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शनिवार, 28 फ़रवरी 2015

यमुना नदी में पहली बार हुआ घड़ियाल का प्रजनन



इटावा जिले के यमुना नदी में घड़ियाल 


प्रस्तुति- रादेश सिन्हा, शैली सिन्हा


इटावा जिले के यमुना नदी में घड़ियालदेश में यह पहला मौका है जब किसी घड़ियाल ने सबसे प्रदूषित समझी जाने वाली यमुना नदी में प्रजनन किया है। निषेचन के उपरांत करीब घड़ियाल के बच्चे नजर आ रहे हैं। पहली बार यमुना नदी में घड़ियाल के बच्चे पाये जाने को लेकर जहां गांव वाले खासे खुश दिख रहे हैं वही पर्यावरणविद भी उत्साहित हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जिस प्रकार घड़ियाल ने यमुना नदी में प्रजनन किया है उससे एक उम्मीद यह भी बंध चली है कि आने वाले दिनों में यमुना नदी भी घड़ियालों के प्रजनन के लिये एक मुफीद प्राकृतिक वास बन सकेगा। घड़ियाल के प्रजनन का यह वाक्या हुआ है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के हरौली गांव के पास हुआ है जहां इन बच्चों को लेकर गांव वाले खासे उत्साहित दिख रहे है। पहली बार घड़ियाल के प्रजनन को लेकर गांव वालों के साथ-साथ आम इंसान भी गदगद हो गये हैं। एक पखवारे पहले यमुना नदी के किनारे जाने वाले एक स्कूली छात्र मुनेंद्र ने मादा घड़ियाल को अंडे फोड़ कर बच्चो को बाहर निकालने के बाद यमुना नदी में डालने का वाक्या देखा। तब उसे पता चला कि घड़ियाल का यहां पर घोसला है। मुनेंद्र बताता है कि वो अमूमन यमुना नदी के किनारे सुबह शाम आता रहता है और इस मादा घड़ियाल को अक्सर वो इस जगह पर ही देखा करता था।

गांव के ही किनारे यमुना नदी का प्रवाह है इसलिये यमुना नदी के किनारे गांव वाले अक्सर आ जाया करते हैं इसी लिहाज से मुनेंद्र अपने करीब 5 साथियों के साथ आया तब उसने पहली बार घड़ियाल के बच्चों को देखा पहली बार बच्चे देखने के कारण मुनेंद्र इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाया कि ये घड़ियाल या मगर के बच्चे हैं। लेकिन मुनेंद्र की खबर पर सबसे पहले पूरा का पूरा गांव मौके पर आया और इन बच्चों को देखा और अब पूरे इटावा में चर्चा का बाजार गर्म है। जैसे आसपास के गांव वालों को पता चलता है वे सैकडों की तादात में जमा होकर घड़ियाल के बच्चो को देख रहे हैं। गांव के ही अमर सिंह का कहना है कि अब गांव वाले करीब 10 फुट की दूरी से बैठकर इन घड़ियाल के बच्चों को देखने में जुटे हुये हैं क्योंकि गांव वालों ने अपने जीवन में पहली बार यमुना नदी में घड़ियाल के बच्चों को देखा है। करीब 62 साल के अमर सिंह का कहना है कि इससे पहले कभी भी यमुना नदी में घड़ियालों का प्रजनन नही देखा गया था ऐसे मौके मेरे जीवन में पहली बार आया है। वन्यजीव संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्था सोसायटी फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के महासचिव डॉ.राजीव चौहान का कहना है कि यमुना नदी में आई बाढ़ से इटावा के आसपास का पानी साफ हो गया है और इसी वजह से घड़ियाल यमुना नदी में प्राकृतिक वास बनाया है। ऐसा लगने लगा है देश में सबसे अधिक प्रदूषण में घिरी यमुना नदी का पानी कहीं ना कहीं अब इटावा के आसपास साफ हो रहा है इसी वजह से अब घड़ियाल यमुना नदी में प्रजनन करने लगे हैं।

इस बदलाव को लेकर ऐसी उम्मीद बंधी है कि अब यमुना नदी भी घड़ियालों को पालने के लिये मुफीद हो गई है। इससे पहले कभी भी यमुना नदी में घड़ियाल ने प्रजनन नहीं किया है। इस बदलाव के बाद ऐसा लगने लगा है कि अभी तक सबसे सुरक्षित समझी जाने वाले चंबल नदी कहीं ना कहीं दूषित हो चली है इस कारण घड़ियाल यमुना नदी की ओर मुखातिब हो रहे हैं। पूरी की पूरी यमुना नदी में एक मात्र एक ही नेस्ट देखा गया जिसमें करीब 46 बच्चे घड़ियाल के देखे जा रहे हैं। अभी तक देश में सिर्फ चंबल एक मुख्य प्राकृतिक वास-स्थल माना जाता है लेकिन अन्य जगहों पर इनकी छोटी-छोटी संख्या भी पाये जाते हैं गिरवा नदी केतरनिया घाट, सतकोशिया महानदी, कार्बेट नेशनल पार्क, सोन नदी व केन में इनकी संख्या कहने भर के लिये रहती है। साल 2007 आखिर के दिनों में इटावा में चंबल नदी में एक सैकड़ा से अधिक घड़ियालों की मौत के बाद इस बात को प्रभावी ढंग से उठाया गया कि यमुना नदी के व्यापक प्रदूषण के कारण दुर्लभ प्रजाति के घड़ियालों की मौत हो गयी है। लेकिन अनगिनत घड़ियाल विशेषज्ञों ने कई लाख रुपये खर्च करके भी घड़ियालों की मौत का पता लगाने में कामयाब नहीं हो सके हैं।

यहां पर इस बात का जिक्र किया जाना बेहद जरूरी होगा कि 2007 में जब इटावा में घड़ियालों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ तो यह बात घड़ियाल विशेषज्ञों की ओर से प्रभावी तौर पर कही जाने लगी कि यमुना नदी में हुए प्रदूषण की वजह से दुर्लभ प्रजाति के घड़ियालों की मौत हुई है लेकिन इस बात को कोई भी घड़ियाल विशेषज्ञ साबित नही कर पाया कि घड़ियालों की मौत यमुना नदी के प्रदूषण का नतीजा है। इसके अलावा वन्य जीव प्रेमियों के लिए चंबल क्षेत्र से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। किसी अज्ञात बीमारी के चलते बड़ी संख्या में हुई विलुप्तप्राय घड़ियालों के कुनबे में सैकड़ों की संख्या में इजाफा हो गया है। अपने प्रजनन काल में घडियालों के बच्चे जिस बड़ी संख्या में चंबल सेंचुरी क्षेत्र में नजर आ रहे हैं वही दूसरी ओर यमुना में घड़ियाल के बच्चों ने एक नई राह दिखाई है।

दिसंबर-2007 से जिस तेजी के साथ किसी अज्ञात बीमारी के कारण एक के बाद एक सैकड़ों की संख्या में इन घड़ियालों की मौत हुई थी उसने समूचे विश्व समुदाय को चिंतित कर दिया था। ऐसा प्रतीत होने लगा था कि कहीं इस प्रजाति के घड़ियाल किताब का हिस्सा बनकर न रह जाएं। घडियालों के बचाव के लिए तमाम अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं आगे आईं और फ्रांस, अमेरिका सहित तमाम देशों के वन्य जीव विशेषज्ञों ने घड़ियालों की मौत की वजह तलाशने के लिए तमाम शोध कर डाले। घड़ियालों की हैरतअंगेज तरीके से हुई मौत ने जहां वैज्ञानिकों के एक समुदाय ने इसे लीवर रिरोसिस बीमारी को एक वजह माना तो वहीं दूसरी ओर अन्य वैज्ञानिकों के समूह ने चंबल के पानी में प्रदूषण को घड़ियालों की मौत का कारण माना। वहीं दबी जुबां से घड़ियालों की मौत के लिए अवैध शिकार एवं घड़ियालों की भूख को भी जिम्मेदार माना गया। घड़ियालों की मौत की वजह तलाशने के लिए ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने करोड़ों रुपये व्यय कर घड़ियालों की गतिविधियों को जानने के लिए उनके शरीर में ट्रांसमीटर प्रत्यारोपित किए।

जिस यमुना नदी में घड़ियाल ने पहली बार प्रजनन करके एक नया इतिहास लिखा है उसी यमुना नदी को अपने प्राकृतिक स्वरूप को बनाये रखने के लिये देश की राजधानी दिल्ली में सर्वाधिक संघर्ष करना पड़ रहा है। उत्तराखंड के शिखरखंड हिमालय से उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद तक करीब 1,370 किलोमीटर की यात्रा तय करने वाली यमुना को ज्यादा संकट दिल्ली के करीब 22 किलोमीटर क्षेत्र में है, लेकिन बेदर्द दिल्ली को यमुना के आंसुओं पर कोई तरस नहीं आता। यही कारण है कि अभी तक यमुना की निर्मलता वापस नहीं लौट सकी। केन्द्र सरकार व कई राज्यों ने भले ही यमुना की निर्मलता के लिए ढाई दशक के दौरान 1,800 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर दी हो लेकिन यमुना के पानी की निर्मलता वापस लौटना तो दूर, वह साफ तक नहीं हो सका। जाहिर है कि अरबों की धनराशि पानी में बह गयी। विशेषज्ञों की मानें तो विश्व की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में यमुना का शीर्ष स्थानो में से एक है लेकिन घड़ियालो के प्रजनन के बाद विशेषज्ञों के पास कोई जवाब इस बात का नही है कि यह चमत्कार आखिरकार कैसे और क्यों हुआ?

यमुना नदी के किनारे दिल्ली, मथुरा व आगरा सहित कई बड़े शहर बसे हैं। ब्लैक वॉटर में तब्दील यमुना में करीब 33 करोड़ लीटर सीवेज गिरता है। ये हालात तब हैं, जब दिल्ली खुद यमुना के पानी से प्यास बुझाती है। पानी को साफ सुथरा व पीने योग्य बनाने के लिए दिल्ली सरकार को भी कम नहीं जूझना पड़ता क्योंकि पीने के लिए यमुना के पानी को साफ करने के लिए उसे काफी बड़ी धनराशि खर्च करनी पड़ती है। कानपुर, इलाहाबाद व वाराणसी के जल कल विभाग को पानी को पीने योग्य बनाने के लिए एक हजार लीटर पर औसत चार रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड को आठ से नौ रुपये की धनराशि एक हजार लीटर पानी को साफ करने में खर्च करने पड़ते हैं। इससे साफ जाहिर है कि गंगा की तुलना में यमुना अधिक प्रदूषित व मैली है। हालांकि दिल्ली की आबादी के मल-मूत्र व अन्य गंदगी को साफ सुथरा करने के लिए करीब डेढ़ दर्जन ट्रीटमेंट प्लांट संचालित हैं फिर भी यमुना का मैलापन रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही है। इसको साफ करने के लिए जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ने भी भारत सरकार को भारी रकम अदा की है लेकिन उससे भी सफलता नहीं मिली।

