राहुल गांधी भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। राहुल गांधी उस नेहरू गांधी परिवार से हैं जो भारत का प्रमुख राजनीतिक परिवार है। राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबद्ध हैं। 2009 के आम चुनावों में राहुल गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और उसमें मिली भारी सफलता का श्रेय उन्हें दिया जाता है। राजनीतिक जीवन में उन्होंने भारत की ग्रामीण जनता से बहुत निकट का संबंध स्थापित किया और कांग्रेस दल के संगठन को मजबूती दी।
उनकी राजनीतिक रणनीतियों में जमीनी स्तर की सक्रियता को बल देना, ग्रामीण भारत के साथ गहरे संबंध स्थापित करना और कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करना प्रमुख हैं। सतह से जुड़ने, अनुभव प्राप्त करने और भारत को निकट से जानने के लिए उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व की सरकार में कोई भी पद लेने से मना कर दिया। राहुल गांधी आजकल अपना सारा ध्यान राजनीतिक अनुभव प्राप्त करने और पार्टी को जड़ से मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
शिक्षा
राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मॉर्डन स्कूल में हुई। इसके बाद वह शिक्षा के लिए दून स्कूल भेजे गये जहां पर उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी ने भी शिक्षा प्राप्त की थी। सुरक्षा कारणों से 1981 से 1983 तक उन्होंने घर पर ही शिक्षा प्राप्त की। फ्लोरिडा के हावर्ड विश्वविद्यालय से 1994 में उन्होंने कला स्नातक की परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की। 1995 में अपनी शिक्षा में उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में एमफिल किया। इसके पश्चात तीन साल तक माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मानीटर ग्रुप के साथ कार्य किया। इस कंपनी में वह रॉस विंसी नाम से कार्य करते थे और उनके सहकर्मियों को अनके विषय में जानकारी नहीं थी। राहुल के आलोचक उनके इस कदम को उनके भारतीय होने से उपजी उनकी हीनभावना मानते हैं जबकि, कांग्रेसी उनके इस कदम को उनकी सुरक्षा से जोड़कर देखते हैं। सन 2002 में वह भारत लौट आये और मुंबई से अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित कंपनी चलाई।
राजनीतिक सफर
2003 में, राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश को लेकर समाचारपत्रों में समाचार छपते रहे हालांकि उन्होंने इसकी कभी पुष्टि नहीं की। सार्वजनिक उत्सवों और कांग्रेस की बैठकों में वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ दिखायी देते थे और बहन प्रियंका गांधी के साथ एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला देखने सद्भावना यात्रा पर पाकिस्तान भी गये। 2004 में जब प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने अपने पिता स्वर्गीय राजीव गांधी के क्षेत्र अमेठी का दौरा किया, जो इस समय उनकी माता सोनिया गांधी का भी क्षेत्र है, उस समय उनके राजनीति में प्रवेश को लेकर मीडिया में अटकलें रहीं। लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा, मैं राजनीति के विरुद्ध नहीं हूं। मैंने यह तय नहीं किया है कि मैं राजनीति में कब प्रवेश करूंगा और वास्तव में, करूंगा भी कि नहीं।
मार्च 2004 में राहुल गांधी ने मई में होने वाले चुनाव में भाग लेकर राजनीति में प्रवेश की घोषणा की और अपने पिता के चुनाव क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा। इससे पहले, उनके चाचा संजय ने, एक विमान दुर्घटना से पहले, इस कुर्सी का नेतृत्व किया। यह कुर्सी उनकी मां के नेतृत्व में थी जब तक वह पड़ोसी कुर्सी रायबरेली में स्थानान्तरित नहीं हुई थी। उस समय कांग्रेस संकट में थी। कांग्रेस के पास 80 में से 10 सीट थीं। उस समय राजनीति विशेषज्ञों को आश्चर्य हुआ क्योंकि वह प्रियंका गांधी के राजनीति में आने की अपेक्षा कर रहे थे। मीडिया में चर्चा थी कि क्या भारत के प्रसिद्ध राजनीतिक परिवार का युवा सदस्य भारत की युवा आबादी के बीच में क्या कांग्रेस पार्टी की राजनीति को पुनर्जीवित करेगा? मीडिया के साथ अपने पहले इंटरव्यू में, राहुल गांधी ने विभाजनकारी राजनीति की निंदा की और कहा कि वह भारतीय जाति व्यवस्था और धार्मिक तनाव को कम करने का प्रयत्न करेंगे। उनके इस कदम का अमेठी के लोगों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया। अमेठी का इस परिवार के साथ एक लंबा संबंध था।
