मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

ऑपरेशन कायाकल्प का कमाल स्कूल चलो अभियान’ बेमिशाल / राजेश सिन्हा

 *ऑपरेशन कायाकल्प के तहत योगी सरकार ने बदली स्‍कूलों की तस्‍वीर*


*प्रदेश के 88.29 हजार छात्र-छात्राओं को मिल रहा संस्‍कृत का ज्ञान*


*‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत लगभग 1.85 करोड़ बच्चों का हुआ नामांकन*


* राजेश सिन्हा

लखनऊ l 

प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संकल्पबद्ध हैं। योगी सरकार की नीतियों व योजनाओं के कारण आज प्रदेश के सभी बच्‍चों के कदम शिक्षा के पथ पर तेजी से अग्रसर हैं। प्रदेश में बेसिक शिक्षा की सुविधा में इजाफा करते हुए योगी सरकार ने लगभग 2.65 लाख विद्यालयों को संचालित किया। प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2020-21 में विद्यालयों में ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत लगभग 1.85 करोड़ बच्चों का नामांकन कराया गया जा चुका है। प्रदेश में सभी परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से नि:शुल्‍क पाठ्य पुस्तकें, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्वेटर दिया जा रहा है। ताकि वो आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रह जाएं।   


            प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा के संकल्प को सिद्ध करते हुए प्रदेश सरकार ने लगभग 1.20 लाख से अधिक सहायक अध्‍यापकों की भर्ती की गई है। परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को तकनीक आधारित शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग पांच हजार स्मार्ट क्लास प्रदेश में बनाए गए हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प करते हुए इन सभी को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।


*प्रदेश के 88.29 हजार छात्र-छात्राओं को मिल रहा संस्‍कृत का ज्ञान*

प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देते हुए कुल 1,151 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के जरिए 88.29 हजार छात्र-छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है। कोरोना काल में शैक्षिक गतिविधियों के संचालन के लिए योगी सरकार ने मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के वृहद् कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है। जिसमें डिजिटल व अन्‍य संचार के माध्‍यमों से बच्‍चों को शिक्षा देने का कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण, व्हाट्सएप क्लासेज व मिशन प्रेरणा यू-ट्यूब चैनल शामिल हैं। शैक्षिक सत्र 2020- 21 में व्हाट्सएप वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। जिनके तहत शिक्षकों व छात्र छात्राओं के 29.06 लाख ग्रुप बनाए गए हैं जिससे अब तक 67.73 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।

यूपी मे लाखो रोजगार की बहार / राजेश सिन्हा

 *एक साल में एक करोड़ युवाओं को मिलेंगे एमएसएमई से रोजगार*


*सीएम योगी ने एमएसएमई को 80 हजार करोड़ लोन देने का लक्ष्य दिया*


*20 लाख एमएसएमई होंगी लाभान्वित, सूबे की अर्थव्यवस्था को भी मिलेगी मजबूती*


*सीएम योगी ने बजट में स्वरोजगार योजना के लिए दिए सौ करोड़*


राजेश सिन्हा

*23 फरवरी, लखनऊ।

 प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसरों में काफी ईजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीति के कारण अगले एक साल में एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को 80 हजार करोड़ लोन देने का लक्ष्य बैंकों को दिया है। इस धनराशि से करीब 20 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगी और अमूमन एक इंडस्ट्री में चार से पांच लोगों को रोजगार मिलेंगे।

सीएम योगी की पहल पर कोरोना काल में युवाओं को निजी क्षेत्र में भी रोजगार दिलाने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य किया गया। इसी का परिणाम है कि प्रदेश सरकार के विशेष समन्वय से इस वित्त वर्ष में आवंटित लक्ष्य 61,759 करोड़ के सापेक्ष दिसंबर तक 61977 करोड़ (100.35) के लोन एमएसएमई को दिए गए हैं। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि योगी सरकार में एमएसएमई को अब तक का सबसे ज्यादा लोन दिया गया है और इससे लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल चुके हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष के बजट में स्वरोजगार योजना के लिए सौ करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं।

आर्थिक विशेषज्ञ अरविंद जायसवाल ने बताया कि योगी सरकार में एमएसएमई को बैंकों से जो सहूलियत मिल रही है। इससे सिर्फ एमएसएमई को ही नहीं लाभ मिल रहा है, बल्कि प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। इससे निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। 


*रोजगार उपलब्ध कराने में ग्रोथ इंजन साबित हो रहा एमएसएमई: नवनीत सहगल*

एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई ग्रोथ इंजन साबित हो रहा है। प्रदेश में पिछले चार साल में 49 लाख एमएसएमई ने निवेश किया है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने अगले वित्त वर्ष में एमएसएमई को 80 हजार करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य दिया है। इससे 20 लाख एमएसएमई को लाभ मिलेगा और करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। 


*चार आनलाईन मेलों में दिए 30 हजार करोड़ के लोन*

सीएम योगी ने बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के लिए 250 करोड़ प्रस्तावित किए हैं। ओडीओपी में पिछले साल 14 मई, 26 जून, सात अगस्त और तीन दिसम्बर को चार आनलाईन मेलों के माध्यम से 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को करीब 30 हजार करोड़ का लोन दिया था। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 19 से 23 अक्टूबर तक ओडीओपी वर्चुअल मेला फेयर का आयोजन किया गया। इसमें 35 देशों और देश के करीब 1000 खरीदारों ने हिस्सा लिया था।