देश की राजधानी दिल्ली में यमुना के जल में कोई डेढ़ सौ अवैध आवासीय कालोनियों की गंदगी व कचरा गिरता है। इसके अलावा करीब 1,080 गांव व मलिन बस्तियां भी अपना कचरा व गंदगी यमुना की गोद में डालती हैं। इन हालातों में यमुना जल का धुलित ऑक्सीजन के शून्य होने का खतरा हमेशा बना रहता है। मानकों के अनुसार कोलीफार्म कंटामिनेशन लेबल 500 से अधिक नहीं होना चाहिए लेकिन यमुना में इसका स्तर खतरनाक सीमा से भी आगे बढ़ गया है। यों, यमुना को गंदा करने में केवल आबादी का मलमूत्र का प्रवाह ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके लिए देश के औद्योगिक घराने कम जिम्मेदार नहीं हैं। दिल्ली, आगरा व मथुरा सहित कई शहरों का औद्योगिक कचरा गाहे-बगाहे भी यमुना की निर्मलता को बदरंग करता है। देश के नौकरशाहों को नदी सफाई की योजना बनाकर उसको क्रियान्वित करने पर ध्यान देना होगा। केवल योजना बनाने से ही कुछ नहीं होगा क्योंकि किसी भी योजना पर अपेक्षित अमल न होने से अरबों की धनराशि तो खर्च हो जाती है पर उसका लाभ नहीं मिलता है।

संबंधित नौकरशाहों पर इसकी जिम्मेदारी का निर्धारण होना चाहिए जिससे कार्ययोजना की विफलता पर बचकर निकल न सकें क्योंकि आरोप-प्रत्यारोप व दोषारोपण योजनाओं को विफल कर देती हैं। इसके साथ ही यमुना किनारे बसी आबादी को भी नदी की निर्मलता के लिए जागरुक होना पड़ेगा क्योंकि आबादी की जागरुकता यमुना की निर्मलता में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकेगी। आम आदमी को भी इस मुहिम से जुड़ना होगा क्योंकि तभी यमुना में गंदगी गिरने से रोका जा सकेगा। इस सबके बावजूद यमुना नदी में हुये प्रजनन ने यमुना नदी के प्रदूषण को लेकर एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिरकार यह कैसी मैली है यमुना नदी ? अगर हकीकत में यमुना नदी मैली है तो फिर घड़ियाल कैसे प्रजनन कर रहे है? यह कुछ ऐसे सवाल है जो पर्यावरणविदों के लिये खड़े हो गये है और इस शोध की जरूरत है।
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आजादी के बाद के भारत का संक्षिप्त इतिहास








प्रस्तुति-- रिद्धि सिन्हा नुपूर , शैली सिन्हा


अनुक्रम

  • 1 १९४७ से १९५०
  • 2 १९५० से १९७०
  • 3 १९७० से १९८०
  • 4 १९८० से १९९०
  • 5 १९९० से २०००
  • 6 २००० से २०१०
  • 7 २०१० से अब तक
  • 8 इन्हें भी देखें
  • 9 बाहरी कड़ियाँ

१९४७ से १९५०

  • देश आजाद: १४ अगस्त १९४७ को जैसे ही घड़ी की सुई मे रात के १२ बजे, प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने देश के स्वतंत्र होने की घोषणा की।
  • शोक की लहर: ३० जनवरी १९४८ को उस समय सारे देश में शोक की लहर दौड़ गई, जब नाथूराम गोड्से ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी।
  • भारत-पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध: देश विभाजन के बाद नए पड़ोसी बने पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। यह लड़ाई ३१ दिसम्बर १९४८ को समाप्त हुई और इसमें दोनों देशों के लगभग १५००-१५०० सैनिक मारे गए तथा पाकिस्तान ने कश्मीर के एक भूभाग पर अधिकार कर लिया।
  • भारत बना गणतंत्र: संविधान सभा द्वारा १९४९ में पारित किए जाने के बाद २६ जनवरी १९५० को पहली बार देश का संविधान स्वीकार किया गया।
  • जेल की बैरक में आईआईटी की स्थापना: सन् १९५० में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर के निकट हुबली जेल के परिव्यक्त बैरक में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के रूप में देश के पहले तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थान की नींव डाली गई।

