पहले की सरकारों में रोटी, कपड़ा और मकान था महज नारा, अब गारंटी*
*3.42 लाख से अधिक लाभार्थियों को मिली पीएम आवास योजना की सौगात*
*गोरखपुर से 2409 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने*
गोरखपुर,। सबके लिए आवास की दिशा में संकल्पित भाव से आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रदेश के शहरी क्षेत्र के लोगों को एक और सौगात दी। सीएम योगी बुधवार को गोरखपुर सर्किट हाउस स्थित एनेक्सी भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 3 लाख 42 हजार 322 लाभार्थियों के खातों में 2409 करोड़ रुपये की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व की सरकारों में रोटी, कपड़ा और मकान महज एक नारा था, वर्तमान केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार में यह गारंटी है। हर व्यक्ति को मकान की गारंटी के साथ ही रोटी और उसके आजीविका के इंतजाम की गारंटी केंद्र व प्रदेश सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिए संभव हो सका क्योंकि जनता ने केंद्र व उत्तर प्रदेश की सरकार को अपार समर्थन दिया। सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले तक प्रधानमंत्री आवास योजना में उत्तर प्रदेश का देश मे 27वां स्थान था। लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। 2017 में हमारी सरकार आई तो हमने युद्धस्तर पर कार्य कर तीन साल में इस योजना में प्रदेश को नम्बर वन बना दिया। अब तक प्रदेश के शहरी क्षेत्र में 16.82 लाख से अधिक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 23 लाख से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा चुका है। यह सब ईमानदारी से की गई चयन प्रक्रिया से मात्र तीन साल में हुआ, बिना किसी सिफारिश, बिना रिश्वत और बिना इंतज़ार के। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप सबके लिए आवास के लक्ष्य को 2022 तक हासिल कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहरी क्षेत्र में इस योजना के तहत 2.5 लाख की सहायता दी जाती है। 1.5 लाख रुपये केंद्र सरकार देती है और 1 लाख राज्य सरकार। इसके लिए हर वह व्यक्ति पात्र है जिसके पास शहर में अपनी जमीन है और सालाना आय तीन लाख रुपये से कम है।
*पहले गरीबों के लिए सिर्फ नारे लगते थे*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज जिन लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है उनकी खुशी और उत्साह देखते ही बन रहा है। यह खुशी पहले भी आ सकती थी लेकिन पहले गरीबों के लिए सिर्फ नारे लगते थे, उनकी चिंता नहीं कि जाती थी। गरीब पूर्ववर्ती सरकारों के एजेंडे में नहीं थे। आज गरीबों को आवास, सौभाग्य योजना के तहत बिजली, उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस, आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधा, पोषण की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहा है।
*पैसा मांगने पर करें शिकायत, घर बनवाने में ही रकम का हो इस्तेमाल*
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा की सरकारी संस्कृति में वसूली और रिश्वतखोरी के चलते 100 में से 85 रुपये दलालों व घोटालेबाजों की जेब मे चले जाते थे। पीएम ने जनधन खाता खुलवाया ताकि पूरा का पूरा रुपया लाभार्थी के खाते में जाये। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से अपील की कि कोई रुपया मांगे तो अपने विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन व आईजीआरएस पर शिकायत करें। रुपये मांगने वालों की पूरी संपति जब्त कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे पीएम आवास योजना में बन रहे आवासों की साप्ताहिक समीक्षा करें और लाभार्थियों की कॉउंसिलिंग कर यह सुनिश्चित करें कि रकम का इस्तेमाल आवास बनाने में ही हो।
*10 लाभार्थियों से किया वर्चुअल संवाद, 10 का सौंपी आवास की चाबी*
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी, मथुरा, अयोध्या, सहारनपुर, गाजियाबाद की दस लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया। बड़ी आत्मीयता से उनके आवास निर्माण की प्रगति, उनके परिजनों के बारे में जानकारी ली और उन्हें आजीविका मिशन से जुड़कर स्वावलंबी बनने को प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने गोरखपुर की दस लाभार्थियों को आवास की चाबी भी सौंपी
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की अब तक की प्रगति की जानकारी दी। श्री टण्डन ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस योजना में यूपी देश में सर्वश्रेष्ठ है। मिर्जापुर नगरपालिका और मलिहाबाद नगर पंचायत अपने अपने संवर्ग में पूरे देश मे नम्बर वन आये हैं। विभाग के राज्य मंत्री महेश गुप्ता भी ऑनलाइन उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने किया। गोरखपुर एनेक्सी भवन के कार्यक्रम में राज्य सभा सदस्य जयप्रकाश निषाद, महापौर सीताराम जायसवाल, विधायकगण डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, बिपिन सिंह, महेंद्र पाल सिंह, शीतल पांडेय, संगीता यादव, मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर, जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन आदि उपस्थित रहे।
सभी शहीद स्मारकों पर माह में एक बार हो कार्यक्रम: योगी आदित्यनाथ*
चौरीचौरा शहीद स्मारक स्थल का किया निरीक्षण
बोले, चौरीचौरा आंदोलन के क्रांतिकारियों की बनाएं पेटिंग, संग्रहित करें इतिहास
निरीक्षण के बाद चौरीचौरा में अधिकारियों के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने की बैठक
गोरखपुर, 27 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी शहीद स्थलों पर माह में एक बार कार्यक्रम अवश्य आयोजित किए जाएं। इन कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए। सप्ताह में एक दिन शहीद स्मारकों पर पुलिस बैण्ड भी अपना कार्यक्रम करें। 4 फरवरी को चौरीचौरा आंदोलन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी समारोह आयोजित होगा। वर्ष भर चलने वाले इन कार्यक्रमों के मद्देनजर चौरीचौरा शहीद स्मारक की दीवारों पर चौरीचौरा आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों के चित्र बनाए जाएं। सीएम ने निर्देश दिया कि स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़े इतिहास एवं साहित्य को संग्रहित कर प्रकाशित किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को चौरीचौरा शहीद स्मारक का निरीक्षण के बाद सीएम जिले के अधिकारियों के साथ बैठक को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने स्मारक के सामने रेलवे की भूमि को शहीद पार्क के रूप में विकसित करने और शहीद स्मारक स्थल तक आने वाली सड़क की तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए। रेलवे लाइन के आसपास एवं शहीद स्थल तक आने वाली सड़क पर विशेष सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चौरीचौरा के लोगो का इस्तेमाल सभी शासकीय पत्राचारों एवं स्मृति चिन्हों और अन्य स्थानों पर भी किया जाए। सीएम ने चौरीचौरा स्मारक के संग्रहालय में रखी गई प्रतिमाओं के इतिहास को प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चौरीचौरा कांड से जुड़े साहित्य एवं इतिहास का डिजिटलीकरण भी कराया जाए ताकि आमजन उसका अध्ययन कर जानकारी हासिल कर सके। बैठक में सांसद बासगांव कमलेश पासवान, विधायक चौरीचौरा संगीता यादव, एडीजी जोन दावा शेरपा, मण्डलायुक्त जयन्त नार्लिकर, जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पाण्डियन आदि मौजूद रहे।
*चौरीचौरा स्टेशन का होगा विकास*
सीएम योगी आदित्यनाथ ने चौरीचौरा रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर रेल मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रमुख स्थानों पर चौरीचौरा के इतिहास, लोगो को प्रदर्शित किए जाएं। जिससे चौरीचौरा स्थल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
*आयोजन का होगा सीधा प्रसारण*
मुख्यमंत्री ने 4 फरवरी के मुख्य कार्यक्रम का पूरे प्रदेश में सीधा प्रसारण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पूरे वर्ष में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का कैलेण्डर बनाया जाए। अन्य दिनों में भी विभिन्न शहीद स्मारकों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाए। प्रदेश के अन्य शहीद स्थलों पर भी कार्यक्रम आयोजित कराए जाए।
*चौरीचौरा आंदोलन से जुड़े परिवार होंगे सम्मानित*
मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 फरवरी के कार्यक्रम को पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाए। इस दौरान चौरीचौरा आन्दोलन से जुड़े शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही शहीदों के परिजनों को शासकीय योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
[1/30, 16:28] Ss संजय सिंह Rsahaर: उप्र के गांवों में घर का स्वामित्व देने की पहल शुरू
केंद्र सरकार की स्वामित्व स्कीम के लिए यूपी सरकार ने शुरू किया सर्वे
प्रदेश के सभी 75 जिलों में शुरुआती दौर में 20-20 गांवों का सर्वे शुरू
यह योजना प्रदेश के 9 हजार से ज्यादा गांवों में की जाएगी लागू
नई दिल्ली/ लखनऊ।
गांव में घर है लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं है। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार की गई स्वामित्व योजना ग्रामीण आबादी में बने घरों के असली मालिकों को मालिकाना हक देगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की इस योजना अमली जामा पहनाने के लिए पूरे प्रदेश के 75 जिलों में सर्वे शुरू करा दिया है। शुरुआती दौर में प्रत्येक जिले के 20-20 गांवों को चुना गया है जहां सर्वे शुरू किया जा चुका है। खतौनी की तर्ज पर घरों के रिकार्ड के लिए घरौनी तैयार की जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों के 20-20 गांवों में स्वामित्व योजना के तहत आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सर्वे शुरू करा दिया गया है। पहले चरण में वास्तवितक ग्रामीण आबादी में मौजूदा सभी घरों, उनके क्षेत्रफल आदि का सर्वे कर घरों के मालिकों की सूची तैयार कर घरौनी बनाई जाएगी। इसके बाद सभी खातेदारों की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम रूप से मालिकाना हक घोषित किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण आबादी में मौजूद सभी घरों की नम्बरिंग की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा पट्टीदारों के बीच विवाद समाप्त होने के साथ ही घरों का मालिकाना हक मिलने से उन पर बैंक लोन आदि भी मिल सकेगा।
दरअसल गांवों की कृषि भूमि, ग्रामसभा, बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है लेकिन आबादी में बने घरों का मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं होता। आबादी में जिसका कब्जा है वही मालिक है लेकिन इसका कानूनी मालिकाना हक किसके पास है इसका कोई रिकार्ड नहीं होता है। इसकी वजह से तमाम परेशानियां सामने आती हैं। घरों का बंटवारा होने के बाद भी विवाद समाप्त नहीं होता है। इससे अदालती मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा गांवों के घरों की यूनिक आईडी नहीं होती। मालिकाना हक नहीं होने से घरों को बैंकों में मॉर्गेज पर नहीं रखा जा सकता है। इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने के बाद खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी।
कैसे किया जा रहा है सर्वे
राम नगरी अयोध्या के करीब 20 गांवों में ड्रोन की मदद से स्वामित्व सर्वे चल रहा है। इसकी निगरानी कर रहे अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि इस योजना के लागू होने के बाद गांवों मे चल रहे तमाम विवाद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि योजना के तहत ग्रामीण आबादी का जीपीएस ड्रोन की मदद से एरियल सर्वे किया जाएगा। आबादी में बने प्रत्येक घर की जियो टैगिंग की जाएगी। साथ ही प्रत्येक घर का क्षेत्रपल भी दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक घर को एक यूनिक आईडी या पता दिया जाएगा। सर्वे के बाद घरौनी में प्रत्येक घर के कब्जेदार व खाते दारों के नाम दर्ज किए जाएंगे। फिर सभी खातेदारों से आपत्तियां मांगकर उनका निस्तारण करने के बाद घरों का मालिकाना हक स्वामित्व कार्ड के रूप में प्रदान किया जाएगा।
यूपी के गांवों में घर का स्वामित्व देने की पहल शुरू
केंद्र सरकार की स्वामित्व स्कीम के लिए यूपी सरकार ने शुरू किया सर्वे
प्रदेश के सभी 75 जिलों में शुरुआती दौर में 20-20 गांवों का सर्वे शुरू
यह योजना प्रदेश के 9 हजार से ज्यादा गांवों में की जाएगी लागू
नई दिल्ली/ लखनऊ।
गांव में घर है लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं है। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार की गई स्वामित्व योजना ग्रामीण आबादी में बने घरों के असली मालिकों को मालिकाना हक देगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की इस योजना अमली जामा पहनाने के लिए पूरे प्रदेश के 75 जिलों में सर्वे शुरू करा दिया है। शुरुआती दौर में प्रत्येक जिले के 20-20 गांवों को चुना गया है जहां सर्वे शुरू किया जा चुका है। खतौनी की तर्ज पर घरों के रिकार्ड के लिए घरौनी तैयार की जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों के 20-20 गांवों में स्वामित्व योजना के तहत आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सर्वे शुरू करा दिया गया है। पहले चरण में वास्तवितक ग्रामीण आबादी में मौजूदा सभी घरों, उनके क्षेत्रफल आदि का सर्वे कर घरों के मालिकों की सूची तैयार कर घरौनी बनाई जाएगी। इसके बाद सभी खातेदारों की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम रूप से मालिकाना हक घोषित किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण आबादी में मौजूद सभी घरों की नम्बरिंग की जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा पट्टीदारों के बीच विवाद समाप्त होने के साथ ही घरों का मालिकाना हक मिलने से उन पर बैंक लोन आदि भी मिल सकेगा।
दरअसल गांवों की कृषि भूमि, ग्रामसभा, बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है लेकिन आबादी में बने घरों का मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं होता। आबादी में जिसका कब्जा है वही मालिक है लेकिन इसका कानूनी मालिकाना हक किसके पास है इसका कोई रिकार्ड नहीं होता है। इसकी वजह से तमाम परेशानियां सामने आती हैं। घरों का बंटवारा होने के बाद भी विवाद समाप्त नहीं होता है। इससे अदालती मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा गांवों के घरों की यूनिक आईडी नहीं होती। मालिकाना हक नहीं होने से घरों को बैंकों में मॉर्गेज पर नहीं रखा जा सकता है। इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने के बाद खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी।
कैसे किया जा रहा है सर्वे
राम नगरी अयोध्या के करीब 20 गांवों में ड्रोन की मदद से स्वामित्व सर्वे चल रहा है। इसकी निगरानी कर रहे अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि इस योजना के लागू होने के बाद गांवों मे चल रहे तमाम विवाद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि योजना के तहत ग्रामीण आबादी का जीपीएस ड्रोन की मदद से एरियल सर्वे किया जाएगा। आबादी में बने प्रत्येक घर की जियो टैगिंग की जाएगी। साथ ही प्रत्येक घर का क्षेत्रपल भी दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक घर को एक यूनिक आईडी या पता दिया जाएगा। सर्वे के बाद घरौनी में प्रत्येक घर के कब्जेदार व खाते दारों के नाम दर्ज किए जाएंगे। फिर सभी खातेदारों से आपत्तियां मांगकर उनका निस्तारण करने के बाद घरों का मालिकाना हक स्वामित्व कार्ड के रूप में प्रदान किया जाएगा।
संजय सिंह