रविवार, 31 जनवरी 2021

चिंता से चिंता मिटै...

 🙏🌹चिंता ब्यापी रहै ,भांति भांति कीमन भ्रान्ति ।



 चिंता ब्यापी रहै ,भांति भांति कीमन भ्रान्ति ।

यह होगा , वह होगा,उथल पुथल अशान्ति ।

उथल पुथल अशान्ति , कभी बच्चो की चिन्ता ।

कभी बुढापा और भबिष्य ,कभि काया की चिन्ता

मन तू है रे बावरा , बुनता ताना बाना ।

अन्त नाहि उस जाल का , फंसै उसी ठिकाना ।

निकलन का नहि राह , मूढ मन फिर फछताना ।

भज मन सीताराम ,सकल बिपत्ति निदाना ।

सब कुछ उन पर डारि दे , करम सहित परिणाम ।

फिर निश्चिन्त हो भाव से ,भज मन सीताराम ।

फिर नहि चिंता काहु की , शरण भरोशा राम ।

उथल पुथल सब शान्त हो , राम राम बिश्राम ।

महामंत्र इस जगत मे ,सुमिरन जय श्रीराम ।

राम राम श्रीराम जय , या फिर राधेश्याम ।

  चिंता से चिंता मिटै,जय श्रीसीताराम ।।

🙏

ऊँश्रीहरिनामशरणम्

🙏🌹

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