शनिवार, 30 नवंबर 2024

हे ईश्वर तेरी लीला अपने अपरमपार

 

प्रस्तुति : प्रदीप सिन्हा 


!! हे परमपिता परमेश्वर !!*


🙏मैने कोई भी आवेदन नहीं किया था, और न ही किसी की सिफारिश कराई थी,

फिर भी हम सृष्टि मे रह रहे सभी मनुष्यों के सिर के *बालों* से लेकर पैर के *अंगूठे* तक 24 घंटे भगवन, आप *रक्त* प्रवाहित करते हैं...

*जीभ* पर नियमित अभिषेक हो रहा है...

निरंतर आप मेरा ये 

*हृदय* चला रहे हैं...


चलने वाला ये कौन सा *यंत्र* आपने फिट कर दिया है, 

*हे प्रभु ...*

*पैर के नाखून से लेकर सिर के बालों तक बिना रुकावट संदेशवाहन करने वाली प्रणाली...*

किस *अदृश्य शक्ति* से चल रही है,

कुछ समझ नहीं आता।


*हड्डियों और मांस में* बनने वाला *रक्त* कौन सा अद्वितीय *आर्किटेक्चर* है...,

इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं है।


 *हजारों प्रकार की गंध* की सटीक पहचान करने वाली अनोखी *नासिका।* 

*हजार-हजार मेगापिक्सल वाले दो-दो कैमरे* दिन-रात सारे दृश्यों को कैद कर रहे हैं।


*दस-दस हजार* तरीके के टेस्ट करने वाली *जीभ* नाम की टेस्टर,


अनगिनत *संवेदनाओं* का अनुभव कराने वाली *त्वचा* नामक *सेंसर प्रणाली*...

और...

अलग-अलग *फ्रीक्वेंसी की* आवाज पैदा करने वाली *स्वर प्रणाली*

और

उन फ्रीक्वेंसी का *कोडिंग-डीकोडिंग* करने वाले *कान* नामक यंत्र...,


 *(70%) प्रतिशत पानी से भरा शरीर रूपी टैंकर हजारों छेद होने के बावजूद कहीं से भी लीक नहीं होता...,*


*स्टैंड के बिना* मैं खड़ा रह सकता हूँ...

गाड़ी के *टायर* घिसते हैं, परंतु पैर के *तलवे* कभी नहीं घिसते।

*अद्भुत* ऐसी रचना है ,भगवान आपकी।


देखभाल, स्मृति, शक्ति, शांति ये सब भगवान आप

ही देते है।

आप ही अंदर बैठ कर यह *शरीर* चला रहे है।

*अद्भुत* है यह सब, *अविश्वसनीय,*

*अबूझ , अतुलनीय।*


ऐसे *शरीर रूपी* मशीन में हमेशा भगवन आप ही निवास करते हो,

इसका अनुभव कराने वाली *आत्मा* भगवान आपने ऐसा कुछ *फिट* कर दिया है कि और क्या आपसे मांगू ...,


आपके इस *जीवाशिवा* के खेल का निश्छल, 

*निस्वार्थ आनंद* का हिस्सा रहूँ..!


ऐसी *सद्बुद्धि* मुझे हमेशा देते रहना !!


आप ही यह सब संभालते है, इसका *स्मरण* मुझे हमेशा रहे!!!


*रोज पल-पल कृतज्ञता से आपका ऋणी होने का स्मरण, चिंतन हो,*

*परम पिता परमेश्वर के चरणों में यही प्रार्थना है!*


*🙏नमन, 🙏वंदन, 🙏प्रणाम।*

🙏🌹💐🙏🌹💐🙏

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