प्रस्तुति-- अखौरी प्रमोद
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जापान की पांच दिवसीय यात्रा
पर पहुंच रहे हैं. दोनों देश तेजी से मुखर होते चीन को लेकर चौकस हैं.
जापान की यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को जापानी भाषा में ट्वीट
किया और जापानी जनता से मुखातिब हुए, "मैं अपनी जापान यात्रा को उस देश के साथ
भारत के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के
अवसर के रूप में देखता हूं." उन्होंने कहा कि वह छात्रों, उद्योगपतियों से लेकर राजनेताओं
तक जापानी समाज के सभी वर्गों से मुलाकात करेंगे.
शनिवार को मोदी जापान के प्राचीन शहर क्योडो पहुंचेंगे जहां उनका स्वागत प्रधानमंत्री शिंजो आबे करेंगे. यहां मोदी और आबे एक प्राचीन मंदिर जाएंगे, साथ ही मोदी स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेंगे. सोमवार को जापान की राजधानी टोक्यो में मोदी और आबे के बीच बैठक होनी तय है. बैठक में रक्षा, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दे शामिल हैं. कहा जाता है कि चीन के साथ बढ़ते क्षेत्रीय विवाद को देखते हुए आबे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ सहयोग को मजबूत करना चाहते हैं. जापानी प्रधानमंत्री ने अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की और जुलाई में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर टोनी एबॉट से मुलाकात की थी. 2012 में पद संभालने के बाद आबे ने चीन के राष्ट्रपति से औपचारिक वार्ता नहीं की है. ऐसा कहा जाता है कि मोदी और आबे के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं.
क्योडो न्यूज एजेंसी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच यूएस 2 एंफीबियस एयरक्राफ्ट के निर्यात की संभावनाओं और हाई स्पीड रेल तकनीक पर भी बातचीत हो सकती है. मोदी की यात्रा के दौरान भारत में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए जापान से सहयोग लेने का करार होने के कयास लगाये जा रहे हैं लेकिन बुलेट ट्रेन के सफर का अनुभव लेने के लिए उनका इसमें यात्रा करने का कोई कार्यक्रम नहीं है. मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2007 और 2012 में जापान की यात्रा कर चुके हैं.
मई में सरकार बनाने के बाद मोदी की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है. भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, "प्रधानमंत्री की जापान यात्रा बेहद महत्वपूर्ण होगी. परिणाम के संबंध में हमारी आशा है कि भारत और जापान सामरिक और वैश्विक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने में सक्षम होंगे." जापान के साथ असैन्य परमाणु करार भी भारत के एजेंडे में हैं. क्योडो न्यूज एजेंसी ने अकबरुद्दीन का हवाला देते हुए कहा कि 2010 में शुरू हुई बातचीत में हाल के दिनों में तेजी आई है और इसमें महत्वपूर्ण प्रगति हुई है.
एए/एजेए (डीपीए, एएफपी)
शनिवार को मोदी जापान के प्राचीन शहर क्योडो पहुंचेंगे जहां उनका स्वागत प्रधानमंत्री शिंजो आबे करेंगे. यहां मोदी और आबे एक प्राचीन मंदिर जाएंगे, साथ ही मोदी स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेंगे. सोमवार को जापान की राजधानी टोक्यो में मोदी और आबे के बीच बैठक होनी तय है. बैठक में रक्षा, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दे शामिल हैं. कहा जाता है कि चीन के साथ बढ़ते क्षेत्रीय विवाद को देखते हुए आबे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ सहयोग को मजबूत करना चाहते हैं. जापानी प्रधानमंत्री ने अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की और जुलाई में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर टोनी एबॉट से मुलाकात की थी. 2012 में पद संभालने के बाद आबे ने चीन के राष्ट्रपति से औपचारिक वार्ता नहीं की है. ऐसा कहा जाता है कि मोदी और आबे के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं.
क्योडो न्यूज एजेंसी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच यूएस 2 एंफीबियस एयरक्राफ्ट के निर्यात की संभावनाओं और हाई स्पीड रेल तकनीक पर भी बातचीत हो सकती है. मोदी की यात्रा के दौरान भारत में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए जापान से सहयोग लेने का करार होने के कयास लगाये जा रहे हैं लेकिन बुलेट ट्रेन के सफर का अनुभव लेने के लिए उनका इसमें यात्रा करने का कोई कार्यक्रम नहीं है. मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2007 और 2012 में जापान की यात्रा कर चुके हैं.
मई में सरकार बनाने के बाद मोदी की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है. भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, "प्रधानमंत्री की जापान यात्रा बेहद महत्वपूर्ण होगी. परिणाम के संबंध में हमारी आशा है कि भारत और जापान सामरिक और वैश्विक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने में सक्षम होंगे." जापान के साथ असैन्य परमाणु करार भी भारत के एजेंडे में हैं. क्योडो न्यूज एजेंसी ने अकबरुद्दीन का हवाला देते हुए कहा कि 2010 में शुरू हुई बातचीत में हाल के दिनों में तेजी आई है और इसमें महत्वपूर्ण प्रगति हुई है.
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- तारीख 29.08.2014
- कीवर्ड नरेंद्र मोदी, भारत, जापान, चीन, यात्रा
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