 जब ग्रहो की दशा भुक्ति अंतर 2,7,11 वे भावो का फल बता रहा होता है और विवाह की अवस्था हो तो विवाह हो जाता हैं ।

   शुक्र विवाह का कारक ग्रह है दशा भुक्ति अंतर में शुक्र हो और उसमें 2,7,11 वे भाव का फल न भी हो तो भी विवाह हो जाता हैं ।

  जब किन्ही ऐसे 3 ग्रहो की दशा भुक्ति अंतर चल रहे हो जो 2,7,11 वे भावो का फल बता रहे हो ओर विवाह की अवस्था हो तो विवाह होने के समय का निर्धारण पत्रिका में उन ग्रहो से करना होगा जो ग्रह 2,7,11 वे भाव का फल बता रहे हो।

   विवाह का निर्णय कब होगा - 

1-जब गोचर में 2,7,11 वे भावो के  फल कर्ता कोई भी तीन ग्रह इकट्ठे हो जाय ।

2- ऐसे ही कोई तीन ग्रह एक दुसरे से दृष्टि में हो  

3- 2,7,11 वे भाव में इन्ही भावो के फल कर्ता कोई तीन ग्रह गोचर में हो ।

4- ऐसे ही कोई तीन ग्रह इन भावो को देखते हो ।

5-ऐसे ही ग्रहो के ऊपर गोचर में ग्रहें हो जो जन्म पत्रिका में 2,7,11 वे भावो का फल प्रदान करते हो । 

 फल कर्ता ग्रह जब ग्रह गोचर में हो और ग्रहो में 1अंश की निकटता बन जाय तो समझो घटना घटित होने वाली हैं।

  कोई भी दो  सम फल कर्ता ग्रहो के अंशो में 1 अंश के अंतर तक का समय फलित होने का समय होता हैं ।

 भावो के गोचर के विषय मे ध्यान रखने वाली बात ये हैं कि जब फल कर्ता ग्रह किसी फल कर्ता भाव के भावरम्भ अंश पर आता है तो फल के फलित होने का उपयुक्त समय होता हैं।

उपरोक्त ग्रह गोचरीय विधि द्वारा विचारणीय  विषय के किसी भी घटना के समय की जानकारी के दिनों की गणना तक आसानी तक पहुचा जा सकता हैं ।

ज्योतिष ज्ञान 4 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 गुरु का राशि परिवर्तन = 💐🌼🥀

                     

     👉 विक्रमी सम्बत 2078 में मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष द्वितीया, शनिवार , 20 नवम्बर 2021 को रोहणी नक्षत्र एवं वृष राशि के चन्द्रमा समय रात्रि 11: 15 पर गुरुदेव मार्गी गति से कुंभ राशि मे प्रवेश कर चुके, तो 12 राशियों पर इस राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव रहेगा 

👉 मेष = प्रगति 

👉वृष = धन हानि

👉मिथुन =धन लाभ

👉कर्क= धन नाश 

👉सिंह = सम्मान 

👉कन्या= रोग 

👉तुला =धन हानि 

👉वृश्चिक =धन हानि 

👉धनु = शरीरकष्ट 

👉मकर=धन लाभ

👉कुंभ =भय 

👉मीन =आधि व्याधि 

 गुरु यदि अशुभ फल दे रहे हो , गुरुवार को अमावस्या हो तो केले के पेड़ पर जल चढ़ाएं , पीली वस्तु , साबुत हल्दी , चने की दाल ,पीला कपड़ा , शक्कर , लड्डू , आदि का किसी वृद्ध ब्राह्मण को या मन्दिर में दान करे

ज्योतिष ज्ञान 3 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 कुंडली का सबसे संवेदनशील (sensetive) स्थान :~


कुंडली का सप्तम स्थान यानी हमारे व्यापार, विवाह और वैवाहिक सुख ,हमारी दिनचर्या आदि से विशेष रूप से संबंधित है। इसकी स्तिथि हमारे जीवन मे सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण है ।


जरा सी स्तिथि बिगड़ी जैसे किसी पाप ग्रह का इस स्थान पर आ जाना या किसी मारक और पाप् ग्रह की दृष्टि इस पर पड़ना फिर क्या दशा अंतर्दशा आते ही आपका जीवन परेशानियों से घिर जाता है । आप के समझ मे ही नही आता कि क्या हो रहा है।


कभी जीवनसाथी से अनबन हो जाती है कभी काम धंधे में दिक्कतें आ जाती है। लाख प्रयास के बाद भी विवाह का न होना आदि आदि..


सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये हमारे जीवन की प्रतिदिन कि दिनचर्या से संबंधित है यानी सुबह भी टेंशन शाम भी और रात में भी सुकून नहीं।


वैदिक उपायो से इन समस्याओं को दूर कर जीवन मे खुशहाली और सुकून लाया जा सकता है

निःसंकोच संपर्क करें

ज्योतिष ज्ञान -2 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 चांडाल शब्द का अर्थ होता है क्रूर कर्म करनेवाला,


नीच कर्म करनेवाला

राहू और केतु दोनों छाया ग्रह है. पुराणों में यह

राक्षस है. राहू और केतु

के लिए बड़े सर्प या अजगर की कल्पना करने में आती

है. राहू सर्प का मस्तक

है तो केतु सर्प की पूंछ. ज्योतिषशास्त्र में राहू -केतु

दोनों पाप ग्रह

है. अत: यह दोनों ग्रह जिस भाव में या जिस ग्रह के

साथ हो उस भाव या उस

ग्रह संबंधी अनिष्ठ फल दर्शाता है. यह दोनों ग्रह

चांडाल जाती के है. इसलिए इनकी युति को चांडाल

( राहू-केतु ) योग कहा जाता है.

कैसे होता है चाण्डाल योग

जब कुण्डली में राहु या केतु जिस गृह के साथ बैठ जाते

है तो उसकी युति को

ही चाण्डाल योग कहा जाता है ये मुख्य रूप से सात

प्रकार का होता है

1- रवि-चांडाल योग -सूर्य के साथ राहू या केतु हो

तो इसे रवि चांडाल योग

कहते है. इस युति को सूर्य ग्रहण योग भी कहा जाता

है. इस योग में जन्म

लेनेवाला अत्याधिक गुस्सेवाला और जिद्दी होता

है. उसे शारीरिक कष्ठ भी

भुगतना पड़ता है. पिता के साथ मतभेद रहता है और

संबंध अच्छे नहीं होते.

पिता की तबियत भी अच्छी नहीं रहती.

2- चन्द्र-चांडाल योग - चन्द्र

के साथ राहू या केतु हो तो इसे चन्द्र चांडाल योग

कहते है. इस युति को

चन्द्र ग्रहण योग भी कहा जाता है. इस योग में जन्म

लेनेवाला शारीरिक और

मानसिक स्वास्थ्य नहीं भोग पाता. माता संबंधी

भी अशुभ फल मिलता है. नास्तिक

होने की भी संभावना होती है.

3- भौम-चांडाल योग - मंगल के साथ राहू

या केतु हो तो इसे भौम चांडाल योग कहते है. इस

युति को अंगारक योग भी कहा

जाता है. इस योग में जन्म लेनेवाला अत्याधिक

क्रोधी, जल्दबाज, निर्दय और

गुनाखोर होता है. स्वार्थी स्वभाव, धीरज न

रखनेवाला होता है. आत्महत्या या

अकस्मात् की संभावना भी होती है.

4- बुध-चांडाल योग -बुध के साथ

राहू या केतु हो तो इसे बुध चांडाल योग कहते है.

बुद्धि और चातुर्य के ग्रह

के साथ राहू-केतु होने से बुध के कारत्व को हानी

पहुचती है. और जातक

अधर्मी. धोखेबाज और चोरवृति वाला होता है.

5- गुरु-चांडाल योग -

गुरु के साथ राहू या केतु हो तो इसे गुरु चांडाल योग

कहते है.ऐसा जातक

नास्तिक, धर्मं में श्रद्धा न रखनेवाला और नहीं करने

जेसे कार्य करनेवाला

होता है.

6- भृगु-चांडाल योग - शुक्र के साथ राहू या केतु हो

तो इसे

भृगु चांडाल योग कहते है. इस योग में जन्म लेनेवाले

जातक का जातीय चारित्र

शंकास्पद होता है. वैवाहिक जीवन में भी काफी

परेशानिया रहती है. विधुर या

विधवा होने की सम्भावना भी होती है.

7- शनि-चांडाल योग - शनि के साथ

राहू या केतु हो तो इसे शनि चांडाल योग कहते है. इस

युति को श्रापित योग

भी कहा जाता है. यह चांडाल योग भौम चांडाल

योग जेसा ही अशुभ फल देता है.

जातक झगढ़ाखोर, स्वार्थी और मुर्ख होता है. ऐसे

जातक की वाणी और व्यव्हार

में विवेक नहीं होता. यह योग अकस्मात् मृत्यु की तरफ

भी इशारा करता है.