*सीएम योगी ने अखिलेश सरकार से करीब दोगुना से अधिक दिया लोन*


*अपने ही रिकार्ड तोड़ रही योगी सरकार*

योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 46,594 करोड़, 2018-19 में 57,808 करोड़, 2019-20 में 71,080 करोड़ और 2020-21 में 61,977 हजार करोड़ रुपयों के लोन दिए गए हैं। यह इस वित्त वर्ष के लक्ष्य का 100.35 फीसदी है। योगी सरकार में दिसंबर तक कुल 2,37,459 करोड़ रुपए के लोन दिए गए हैं।


*सपा सरकार में उपेक्षित रही एमएसएमई*

सपा मुखिया अखिलेश यादव की सरकार के दौरान एमएसएमई को वित्त वर्ष 2012-13 में 13,248 करोड़, 2013-14 के दौरान 19,249 करोड़, 2014-15 में 22,439 करोड़, 2015-16 में 22,996 करोड़, 2016-17 में 28,136 करोड़ के लोन दिए गए हैं यानि सपा सरकार में कुल एक लाख छह हजार 68 करोड़ रुपए के लोन दिए गए हैं।

अखिलेश यादव यूपी की राजनीति के औरंगजेब है : निर्मल / राजेश सिन्हा

आंबेडकर के मानने वालों से अखिलेश यादव नफरत करते हैं*


*समाजवाद और बहुजनवाद के नाम से दलितों-पिछड़ों को क्षेत्रीय दलों ने छला* 


 राजेश  सिन्हा

लखनऊ : l 


उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के फर्जी समाजवाद और दलित प्रेम पर करारा प्रहार किया। लाल जी ने कहा अखिलेश यादव भारतीय राजनीति के औरंगजेब हैं। जिसने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को राजनीति से बेदखल कर उन्हें घर में बैठने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसे मुगल शासक की विचारधारा के लोगों को प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। विधानसभा चुनाव में कहीं दूर-दूर तक अखिलेश यादव दिखाई नहीं पड़ेंगे। 


डॉ. निर्मल ने आगे कहा कि आंबेडकर के मानने वालों से अखिलेश यादव नफरत करते हैं। वह केवल वोटबैंक के लिए समय-समय पर दिखावा करते रहते हैं। अखिलेश सरकार में कुल 195 लोगों को यशभारती पुरस्कार दिए गए, इसमें से एक भी दलित विद्वान नहीं थे। यह दिखाता है कि वह केवल मुगल मानसिकता से काम करते हैं। लखनऊ स्थित कांशीराम उर्दू, अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी का नाम बदल कर ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी कर दिया गया है, जबकि बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर की पत्नी के नाम पर बने रमाबाई नगर जिले का नाम बदल कर कानपुर देहात कर दिया गया। 


डॉ. निर्मल ने बताया कि अखिलेश यादव की राजनीति एक परिवार और एक जाति विशेष की राजनीति पर ही केन्द्रित है। समाजवादी पार्टी में दलितों का कोई स्थान नहीं है, यहाँ तक कि अनुसूचित जाति मोर्चे का कोई अध्यक्ष तक नहीं है। जब अखिलेश सत्ता में थे तो यही हाल उनकी सरकार में भी था। दलितों की आवाज को दबा दिया जाता था। मायावती से निजी दुश्मनी का बदला अखिलेश यादव ने दलितों से लिया। अखिलेश यादव की दलितों के प्रति नफरत इस कदर थी कि उन्होंने गैरदलितों को अनुसूचित जाति आयोग और वित्त निगम का अध्यक्ष तक बना दिया। 


डॉ. निर्मल ने कहा अखिलेश यादव तो अपना जन्मदिन तक देश में नहीं मनाते हैं। ऐसे नेताओं को हमारा गरीब, किसान, हाशिए का समाज हवाई नेता समझता है। वह दिन दूर नहीं, जब अखिलेश यादव पूरे देश में कहीं से भी चुनाव नहीं जीत पाएंगे। वह चुनाव जीतने के लिए, ऐसा लोकसभा क्षेत्र चुनते हैं जहां उनके जातियों की संख्या सबसे अधिक हो, लेकिन उनका सजातीय समाज भी अब जान गया है कि वह वोट भले ही पूरे समाज का लेते हैं, लेकिन वह केवल परिवार की राजनीति करते हैं। केवल परिवार का ही भला करते हैं। अब तो उनके परिवार में भी केवल 2 ही सांसद रह गए हैं।


उन्होने कहा कि मौजूदा वक्त में जनता ऐसे जातिवादी राजनीति और परिवारवादी पार्टियों को नकार रही है। हम जनता के बीच जाकर इस फर्जी समाजवाद और फर्जी बहुजनवाद के खतरों से पूरे प्रदेश के दलित समाज को अवगत कराएंगे। हम जनता को समझाएँगे कैसे समाजवाद और बहुजनवाद के नाम से दलितों-पिछड़ों को छलने वाले इन क्षेत्रीय दलों ने प्रदेश में जातिवाद को मजबूत कर आर्थिक साम्राज्य और परिवारवाद को बढ़ाने का काम किया  है ।

रविवार, 21 फ़रवरी 2021

सहभागिता और समन्वय से मिली कोविड पर जीत: मुख्यमंत्री

 *सहभागिता और समन्वय से मिली कोविड और इंसेफेलाइटिस पर जीत: मुख्यमंत्री*


*जेई टीकाकरण अभियान का सीएम की शुरुआत, ई-कवच एप का हुआ लोकार्पण*


*नवविवाहित दंपतियों को सीएम ने भेंट की 'शगुन -किट'*


*गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के टीकाकरण 'सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0 का हुआ शुभारंभ*