उन्होंने कहा, कभी-कभी मैं यह सोच कर उदास हो जाता हूं कि चुनाव प्रचार में यहां केवल एक दिन के लिए आ पाया और इस नाते मै अपनी बहन प्रियंका को धन्यवाद भी देना चाहता हूं, जो यहां काफी समय दे रही हैं। राहुल गांधी ने अमेठी और रायबरेली के विकास के लिए किए गए कार्य और प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा मेरे पिता अपने दोनों हाथों से इस क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाते थे, मगर मेरा एक हाथ बंधा हुआ है। कारण, मुझे राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल पा रहा है, बल्कि वह विकास में बाधा डालती है। उन्होंने जनता से अपील की कि हम चाहते हैं आपके सहयोग से उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बने और मैं दोनों हाथों से आपकी मदद कर सकूं। उन्होंने कहा कि अमेठी मेरे लिए परिवार जैसा है। राहुल ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा रिश्ता केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि परिवार जैसा है। यह रिश्ता मेरी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी के समय से है। मेरा प्रयास हमेशा यह रहेगा कि मैं अमेठी के विकास को सुनिश्चित कर सकूं।
मई 2004 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी विशाल बहुमत से जीते। 1,00,000 मतों के बड़े अंतर से उनकी जीत हुई। जब कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को अप्रत्याशित रूप से हराया। इस अभियान में उनकी छोटी बहन प्रियंका गांधी उनके साथ क़दम से कदम मिलाकर उनके साथ थीं।
सन 2006 तक उन्होंने कोई अन्य पद ग्रहण नहीं किया और निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया। भारत और अंतरराष्ट्रीय प्रेस में व्यापक रूप से चर्चा थी कि सोनिया गांधी उन्हें राष्ट्रीय स्तर का कांग्रेस नेता बनाने के लिए तैयार कर रही हैं।
राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने 2006 के चुनाव में रायबरेली से पुन: निर्वाचित होने के लिए अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियान को संभाला और सोनिया गांधी 4,00,000 मतों से विजित हुईं। दिवंगत राजीव गांधी की इस मंशा और उनके सपनों को उनके पुत्र और अमेठी के सांसद राहुल गांधी ने पढ़ा है जिसे वह निरंतर अमेठी की जमीन पर उतारने में अपना कदम बढ़ाते जा रहे हैं। राहुल गांधी की भी मंशा नई तकनीक और विज्ञान की हर लाभकारी योजना अमेठी के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
साफ्टवेयर के बादशाह बिल गेट्स का राहुल के साथ दौरा अमेठी में कंप्यूटर योजना को उतारने का ही संकेत माना जा रहा है। दिवंगत राजीव गांधी ने 1985 में अमेठी में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन कर अमेठी की जनता में विज्ञान के प्रति जागरुकता पैदा करना तथा विकसित हो रही नयी तकनीक के प्रति उस समय पैदा किए जा रहे भ्रम को दूर करना था। इस प्रदर्शनी में विज्ञान के करीब-करीब सारे प्रयोगों के माडल व उनके कार्य व्यवहार, लाभ-हानि को दर्शाया गया था। उस समय कंप्यूटर और मोबाइल संचार क्रांति का सूत्रपात नहीं हुआ था।
जनवरी 2006 में, हैदराबाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सम्मेलन में, कांग्रेस पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को पार्टी में महत्वपूर्ण नेतृत्व की भूमिका के लिए प्रोत्साहित किया और प्रतिनिधियों को संबोधित करने की मांग की। राहुल गांधी ने कहा, मैं आपकी भावनाओं और समर्थन के लिए आप सबका आभारी हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपको निराश नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि धैर्य बनाये रखें और महत्वपूर्ण पद लेने से मना कर दिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, जो 2007 में हुए, वह कांग्रेस अभियान में प्रमुख व्यक्ति थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने 8.53 फीसद मतदान के साथ 22 सीटें जीती, इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का वर्चस्व रहा।
24 सितंबर 2007 में राहुल गांधी को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया। इसी समय उन्हें युवा कांग्रेस और भारत का राष्ट्रीय छात्र संघ का निरीक्षण अधिकार दिया गया और इस तरह राहुल गांधी को युवा नेतृत्व का अवसर मिला। युवा नेता के रूप में नवंबर 2008 को उन्होंने नई दिल्ली में अपने आवास पर कम से कम 40 लोगों को सूक्षमता से चुनने के लिए साक्षात्कार आयोजित किया,सक्षात्कार में चुने गये युवा भारतीय युवा कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब से वह सितंबर 2007 में महासचिव नियुक्त हुए हैं तब से इस संगठन को परिणत करने के इच्छुक हैं।
