गुरुवार, 3 मार्च 2016

विकास / बालिका कल्याण / बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना



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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना


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पृष्ठभूमि

0-6 साल वर्ग में 1000 लड़कों के बीच परिभाषित बाल लिंग अनुपात में प्रति लड़कियों की संख्या में गिरावट की प्रवृत्ति, 1961 से लगातार देखी जा रही है। 1991 के 945 संख्या के 2001 में 927 पहुँचने और 2011 में इस संख्या के 918 पहुँचने पर इसे खतरे में मानते हुए इसे सुधारने के प्रयास शुरु किये गये हैं। लिंग अनुपात में गिरावट सीधे तौर पर महिलाओं के समाज में स्थान की और इशारा करता है जोBBBP जन्म पूर्व लिंग भेदभाव और उसके चयन को लेकर किये जा रहे पक्षपात की बात करता है। चिकित्सीय सुविधाओं की सरल उपलब्धता और नवीन तकनीक जन्म पूर्व बच्चे के चयन को संभव बनाकर निम्न लिंग अनुपात घटाने में आलोचनात्मक रुप में सामने आई है।
महिलाओं एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रुप में समन्वित और अभिसरित प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) की शुरुआत की गई है और जिसे लिंग अनुपात वाले 100 जिलों में प्रारंभ किया गया है।

समग्र लक्ष्य

बालिका का गुणगान करें और उसे शिक्षा ग्रहण के लिए सक्षम बनाएं।

जिलों की पहचान

सभी राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों को कवर 2011 की जनगणना के अनुसार निम्न बाल लिंग अनुपात के आधार पर प्रत्येक राज्य में कम से कम एक जिले के साथ 100 जिलों का एक पायलट जिले के रुप में चयन किया गया है और जिलों के चयन के लिए तीन मानदंड इस प्रकार हैं: -
  • राष्ट्रीय औसत से नीचे जिले (87 जिले/23 राज्य)
  • राष्ट्रीय औसत के बराबर गिरावट का रुख (8 जिले/8 राज्य)
  • राष्ट्रीय औसत से और लिंगानुपात की बढ़ती प्रवृत्ति वाले राज्यों के जिले
    (5 जिले/5 राज्यों का चुनाव जिन्होंने अपने लिंगानुपात के स्तर को बनाए रखे और जिनके अनुभव से सीख कर अन्य स्थानों पर दोहराया जा सकें।
द्वितीय चरण
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को 61 अतिरिक्त जिलों में (11 राज्य शामिल) विस्तारित कर दिया है। नए जिलों के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।

उद्देश्य

  • पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन
  • बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना
  • बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना

रणनीतियाँ

  • बालिका और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक आंदोलन और समान मूल्य को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान का कार्यान्वय करना ।
  • इस मुद्दे को सार्वजनिक विमर्श का विषय बनाना और उसे संशोधित करने रहना सुशासन का पैमाना बनेगा।
    निम्न लिंगानुपात वाले जिलों की पहचान कर ध्यान देते हुए गहन और एकीकृत कार्रवाई करना।
  • सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए महत्वपूर्ण स्त्रोत के रुप में स्थानीय महिला संगठनों/युवाओं की सहभागिता लेते हुए पंचायती राज्य संस्थाओं स्थानीय निकायों और जमीनी स्तर पर जुड़े कार्यकर्ताओं को प्रेरित एवं प्रशिक्षित करते हुए सामाजिक परिवर्तन के प्रेरक की भूमिका में ढालना ।
  • जिला/ ब्लॉक/जमीनी स्तर पर अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-संस्थागत समायोजन को सक्षम करना ।

संघटक


बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर जनसंचार अभियान

देशव्यापी अभियान 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ शुरु करने के साथ यह कार्यक्रम प्रारंभ होगा जिसमें बालिका के जन्म को जश्न के रुप में मनाने के साथ उसे शिक्षा ग्रहण करने में सक्षम बनाया जाएगा। अभियान का उद्देश्य लड़कियों का जन्म,पोषण और शिक्षा बिना किसी भेदभाव के हो और समान अधिकारों के साथ वे देश की सशक्त नागरिक बनें।

राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के निम्न लिंगानुपात वाले 100 संकटग्रत जिलों में बहुक्षेत्रीय शुरुआत

महिलाओं एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के परामर्श से बहुक्षेत्रीय कार्यों को तैयार किया गया है। बहुक्षेत्रीय कार्यों का संज्ञान लेते हुए संदर्भित क्षेत्रों,राज्यों एवं जिलों में निम्न लिंगानुपात को सुधारने के लिए परिणामप्रेक्षित और संकेतकों को एक साथ उपयोग में लाया जाएगा।

परियोजना कार्यान्वयन



केंद्र स्तर पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस योजना के बजटीय नियंत्रण और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होगा। राज्य स्तर पर, सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग समग्र दिशा और योजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। प्रस्तावित योजना की संरचना को निम्नानुसार देखा जा सकता है:

राष्ट्रीय स्तर पर

महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, विकलांगता मामलों से संबंधित विभाग और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, जेंडर विशेषज्ञों एवं सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को मिलाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए एक कार्य दल का गठन मार्गदर्शन,समर्थन प्रशिक्षण विषय सामग्री और राज्यों की योजना और निगरानी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए किया गया है।

राज्य स्तर पर

राज्यस्तर पर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के कार्यान्वयन में बेहतर समायोजन के लिए राज्यों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण,शिक्षा,पंचायती राज्य / ग्रामीण विभागों के साथ राज्यस्तरीय प्राधिकरण एवं विकलांगता से संबंधित मामलों के प्रतिनिधियों को मिलाकर राज्य कार्यदल(एसटीएफ) का गठन किया जाएगा। संघ शासित क्षेत्रों में टास्क फोर्स प्रशासक, केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन की अध्यक्षता में किया जाएगा। केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर इसके अध्यक्ष उनके प्रशासन के प्रशासक होंगे।

जिला स्तर पर

जिलास्तर पर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के कार्यक्रम के कार्यान्वयन,निगरानी और पर्यवेक्षण में बेहतर समायोजन के लिए जिला स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पीसी और पीएनडीटी के लिए नियुक्त उचित प्राधिकरण शिक्षा,पंचायती राज्य/ग्रामीण विभागों के साथ जिला स्तरीय वैधानिक प्राधिकरण के प्रतिनिधियों का एवं विकलांगता से संबंधित मामलों के प्रतिनिधियों को मिलाकर जिला कार्यदल(डीटीएफ) का गठन किया जाएगा।

ब्लॉक स्तर पर

ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम के कार्यान्वयन,निगरानी और पर्यवेक्षण में सहायता प्रदान करने के लिए उप डिवीजनल मजिस्ट्रेट/उप संभागीय अधिकारी/खंड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक ब्लॉक स्तर निगरानी समिति (यह संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तय किया जा सकता है।) स्थापित की जाएगी ।

ग्राम पंचायत/वार्ड स्तर पर

स्वयं के न्यायिक क्षेत्र में आने वाली पंचायत समिति/वार्ड के लिए संदर्भित पंचायत समिति/वार्ड समिति(जैसा कि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तय किया जा सकता है) कार्यान्वयन,निगरानी और पर्यवेक्षण के साथ सभी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होगी।

ग्राम स्तर पर

ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति ग्राम स्तर पर योजना के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए सलाहकार और समर्थन देगी।

अनुसूचित शहरों/शहरी क्षेत्रों में


योजना को नगर निगमों के समग्र मार्गदर्शन और नेतृत्व के अंतर्गत लागू किया जाएगा।

सोशल मीडिया

बच्चे के गिरते लिंग अनुपात के मुद्दे पर प्रासंगिक वीडियो के साथ BBBP पर एक यूट्यूब चैनल शुरू किया गया है। जागरूकता पैदा करने के लिए और आसान उपयोग और प्रसार के लिए लगातार वीडियो अपलोड की गईं और इस मंच के माध्यम से उसे साझा भी किया जा रहा है। इसके साथ राष्ट्र को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से जोड़ने के लिए और लोगों की भागीदारी,समर्थन प्राप्त करने लिए MyGov पोर्टल से लोगों को इससे जोड़ा जा रहा है।