राजेश सिन्हा

लखनऊ l


 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 और मासूस बच्चों के असमय मृत्यु का कारण जापानी इंसेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण कर उत्तर प्रदेश ने अपनी क्षमता और लोककल्याण के संकल्प की प्रतिबद्धता का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। अंतर्विभागीय समन्वय और जन सहभागिता के बल पर तकनीक का प्रयोग करते हुए, कभी असंभव लगने वाली इन चुनौतियों पर हमने विजय पाई है। 

मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के विशेष टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए यह बातें कहीं। जेई और एईएस के व्यापक दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 40-42 वर्षों से यह बीमारी हज़ारों बच्चों की मौत का कारण बनी। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 1000 से 1200 तक की मौतें हर साल हुआ करती थीं। 40 साल तक मौत का यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन कोई प्रभावी इंतजाम नहीं हो सका। अंत में 2017 में एक समन्वित अभियान की शुरुआत हुई। स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाते हुए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ जनजागरूकता का महाभियायन शुरू हुआ। 'दस्तक अभियान' और 'जेई टीकाकरण' जैसे प्रयासों से आज इस बीमारी के प्रसार में 75 फ़ीसदी से अधिक गिरावट आई है, जबकि मौत के आंकड़ों में 95 फीसदी से अधिक कमी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने जेई पर नियंत्रण में पंचायती राज, बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभागों की भूमिका को भी सराहा। 


*ई-कवच से होगी सतत निगरानी:*

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की लाइन लिस्टिंग तैयार करने और टीकाकरण की सूचनाएं अपलोड करने के लिए 'ई-कवच' नाम के मोबाइल एप्लीकेशन का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे एक अभिनव प्रयोग बताया। सीएम योगी ने कहा को इस एप के माध्यम से जेई टीकाकरण की सतत मॉनिटरिंग की जा सकेगी।हमें उन बच्चों की सटीक जानकारी मिल सकेगी, जिनका जेई टीकाकरण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी टीका सही समय से न लगे तो वह प्रभावी नहीं हो पाता है। टीके को एक्टिवेट होने में समय लगता है। जेई के लिहाज से फरवरी सबसे सही समय है कि टीकाकरण किया जाए। 


*2.89 लाख नव दंपतियों को मिली परिवार नियोजन विधियों की सेवाएं*

खुशहाल परिवार दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने नवविवाहित दंपतियों को 'शगुन -किट' भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार कल्याण सेवाओं को गति देने के उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा बीते नवंबर माह से मुहिम के तौर पर हर माह की 21 तारीख 'खुशहाल परिवार दिवस' के रूप में मनाई जा रही है। यह दिवस मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने तथा जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जनसहभागिता से इस महत्वपूर्ण अभियान में भी सफलता मिलेगी। बता दें कि, बीते नवंबर, दिसंबर व जनवरी माह के दौरान 'खुशहाल परिवार दिवस' आयोजन के माध्यम से प्रदेश में 2,89,413 नव दंपतियों को परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई दोनों प्रकार की विधियों की सेवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। 


*37 जिलों में होगा नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण*

मुख्यमंत्री योगी ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देश में लगे लॉकडाउन के कारण टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए 'सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0' अभियान का शुभारंभ भी किया। इस अभियान के तहत प्रदेश के 37 जनपदों में नवजात शिशु एवं गर्भवती महिलाओं का आवश्यक टीकाकरण किया जाएगा।  टीकाकरण की महत्ता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इसकी सफलता के लिए व्यापक जन सहभागिता की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि यदि परिवार के किसी एक सदस्य को किसी तरह की बीमारी है तो अन्य लोग भी उससे प्रभावित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने टीकाकरण अभियान की सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए। 


*ई-कवच पर है साढ़े तीन लाख बच्चों का विवरण:*

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को 21 फरवरी से शुरू हो रहे पखवाड़े में जेई वैक्सीन से आच्छादित किया जाना है। छूटे हुए बच्चों को चिन्हांकित किए जाने संबंधी सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब तक इस एप्लीकेशन पर जेई टीकाकरण से छूटे हुए 3,50,000 बच्चों की प्रविष्टि भी दर्ज की जा चुकी है। जेई टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश के संवेदनशील 38 जनपदों में जी वैक्सीन से छूटे हुए 15 वर्ष छोटे सभी बच्चों को आच्छादित किया जाएगा। साथ ही कहा कि, सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0 दो चरणों में चलाया जाएगा। पहले चरण के अंतर्गत 23 फरवरी तथा 1 व 2 मार्च को टीकाकरण होगा, जबकि द्वितीय चरण में 23 मार्च,5 अप्रैल व 6 अप्रैल को टीकाकरण का कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने आभार ज्ञापन किया।

हजारों एकड़ जमीन को अतिक्रमण से छुड़ाया / राजेश सिन्हा

 *जो वर्षों में नहीं हुआ, उसे योगी जमीन को aने चार साल में किया: दिनेश शर्मा*


*सपा सरकार में नारा था- ‘सपा का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है’, जबकि योगी सरकार ने 67 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया*


*योगी सरकार प्रदेश के इतिहास में पहली ऐसी सरकार है, जिसने किसानों को 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया*


राजेश  सिन्हा

लखनऊ।*

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने पिछली सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी अब सपने देखने वाली पार्टी बन गई है। धरातल पर जनाधार खो चुकी सपा सिर्फ मीडिया में अपने झूठे आरोपों से जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। सरकार की लोकप्रियता के कारण उन्हें दिन में भी तारे दिखने लगे हैं, क्योंकि पिछली सरकारों ने जो वर्षों में नहीं किया, उसे योगी सरकार ने मात्र चार साल के कार्यकाल में कर दिखाया है। 

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जो गड्ढ़े किए थे, उसे भरने के साथ प्रदेश को विकास की राह पर लाने का काम योगी सरकार ने ही किया है। उन्होंने कहा कि किसान हितों को लेकर प्रदेश सरकार ने अनेक कार्य किए हैं। प्रदेश किसानों की आय दोगुनी करने की ओर बढ़ रहा है। 24 माफिया जेल में हैं, यूपी में जितनी चीनी मिलें हैं, उनका संचालन हो रहा है। वह हार से उबर नहीं पाए हैं। मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद और अनर्गल बयान देते हैं। हाल ही में चुनाव हुए थे, उनका सूपड़ा साफ हो गया। शिक्षक स्नातक चुनाव में बीजेपी को पूरी सफलता मिली। हम शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं, नकलविहीन परीक्षाएं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा डाटा सेंटर उत्तर प्रदेश में लगा है, जितने भी सर्वे हुए उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे आगे माना गया। सीएम योगी का कोविड मैनेजमेंट शोध का विषय बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी का सपना मुख्यमंत्री योगी पूरा कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि योगी सरकार में किसानों से जितनी खरीद हुई है, अगर उसकी तुलना समाजवादी पार्टी की दो सरकारों और बहुजन समाज पार्टी सहित 2003 से 2017 के बीच आई सरकारों से करें, तो योगी सरकार के साढ़े तीन वर्षों का कार्यकाल इनके कार्यकालों पर भारी पड़ता है।


*67 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को भूमाफिया से मुक्त*

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के दौरान नारा था कि ‘सपा का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है’। योगी सरकार ने एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाकर 67 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को भूमाफिया से मुक्त कराया है। सत्ता में रहने के दौरान इन लोगों ने जबरन किसानों की भूमि दबाई थी और सार्वजनिक जमीनों को कब्जा किया था। 


*इस साल 66 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय एमएसपी पर*

उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली ऐसी सरकार है, जिसने किसानों को करीब 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। चार साल में यूपी के 25 लाख से ज्यादा धान किसानों को 23328.80 करोड़ और 33 लाख से ज्यादा गेहूं किसानों को 29017.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस साल कोरोना के बावजूद 66 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय एमएसपी पर किया गया है।


*119 चीनी मिलें चला रही योगी सरकार*

उन्होंने कहा कि 2018 में योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में वृद्धि की थी। कोरोना काल के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की 119 चीनी मिलों का संचालन कर रही है। ये तब है, जब अन्य राज्यों की अधिकतर चीनी मिलें बंद हो चुकी थीं। गन्ना किसानों को जितना पिछली सरकारों में भुगतान हुआ था, उससे ज्यादा हमारी सरकार ने साढ़े तीन वर्षों में ही कर लिया था।

शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

उद्यम प्रदेश बनने की ओर यूपी / राजेश सिन्हा

 *रंग ला रही यूपी को उद्यम प्रदेश बनाने की सीएम योगी की मुहिम*

 

*यूपी में निवेश के लिए कंपनियों ने दिए ₹ 4.68 लाख करोड़ के प्रस्‍ताव*

 

*प्रदेश में ₹ 3 लाख करोड़ की नई परियोजनाएं शुरू हुईं*

 

*निवेश प्रोत्‍साहन के लिए 27 विभागों के साथ 'निवेश मित्र पोर्टल की स्थापना*

 

लखनऊ 20 फरवरी

 

यूपी को उद्यम प्रदेश बनाने की सीएम योगी की पहल रंग दिखाने लगी है। उत्‍तर प्रदेश में निवेश करने के लिए देशी विदेशी कंपनियों में होड़ लगी है। प्रदेश में निवेश के लिए कंपनियों ने ₹ 4.68 लाख करोड़ के प्रस्‍ताव दिए हैं । जिनमें से ₹ 3 लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है।

निवेश को आकर्षित करने की सरकार की प्रतिबद्धता, कानून व्यवस्था में निरन्तर सुधार और उद्यमियों को दी जा रही अन्‍य सुविधाओं ने यूपी को निवेशकों की आंखों का तारा बना दिया है। उत्‍तर प्रदेश में तेजी से बदलते माहौल और हालात में सुधार की तारीफ गुरुवार को खुद राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी की। बजट अभिभाषण के दौरान राज्‍यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ईज आफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में देश में दूसरे स्‍थान पर आग गया है। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए आयोजित इन्वेस्टर समिट के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। समिट में रु० 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्त हुए, जिनमें से लगभग रु० 3.00 लाख करोड़ की परियोजनाएं सक्रिय रूप से संचालित भी हो गई हैं ।

राज्‍यपाल ने कहा कि निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने हेतु 27 विभागों के साथ 'निवेश मित्र पोर्टल की स्थापना की गयी, जिसमें अब तक 227 सेवाएं सम्मिलित की जा चुकी हैं । कोरोना कालखण्ड में निवेश आकर्षित करने के लिए  इन्वेस्ट यूपी के अन्तर्गत हेल्पडेस्क स्थापित की गई । जिसके फलस्वरूप अब तक 56 परियोजनाओं के लिए 45 हजार करोड़ के निवेश प्रास्‍ताव मिले हैं।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स इस्ट्रियल कोरिडोर परियोजना का निर्माण भी प्रगति पर है।

यूपी में नौकारियों की बहार / राजेश सिन्हा

 सरकारी विभागों के रिक्त करीब 50 हजार पदों पर जल्द होगी भर्ती  

- मुख्यमंत्री ने विभागों के इन रिक्त पदों पर भर्ती के  प्रस्ताव पर जताई रजामंदी 

- उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भर्ती प्रक्रिया शुरु करने की कवायद हुई तेज  



राजेश सिन्हा

लखनऊ l  : 

राज्य के सरकारी विभागों में रिक्त करीब 50 हजार पदों पर जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया शुरु होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन रिक्त पदों को भरने के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की नई भर्ती प्रक्रिया पर अपनी सहमति जता दी है। जिसके तहत अब जल्दी ही आयोग इन पदों को भरने के लिए द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) कराएगा। इसके साथ ही आयोग वर्ष 2020 के पूर्व से लंबित उन 13 परीक्षाओं के अंतिम परिणाम भी अगले दो माह में जारी कर देगा। जिसके आधार पर पांच हजार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी। उसी के बाद आयोग विभिन्न विभागों में रिक्त करीब 50 हजार पदों पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरु करेगा।    


विभिन्न सरकारी विभागों के इन रिक्त पदों को भरने के लिए की जा रही कार्यवाही के बाबत उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि तमाम विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए आयोग की योजना तैयार हो गई है। प्रदेश सरकार को भी इस संबंध में जानकारी दी गई है। सरकारी विभागों के रिक्त पदों को पारदर्शी तरीके से भरने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई निर्देश दिए हैं। जिसके तहत आयोग ने विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली तैयार कर उसका प्रजेंटेशन बीते दिनों मुख्यमंत्री के समक्ष किया गया था। उसके बाद अब आयोग ने सरकारी विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए आयोग द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत  प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) कराने की तैयारी शुरु की है। आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को शार्ट लिस्ट किया जाएगा। इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। मुख्यपरीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। 


अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार, परिवार कल्याण विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 9212 पदों, राजस्व परिषद में राजस्व लेखपाल के 7882 पदों, कृषि निदेशालय में प्राविधिक सहायक-ग्रुप -सी के 1817 पदों, राजस्व परिषद में कनिष्ठ सहायक के 1137 पदों, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षक विभाग में सहायक लेखाकार के 1068 पदों, गन्ना एवं चीनी विभाग में गन्ना पर्यवेक्षक के 874 पदों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग में प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ के 700 पदों , वन विभाग में वन रक्षक के 694 पदों, प्रशिक्षण एवं सेवायोजना विभाग में अनुदेशक के 622 पदों और चिचित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक्सरे प्राविधिज्ञ के 456 पदों पर भर्ती करने के लिए कार्यवाही शुरु की गई है। इस साल इन सभी पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा भी कई अन्य विभागों के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही आयोग कर रहा है। 


आयोग के अधिकारियों के अनुसार इन सभी पदों पर अभ्यर्थियों की नियुक्तियां द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के आधार की जाएगी। जिसके तहत अभ्यर्थी चयन के लिए सबसे पहले प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) आयोजित की जाएगी। प्रारंभिक अर्हता परीक्षा दो घंटे की होगी। इस परीक्षा में कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्न का गलत जवाब देने पर निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था होगी। एक सवाल गलत होने पर 1/4 अंक काट दिया जाएगा। प्रारंभिक अर्हता परीक्षा रिजल्ट परसेंटाइल के आधार पर जारी किया जाएगा। इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। आयोग इन भर्तियों के लिए आवेदन की घोषणा जल्द ही करेगा। पदों के हिसाब से योग्यता निर्धारित की जाएगी। स्नातक, प्रोफेशनल कोर्सेज और इंटरमीडिएट समेत तकनीकी योग्यता वाले पदों पर ग्रुप वाइज आवेदन मंगाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए आयोग अलग-अलग विभागों से आए भर्ती प्रस्तावों को योग्यता के आधार पर अलग करेगा। मुख्य परीक्षा में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्तियां विभिन्न विभागों में की जाएंगी। इसके अलावा अन्य सरकारी विभागों के भी रिक्त पद इसी प्रक्रिया से भरे जाएंगे।  


जिन सरकारी पदों की भर्तियों करने को लेकर बीते दो वर्षों में प्रारम्भिक परीक्षा हो चुकी है, उनका अंतिम परिणाम घोषित करने को लेकर आयोग के अधिकारियों का कहना है कि अवर अधीनस्थ सेवा का अंतिम परिणाम घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार मंडी परिषद में टंकन एवं आशुलेखन परीक्षा बीते माह हो चुकी है, इसका अंतिम परिणाम अगले माह मार्च में घोषित कर दिया जाएगा। कनिष्ट सहायक, ग्राम विकास अधिकारी, होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के लिए हुई परीक्षा के अंतिम परिणाम अगले माह के अंत तक घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग के पुर्नगठन के बाद 17,243 अभ्यर्थियों को नौकरी देने की संस्तुति आयोग के स्तर से की जा चुकी है। जिसके आधार पर अभ्यर्थियों को सरकार के स्तर से नियुक्ति पत्र भी दिए जा चुके हैं। 


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यूपी में निवेश का एक और ऐतिहासिक कदम / राजेश सिन्हा

 यूपी में निवेश का एक और ऐतिहासिक कदम

 

सरकार का आइकिया के साथ वर्चुअल एमओयू,सीएम योगी भी रहे मौजूद


यूपी में साढ़े पांच हजार करोड़ का निवेश करेगी स्‍वीडिश कंपनी आइकिया

 

युवाओं को रोजगार,व्‍यापार से जोड़ने में योगी सरकार को मिली बड़ी सफलता

 

फर्नीचर,होम अप्‍लायेंस बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है आइकिया

 

नोएडा में आइकिया ने सरकार से 850 करोड़ की जमीन खरीदी

 

पूर्वांचल और मध्‍य यूपी के दर्जन भर शहरों पर भी है कंपनी की नजर

 

कारीगरों, हुनरमंदों के लिए बड़े मौके लेकर आएगा ये निवेश

 

नोएडा में आइकिया भारत का अपना सबसे बड़ा आउटलेट शुरू करने जा रही है

 

10500 करोड़ रुपये के निवेश से देश में कुल 25 आउटलेट खोलेगी आइकिया

 

लखनऊ 19 फरवरी

 

यूपी में रोजगार सृजन की दिशा में योगी सरकार ने शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ा दिया । रोजगार का इंतजार कर रहे यूपी के युवाओं के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने निजी क्षेत्र में बड़े अवसर की नींव रख दी । राज्‍य सरकार ने शुक्रवार को फर्नीचर व होम अप्‍लायेंस बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक आइकिया के साथ एमओयू साइन किया । नोएडा में आइकिया भारत का अपना सबसे बड़ा आउटलेट शुरू करने जा रही है । स्‍वीडेन की कंपनी यूपी में साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी । कंपनी के साथ वर्चुअल एमओयू हस्‍ताक्षर कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ खुद मौजूद रहे ।

कंपनी नोएडा में अपना पहला स्‍टोर शुरू करने जा रही है । इसके लिए आइकिया प्रबंधन ने नोएडा में यूपी सरकार से 850 करोड़ की जमीन खरीदी है । नोएडा में जमीन की बिक्री की स्टांप ड्यूटी से ही यूपी को 60 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। नोएडा में खुल रहे स्टोर से जहां हजारों युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे खुलने जा रहे हैं, वहीं कंपनी की नजर अगले चरण में पूर्वांचल और मध्‍य यूपी के करीब दर्जन भर शहरों पर है । कंपनी की योजना आने वाले दिनों में यूपी के इन शहरों में विस्‍तार की है।  

आइकिया के साथ एमओयू हस्‍ताक्षर को यूपी में रोजगार के लिहाज से योगी सरकार की बड़ी सफलता माना जा रहा है। दुनिया के 52 देशों में अपने आउटलेट खोल कर बड़ी संख्‍या में रोजगार और स्‍वरोजगार उपलब्‍ध कराने वाली स्‍वीडन की कंपनी नोएडा के रास्‍ते यूपी में साढ़े पांच हजार करोड़ का निवेश कर प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष तौर से करीब 50 हजार लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराने जा रही है । योगी सरकार ने आइकिया को आउटलेट बनाने के लिए नोएडा में 47833 वर्ग मीटर जमीन उपलब्‍ध कराई है ।

कोरोना काल के दौरान देश विदेश की कंपनियों की तरफ से यूपी में 57 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्‍ताव मिले थे। अमेरिका,यूरोप, उत्‍तरी अफ्रीका, मध्‍य पूर्व और पूर्वी एशिया समेत 52 देशों में 433 से ज्‍यादा सेंटर संचालित करने वाली आइकिया अब यूपी में बड़ा निवेश करने की तैयारी में है। कंपनी के सीएफओ पीटर बेटजेल ने शुक्रवार को इसके संकेत भी दे दिए हैं। बेटजेल ने यूपी में संभावनाओं की चर्चा करते हुए कहा क‍ि यह हमारे लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है। हम यहां बेहतर और बड़ा काम करना चाहेंगे ।

कंपनी 2025 तक योगी सरकार के साथ तय योजना के मुताबिक अपने सभी आउटलेट शुरू कर देगी । फर्नीचर के साथ होम अप्‍लाएंस और फूड के क्षेत्र में भी उतर चुकी आइकिया के जरिये योगी सरकार यूपी के लोगों को नौकरी के साथ ही बड़ी तादाद में खुद के व्‍यापार का रास्‍ता भी तैयार करने जा रही है । जानकारों के मुताबिक कंपनी अपने उत्‍पादों को आन लाइन बेचने के साथ ही अलग अलग शहरों में फ्रेंचाइजी और शोरूम भी खोलेगी। जिनके जरिये बड़ी संख्‍या में लोगों को व्‍यापार और रोजगार का मौका मिल सकेगा । इसके साथ ही स्‍थानीय स्‍तर पर हुनरमंद और कारीगरों को भी कंपनी के जरिये काम मिल सकेगा।  

कंपनी ने दिसंबर 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ नोएडा और राज्य के अन्य शहरों में 5,500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्‍ताव दिया था। उद्योग मंत्री सतीश महाना के मुताबिक आइकिया को नोएडा में 47,833 वर्ग मीटर जमीन की रजिस्‍ट्री कर दी गई है। आइकिया ने 2016 में हैदराबाद में अपना पहला सेंटर 700 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया था । आइकिया की योजना भारत में 10500 करोड़ रुपये का निवेश कर 2025 तक कुल 25 सेंटर खोलने की है । कंपनी भारत में कुल निवेश का आधे से अधिक हिस्‍सा यूपी में करने जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले 4 साल में नोएडा में यह पांचवां बड़ा विश्‍वस्‍तरीय निवेश है। इससे पहले माइक्रोसाफ्ट, सैमसंग,हीरानंदानी समूह का डाटा सेंटर और थैलेस कंपनी बड़ा निवेश कर चुकी हैं, जबकि फिल्‍म सिटी और फिन्‍टेक जैसी बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

पीएम किसान समाधान अभियान एक से तीन मार्च तक*

 पीएम सम्मान निधि मिलने में आ रही दिक्कत, तो समाधान दिवस पर करें संपर्क



*सीएम योगी ने दिए निर्देश सम्मान निधि से संबंधित समस्याओं का प्राथमिकता पर होगा निस्तारl


*पीएम किसान समाधान दिवस एक से तीन फरवरी तक पूरे प्रदेश में किया गया था लागू*


राजेश सिन्हा

19 फरवरी, लखनऊ।*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कर रहे हैं। सीएम योगी ने पीएम किसान सम्मान निधि से संबंधित समस्याओं के निपटारे के लिए जिले स्तर पर पीएम किसान समाधान अभियान एक से तीन मार्च तक चलाने का निर्देश दिया है। इस बाबत अपर मुख्य सचिव कृषि ने शासनादेश भी जारी कर दिया है। इससे पहले भी इसी माह एक से तीन फरवरी तक पीएम किसान समाधान दिवस पूरे प्रदेश में लागू किया गया था। 

अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी किए गए शासनादेश में कहा गया है कि जिन किसानों का आधार नंबर गलत होने के कारण या आधार के अनुसार नाम सही नहीं होने के कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल रहा, वे एक से तीन मार्च तक कार्यालय अवधि में अपने विकास खंड के राजकीय बीज गोदाम पर अपने आधार कार्ड बैंक खाते का विवरण के साथ पहुंचे और अपना डाटा ठीक कराएं। 

उन्होंने कृषि निदेशालय को निर्देश दिया है कि इस बाबत आधार इनवैलिड और नाम मिसमैच के लाभार्थियों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर भी बताया जाए। 

उन्होंने कृषि निदेशक और प्रदेश के सभी डीएम को हर विकास खंड पर कृषि विभाग के राजकीय बीज गोदाम पर कृषि विभाग और अन्य विभागों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को आवश्यकतानुसार तीन दिन के लिए तैनात करें, जहां किसानों की आधार संख्या को और आधार के अनुसार नाम को pmkisan.gov.in पोर्टल पर तुरंत दुरुस्त किया जाए। जिन किसानों को योजना की कम से कम एक किश्त मिल रही है, लेकिन उनका आधार संख्या या नाम त्रुटिपूर्ण है, तो ऐसे किसानों का विवरण लेते हुए उनका शत प्रतिशत सत्यापन कराते हुए डाटा दुरुस्त कराया जाए। 


*किसानों की अन्य समस्याओं का भी होगा समाधान*

Pmkisan.gov.in पर जनपदीय उप कृषि निदेशक के लॉगिन के अंदर इनवैलिड आधार करेक्शन और आधार के अनुसार नाम संशोधन की प्रगति प्रदर्शित होती है, उस पर प्रदर्शित हो रही सूचना के अनुसार रोजाना सभी मामलों का समाधान किया जाए। यह समाधान मुख्य रूप से इनवैलिड आधार और आधार के अनुसार नाम सही कराने के लिए आयोजित किया जा रहा, लेकिन अन्य समस्या को लेकर किसान विकास खंड पर पहुंचता है, तो उसका भी यथोचित उत्तर समाधान दिवस में दिया जाए। 


*विकास खंड स्तर पर होगा समाधान दिवस*

उन्होंने सभी डीएम को निर्देश दिए हैं कि विकास खंड स्तर पर समाधान दिवस का संचालन कृषि विभाग के बीज गोदाम प्रभारी की ओर से किया जाएगा। उनके पर्यवेक्षण के लिए जिले के श्रेणी 2 के किसी भी अधिकारी को डीएम स्तर से नामित किया जाएगा।

रोजगार देने के मामले में सबसे आगे यूपी

 *मनरेगा में सर्वाधिक रोजगार सृजन कर यूपी बना नम्बर वन*


*-2,958 लाख मानव दिवसों का सृजन, करीब 1.03 करोड़ श्रमिकों को मिला रोजगार*


*83 हजार से अधिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों का हुआ अनुरक्षण और मरम्मत*


राजेश सिन्हा

*लखनऊ, 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से उत्तर प्रदेश नम्बर वन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से उत्तर प्रदेश मनरेगा में रोजगार सृजन का रिकार्ड कायम कर रहा है। मनरेगा के तहत अब ना सिर्फ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा, बल्कि गांव - गांव में हजारों की संख्या में तालाब और शौचालयों का निर्माण हो गया है। कई और निर्माण कार्य भी हुए हैं, जिनके चलते अब गांवों की बदरंग तस्वीर बदलने लगी है। राज्य के गांवों में सुविधाओं का इजाफा हुआ और इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गांवों के विकास पर ध्यान देना है। गुरुवार को विधानमंडल में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में मनरेगा के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की सराहना की।


मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए 3,500 लाख मानव दिवस के लक्ष्य के सापेक्ष 2,958 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में कुल 1.03 करोड़ श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया है, जो पूरे देश में सर्वोच्च है। मनरेगा के तहत हुए यह निर्माण कार्य एक रिकार्ड हैं। कोरोना संकट के दौरान लाकडाउन के समय जब देशभर से करीब चालीस लाख प्रवासी श्रमिक यूपी लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर मनरेगा में उन्हें रोजगार दिया गया। जिसके चलते लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के तहत राज्य में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देखते ही देखते ही पूरा हो गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यूपी में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तय किए गए लक्ष्य को नौ करोड़ बढाकर 35 करोड़ कर दिया है। इसके अलावा, गांव -गांव में जल संचयन के लिए इस वर्ष प्रदेश में 19,951 तालाब बनाए गए हैं। इसी प्रकार 18,206 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है और 99,454 पशु आशय स्थल निर्माणाधीन है। 24,798 पंचायत भवन और 56,906 सामुदायिक शौचालय भी मनरेगा कन्वर्जेन्स के अतंर्गत बनाए गए हैं। 6,020 बकरी शेड बन गए हैं और 24,655 शेड निर्माणाधीन हैं। यहीं नहीं मनरेगा योजना के तहत 8.80 करोड़ पौधों का रोपण राज्य में कराया गया है। बीते चार वर्षों में मनरेगा के तहत राज्य में 15,541 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी कराया गया है। राज्य की 25 नदियों का पुनरुद्धार भी इस समयावधि में किया गया है।  