लोकसभा चुनाव 2009
लोकसभा चुनाव 2009 में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से अपने प्रतिद्वंदी को 3,33,000 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। इन चुनावों में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 21 सीट जीतकर पुनर्जीवन प्राप्त किया और इसका श्रेय राहुल गांधी को दिया गया। इस चुनाव में उन्होंने छह सप्ताह में 125 जन सभाओं को संबोधित किया था।
राहुल गांधी का व्यक्तिगत जीवन
राहुल गांधी अविवाहित हैं। अप्रैल 28, 2004 में इंडियन एक्सप्रेस में स्पेन की एक वास्तुकार वरौनिका के साथ उनके संबंध होने की सूचना छपी थी। दोनों विश्वविद्यालय में मिले थे।
रुचियां
गांधी व नेहरू परिवार की चौथी पीढ़ी से संबंधित राहुल गांधी युवा कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। राजनीति में उनकी रुचि होनी स्वाभाविक ही है। इसके अलावा उन्हें विभिन्न जगहों पर घूमना और तैराकी करना भी बहुत पसंद है। पढऩा, इंटरनेट, संगीत, शतरंज और फ्लाइंग। उन्हें तेज बाइक चलाने का भी शौक है। वह राजीव गांधी फाउंडेशन, संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड से भी जुड़े हुए हैं।
आलोचना
राजनीति के युवा चेहरा राहुल गांधी के साथ भी कई विवाद भी जुड़े हुए है
- 2006 में न्यूजवीक ने कहा कि उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की अपनी डिग्री पूरी नहीं की थी या मॉनिटर ग्रुप में काम नहीं किया था, तब राहुल गांधी ने कानूनी नोटिस भेजा, बाद में न्यूजवीक इस बात से मुकर गया।
- राहुल गांधी ने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध को, अपने परिवार की सफलताओं में माना। इस बयान से भारत के कई राजनीतिक दलों को आलोचना करने का अवसर मिला।
- 2007 के उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान में उन्होंने कहा, यदि गांधी-नेहरू परिवार से कोई राजनीति में सक्रिय होता तो बाबरी मस्जिद नहीं गिरी होती। 1992 में मस्जिद के विध्वंस के समय भारत के प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव थे, गांधी के इस बयान को नरसिंह राव की आलोचना कहा गया।
- 2008 में, राहुल गांधी की शक्ति का पता चला। राहुल गांधी को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए सभागार का उपयोग करने से रोका गया, मुख्यमंत्री मायावती की राजनीतिक चालबाजियों के कारण बाद में, विश्वविद्यालय के कुलपति वीके सूरी को राच्यपाल श्री टीवी राजेश्वर, जो कुलाधिपति भी थे, ने बाहर कर दिया, जो गांधी परिवार के समर्थक थे। इस घटना को शिक्षा की राजनीति के रूप में जाना गया और टाइम्स ऑफ इंडिया में एक हास्यचित्र में लिखा गया वंश संबंधित प्रश्न का उत्तर राहुल जी के पैदल सैनिकों द्वारा दिया जा रहा है।
- जनवरी 2009 में ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड मिलीबैंड के साथ, उत्तर प्रदेश में उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में, अमेठी के पास एक गांव में, उनकी गरीबी यात्रा के लिए आलोचना की गई।
- एक निजी चैनल में इंटरव्यू देने के दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक दल जैसे हिंदूवादी संगठन को सिमी जैसे आतंकी संगठन के समान कहा था। ऐसा बयान देने पर आरएसएस और कांग्रेस में दरार पैदा हो गई थी।
- वर्ष 2006 में अमेठी में प्रचार के दौरान अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर कांग्रेस कार्यकर्ता की बेटी सुकन्या देवी का बलात्कार करने जैसा संगीन आरोप भी राहुल गांधी पर लगा।
- हाल ही में मुंबई धमाकों के बाद प्रेस के सामने राहुल गांधी ने कह दिया कि हर हमले को रोका जाना संभव नहीं है। किसी जिम्मेदार जन नेता का ऐसा बयान नि:संदेह विवाद पैदा करने वाला था।
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Web Title: rahul gandhi profile
(Hindi news from Dainik Jagran, news national Desk)-
vinod19 Jun 2013, 07:45:52 PM
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test19 Jun 2013, 07:08:12 PM
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जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंBest post ever.
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