देवेंद्र कुमार
नोएडा : हाइटेक सिटी नोएडा में नए चलन तेजी से अपने पांव पसार रहे हैं। इसका सबूत लिव इन रिलेशन है। कुछ साल पहले तक समाज के लिए वर्जित रहा यह रिश्ता धीरे-धीरे अर्बन सोसायटी में अपनी जगह बनाने में सफल हो गया है। बीपीओ और कॉर्परट सेक्टर में लाखों रुपये महीने कमा रहे कई यूथ कपल इस रिलेशनशिप को बुरा नहीं मानते।
नोएडा के सेक्टर-58, 59, 60, 61, 63, 64 और 125 में बीपीओ इंडस्ट्री स्थापित है। यहां पर करीब 400 नैशनल-मल्टीनैशनल कंपनियों ने अपनी यूनिट बना रखी हैं। इन इकाइयों में आठ-आठ घंटे की शिफ्टों में 24 घंटे काम किया जाता है। प्रत्येक कंपनी में एम्पलॉई को न्यूनतम 15 हजार से तीन लाख रुपये मासिक वेतन तक दिया जाता है।
जिस समय पूरी दुनिया सो रही होती है, उस समय बीपीओ में काम करने वाले अपने काम में व्यस्त होते हैं और दिन में नींद पूरी करने के लिए बिस्तरों पर औंधे पडे़ होते हैं। त्यौहारी मौकों पर भी अक्सर इन लोगों को छुट्टियां नहीं दी जाती और ऑफिस कैंपस में पार्टी का आयोजन कर मन बहला दिया जाता है। साइकोलॉजिस्ट के अनुसार परिवार से अलग-थलग रहने के कारण यंग कपल्स एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं। पुलिस के अनुसार पिछले दिनों गोलीकांड में मारी गई एक एयर होस्टेस अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही थी। इस तरह के करीब दर्जनों जोड़े विभिन्न सेक्टरों में किराये पर मकान लेकर रह रहे हैं। जब इन कपल्स के फैमिली मेंबर जब उनसे मिलने आते हैं तो प्लानिंग के तहत अपने पार्टनर को कुछ दिन के लिए दूसरी जगहों पर रहने के लिए भेज देते हंै। परिजनों के जाते ही ये लोग फिर वापस आ जाते हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सेक्टर-34, 51, 62, 51, 22, 71 आदि सेक्टर्स में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले ऐसे जोड़ों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है। मोटा किराया मिलने की वजह से मकान मालिकों को भी अब ऐसे किरायेदारों से परहेज नहीं रहा। एसपी सिटी ए. के. त्रिपाठी ने कहा कि कानून के अनुसार दो बालिग व्यक्ति आपसी सहमति पर एक-दूसरे के साथ रह सकते हैं। इस लिहाज से लिव इन रिलेशन में रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती। यदि किसी एक पक्ष की ओर से कंप्लेंट मिलती है तो उसकी जांच-पड़ताल करके दोषी के खिलाफ एक्शन अवश्य लिया जाता है।
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