१९५० से १९७०

  • भाषाई आधार पर राज्यों का गठन: अलग तेलुगू राज्य की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद १९५३ में पहली बार भाषाई आधार पर आंध्रप्रदेश राज्य का गठन किया गया।
  • वामपंथ का उदय: सन् १९५४ में शीत युद्ध के दौर से गुजर रहे विश्व के समक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गुटनिरपेक्षता का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसे बाद में यूगोस्लाविया के मार्शल टीटो, इंडोनेशिया के सुकर्णो और मिस्त्र के गमाल अब्दुल नासिर ने अंगीकार करते हुए गुटनिरपेक्ष आंदोलन को जन्म दिया।
  • भारत-चीन युद्ध: २० अक्टूबर १९६२ को पड़ोसी चीन ने विश्वासघात करते हुए अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख की सीमा पर धावा बोल दिया। इस युद्ध में भारत की शर्मनाक हार हुई और चीन ने अक्साई चिन पर अधिकार कर लिया।
  • पंडित नेहरू का देहांत: पक्षाघात का शिकार होने के बाद सन् १९६४ में पंडित नेहरू का निधन हो गया और प्रधानमंत्री की कुर्सी उनकी पुत्री इंदिरा गांधी के स्थान पर लाल बहादुर शास्त्री को प्राप्त हुई।
  • इंदिरा बनीं प्रधानमंत्री: ११ जनवरी १९६६ को ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री बनीं।
  • हरित क्रांति का जन्म: सन् १९६७ से लेकर १९७८ तक चली हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया।
  • आईटी क्रांति: १९६८ में टाटा कन्सल्टन्सी सर्विसिज़ की स्थापना से भारत नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया।
  • बैंकों का राष्ट्रीयकरण और प्रिवी पर्स का उन्नमूलन: १९ जुलाई १९६९ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया और साथ ही, उन्होंने लगभग ४०० रजवाड़ों को आजादी के समय से ही मिल रहे खैरात (प्रिवी पर्स) को बंद कर दिया।

१९७० से १९८०

  • भारत-पाक के मध्य तीसरा युद्ध: सन् १९७१ में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आपस में भिड़ गए। परिणामस्वरूप एक नए देश बांग्लादेश(२५ दिसम्बर १९७१) का जन्म हुआ। शिमला समझौते के अंतर्गत दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हुई।
  • चिपको आन्दोलन का जन्म: सन् १९७३ में उत्तराखंड राज्य के कुछ ग्राम वासियों ने वनों को काटने से बचाने के लिए एक अनोखे आंदोलन आरंभ किया, जिसमें वे पेड़ से चिपक जाते थे।
  • पहला परमाणु परीक्षण: १८ मई १९७४ को राजस्थान के पोखरण में भारत ने पहली बार सफल परमाणु परीक्षा किया। इस मिशन का नाम बुद्धा स्माइल्स रखा गया।
  • शोले की रिकार्ड तोड़ सफलता: १९७५ में रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित चलचित्र शोले ने बालीवुड नया कीर्तिमान रचा और उस समय तक का यह सर्वश्रेष्ठ चलचित्र घोषित किया गया।
  • अन्तरिक्ष में भारत: १९ अप्रैल १९७५ को पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का सफल प्रक्षेपण।
  • आपातकाल की घोषणा: जून १९७५ में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की।
  • टीकाकरण अभियान की शुभारंभ: १९७८ में सभी शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को डिप्थीरिया, पोलियो, टिटनेस और कुकुरखांसी से बचाने के लिए टीकाकरण का सघन अभियान छेड़ा गया।
  • मदर टेरेसा को नोबेल पुरस्कार: अपने जीवन का अधिकांश भाग कलकत्ता की मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीबों की सेवा में गुजार देने वाली मदर टेरेसा को सन् १९७९ में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

१९८० से १९९०

  • एशियाई खेलों का सफल आयोजन: सन् १९८२ में भारत में दूसरी बार एशियाई खेलों का सफल आयोजन किया गया, जो कि पिछली बार की अपेक्षा कहीं बड़े पैमाने पर रहा और साथ ही इसी वर्ष रंगीन टीवी भी भारत आया।
  • भारत बना क्रिकेट विश्व चैंपियन: १९८३ में खेलों की दुनिया में सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए भारत ने कपिल देव की कप्तानी मे वेस्ट इंडीज को हराकर क्रिकेट विश्व कप अपने नाम कर लिया।
  • ऑपरेशन ब्लूस्टार: जून १९८४ में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में घुसे खालिस्तानी आतंकवादियों को निकाल बाहर करने के लिए सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया।
  • अंतरिक्ष में प्रथम भारतीय: अप्रैल १९८४ में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और सफलता प्राप्त की, जब पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, जो भारतीय वायुसेना के एक पायलट थे, अंतरिक्ष पहुंचे।
पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री, राकेश शर्मा।
  • इंदिरा गांधी की हत्या: ३१ अक्टूबर १९८४ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या को ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रतिकार के रूप में देखा गया। (यह केवल कुछ इतिहासकारो की राय है)। इंदिरा गांधी की हत्या के हुए सिक्ख विरोधी दंगों में २,००० से अधिक लोग मारे गए।
  • एवरेस्ट विजय: २३ मई १९८४ को बचेंद्री पाल विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली भारत की पहली और विश्व की पांचवीं महिला बनीं।
  • भोपाल गैस त्रासदी: ३ दिसम्बर १९८४ को विश्व का सर्वाधिक भीषण औद्योगिक दुर्घटना सामने आई, जब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कारखाने में गैस का रिसाब होने से लगभग ३,००० लोग अकाल मृत्यु का शिकार बने।
भोपाल गैस कांड स्मारक।
  • सड़क पर उतरी मारुति: १९८४ में ८०० सीसी की मारुति कार लांच हुई, जिसने देश में वाहन क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।
  • शाह बानो मामला: इस विवादास्पद मामले में उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम बोर्ड के निर्णय को पलटते हुए शाह बानो को गुजारा भत्ता देने को कहा लेकिन कट्टरपंथी मुस्लिम कार्यकर्ताओं के दबाव के आगे राजीव गांधी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को प्रभावहीन बनाया।
  • कनिष्क बमकांड: २३ जून १९८५ को बब्बर खालसा के आतंकवादियों ने आयरलैंड से टोरंटो आ रहे एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ा दिया, जिसमें सवार सभी ३२९ यात्री मारे गए।
  • असम समझौता: १९८५ में राजीव गांधी सरकार और असम के चरमपंथी गुटों में ऐतिहासिक समझौते से यह आस बंधी थी कि इस राज्य में शांति हो जाएगी, लेकिन ऐसा पूरी तरह संभव नहीं हो सका।
  • भारत-श्रीलंका शांति समझौता: भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति जेआर ने १९८७ में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता एक भूल साबित हुआ और इसके चलते श्रीलंका में हिंसक आंदोलन जोर पकड़ने लगा।
  • मताधिकार की आयु सीमा घटी: १९८८ में राजीव गांधी सरकार ने मतदान के लिए न्यूनतम आयु सीमा २१ वर्ष से घटाकर १८ वर्ष कर दी।
  • पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण: भारत ने पूर्णतया स्वदेशी तकनीक पर आधारित बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र का १९८८ में सफल परीक्षण किया।
  • आरक्षण का पेंच: अगस्त १९९० में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए २७ प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू कर दिया।