अस्तु आप भी देखे कहीं आपकी कुण्डली में भी

चाण्डाल योग तो नहीं है यदि हो

तो इसकी शांति अवश्य करवाएं क्योंकि कहा जाता

है की शान्ति का उपाय करके

जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है

ज्योतिष ज्ञान-1 / सिन्हा आत्म स्वरूप

 ग्रहों की उच्च-नीच राशियाँ निम्नानुसार है।


1. सूर्य - मेष में उच्च, तुला में नीच


2. चंद्र - वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच


3. बुध - कन्या में उच्च, मीन में नीच


4. शुक्र - मीन में उच्च, कन्या में नीच


5. मंगल - मकर में उच्च, कर्क में नीच


6. गुरु - कर्क में उच्च, मकर में नीच


7. शनि - तुला में उच्च, मेष में नीच


8. राहु - मिथुन में उच्च, धनु में नीच


9. केतु - धनु में उच्च, मिथुन में नीच


इनके अलावा प्रत्येक ग्रह की मूल त्रिकोण राशियाँ भी दी गई हैं। मूल त्रिकोण राशि में होने पर ग्रह बलवान हो जाते हैं और शुभ फल देते हैं।


ग्रह मू ल / त्रिकोण राशि

1. सूर्य - सिंह

2. चंद्र - वृषभ

3. बुध - कन्या

4. शुक्र - तुला

5. मंगल - मेष

6. गुरु - धनु

7. शनि - कुंभ

8. राहु - मिथुन

9. केतु - धनु


फलादेश करते समय इन राशियों का ध्यान रखकर ही ग्रहों के बलाबल की गणना की जाती है।

बुधवार, 29 दिसंबर 2021

देव में 251 कलश के संग निकलेगी भगवान सूर्य की भव्य रथ यात्रा

 251 कलश यात्रा के साथ निकलेगी भगवान सूर्य की रथ यात्रा


आज दिनांक 29.12.2021 को देव दुर्गा मन्दिर के प्रांगण में देव पर्यटन विकास केन्द्र की एक बैठक समाज सेवी नंदलाल जी की अध्यक्षता में संपन्न हूई।

बैठक में यह सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया की प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली सूर्य रथ यात्रा को इस बार भी धुम धाम से मनाया जायगा।

देव पर्यटन विकास केन्द्र के अध्यक्ष श्री उदय सिंह ने बताया की कोविड को देखते हुए इस बार रथ यात्रा को कोविड नियमॊ के अनुसार ही मनाया जाना उचित होगा,ताकी आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।

साथ ही रथ यात्रा में मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा।

बैठक में सर्व सम्मति से यह भी निर्णय लिया गया कि भास्कर देव के जन्मदिन(अचला सप्तमी) के शुभ अवसर पर दिनांक 31 जनवरी 2022 से 06.फ़रवरी 2022 तक श्री मद्भागवत कथा का संगीतमय प्रवचन सु श्री अनुराधा जी "सरस्वती"के द्वारा होगा।


सात फ़रवरी .2022 को सूर्य रथ यात्रा,प्रसाद वितरण और शाम को श्री रुद्र महाकाल ग्रुप के द्वारा राधा कृष्ण की झाँकी प्रस्तुत की जायगी।

दिनांक 08.02.2022 को भंडारा हवन और विसर्जन का कार्य होगा।

बैठक में देव पर्यटन विकास केन्द्र के अध्यक्ष श्री उदय सिंह,सचिव विशाल सिंह,उप सचिव पुरुषोतम पाठक,उपाध्यक्ष पवन कुमार पांडेय,उप सचिव शंभु प्रजापत कोषाध्यक्ष रणधिर चँद्रवंशी,कोषाध्यक्ष शशी मालाकार,राजेश कश्यप,राम प्रताप आदि शामिल थें।


शुक्रवार, 17 दिसंबर 2021

ज्योतिष ज्ञान - 9 / ग्रहों की उच्च-नीच राशियाँ निम्नानुसार /सिन्हा आत्म स्वरूप

 सिन्हा आत्म स्वरूप 


 ग्रहों की उच्च-नीच राशियाँ निम्नानुसार है।


1. सूर्य - मेष में उच्च, तुला में नीच


2. चंद्र - वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच


3. बुध - कन्या में उच्च, मीन में नीच


4. शुक्र - मीन में उच्च, कन्या में नीच


5. मंगल - मकर में उच्च, कर्क में नीच


6. गुरु - कर्क में उच्च, मकर में नीच


7. शनि - तुला में उच्च, मेष में नीच


8. राहु - मिथुन में उच्च, धनु में नीच


9. केतु - धनु में उच्च, मिथुन में नीच


इनके अलावा प्रत्येक ग्रह की मूल त्रिकोण राशियाँ भी दी गई हैं। मूल त्रिकोण राशि में होने पर ग्रह बलवान हो जाते हैं और शुभ फल देते हैं।