बजट


बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया। 12 वीं योजना में देखभाल और बालिकाओं की सुरक्षा' 'ए मल्टी सेक्टर कार्ययोजना के अंतर्गत परिव्यय १०० करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। अतिरिक्त संसाधन राष्ट्रीय व राज्य स्तर एवं कार्पोरेट स्तर पर सामाजिक दायित्व के माध्यम से जुटाए जा सकते हैं। योजना की अनुमानित लागत 200 करोड़ है जिसमें से 115 करोड़ रुपये (छह महीने के लिए) 2014-15 यानी चालू वर्ष के दौरान जारी किया जाना प्रस्तावित है।

निगरानी प्रणाली

एक निगरानी प्रणाली के अंतर्गत निगरानी लक्ष्य, परिणाम और प्रक्रिया संकेतकों के आधार पर योजना की प्रगति को राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर ट्रैक किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर, सचिव MWCD की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स एक नियमित आधार पर तिमाही प्रगति की निगरानी करेंगी। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य टास्क फोर्स प्रगति की निगरानी करेंगी। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर (डीसी) और जिला स्तर के अधिकारियों के माध्यम से सभी विभागों की कार्रवाई का समन्वय करेगा।
स्त्रोत:बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,महिला और बाल कल्याण मंत्रालय,भारत सरकार

3.04
प्रवल्लिका vvln Aug 08, 2015 09:26 AM
कुछ और चित्र लगाएं तो बेहतर होता. मेरी परियोजना कार्य के लिए मुझे बहुत उपयोगी लगी .इतनी अच्छी समाचार देने के लिए धन्यवाद .
राज वीर सिंह Aug 25, 2015 09:08 PM
बेटियाँ
बेटियाँ सत्कर्म की पहचान होती हैं, अरु पिता के सदन की शान होती हैं ll
सुख-शाँति स्वयं आती जहाँ रहतीं ये l लक्ष्मी भी वहीं बसती जहाँ कहतीं ये ll करुणा व स्नेह का प्रतिमान होती हैं l बेटियाँ सत्कर्म की पहचान होती हैं, अरु पिता के सदन की शान होती हैं ll
जहाँ जातीं स्नेह का संचार करती हैं l मात-पिता को असीमित प्यार करती हैं l दो घर सँवार माँ का स्वाभिमान होती हैं l बेटियाँ सत्कर्म की पहचान होती हैं, अरु पिता के सदन की शान होती हैं ll
शिक्षा व संस्कार का अधिकार इन्हें दो l हो सके जितना अधिकतम प्यार इन्हें दो l परिवार ही नहीं राष्ट्र का अभिमान होती हैं l बेटियाँ सत्कर्म की पहचान होती हैं, अरु पिता के सदन की शान होती हैं ll
कवि किंकर राज वीर सिंह डी ए वी गुआ झारखंड
XISS Aug 26, 2015 10:12 AM
राज वीर सिंह अपनी कविता साझा करने के लिए धन्यवाद , अपने बिलकुल सही फ़रमाया "बेटियाँ सत्कर्म की पहचान होती हैं, अरु पिता के सदन की शान होती हैं"
जीनियस इंफोर्मेशन कंप्यूटर सिस्टम सीकर सोशियल एंड वेलफेयर सोसाइटी Sep 28, 2015 02:47 PM
कार्यशालाओ की बजाय वार्ड, ग्राम, पंचायत तथा सामाजिक स्तर पर शिविर, बैठक आदि कर लोगों को समझकर जागरूक िकया जाये साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में कार्य करने वाले व्यक्ति, संस्था आदि को पुरस्कृत करना चाहिए
XISS Sep 29, 2015 11:36 AM

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