१९९० से २०००

  • राजीव गांधी की हत्या: २१ मई १९९१ को तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदुर में लिट्टे की आत्मघाती हमलावर धनु ने राजीव गांधी की हत्या कर दी।
  • आर्थिक उदारीकरण: १९९२ में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्त मंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुधारों का नया दौर आरंभ किया।
  • सत्यजीत राय को ऑस्कर अवार्ड: विश्व सिनेमा को यादगार फिल्में देने वाले निर्माता-निर्देशक सत्यजीत राय को १९९२ में ऑस्कर का लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया।
  • प्रतिभूति घोटाला: शेयर बाजारों में नियोजित तरीके से तेजी लाकर शेयरधारकों के करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा करने का खेल पहली बार जगजाहिर हुआ। इस पूरे प्रकरण में हर्षद मेहता नामक व्यक्ति की सबसे बड़ी भूमिका थी।
  • बाबरी विध्वंस: ६ दिसम्बर १९९२ को अयोध्या में विवादास्पद बाबरी ढांचे को भीड़ ने ढहा दिया। जिसकी प्रतिक्रिया में देश सांप्रदायिक दंगों की आग धधकने लगा था।
  • मुंबई बमकांड: बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना के बाद मुंबई(१९९३) में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट हुए, जिसमें लगभग २५० लोग मारे गए।
  • सुष्मिता को ब्रह्मांड सुंदरी का ताज: सुष्मिता सेन ब्रह्मांड सुंदरी का ताज पहनने वाली भारत की पहली महिला बनीं।
  • सेलफोन की शुरूआत: १९९५ में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु और केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम ने सेलफोन पर पहली बार बात करते हुए देश में मोबाइल सेवा की शुरूआत की।
  • इंटरनेट युग का आरंभ: १९९५ में विदेश संचार निगम लिमिटेड (वीएसएनएल) ने देश के छह नगरों में इंटरनेट सेवा का शुभारंभ किया।
  • पोखरण-2: अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के शासनकाल में भारतीय वैज्ञानिकों ने ११-१३ मई १९९८ में पोखरण में पांच परमाणु परीक्षण किए। पाकिस्तान ने भी प्रतिकार स्वरूप २८ मई १९९८ में छह परमाणु परीक्षण कर डाले।
  • अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार: १९९८ में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • भारत-पाक बस सेवा: १९९९ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत-पाकिस्तान के बीच बस सेवा आरंभ की।
  • कारगिल की लड़ाई: जुलाई, १९९९ में भीरतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ की जानकारी मिली। जिसके बाद भारतीय सेना ने घुसपैठियों के विरुद्ध कार्रवाई आरंभ कर दी। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना और घुसपैठिये पीछे हटे।
  • मैच फिक्सिन्ग: अप्रैल, २००० में क्रिकेट में मैच फिक्सिन्ग् उजागर होने से क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा। दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हेन्स क्रोनिये के विरुद्ध इस संबंध में मामला दर्ज किया।

