बुधवार, 27 जुलाई 2022

आनंद बक्षी के सदा बहार गीत

 महान गीतकार आनंद बक्षी की याद में


उनके एक मशहूर गीत से उनको याद करते हैं

सादर नमन


कोशिश कर के देख ले दरिया सारे नदिया सारी

दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती है हर चिंगारी


सोलह बरस की बाली उमर को सलाम

प्यार तेरी पहली नज़र को सलाम   ...


दुनिया में सब से पहले जिसने ये दिल दिया

दुनिया के सबसे पहले दिलबर को सलाम

दिल से निकलने वाले रस्ते का शुक्रिया

दिल तक पहुँचने वाली डगर को सलाम

प्यार तेरी पहली नज़र को सलाम   ...


जिस में जवान हो कर, बदनाम हम हुए

उस शहर, उस गली, उस घर को सलाम

जिसने हमें मिलाये, जिसने जुदा किया

उस वक़्त, उस घड़ी, उस पहर को सलाम

प्यार तेरी पहली नज़र को सलाम   ...


मिलते रहे यहाँ हम, ये है यहाँ लिखा

उस लिखावट की जे-रो-जबर(?) को सलाम

साहिल के रेत पे जो लहरा उठा ये दिल

सागर में उठने वाली हर लहर को सलाम

यूँ मस्त गहरी गहरी आँखों की झील में

जिसने हमें डुबोया उस भँवर को सलाम

घूँघट को छोड़ के जो, सर से सरक गयी

ऐसी निगोड़ी भाली चुनर को सलाम

उल्फ़त के दुश्मनों ने कोशिश हज़ार की

फिर भी नहिं झुकी जो, उस नज़र को सलाअम


प्यार तेरी पहली नज़र को सलाम   ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें