प्रस्तुति- अखौरी प्रमोद , रजनीश कुमार
प्रदूषण कम करने, सेहत बेहतर करने और जाम से बचने के लिए फ्रांस में साइकिल
से दफ्तर जाने वालों को पैसा देने का फैसला किया है. चार किलोमीटर साइकिल
चलाने पर एक यूरो मिलेगा. इससे जूस पिया जा सकता है.
परिवहन मंत्रालय की पहल पर फ्रांस की 20 कंपनियों ने यह प्रयोग शुरू किया
है. इन कंपनियों में 10,000 लोग काम करते हैं. प्रयोग के तहत साइकिल से
दफ्तर आने जाने वालों को 25 यूरो सेंट प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसा
दिया जाएगा, यानी एक किलोमीटर के लिए करीब 20 रुपया.
फ्रांस के परिवहन मंत्री फ्रेडेरिक कुविलिए के मुताबिक अगर प्रयोग के अच्छे नतीजे आए तो इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा. फ्रांस में घर से दफ्तर की औसत दूरी 3.5 किलोमीटर है. अनुमान के मुताबिक अगर 50 फीसदी लोग भी साइकिल से दफ्तर आने लगे तो साल में 80 करोड़ किलोमीटर की साइकिल चलेगी और 20 करोड़ यूरो खर्च होंगे. फिलहाल सिर्फ 2.4 फीसदी लोग ही पैडल मारकर दफ्तर जाते हैं.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में मार्च में प्रदूषण इतना बढ़ गया कि कारों पर कुछ दिन की पांबदी लगानी पड़ी. तीन दिन तक सार्वजनिक परिवहन मुफ्त कर दिया गया. यूरोप के दूसरे देशों में हालात ऐसे नहीं हैं. नीदरलैंड्स, डेनमार्क, जर्मनी, बेल्जियम और ब्रिटेन में काफी पहले से साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाता रहा है. इन देशों में अलग अलग 'बाइक टू वर्क' स्कीमें चल रही हैं. इनके तहत कार के बजाए साइकिल से दफ्तर जाने वालों को टैक्स में कुछ राहत या हर किलोमीटर के लिए भत्ता या फिर दूसरी किस्म की सुविधाएं मिलती हैं.
साइकिल की सवारी के कई फायदे हैं. प्रदूषण कम होता है. सेहत बेहतर होती है. ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है और खनिज तेल पर निर्भरता भी कम होती है.
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)
फ्रांस के परिवहन मंत्री फ्रेडेरिक कुविलिए के मुताबिक अगर प्रयोग के अच्छे नतीजे आए तो इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा. फ्रांस में घर से दफ्तर की औसत दूरी 3.5 किलोमीटर है. अनुमान के मुताबिक अगर 50 फीसदी लोग भी साइकिल से दफ्तर आने लगे तो साल में 80 करोड़ किलोमीटर की साइकिल चलेगी और 20 करोड़ यूरो खर्च होंगे. फिलहाल सिर्फ 2.4 फीसदी लोग ही पैडल मारकर दफ्तर जाते हैं.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में मार्च में प्रदूषण इतना बढ़ गया कि कारों पर कुछ दिन की पांबदी लगानी पड़ी. तीन दिन तक सार्वजनिक परिवहन मुफ्त कर दिया गया. यूरोप के दूसरे देशों में हालात ऐसे नहीं हैं. नीदरलैंड्स, डेनमार्क, जर्मनी, बेल्जियम और ब्रिटेन में काफी पहले से साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाता रहा है. इन देशों में अलग अलग 'बाइक टू वर्क' स्कीमें चल रही हैं. इनके तहत कार के बजाए साइकिल से दफ्तर जाने वालों को टैक्स में कुछ राहत या हर किलोमीटर के लिए भत्ता या फिर दूसरी किस्म की सुविधाएं मिलती हैं.
साइकिल की सवारी के कई फायदे हैं. प्रदूषण कम होता है. सेहत बेहतर होती है. ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है और खनिज तेल पर निर्भरता भी कम होती है.
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)
- तारीख 04.06.2014
- कीवर्ड साइकिल, ईबाइक, यूरोप में साइकिल, फ्रांस
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