ग्रह मूल / त्रिकोण राशि

1. सूर्य - सिंह

2. चंद्र - वृषभ

3. बुध - कन्या

4. शुक्र - तुला

5. मंगल - मेष

6. गुरु - धनु

7. शनि - कुंभ

8. राहु - मिथुन

9. केतु - धनु


फलादेश करते समय इन राशियों का ध्यान रखकर ही ग्रहों के बलाबल की गणना की जाती है।

ज्योतिष ज्ञान -8 / कुंडली में सबसे कोमल स्थान / सिन्हाआत्म स्वरूप

 कुंडली का सबसे अधिक संवेदनशील स्थान :/ सिन्हा आत्म स्वरूप 


कुंडली का सप्तम स्थान यानी हस्वरूप मारे व्यापार, विवाह और वैवाहिक सुख ,हमारी दिनचर्या आदि से विशेष रूप से संबंधित है। इसकी स्तिथि हमारे जीवन मे सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण है ।


जरा सी स्तिथि बिगड़ी जैसे किसी पाप ग्रह का इस स्थान पर आ जाना या किसी मारक और पाप् ग्रह की दृष्टि इस पर पड़ना फिर क्या दशा अंतर्दशा आते ही आपका जीवन परेशानियों से घिर जाता है । आप के समझ मे ही नही आता कि क्या हो रहा है।


कभी जीवनसाथी से अनबन हो जाती है कभी काम धंधे में दिक्कतें आ जाती है। लाख प्रयास के बाद भी विवाह का न होना आदि आदि..


सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये हमारे जीवन की प्रतिदिन कि दिनचर्या से संबंधित है यानी सुबह भी टेंशन शाम भी और रात में भी सुकून नहीं।


वैदिक उपायो से इन समस्याओं को दूर कर जीवन मे खुशहाली और सुकून लाया जा सकता है

निःसंकोच संपर्क करें

वर- वधु केलिए आवश्यक सूचना*


प्रस्तुति - शैलेन्द्र किशोर जारूहार


*शादियों के इस aदौर में*

*वर- वधु केलिए आवश्यक सूचना*


*वर* की विचित्र *मांगो से चकित * हुई *वधु* 


विवाह पूर्व एक लड़के की विचित्र

 मांगों से लड़की वाले हैरान हैं.........

 लड़के की मांगों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है. 

यह मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि

 *विवाह संपन्न* कराने को लेकर हैं. 


*मांगें इस प्रकार से हैं -*

1🌹 कोई प्री वैडिंग शूट नहीं होगा.


2🌹 दुल्हन शादी में लहंगे की बजाय *साड़ी पहनेगी.*


3🌹 मैरिज लॉन में ऊलजुलूल कानफोड़ू संगीत की बजाय *हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत बजेगा*. 


4🌹 वरमाला के समय केवल *दूल्हा दुल्हन* ही स्टेज पर रहेंगे. 


5🌹 वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को *उठाकर उचकाने वालों* को विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.


6🌹  पंडितजी द्वारा विवाह प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद *कोई उन्हें रोके टोकेगा नहीं.*


7🌹 *कैमरामैन फेरों आदि के चित्र दूर से लेगा* न कि बार बार पंडितजी को टोक कर. 


8🌹 *दूल्हा दुल्हन* द्वारा कैमरामैन के कहने पर *उल्टे सीधे पोज नहीं बनाये जायेंगे.*


9🌹 *दूल्हा दुल्हन को* सबके सामने *किस या आलिंगन* के लिए कहने वाले को तुरंत विवाह से *निष्कासित कर दिया जायेगा.*


🌹 *ज्ञात हुआ है लड़की वालों ने*

 *लड़के की सभी मांगे*

 *सहर्ष मान ली हैं..........*

*समाज सुधार करने के लिए जरूरी*


🙏आप सभी से निवेदन है कि यह सुझाव अच्छा लगता है तो यह सुझाव को सभी दुल्हा दुल्हन को प्रेरित किया जाए

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

पैसे की किल्ल्त से बचना हैं तो.....

 *नए साल से पहले घर से निकाल फेंके ऐसी 7 चीजें, अन्यथा पैसों की किल्लत का करना पड़ेगा सामना*:*


पंडित कृष्ण मेहता*


साल 2021 का ये अंतिम माह चल रहा है और नव वर्ष आने में अब कुछ ही समय शेष है। ऐसे में हर किसी के मन में नई आशाएं होती हैं। जब नए साल का आरंभ होता है तो हर कोई उम्मीद करता है कि आने वाला समय उसके जीवन में खुशियां, सुख-समृद्धि व तरक्की लेकर आए। लोग पुराने साल के कटु अनुभवों को भूलकर नए साल में नई चीजों का स्वागत करते हैं और नए संकल्प लेते हैं। आप भी नए साल का स्वागत करने से पहले अपने घर से कुछ चीजों को बाहर कर दें। कुछ ऐसी बेकार की चीजें हमारे घर में पड़ी होती हैं जिनके कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है। वास्तु के अनुसार, इन चीजों को अपने घर से तुरंत बाहर कर देना चाहिए, अन्यथा आपको रुपये-पैसों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।


