गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022

ज्योतिष ज्ञान : शंका समाधान / सिन्हा आत्म स्वरूप

 नक्षत्रो के प्रभाव से बाढ़ और अतिवृष्टि ,भुकम्प आता हैं...

...

वर्षा- बाढ और अतिवृष्टि लाते हैं यह योग : अभिजित, श्रवण, धनिष्ठा, रोहिणी, ज्येष्ठा, उत्तराषाढ़ा, अनुराधा, ये सात नक्षत्र वर्षा से संबंधित हैं। इनमें से किसी नक्षत्र में भूकंप आने की संभावना हो तो सात दिन पूर्व से ही भारी वर्षा होती है। बिजली चमकती है।


रेवती, पूर्वाषाढ़ा, आद्रा, अश्लेषा, मूल, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा, ये सात नक्षत्र जल से संबंधित है। यदि इनमें से किसी नक्षत्र में भूकंप आने के योग बनते हैं तो सात दिन पूर्व से समुद्र एवं नदी के तट पर भारी वर्षा होती है।




2

ज्योतिष में पंचमहापुरुष योग की चर्चा बहुत होती है। पंच मतलब 5, महा मतलब महान और पुरुष मतलब सक्षम व्यक्ति। पंच में से कोई भी एक योग होता है तो व्यक्ति सक्षम हो जाता है और उसे जीवन में संघर्ष नहीं करना होता है। आओ जानते हैं कि यह पंच महापुरुष योग से एक मालव्य योग के बारे में संक्षिप्त जानकारी।


क्या होता है मालव्य योग : यह योग शुक्र से संबंधित है। जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य योग बनता है।

 

असर : मालव्य योग का जातक सौंदर्य और कला प्रेमी होता है। काव्य, गीत, संगीत, फिल्म, कला और इसी तरह के कार्यों में वह सफलता अर्जित करता है। उसमें साहस, पराक्रम, शारीरिक बल, तर्क करने की क्षमता तथा समयानुसार उचित निर्णय लेने की क्षमता भी गजब की होती है।


3


Good Moon in Fifth House – पंचम भाव में चंद्रमा संतान सुख देता है। आपके बच्चे आपको ख़ुशी प्रदान करेंगे इसमें कोई संदेह नहीं है। आपको कन्या संतान का सुख अवश्य मिलेगा। आप अपने बच्चो तथा पत्नी से अत्यधिक प्यार करेंगे। आप विशेष रूप से तेजस्वी और बलवान होंगे। सभी कार्यो के प्रति सावधान रहना तो कोई आप से सीखे। यदि चन्द्रमा शुभ स्थिति में है तो आप उत्तम आचरण वाले होंगे।


आप बहुत ही खुश मिजाज इंसान होंगे। प्रेम करना तो कोई आप से सीखे। कहा जाय कि आप प्रेम के पुजारी है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मौज मस्ती करना तो आपके स्वभाव में ही है। आप बुद्धिमान होने


4


Sun in 3rd house


सूर्य तृतीय भाव में हों तो जातक अत्यन्त पराक्रमी, प्रबल प्रतापी, धनी, क्षमाशील, मधुरभाषी, मित्रों का हितकारी, स्त्री-पुत्रवान्, सहोदर भाइयों से कष्ट पाने वाला, वाहन-सुख-युक्त, युद्धजयी, सदैव सुन्दरी स्त्रियों के साथ विहार करने वाला, शत्रुओं का विनाशक, शूरवीर, उदार स्वभाव वाला, तीक्ष्ण-बुद्धि, शास्त्रीय विषयों में रुचि रखने वाला, सुन्दर शरीर वाला, उद्योगी, दृढ़-निश्चली, प्रवास-प्रिय, धुड़सवारी तथा युद्ध विद्या में प्रीति रखने वाला, स्पष्टवादी, सब काम डंके की चोट करने वाला, लब्ध प्रतिष्ठित, अनुयायी शिष्य एवं सेवकों से युक्त, तेजस्वी, राजमान्य, कवि, नैतिक साहस युक्त, सुकर्मी, स्वच्छ हृदय वाला तथा प्रिय भाषी होता है। ऐसा जातक प्रायः धन से सुखी रहता है। विशेष अशुभ होने पर बड़े भाई की हानि, सहोदरों की संख्या में अल्पता तथा सूर्य अशुभ हो तो भाई अथवा कुटुम्ब से अल्प सुख मिलता है तथा विष-अग्नि से भय, हड्डी टूटने, अथवा चर्म रोग होने की संभावना बनी रहती हैं। सूर्य पाप ग्रह से युक्त अथवा दृष्ट हो तो किसी भाई, बहिन की मृत्यु होती है अथवा भाई पुत्र-रहित होता है अथवा बहिन विधवा होती है। कभी किसी भाई की विष अथवा शस्त्र द्वारा मृत्यु भी हो सकती है तथा भाई-बहिन को सन्तान-विषयक कष्ट भी होता है।


5


कुंडली में राहु की शुभ-अशुभ स्थिति

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि, शुक्र और बुध लग्न भाव के स्वामी हैं तो राहु शुभ फल दे सकता है। राहु शुक्र, शनि और बुध का मित्र माना जाता है।

वहीं अगर कुंडली में सूर्य, चंद्र, मंगल या चंद्रमा लग्न भाव के स्वामी हैं तो राहु से अशुभ फल मिल सकते हैं। क्योंकि राहु इन ग्रहों का शत्रु है।

 कुंडली के तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में राहु शुभ फल देता है।


शुभ राहु का व्यक्ति पर असर...


कुंडली में राहु शुभ होने पर उस व्यक्ति का स्वभाव कठोर और तेज बुद्धि वाला व्यक्ति होता है।

जिन व्यक्तियों की कुंडली में राहु शुभ जगह पर आता है वह व्यक्ति धार्मिक स्वभाव का होता है। ऐसे व्यक्तियों का धर्म-कर्म के कार्यों में मन लगने लगता है।

राहु के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति अध्यात्म के क्षेत्र में आगे बढ़ने लगता है।

राहु का शुभ प्रभाव यश और सम्मान के साथ-साथ धनवान भी बना देता है। राहु के शुभ प्रभाव से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।



सिन्हा आत्म स्वरूप 




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें