रविवार, 1 नवंबर 2015

भारतीय युद्ध संग्रहालय, दिल्ली





प्रस्तुति- डा. ममता शऱण
 भारतीय युद्ध संग्रहालय, दिल्ली
भारतीय युद्ध संग्रहालय, दिल्ली
विवरण इस संग्रहालय की स्‍थापना उन सैनिकों को श्रद्धांजलि स्‍वरूप की गई थी जिन्‍होंने हिन्‍दुस्तान में अथवा विदेश में ब्रितानियों की ओर से विश्‍व-युद्ध में भाग लिया था।
राज्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
नगर दिल्ली
भौगोलिक स्थिति 28°39'20.8" उत्तर; 77°14'27.6" पूर्व
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी प्रारम्‍भिक दीर्घा में बाबर तथा इब्राहिम लोदी की आमने-सामने खड़ी हुई सेना के चित्र सहित पानीपत के युद्ध को दर्शाने वाली चित्रावली प्रदर्शित है। अन्‍य प्रदर्शित वस्‍तुओं में तीर, तलवार, खुकरियाँ, रिवाल्‍वर, मशीनगन तथा कवच आदि हैं।
अद्यतन‎
भारतीय युद्ध संग्रहालय दिल्ली के लाल क़िले में स्थित है। इस संग्रहालय की स्‍थापना उन सैनिकों को श्रद्धांजलि स्‍वरूप की गई थी जिन्‍होंने हिन्‍दुस्तान में अथवा विदेश में ब्रितानियों की ओर से विश्‍व-युद्ध में भाग लिया था। लाल क़िले के नौबत खाना अथवा नक्‍कार खाना (संगीत गृह) को, उसके प्रथम तथा द्वितीय तल पर संग्रहालय बनाने के लिए चुना गया। इस संग्रहालय में पूर्वमुखी इमारत के उत्‍तरी तथा दक्षिणी ओर से पहुंचा जा सकता है।

विशेषताएँ

  • प्रारम्‍भिक दीर्घा में बाबर तथा इब्राहिम लोदी की आमने-सामने खड़ी हुई सेना के चित्र सहित पानीपत के युद्ध को दर्शाने वाली चित्रावली प्रदर्शित है। अन्‍य प्रदर्शित वस्‍तुओं में तीर, तलवार, खुकरियाँ, रिवाल्‍वर, मशीनगन तथा कवच आदि हैं।
  • हाथीदांत की नक्‍काशीदार मूठ वाली विभिन्‍न कटारे, कवच तथा गुप्‍ती, युद्ध में इस्‍तेमाल की जाने वाली कुठारों जैसे छोटे हथियार भी दीर्घा में प्रदर्शित किए गए हैं।
  • शिरस्‍त्राण (हेलमेट), कवच तथा विभिन्‍न प्रकार की तलवारे, कटारें आदि दीर्घा संख्‍या 2 तथा 3 में प्रदर्शित हैं।
  • बम के फ्यूज, कवच, पिस्‍तौलों के प्रतिरूप, गोलियॉं, बारूद, फ्लास्‍क आदि प्रदर्शित वस्‍तुएं प्रथम विश्‍व युद्ध में प्रयुक्‍त किए गए अस्‍त्र-शस्‍त्रों तथा गोला-बारूप का विशद चित्र प्रस्‍तुत करता है।
  • अन्‍तिम दो दीर्घाएं हथियारों तथा संचार पर यूरोपीय औद्योगिकीकरण का प्रभाव दर्शाती हैा क्‍योंकि युद्ध में राडारों, दूरभाष, टेलीग्राफ, सिगनल लैम्‍प, परिदर्शी वाली बन्‍दूकों, खन्‍दक परिदर्शी आदि का इस्‍तेमाल प्रारम्‍भ हो चुका था।
  • तुर्की तथा न्‍यूजीलैण्‍ड के सेनाधिकारियों के विभिन्‍न प्रकार के बिल्‍ले, रिबन, वर्दी तथा झण्‍डे भी प्रदर्शित किए गए हैं।
  • संग्रहालय में प्रदर्शित सेना के यातायात के साधनों तथा रेल मालगाड़ी के पटरी के प्रतिरूप, बगदाद अरब बन्‍दरगाह तथा बसरा के गोदी-बाड़ा के प्रतिरूप दर्शकों का ध्‍यान आकर्षित करते हैं।
  • दीर्घा का अन्‍य आकर्षण जोधपुर के महाराजा प्रताप सिंह की सम्‍पूर्ण पोशाक है जिसमें कुर्ता, कमरबन्‍द, पाजामा, ज़री के काम वाली पगड़ी जूते तथा म्‍यान सहित नक्‍काशीदार तलवार शामिल है।[1]


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शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ


  1. भारतीय युद्ध संग्रहालय (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 9 जनवरी, 2015।

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