खराब घड़ी और ताले-


घड़ी समय की सूचक होती है और निरंतर चलती रहती है। इसलिए वास्तु में घड़ी को प्रगति और निरंतर आगे बढ़ने से जोड़कर देखा जाता है। यदि आपके घर में टूटी हुई या बंद पड़ी हुई घड़ी हो तो उसे तुरंत घर से बाहर निकाल दें। माना जाता है कि इससे नकारात्मकता बढ़ती है और आपको आर्थिक तंगी व तरक्की में बाधा का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह से घर में बंद पड़े ताले को या तो सही करवा लें या घर से बाहर कर दें। माना जाता है कि बंद ताले की तरह आपकी किस्मत का ताला भी बंद हो जाता है।

खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान-


कई बार हमारे घर में खराब चार्जर आदि पड़े रहते हैं और हम इनपर ध्यान नहीं देते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में खराब पड़ी इलेक्ट्रॉनिक चीजों से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिसके कारण आपको आर्थिक तंगी समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए नए साल से पहले इन चीजों को अपने घर से बाहर निकाल दें या संभलवा लें।

खंडित मूर्तियां-


घर में साज-सज्जा के लिए रखी मूर्तियां या पूजा स्थान पर रखी भगवान की प्रतिमाएं यदि कहीं से भी खंडित हो तो उन्हें घर में नहीं रखना चाहिए। वास्तु कहता है कि खंडित चीजों से घर में नकारात्मकता बढ़ती है। इससे आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए नव वर्ष से पहले इन प्रतिमाओं को किसी नदी में प्रवाहित कर दें या फिर किसी पवित्र स्थान पर रखवा दें।

टूटा या चटका कांच-


यदि आपके घर में खिड़की, दरवाजे आदि का कांच कही से टूटा या चटका हो तो उसे तुरंत हटा दें। घर में किसी भी तरह से टूटा हुआ कांच नहीं रखना चाहिए। यदि आपके घर में रखा आइना चटक गया है या टूट गया है तो उसमें चेहरा नहीं देखना चाहिए। माना जाता है कि इससे दुर्भाग्य आता है। इसलिए यदि किसी भी तरह से आपके घर में टूटा हुआ शीशा है तो उसे बाहर कर दें।

टूटे हुए बर्तन-


कई बार हम अपने घर में ऐसे बर्तनों को भी इस्तेमाल करते रहते हैं, जो थोड़े बहुत चटके हुए हों। वास्तु शास्त्र कहता है कि यदि घर में टूटे या चटके बर्तन हो तो खाना खाने या बनाने के लिए उनका इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। यदि आपके घर में ऐसे बर्तन हैं तो तुरंत घर से बाहर कर दें।


बेकार जूते-चप्पल या कपड़े-


अक्सर देखने में आता है कि हम एक के बाद एक कपड़े और जूते-चप्पल खरीदते जाते हैं। इसकी वजह से घर में बेकार जूतों और कपड़ों का ढेर सा लग जाता है। यदि आपके घर में ऐसे कपड़े-जूते हैं, जो अच्छी अवस्था में हैं और पहनने लायक हैं, लेकिन आप उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उन्हें किसी जरूरतमंद को दे दें। जो जूते और कपड़े खराब हैं उन्हें किसी काम में ले लें या घर से बाहर कर दें। इन सारी बेकार चीजों से घर में नकारात्मकता बढ़ने लगती हैं और आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।


टूटा हुआ फर्नीचर-

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यदि घर में रखा फर्नीचर पुराना होने की वजह से टूटने लगा है तो तुरंत उसे बदल देना चाहिए। यदि आप फर्नीचर को बदलना नहीं चाहते हैं तो उसे रिपेयर करवा लें। माना जाता है कि टूटे फर्नीचर की वजह से परिवार में कलह हो सकती है।

विधानसभा चुनाव क़ो लेकर चुनाव आयोग सक्रिय

 5 राज्यों में चुनाव की रणभेरी, चुनाव आयोग ने शुरू कर दी तैयारी*


कभी भी बज सकती है यूपी समेत 5 राज्यों में चुनाव की रणभेरी, चुनाव आयोग ने शुरू कर दी तैयारी


  

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द ही हो सकता है। इसको देखते हुए इलेक्शन कमीशन बुधवार से इन राज्यों का दौरा शुरू करेगा। आयोग के दौरे की शुरुआत पंजाब से हो रही है। आयोग के सदस्य चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले यहां पर इस संबंध में होने वाली तैयारियों को परखेंगे। 