२००० से २०१०

  • भारतीय संसद भवन पर हमला: १३ दिसम्बर २००१ को आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला किया, लेकिन देश के बहादुर सिपाहियों ने अपनी प्राणों की आहुति देकर भी आतंकवादियों के इरादों को विफल कर दिया।
  • तहलका कांड: तहलका डॉटकॉम ने स्टिंग ऑपरेशन के द्वारा रक्षा सौदों के लिए सांसदों और सैन्य अधिकारियों को घूस लेते हुए उजागर किया।
  • गोधरा जनसंहार: गुजरात के गोधरा में २७ फ़रवरी २००२ को हिंदू तीर्थयात्रियों से भरी एक ट्रेन की बोगी को कुछ असामाजिक तत्वों ने जला डाला और जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप अगले ही दिन पूरे राज्य में दंगे भड़क उठे।
  • कल्पना चावला का दुखद अंत: अंतरिक्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा ही उनकी अंतिम यात्रा साबित हुई। ३ फ़रवरी २००३ के दिन पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते समय कोलंबिया शटल यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कल्पना सहित इसमें सवार सातों अंतरिक्ष यात्री मारे गए।
  • सहवाग बनें `मुल्तान का सुल्तान´: २००४ में पाकिस्तान के विरुद्ध मुल्तान टेस्ट में सहवाग शानदार तिहरा शतक जमाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता: २००५ में भारतीय प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए।
  • सूचना का अधिकार: २००५ के सूचना के अधिकार कानून ने सरकारी बाबुओं को जवाबदेह बनाया।
  • ११/७, मुंबई की उपनगरीय रेलों में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फ़ोट: ११ जुलाई २००६ को एक बार फिर मुंबई आतंकवादियो के निशाने पर आ गई। शाम के समय अपने घरों को लौट रहे लोकल ट्रेन के खचाखच भरे डिब्बों में २० मिनट के अंतराल पर हुए सात बम धमाको में २५० लोग मारे गए।
  • टाटा ने कोरस को खरीदा: २००७ में किसी भारतीय कंपनी द्वारा अब तक के सबसे बड़े अधिग्रहण के रूप में टाटा स्टील ने एंग्लो-डच कंपनी कोरस को खरीद लिया।
  • पहली महिला राष्ट्रपति: महाराष्ट्र की पहली महिला राज्यपाल बनने वाली प्रतिभा पाटील ने २५ जुलाई २००७ को देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की।
  • मुंबई २६/११: एक बार फिर राष्ट्र की वित्तीय राजधानी पर आतंकवादियों का हमला। बुधवार, २६ नवम्बर २००८ की रात लगभग १० पाकिस्तानी आतंकवादी आधुनिक हथियारों से युक्त होकर चर्चगेट स्टेशन, कामा अस्पताल और ताज और ओबेरॉय-ट्रायडैन्ट में घुसे। ३ दिन तक चले कमांडो ऑपरेशन में २०० से अधिक लोग मारे गए और १० में से नौ आतंकवादी भी। एक आतंकवादी, अजमल कसाब को जीवित पकड़ लिया गया।

