June 5, 2015
दुनिया की 12 ऐसी अजीबोगरीब गुत्थियां जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा सका है
मानव अपनी उत्पत्ति के बाद से ही हमेशा विकासशील रहा है, कहते हैं कि
मानव के पूर्वज बंदर हुआ करते थे, जिनके क्रमिक विकास के बाद मानव आज इतना
आगे आ चुका है कि आज चांद और सारे ग्रह-उपग्रह उसकी जद में हैं. मगर इतने
विकसित होने के बावजूद प्रकृति और इस ब्रम्हांड ने इतना सब कुछ अपने गर्भ
में छिपा रखा है कि मानव के लिए आज भी वो सब कुछ पहेली सरीखा है. जिसकी
गुत्थियां मानव आज भी नहीं सुलझा सका है. तो ख़ास आप सभी के लिए पेश है
हमारे पिछले रहस्यमयी कहानियां और गुत्थियों की दूसरी किस्त...

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शिवलिंग श्रावण पूर्णिमा के दिन अपने शीर्ष आकार में होता है. इसमें आश्चर्य की बात तो यह है कि यह शिवलिंग ठोस बर्फ़ से निर्मित होता है, वहीं इस गुफा के इर्द-गिर्द आपको चारों तरफ़ कच्ची बर्फ़ ही देखने को मिलेगी.