यूपी के लिए भी तैयारी


इसके बाद चुनाव आयोग का अगला दौरा गोवा का होगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय अगले हफ्ते गोवा और उसके बाद उत्तराखंड के दौरे पर जा सकते हैं। हालांकि चुनाव आयोग का उत्तर प्रदेश के दौरे की तारीखें अभी तय नहीं हैं। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उत्तराखंड दौरे के बाद आयोग कभी भी यहां आ सकता है।


नामावली प्रकाशन का इंतजार


इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आयोग जनवरी 2022 की शुरुआत में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों को नामावलियों के प्रकाशन के लिए 1 जनवरी की डेट दी है। कुछ राज्यों ने 1 जनवरी तक संशोधित नामावली प्रकाशित करने की बात कही है, वहीं अनुमान है कि उत्तर प्रदेश पांच जनवरी तक इसे प्रकाशित करेगा। आमतौर पर आयोग चुनाव की तिथियां घोषित करने से पहले संशोधित नामावली का इंतजार करता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।


*यूपी में 6 से 8 फेज में चुनाव*


फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उसके आधार पर फरवरी में चुनाव हो सकते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में यह 6 से 8 फेज में कराए जा सकते हैं। चुनाव करीब एक महीने तक चल सकते हैं। गौरतलब है कि सभी पांच चुनावी राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 15 मार्च से 14 मई के बीच खत्म हो रहा है। ऐसे में आयोग की कोशिश रहेगी कि 15 मार्च 2022 तक सभी राज्यों में चुनाव संपन्न करा दे। वैसे कानून के मुताबिक चुनाव आयोग विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के छह महीने पूर्व तक कभी भी चुनाव करा सकता है।


*आयोग जुटाता है कई जानकारियां*


चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले आयोग संबंधित राज्यों का भ्रमण कर प्रशासन से विभिन्न तरह की जानकारियां जुटाता है। इसमें स्थानीय त्योहार, मौसम की स्थिति, फसल चक्र, लॉ एंड ऑर्डर की हालत, इसके मुताबिक केंद्रीय बलों की जरूरत, कोरोना प्रोटोकॉल्स और राजनीतिक दलों के चुनाव संबंधी चिंताओं को सुना जाता है। इसके बाद गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकर केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बारे में जानकारी ली जाती है। यह सभी विचार-विमर्श आयोग को तारीखों को तय करने के साथ-साथ कितने फेज में चुनाव होंगे यह बात तय करने में भी आयोग की मदद करता है।

सोमवार, 13 दिसंबर 2021

शीत लहर से बिहार में ठंडक बढ़ी

 *बर्फीली पछुआ हवाओं ने मैदानी इलाकों में सिहरन* बढ़ा दी है। दिसंबर का दूसरा हफ्ता चल रहा है। तीसरे हफ्ते तक इसके अपने रंग में आने के आसार हैं। कई जिलों में भारी ठंड तो कहीं सघन कोहरे की वजह से रविवार को सूबे के जनजीवन पर असर पड़ा। 12 जिलों का पारा दस डिग्री सेल्सियस के आसपास या इससे नीचे आ गया है। गया में सर्वाधिक धुंध के कारण सौ मीटर की दृश्यता दर्ज की गई, जिसका यातायात पर असर पड़ा। 


प्रदेश में पूसा में सबसे ज्यादा ठंड महसूस हुई। यहां राज्यभर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गया में न्यूनतम पारा 8.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। पिछले 24 घंटे में न्यूनतम पारे में सबसे ज्यादा कमी कटिहार में आई है। यहां शनिवार के मुकाबले रविवार को पारा 6.3 डिग्री सेल्सियस पारा नीचे आ गया है। मौसमविदों के मुताबिक, पिछले दो दिनों से उत्तरी-पश्चिम दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं की वजह से सूबे में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में तेजी से गिरावट आई है।


पटना में 2 डिग्री की गिरावट


पिछले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में सबसे ज्यादा अंतर कटिहार में आया है। यहां 6.3 डिग्री सेल्सियस पारा नीचे आया है। अन्य जगहों में पटना में 2 डिग्री, पूर्णिया में 4.3 डिग्री, सबौर में 4.5 डिग्री, बांका में 3.1 डिग्री, शेखपुरा 5.1 डिग्री सेल्सियस, बेगूसराय में 4.4 डिग्री, नालंदा में 3.5 डिग्री, गया में 2.7 डिग्री, औरंगाबाद में 3 डिग्री, सारण में 1.9 डिग्री, गोपालगंज में 1.9 डिग्री, पश्चिमी चंपारण में 3 डिग्री न्यूनतम तापमान की गिरावट दर्ज की गई है।

रविवार, 12 दिसंबर 2021

 सम्मानित साथियों ,


  दिनॉक 8/12/21 को हैलीकॉप्टर दुर्घट्ना मे शहीद देश के प्रथम CDS जनरल *श्री बिपिन रावत जी एवं उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत जी व अन्य सम्मानिक वीर सैनिकों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देने के लिए


 *दिनॉक 12/12/21 दिन: रविवार  time 4:00 pm  स्थान: बैंक ऑफ बरोदा मयूर विहार फेस 3* पर मयुर् विहार फेज 3 केसभी आरडब्लूए  के   लोग एकत्रित हो रहे हैं ।


साथियों

 शांतिपूर्ण कैंडल मार्च बैंक ऑफ बड़ौदा से प्रारंभ होकर ,हनुमान मंदिर A Block से होते हुये पॉकेट C1 - B3 रोड के रास्ते गौतम पब्लिक स्कूल ,से शर्मा मेडिकल स्टोर से बैंक ऑफ बड़ौदा मयूर विहार फेस 3 पर शहीदों को कैंडल एवं पुष्प समर्पित कर  समाप्त किया जाएगा ।


 साथियों आज हमने ऐसे महान वीरों को खोया है , जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। अतः आप सभी सम्मानित साथियों से निवेदन है कि ,आप अपने जीवन के बहुमूल्य समय में से थोड़ा सा समय निकाल कर, अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित करने वाले  वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए अवश्य पहुंचे ।


साथियों देश के इन महान वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए हमारे साथ सीआरपीएफ के जवान भी शामिल हो रहे हैं । सभी सम्मानित साथियों से निवेदन है कि कोरोना  नियमों का पालन करें ।


फेस मास्क अवश्य लगायें।

 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻


    प्रार्थी

आरडब्लूए टीम

शनिवार, 11 दिसंबर 2021

खबर ही खबर / कुमार सूरज

पीएम का ट्विटर हैंडल हैक 


 *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल देर रात हैक कर लिया गया इससे क्रिप्टोकरेंसी को प्रमोट* करने वाला एक ट्वीट भी किया गया।। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि पीएम मोदी का ट्विटर अकाउंट कुछ समय के लिए कॉम्प्रोमाइज हो गया था। मामला ट्विटर तक पहुंचा और पीएम के निजी ट्विटर हैंडल @narendramodi को तुरंत सुरक्षित कर लिया गया। पीएमओ ने यह भी कहा कि अकाउंट से छेड़छाड़ के दौरान शेयर किए गए किसी भी ट्वीट को इग्नोर करें। 


ट्विटर के अनुसार, यदि आपने अपना यूजर नेम और पासवर्ड किसी मलिशियस (दुर्भावनापूर्ण) थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन या वेबसाइट को सौंपा है, यदि आपका ट्विटर अकाउंट कमजोर पासवर्ड के कारण असुरक्षित है, यदि आपके कंप्यूटर पर वायरस या मैलवेयर पासवर्ड इकट्ठा कर रहे हैं, तो अकाउंट से छेड़छाड़ हो सकती है, या यदि आप एक कॉम्प्रोमाइज्ड नेटवर्क पर हैं। अप्रत्याशित अपडेट का हमेशा यह मतलब नहीं होता है कि आपका अकाउंट हैक कर लिया गया था। कभी-कभी, किसी थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन में एक बग हो सकता है जो अप्रत्याशित व्यवहार का कारण बनता है। यदि आप अजीब व्यवहार देखते हैं, तो अपना पासवर्ड बदलना और/या कनेक्शन रद्द करना इसे रोक देगा, क्योंकि एप्लिकेशन के पास अब आपके अकाउंट तक पहुंच नहीं होगी।


चीन की नीति के  खिलाफ  नयी रणनीति


अफगानिस्तान में चीन के बढ़ते दबदबे के बीच भारत गणतंत्र दिवस के लिए खास तैयारी कर* रहा है। भारत ने इस अवसर पर पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं को आमंत्रित करने की योजना बनाई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस ‘पंच’ के जरिए भारत अफगान क्षेत्र में चीन के ‘प्रपंच’ को सॉलिड जवाब देना चाहता है। 


भारत हर साल गणतंत्र दिवस परेड पर कुछ खास मेहमानों को आमंत्रित करता है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इस साल पांच मध्य एशियाई देशों के नेता भी इस लिस्ट में शामिल हैं। इन देशों के नाम हैं, कजकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान। इन देशों के नेताओं को बुलाने का मकसद, इनके साथ सहयोग, निवेश और रक्षा सहयोग की दिशा में पुख्ता कदम बढ़ाना है।


 साथ ही ईरान के चाभर पोर्ट के जरिए मध्य एशिया से जुड़ाव की संभावनाओं भी बल देना है। 18-19 दिसंबर को भारत और मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक के बाद इस पर बात आगे बढ़ने की संभावना है।


