शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

1911-Delhi:Administrative history




1911 में किंग जॉर्ज पंचम द्वारा ब्रिटिश भारत की राजधानी कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) से दिल्ली लाने की घोषणा के साथ ही दिल्ली को एक नयी पहचान मिली | उस समय देश की राजधानी से पहले दिल्ली, पंजाब प्रांत की तहसील थी| दिल्ली को राजधानी बनाने के लिए दिल्ली और बल्लभगढ़ जिले के 128 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई थी | इसके अलावा, मेरठ जिले के 65 गांवों को भी शामिल किया गया था| मेरठ जिले के इन गांवों को मिलाकर यमुनापार क्षेत्र बनाया गया |
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‘ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ। मेरा मानना है कि यदि आप आप एक सेलिब्रिटी हैं तो यह सब चीजें आपके साथ घटित होंगी। मैं यदि एक सेलिब्रिटी हूं और इस बात का डर है कि मुझे कैमरे में पकड़ा जा सकता है तो मैं थोड़ा सजग रहूंगी।’

-दीपिका पादुकोण, बॉलीवुड अभिनेत्री (स्पेन में रणबीर कपूर के साथ छुट्टियां बीताने के

संत, दार्शनिक तथा स्वपनद्रष्टा स्वामी विवेकानंद ने कोलकाता के बाद अपने जीवन के सबसे अधिक वर्ष रायपुर में ही बिताए थे।

यह बात हैरत में डालने वाली है कि मसौदा निर्माण समिति में सदस्य होने के अलावा डॉ. के.एम.

Out of 3,97,39,441 registered motor vehicles in 35 Million plus Cities in India, the total registered motor vehicles in Delhi and Ghaziabad are 72,27,671 and 4,70,081 respectively (as on 31st March 2011).

Working for your's passion never makes you to feel tired as mental state governs the physical conditioning.

उलटबांसी-1

आधुनिक जीवन का त्रासदी: आदमी भोग भी बंटे हुए भाव में करता है, ऐसे में लगता है कि भोग ही जीवन का दृश्यमान सच है.....

"सिनेमा में किसी तरह के सुधार की उम्मीद करना बेकार है.

लेखन का माध्यम-हिन्दी

देखिए मुझे नहीं लगता कि मैंने समझ-बूझकर हिन्दी में लिखना तय किया । मेरे लिए उस भाषा में लिखना ही सहज था जिसमें मैं अपने परिवार वालों से बात करता था और फिर मेरी परवरिश भी इस तरह से हुई थी कि तमाम महत्वपूर्ण प्रभाव, मेरा धर्म और वे महत्वपूर्ण उत्सव जिनमें मैं भाग लेता था, सभी की

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी मिल मजदूर पर गरीब मजदूर बनी. इसमें प्रेमचंद ने एक रोल भी किया. फिल्म सेंसर से कई सीन काटे जाने के बाद रिलीज हुई. पूरे पंजाब में इसे देखने मजदूर निकल पड़े. लाहौर के इंपीरियल सिनेमा में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मिलिट्री तक बुलानी पड़ी.

दोस्ती का भी कोई दिन होता है, पता नहीं था। पता नहीं, बाज़ार कैसे कैसे 'दिन' दिखलाएगा। खैर, कुछ पुरानी पंक्तियाँ,

कभी किसी का साथ

ऐसा मत छोड़ना दोस्त

जिंदगी बहुत लंबी है

फिर आमने सामने ला खड़ा करती है

"मैं यह कहना चाहती हूं कि मैं फिल्‍म पत्रिका में छपी तस्‍वीरों को लेकर बहुत दुखी हूं और तनाव में हूं. यह तस्‍वीरें तब खींची गईं जब मैं छुट्टियों पर गई थी. किसी ने कायरता का परिचय देते हुए बिना इजाजत यह तस्‍वीरें खींच लीं और फिर व्‍यावसायिक मुनाफे के लिए इनका इस्‍तेमाल भी किया.

Many Delhi traders began to curry favour with the new masters, requesting a Rail Link to Calcutta for better trading opportunities, after much persuasion the British agreed and the railways arrived in the mid 1860s.

Urdu was rapidly replacing Persian to emerge as the lingua franca of Delhi, The Delhi college set up in the 1690s as Madrasa Ghazi-ud-Din was transformed into the Delhi College and became the first centre in Delhi to offer English as a subject, thus earning the ire of a large population of the city

‘‘गंगोत्री से गंगा की धारा निकलती है। स्रोत से दूर जाने वाली अवस्था का नाम धारा है। और धारा शब्द को उलटा देने से पाधा हुआ, जिसा अर्थ है—स्रोत की तरफ लौट जाना। गंगा वापिस लौटती है गंगोत्री की तरफ। बहिर्मुखता, अंतर्मुखता बनती है।’’

-अमृता प्रीतम

As historian Narayani Gupta writes in Delhi Between Two Empires (OUP 1997): ‘A long processional avenue was planned from the fort through Delhi Gate, past a park and a boulevard with the houses of Indian princes lining both sides.

Capital Gains

Rana Dasgupta

Delhi is a segregated city; an impenetrable, wary city – a city with a fondness for barbed wire, armed guards and guest lists.

"The Islamic conquest of India is probably the bloodiest story in history.

जिस तरह हम बोलते हैं, उस तरह तू लिख

और इसके बाद भी हमसे बड़ा तू दिख

चीज ऐसी दे कि जिसका स्वाद सिर चढ़ जाए

बीज ऐसा बो कि जिसकी बेल बन बढ़ जाए

-भवानी प्रसाद मिश्र

Consider beauty and look for it both in yourself and in others. Even though beauty is simply an ornament, its contemplation can bring joy, albeit ephemeral. Highlight your own beauty and admire that of others.

Do not forget that in life, nothing remains unchanged and everything evolves through transformation. One must learn how to evaluate every situation with the correct amount of modesty.
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