२०१० से अब तक

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आम बजट 2015-16 की खास बातें



आंकडों के जाल में गोलमाल 

प्रस्तुति--अखौरी प्रमोद, रुपेश कुमार 

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आम बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं
ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार को ओर से लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट के मुख्य इस प्रकार हैं :
- इस साल इनकम टैक्‍स की छूट की सीमा नहीं बढ़ेगी।
-इनकम टैक्‍स छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं, पुराना टैक्‍स स्‍लैब ही लागू होगा।
-कॉरपोरेट टैक्‍स दर को अगले 4 साल में घटाकर 30 फीसदी से 25 फीसदी किया जाएगा।
-एक करोड़ से ज्‍यादा आय वालों पर दो फीसदी अतिरिक्‍त टैक्‍स लगाया जाएगा।
-वेल्‍थ टैक्‍स खत्‍म, सुपर रिच कैटेगरी पर लगेगा दो फीसदी सरचार्ज।
- कर छूटों को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
-सर्विस टैक्‍स में बढ़ोतरी, तकरीबन हर चीज होगी महंगी।
- हेल्‍थ इंश्‍योरेंस में छूट सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25000 रुपये की गई।
- पेंशन फंड पर छूट सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई।
- वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस 20000 से बढ़ाकर 30000 करोड़ रुपये किया गया।
- यात्रा भत्‍ता की टैक्‍स छूट सीमा 800 रुपये से बढ़ाकर 1600 रुपये की गई।
- एक लाख से ज्‍यादा की खरीद पर पैन नंबर बताना जरूरी होगा।
-2016 से लागू किया जाएगा जीएसटी।
- रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर जोर।
- शहरी आवास के लिए 22407 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- विदेश में कालाधन छिपाने पर सात साल की सजा।
- कालेधन के दोषियों को दस साल की सजा।
- कालेधन रखने वालों पर सरकार का बडा ऐलान।
- बेनामी संपत्तियों को जब्‍त करने पर कानून बनेगा।
- कॉरपोरेट टैक्‍स दर को अगले 4 साल में घटाकर 30 फीसदी से 25 फीसदी किया जाएगा।
- रक्षा क्षेत्र के लिए 2.46 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान।
- नमामि गंगे के लिए 4173 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- बिहार और पश्चिम बंगाल को आंध्र प्रदेश जैसी ही मदद दी जाएगी।
- आईएसएम धनबाद को आईआईटी का दर्जा देंगे।
- 20000 गांवों में सौर ऊर्जा पहुंचाने का लक्ष्‍य।
- 80000 सीनियर सेंकेडरी स्‍कूल खोलने का लक्ष्‍य।
-कालाधन रोकने के लिए कैश ट्रांजेक्‍शन को बढ़ावा।
- वीजा ऑन अरावइल में 150 देशों को शामिल करेंगे।
- विदेशी निवेश के नियम सरल बनाएंगे।
- गोल्‍ड अकाउंट खोलने की योजना और बदले में ब्‍याज मिलेगा।
- राष्‍ट्रीय स्किल मिशन योजना की शुरुआत।
- पीएम विद्या लक्ष्‍मी योजना में छात्रों को एजुकेशन लोन। गरीब छात्रों को मिलेगा कर्ज।
- बिहार में एम्‍स जैसे नए संस्‍थान बनाने का प्रस्‍ताव।
- जेएंडके, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल, असम में नए एम्‍स बनाए जाएंगे।
- कर्नाटक में आईआईटी खोला जाएगा।
- विदेशी निवेश को सरल बनाया जाएगा।
-कृषि सिंचाई योजना में तीन हजार करोड़ रुपये बढ़ाएंगे।
- अगले साल से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी।
- फेमा नियमों में बदलाव का प्रस्‍ताव।
- मनरेगा में पांच हजारा करोड़ रुपये की राशि बढ़ेगी।
- सेबी और एफएमसी का विलय किया जाएगा।
- डायरेक्‍ट टैक्‍स प्रणाली लागू किया जाएगा।
- कर्मचारियों को ईपीएफ या पेंशन स्‍कीम चुनने का विकल्‍प दिया जाएगा।
- ईपीएफ या पेंशन स्‍कीम को लागू किया जाएगा।
- नकद लेन देन को कम करने के लिए डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल बढ़ाया जाएगा।
- गोल्‍ड अकाउंट खोलने की योजना से ब्‍याज मिलेगा।
- विदेशी सोने की सिक्‍कों की जगह देशी सोने की सिक्‍कों का चलन बढ़ेगा।
- 4000 मेगावाट के 5 अल्‍ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्‍ट शुरू होंगे।
-टैक्‍स फ्री इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बॉन्‍ड का ऐलान1
- विदेशी मुद्रा भंडार 340 बिलियन डॉलर
- सरकार ने बढ़ाया निवेश का माहौल
- चालू खाते का घाटा 1.3 फीसदी से कम रहने की उम्मीद
- सरकार की तीन बड़ी उपलब्धियां- 1. जन-धन योजना 2. पारदर्शी कोल ब्लाक नीलामी 3.स्वच्छ भारत अभियान
- 50 लाख शौचालय का निर्माण हो चुका है
- हमारा लक्ष्य 6 करोड़ शौचालय बनाने का
- सब्सिडी पहुंचाने के लिए JAM का उपयोग
- सभी योजनाएं गरीबी केंद्रित होनी चाहिए
- 2022 तक 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
- 2015-16 में 8 फीसदी विकास दर का लक्ष्य
- प्रधानमंत्री बीमा योजना लागू होगी।
- 2020 तक सभी गांवों तक बिजली पहुंचाएंगे।
- 2022 तक गरीबी उन्‍मूलन का लक्ष्‍य।
- 2022 तक दो करोड़ घर को पूरा करने का लक्ष्‍य।
- हर गांव को संचार नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश
- एक लाख किलोमीटर तक सड़क बनाने का लक्ष्‍य।
-निर्भया कोष में अतिरिक्‍त 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- सब्सिडी के लिए जेएएम आधार बनेगा।
- समावेशी विकास के लिए पूर्वोत्‍तर राज्‍यों पर जोर।
- मोदी सरकार के लिए जन धन योजना बड़ी उपलब्धि।
- 5300 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए आवंटित
- 250000 करोड़ रुपये किसानों को नाबार्ड के गठित फंड के जरिये मिलेंगे।
- उच्‍च आय वर्ग वाले लोग एलपीजी सुविधा न लें।
-मनरेगा के लिए 34600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
- 15000 करोड़ रुपये आरईबी योजना में लागू होगा।
- गांववालों को कर्ज देने के लिए पोस्‍ट ऑफिस का सहरा लिया जाएगा।
- पीएम बीमा योजना के तहत हर नागरिक को बीमा
- 12 रुपये प्रीमियम पर हर साल दो लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा
- पीएम बीमा योजना शुरू करने का ऐलान
- जीडीपी 7.4 फीसदी रहने का अनुमान
- अल्‍पसंख्‍यक युवाओं की शिक्षा के लिए नई मंजिल योजना लॉन्‍च योजना करेंगे
- अटल पेंशन योजना शुरू की जाएगी, इसके तहत 60 साल के बाद पेंशन मिलेगी। 1000 रुपये सरकार देगी और 1000 रुपये दावेदार देंगे।
- बीपीएल बुजुर्गों के लिए पीएम बीमा योजना।
- जन धन योजना में दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
-जन धन योजना के तहत पेंशन भी मिलेगी।
-जन धन योजना से डाकघरों को जोड़ने का प्‍लान।
-अगले वित्त वर्ष से चार वर्षो में कारपोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
-बचत सुगम बनाने के लिए करदाता को व्यक्तिगत छूट जारी करेगी।
-कालेधन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्य से प्रभावी और कठोरतापूर्वक निपटा जाएगा।
-इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
-कालेधन पर महत्वपूर्ण नए कानून।
- देश में विनिर्माण इकाईयों का विकास और निवेश तथा संवर्धन उपलब्ध कराना ताकि उनमें रोजगार सृजन हो सके।
-एंबुलेंस के चेसिस पर उत्पाद शुल्क को 24 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया।
- कर प्रक्रियाओं का सरलीकरण।
- वार्षिक रूप से एक करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले लोगों पर 2 प्रतिशत का अतिक्त अधिभार।
-घरेलू अंतरण मूल्य निर्धारण की प्रारंभिक सीमा पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए की गई।