उल्लेखनीय हैं कि सेंट्रल एशिया के कजाकिस्तान से 2009 के गणतंत्र दिवस समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने शिरकत की थी। उनकी विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच इस समझौते पर दस्तखत हुए थे कि कजाकिस्तान भारत को यूरेनियम सप्लाई करेगा। वहीं हाल ही में कजाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति के भारत दौरों से भी दोनों देशों के बीच संबंध मधुर हुए हैं। भारत के न्यूक्लियर प्लांट्स को यूरेनियम की सप्लाई को देखते हुए कजाकिस्तान की भी काफी अहमियत है।

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

मेजर शैतान सिंह जिंदाबाद

 आज मेजर शैतान सिंह का 97 वा जन्मदिन है


मेजर शैतान सिंह का जन्म जोधपुर ज़िले के बनासर गांव में हुआ था. उनका नाम भले ही शैतान सिंह हो लेकिन वो भारतीय सेना के सबसे नेक इंसानों में से थे. वो अपने जवानों के साथ रहने में यकीन रखते थे. जब वो खाली रहते थे तो  अपने जवानों के साथ ऑल इंडिया रेडियो पर खबरें सुना करते थे. हर जगह चीन से हार की खबरें आ रही थीं. सुनकर उनका खून खौल जाता था.  उनके जवान उनसे कहा करते थे कि जब मौका आएगा तो हम जम कर लड़ेंगे. मेजर मुस्करा भर देते थे. लेकिन जब मौका आया तो उनके नेतृत्व में एक भी भारतीय जवान ने चीनियों को अपनी पीठ नहीं दिखाई.

जे आर डी टाटा 28* पुण्यतिथि

 आज जे आर डी टाटा की 28वीं पुण्य तिथि है


एयर इंडिया के चेयर पर्सन के तौर पर टाटा की दिलचस्पी इतनी होती थी कि वो उसके हवाई जहाज़ों की खिड़की के परदे के कपड़े चुनने के लिए भी खुद जाते थे. एक बार उन्होंने एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक के सी बागले को पत्र लिखा था, अगर आप खाने में अधिक अल्कोहल वाली बीयर परोसते हैं तो इससे पेट भरी हो जाता है इसलिए हल्की बीयर परोसिए. हमने देखा है हमारे जहाजों की कुर्सियां ढंग से पीछे नहीं मुड़ती, उन्हें ठीक कराइए. ये भी सुनिश्चित करिए कि जब भोजन परोसा जय तो विमान की सभी लाइट्स ऑन रहें ताकि उसकी रोशनी में हमारी कटलरी चमक सके

Raman Hitkari Sudhir Bisht

बाबरी अटैक 29*


आज बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी है...


मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर अपनी आत्मकथा बियांड द लाइंस में लिखते है, मुझे पता है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस में नरसिम्हा राव की भूमिका थी. जब कर सेवक मस्जिद को गिरा रहे थे तो वो अपने निवास स्थान पर पूजा में बैठे हुए थे और वहां से तभी है जब मस्जिद का आखिरी पठार हटा दिया गया. लेकिन नरसिम्हा राव पर बहुचर्चित किताब हाफ लायन लिखने वाले विनय सीतापति इस मामले में राव को क्लीन चिट देते हैं. सीतापति कहते हैं, नवंबर 1992 में दो विध्वंसो की योजना बनाई गई थी. एक बाबरी मस्जिद की और दूसरी राव की ख़ुद की. संघ परिवार बाबरी मस्जिद गिरवाना चाह रहा था और कांग्रेस में राव के प्रतिद्वंदी राव को. राव को पता था कि बाबरी मस्जिद गिरे या न गिरे उनके विरोधी ज़रूर उन्हें 7 आर सी आर से बाहर देखना चाहते थे.

Shambhunath Shukla Manmohan Sharma Raman Hitkari Arun Kumar जैन 

भीमराव अंबेडकर

 आज भीमराव अंबेडकर की 66वीं पुण्य तिथि है...


जब 14 अगस्त, 1931 को अंबेडकर की गांधी से मुलाकात हुई तो  गांधी ने उनसे कहा, में अछूतों के समस्यायों के बारे में तब से सोच रहा हूं जब से आप पैदा भी नहीं हुए थे. मुझे ताज्जुब है कि इसके बावजूद आप मुझे उनका हितैषी  नहीं मानते. अंबेडकर ने गांधी को जवाब दिया कि अगर आप अछूतों के ख़ैरख्वाह होते तो आपने कांग्रेस का सदस्य होने के लिए खादी पहनने की शर्त की बजाय अस्पृश्यता निवारण को पहली शर्त बनाया होता.आपने कभी भी किसी भी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित नहीं किया जो मंदिरों में अछूतों के प्रवेश का विरोध करते हुए देखा गया हो.

 S.R. Darapuri