शिव-पार्वती संवाद*
*प्रस्तुति - रेणु दत्ता / आशा सिन्हा
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शिवजी ने पार्वती को बताया था की इन 4 लोग की बातों पर ध्यान नही देना चाहिए ।
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस में शिवजी और पार्वती का एक प्रसंग बताया है, जिसमें शिवजी 4 ऐसे लोगों के विषय में भी बताते हैं, जिनकी बातों पर हमें ध्यान नहीं देना चाहिए।
बातल भूत बिबस मतवारे।
ते नही बोलहि वचन विचारे।।
जिन्ह कृत महामोह मद पाना।
तिन्ह कर कहा करिअ नहिं काना।।
1👉 पहला व्यक्ति वह है जो वायु रोग यानी गैस से पीड़ित है। वायु रोग में भयंकर पेट दर्द होता है। जब पेट दर्द हद से अधिक हो जाता है तो इंसान कुछ भी सोचने-विचारने की अवस्था में नहीं होता है। ऐसी हालत पीड़ित व्यक्ति कुछ भी बोल सकता है, अत: उस समय उसकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
2👉 यदि कोई व्यक्ति पागल हो जाए, किसी की सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाए तो वह कभी भी हमारी बातों का सीधा उत्तर नहीं देता है। अत: ऐसे लोगों की बातों पर भी ध्यान नहीं देना चाहिए।
3👉 यदि कोई व्यक्ति नशे में डूबा हुआ है तो उससे ऐसी अवस्था में बात करने का कोई अर्थ नहीं निकलता है। जब नशा हद से अधिक हो जाता है तो व्यक्ति का खुद पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है, उसकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है, ऐसी हालत में वह कुछ भी कर सकता है, कुछ भी बोल सकता है। अत: ऐसे लोगों से दूर ही रहना श्रेष्ठ है।
4👉 जो व्यक्ति मोह-माया में फंसा हुआ है, जिसे झूठा अहंकार है, जो स्वार्थी है, जो दूसरों को छोटा समझता है, ऐसे लोगों की बातों पर भी ध्यान नहीं देना चाहिए। यदि इन लोगों की बातों पर ध्यान दिया जाएगा तो निश्चित ही हमारी ही हानि होती है ।
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