-नशीले पदार्थो के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय निधि में किया गया अनुदान आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट।
-स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में सीएसआर में अंशदानों के लिए 100 प्रतिशत की कर छूट।
-स्वच्छ पर्यावरण पहलों के लिए वित्त पोषण के लिए कोयला आदि पर स्वच्छ ऊर्जा उप कर को 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया गया।
-नौ महीनों में देश कामयाबी की छलांग लगाते हुए 7.4 प्रतिशत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के साथ अब नई श्रृंखला में विश्व की सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थवस्था के रुप में सामने आया है।
-विद्युत चालित वाहनों और हाई ब्रिड वाहनों पर लागू रियायती सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क की समय सीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई।
-स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 20,000 से 30,000 हजार रूपये तक किया गया।
-80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिक जो स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं है, उन्हें चिकित्सीय व्यय के लिए 30 हजार रुपए की कटौती की अनुमति दी गई।
-विकलांग व्यक्तियों के लिए 25 हजार रुपए की अतिरिक्त कटौती। पेंशन निधि और नई पेंशन स्कीम में अंशदान के लिए 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट।
-कृषि उत्पाद की ढुलाई में सेवाकर से छूट जारी रहेगी।
-कृत्रिम ह्रदय को 5 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क और सी वी डी से छूट।
-केवल 12 रूपये प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए के दुर्घटना जन्य मृत्यु जोखिम को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना।
-पीपी एफ में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए कर्मचारी भविष्यनिधि की संचित राशि में अनुमानत: 6 हजार करोड़ रुपए की अदावाकृत जमा राशि।
-सड़कों और रेल मार्गों के लिए परिव्यय में तीव्र वृद्धि।
-20,000 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रवाह से राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि की स्थापना की जाएगी।
-प्लग और प्ले मोड में 4000.4000 मेगावाट क्षमता वाली 5 नई अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं।
-सोना खरीदने के लिए विकल्प के तौर पर सरकारी स्वर्ण बाण्ड स्कीम बनाना।
-भारतीय सोने के सिक्के बनाने की दिशा में कार्य करना, जिसके अग्र भाग में अशोक चक्र होगा।
-निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रुपए।
-आगमन पर वीजा सुविधा का विस्तार चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करना।
-नवीकरणीय उर्जा क्षमता को 2022 तक बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट तक करने का लक्ष्य।
-आंध्र प्रदेश की तरह बिहार और पश्चिम बंगाल में विशेष सहायता उपलब्ध कराई।
-जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम में नए एम्स की स्थापना, बिहार में एम्स जैसे दूसरे संस्थान की स्थापना।
-वित्त वर्ष के लिए आयोजा भिन्न व्यय 13,12,200 करोड़ रुपए अनुमानित।
-आयोजना व्यय 4,65,277 करोड़ रुपए अनुमानित है।
-कुल व्यय 17,77,477 करोड़ रुपए अनुमानित है।
-रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्यय और अन्य आवश्यक व्यय की आवश्कता की पर्याप्त पूर्ति का प्रावधान किया गया।
-सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपए अनुमानित है।
-राज्यों को अंतरण 5,23,958 करोड़ रुपए अनुमानित है।
-केन्द्र सरकार का हिस्सा 9,19,842 करोड़ रुपए होगा।
-आगामी वित्त वर्ष के लिए कर-भिन्न राजस्व 2,21,733 करोड़ रुपए अनुमानित है।
-प्रति बूंद जल से अधिक फसल प्राप्त करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना।
-वर्ष 2015-16 के लिए आठ दशमलव पांच लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्य।
-ऋण देने में अंतरजातीय और अंतर जन जातीय उद्यमों को वरीयता।
-गांवों में फैले 1,54,000 उपस्थित केंद्रों वाले डाक नेटवर्क का सामान्य वित्तीय प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
-आजीविका के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार।
-गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रीत करने का लक्ष्य । मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से भारत को विश्व के विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना।
-युवाओं को रोजगार सृजन बनाने के लिए उद्यमिता की भावना का प्रोत्साहन और विकास।
-पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का देश के अन्य भागों की तरह ही विकास कारना।
-सरकार सकल घरेलू उत्पाद की तीन प्रतिशत की दर पर राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल करने के लिए कृतसंकल्प है।
-लाभार्थियों की संख्या एक करोड से बढ़ाकर 10 दशमलव 3 करोड़ के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का विस्तार।
-कृषि उत्पादन के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णायक कारकों मृदा और जल से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
-परंपरागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।
-पिछले नौ माह में भारतीय अर्थव्यवस्था की साख बढ़ी।
-भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र विकास के पथ पर।
-कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के अधिकांश विकास संकेतक उन्नति के मार्ग पर।
-भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में आर्थिक रूप से सशक्त राज्यों की समान रूप से सहभागिता।
-शेयर बाजार में 2014 में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।
-दीर्घकालिक गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और दोहरे अंकों की विश्वसनीय आर्थिक विकास दर हासिल की गई।
-विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर सेवा के माध्यम से सरकार ने जनता का विश्वास हासिल किया।
-वित्तीय समायोजन- सौ दिनों के भीतर 12.5 करोड़ परिवारों को वित्तीय मुख्य धारा में शामिल गया।
-राज्यों के संसाधनों में वृद्धि के लिए पारदर्शी कोयला ब्लॉक नीलामी।
-स्वच्छ भारत अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार का एक कार्यक्रम है बल्कि यह भारत के पुनर्निमाण आंदोलन का रूप ले चुका है।
-व्यापक सुधारों का शुभारंभ- माल और सेवाकर जीएसटी मुद्रा स्फीति में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई।
-वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत खुदरा मुद्रस्फीति। मौद्रिक नीति को सरल बनाया।
-मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने की दृष्टि से भारतीय रिजर्व के साथ मौद्रिक नीति प्रारूप समझैता।
-वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में टीम इंडिया हेतु दृष्टिकोण सभी के लिए आवास- शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ आवास।
-24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, एक शौचालय सड़क संपर्क की मूलभूत सुविधा।


First Published: Saturday, February 28, 2015 - 11:43
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