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1. अटलांटिस का लुप्तप्राय शहर
अटलांटिस के इस शहर को जल देवता के सर्वोच्च शहर की उपाधि दी जाती थी, जहां जल पुरुष और जलपरियां रहा करते थे. मगर प्लेटो ने अपने मशहूर डायलॉग्स Timaeus और Critias के माध्यम से पूरी दुनिया के समक्ष रखा है, कि अटलांटिस का अस्तित्व उसकी ज़िंदगी के दौरान पूरे शबाब पर था. और प्लेटो की बातें इस बात का साक्ष्य हैं कि यह जगह वास्तविक थी. आज जबकि यह प्राचीन शहर गहरे जल में डूब गया है और लोग इसके अस्तित्व पर सवाल खड़ा करते हैं. यह जानते हुए भी कि इस शहर के अवशेष आज भी समंदर के भीतर पाये जाते हैं.
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2. परग्रही (ऐलियन्स)
ईस्टर्न द्वीप के रहस्य हों या फ़िर बरमूडा ट्रायएंगल के, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉसवेल प्रकरण हो या फ़िर उड़नतश्तरियों का दिखना. मनुष्य हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है कि इस पूरे ब्रम्हांड में सिर्फ़ वही नहीं है जो जीवित है. ऐसे कुछ लोग जो इन बातों का दावा करते पाये जाते हैं कि उनका किन्हीं दूसरे ग्रहों के जीवों ने अपहरण कर लिया था, हमेशा कपोल कल्पना ही तो नहीं हो सकतीं.
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3. कटे हुए पांवों का समुद्री तट, ब्रिटिश कोलंबिया
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि समंदर से बहते-बहते लाशें समंदर के तट तक पहुंच जाती हैं, मगर इस ब्रिटिश कोलंबिया के समुद्री तट पर जिस तरह कटे पांव पाये जाते हैं. वह अपने आप में किसी गूढ़ रहस्य से कम नहीं जिसे अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.
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4. Wow Signal
जब ओहियो वेसलियान यूनिवर्सिटी परकिन के वेधशाला में जेरी.आर. एहमान SETI Project पर काम कर रहे थे, तो उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि वे दूर अंतरिक्ष के रेडियो तरंगों को पकड़ने में सफल हो सकेंगे. उन्होंने 72 सेकेंड के धनु तारासमूहों से सिग्नल को पकड़ा और जिसके बाद वे उसे फ़िर कभी नहीं पा सके. और आज भी इस सिग्नल के उद्गम की किसी को कोई भी जानकारी नहीं है. हालांकि इस सिग्नल ने यह नाम “जेनी” द्वारा लिखे उस “Wow” से पाया, जिसे उन्होंने सिग्नल प्रिंटआउट के किनारे लिख दिया था.
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5. डी.बी. कूपर
डी.बी. कपूर नामक शख्स ने अमरीका के 727 बोइंग विमान को $200,000 के साथ अपहरण कर लिया था. मगर बात यहीं खत्म नहीं होती है कि, यह शख्स पैराशूट के सहारे विमान से कूद पड़ा. हालांकि अमरीकी विमानन इतिहास में आज तक यह एक गुत्थी बनी ही हुई है कि, आखिर डी.बी. कूपर गया कहां?
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6. लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री जो नेहरू के बाद सबसे कद्दावर और पॉपुलर प्रधानमंत्री माने जाते रहे हैं, की मौत का पता आज तक नहीं लगाया जा सका है. कई कहते हैं कि उनकी मौत हृदयाघात से हो गई, मगर उनकी धर्मपत्नी और तमाम डॉक्टरों की मानें तो वे भले चंगे थे. उनकी धर्मपत्नी तो यहां तक कहती हैं कि ताशकंद समझौते पर दस्तखत उन्हें ज़हर देने का एक कारण हो सकता है. यह बेहद संवेदनशील मसला आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है क्योंकि उनकी मौत के बाद कोई पोस्ट-मॉर्टेम रिपोर्ट नहीं जारी की गई. अब बाकी की बात तो सियासत ही जाने.
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7. नज़का जियोग्लिफ्स (लाइन्स)
नज़का नामक सभ्यता के पास ऐसी कई कहानी-किस्से हैं जो जियोग्लिफ्स को इस दुनिया का अजूबा साबित करते हैं. कहा जाता है कि नज़का मे दिखने वाली यह रेखाएं सिर्फ़ विमानों के मदद से या फ़िर पहाड़ियों से देखी जा सकती हैं. यहां ऊपर से देखने पर मकड़ी, बंदर, शार्क और फूलों जैसी आकृतियां भी दिखती हैं.
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8. SS Ourang Medan
SS Ourang Medan या फ़िर Man from Medan के नाम से प्रचलित इस मलेशियाई जहाजी बेड़े को क्या हुआ, यह आज भी समंदर के इतिहास का एक जबरदस्त रहस्य ही बना हुआ है. इस सारे प्रकरण की शुरुआत सन् 1947 में भेजे गए SOS message से हुई, जिसमें कैप्टन समेत सारे कर्मियों की मौत की ख़बर थी. और इससे भी बुरा यह था कि इस message को भेजने के दौरान टेलीग्राफ़र की भी मौत हो गई. जब सिल्वर स्टार यह दुखद संदेश सुनकर जहाज का जायजा लेने पहुंचे तो उन्होंने पाया कि इस बेड़े पर सवार सारे लोग मौत के आगोश में जा चुके थे. अंदेशे तो ऐसे भी लगाए जाते रहे हैं कि इसमें भूत-प्रेत के साए, जानलेवा केमिकल या फ़िर ऐलियन्स का हाथ हो सकता है, मगर अब तक किसी भी बात की पुष्टि नहीं हुई है.
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9. Aiud में पाया गया अल्यूमिनियम खूंटा
सन् 1974 में रोमानिया में काम कर रहे कुछ मज़दूरों ने मूर्स नदी के अंदर एक 10 मीटर के बालू के टीले के भीतर तीन पदार्थ पाए. उन तीन पदार्थों में से दो तो पुरातन काल के हांथियों के दांत थे, जो लगभग 2.5 मिलियन वर्ष पुराने माने गए. मगर तीसरा पदार्थ एक अल्यूमिनियम का पदार्थ था जिसकी बनावट खूंटे जैसी थी. इस खोज ने सभी शोधकर्ताओं को अचम्भे में डाल दिया, क्योंकि वैसे अल्यूमिनियम का आविष्कार तो 19वीं सदी के स्टैंडर्ड से जुड़ता है. इसलिए कुछ लोग इसे दूसरी दुनिया का बताते हैं, तो कुछ लोग इसे अफ़वाह बताते हैं. अब बात चाहे जो हो, मगर हम आज भी इस गुत्थी को नहीं सुलझा सके हैं.
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10. Myckenzie Poltergeiest in Greyfriars
यह बेहद रहस्यमयी बनावट-बुनावट एडिनबर्ग घूमने वालों के बीच खासी चर्चा का केंद्र होती है. कहते हैं कि इस मुर्दों के शहर और खास तौर पर Greyfriars Kirkyard पर भूत-प्रेतों का कब्जा है, और यहां घूमने वालों ने धक्का-खंरोच के साथ-साथ गश खाकर गिरने की शिकायतें भी की हैं. कहते तो लोग यहां तक हैं कि इस अंधेरे और काले मक़बरे में सर जॉर्ज मैकेन्जी आज भी यहां रहते हैं. अब बाद बाकी तो आप ख़ुद ही जाकर देखें...
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11. अमरनाथ शिवलिंग
इस विश्वविख्यात हिन्दू तीर्थ की ख़ास बात यह है कि यहां बर्फ़ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण होता है, जो लाखों-करोड़ों हिन्दू दर्शनार्थियों के लिए आस्था का केंद्र है. प्राकृतिक बर्फ़ से बनने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं.शिवलिंग श्रावण पूर्णिमा के दिन अपने शीर्ष आकार में होता है. इसमें आश्चर्य की बात तो यह है कि यह शिवलिंग ठोस बर्फ़ से निर्मित होता है, वहीं इस गुफा के इर्द-गिर्द आपको चारों तरफ़ कच्ची बर्फ़ ही देखने को मिलेगी.

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