*सकारात्मक माहौल, बदली गांव की तस्वीर:*

मनरेगा के तहत राज्य में कराए गए निर्माण कार्यों के तहत गांवों की तस्वीर बदली है। इस तस्वीर को और बेहतर करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करेगी। सरकार के इस फैसले से राज्य में मानव रोजगार दिवस के सृजन का लक्ष्य 40 करोड़ से भी अधिक करने में सहायता होगी। मनरेगा से जुड़े अफसरों के अनुसार अगले मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का रोजगार का सृजन करने संबंधी लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इतनी संख्या में पहले कभी रोजगार नहीं दिया गया। बीते तीन वर्षों में मनरेगा योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया जा चुका है। ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 16,000 पंचायत भवनों की मरम्मत करके पुस्तकालय सेवा केंद्र के रूप में विकास कराया गया है। इसके अलावा, 83 हजार से अधिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों का अनुरक्षण और मरम्मत का काम भी किया गया।

घर घर पानी देने की कहानी चालू

 *30 हजार गांवों में हर घर पेयजल देने की योजना शुरू: राज्यपाल*


*2024 तक पाइप पेयजल योजना से हर घर जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य*


*बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी गांवों को शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित करने के लिए योजनाएं स्वीकृत*


* राजेश सिन्हा

19 फरवरी, लखनऊ।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी गांवों को शुद्ध पाइप पेयजल से जोड़ने के लिए योजनाएं स्वीकृत कर शुरु कर दी गई हैं। इससे वर्ष 2024 तक 30 हजार गांवों में हर घर शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। निर्माण के बाद अगले 10 वर्षों तक इन योजनाओं का रखरखाव भी कार्यदायी संस्था की ओर से किया जाएगा।

आज से शुरू हुए बजट सत्र में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल योजना से हर घर जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी गांवों को शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित करने के लिए योजनाएं स्वीकृत कर कार्य शुरू कर दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जो गुणता प्रभावित बस्तियां हैं, जेई/एईएस से प्रभावित बस्तियां हैं, आकांक्षात्मक जनपद हैं, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम हैं और अन्य छूटे हुए ग्रामों में भी पाइप पेयजल योजना शुरू करने के लिए पूरे प्रदेश के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बिड के माध्यम से सक्षम कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर लिया गया है और लगभग 30 हजार ग्रामों को पाइप पेयजल योजना से आच्छादित करने की कार्यवाही शुरू हो गई है।


*14 जिलों में लग रहे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आरओ*

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आरओ पेयजल योजना के तहत बस्ती और गोरखपुर मण्डल जापानी इन्सेफेलाइटिस/एक्यूट इन्सेफेलाइटिस से प्रभावित सात जिलों और बुन्देलखण्ड के क्षेत्र के सात जिलों कुल 14 जिलों के 28 हजार से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 25-25 लीटर क्षमता के 'अल्ट्रा फिल्ट्रेशन तकनीकी पर आधारित जल शोधन संयन्त्रों का अधिष्ठापन किया जा रहा है।



*चार चरणों में शुरू हुआ काम*

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में इस योजना को चार चरणों में पूरा किया जाना है। पहला चरण बुंदेलखंड में, दूसरा विंध्याचल, तीसरा इंसेफेलाइटिस, जापानी बुखार से पीड़ित क्षेत्र और चौथा फ्लोराइड और आर्सेनिक ग्रसित गंगा तटीय क्षेत्र में किया जाना है। सरकार बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर और महोबा में करीब 2185 करोड़ की लागत से 12 परियोजनाओं पर काम कर रही है। जून में शुरू हुई योजना के जरिए सरकार बुंदेलखंड में ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 67 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। इसके अलावा नदियों और डैमों के पानी को स्‍वच्‍छ करने पर भी काम हो रहा है। झांसी में 1627.94 करोड़ की लागत वाली 10 योजनाएं वाटर पर आधारित होंगी। ललितपुर में 1623.47 करोड़ की लागत वाली 16 सरफेस वाटर रिसोर्स और 12 भूजल (ग्राउंड वाटर) आधारित पाइप पेयजल योजनाएं होंगी। वहीं महोबा में 1219.74 करोड़ की लागत से 364 गांवों तक पानी पहुंचाया जाएगा।



*सोनभद्र और मीरजापुर में खत्म होगी शुद्ध पेयजल की किल्लत*

विंध्‍य क्षेत्र के सोनभद्र और मीरजापुर में नवंबर में शुरू हुई योजना पर काम शुरू हो गया है। इसके जरिये योगी सरकार 41 लाख से ज्‍यादा ग्रामीणों तक स्‍वच्‍छ जल पहुंचाने के लिए युद्ध स्‍तर पर जुट गई है। योगी सरकार मीरजापुर के 1606 गांवों में पाइप के जरिये पेयजल सप्‍लाई शुरू करेगी। इससे केवल मीरजापुर के 2187980 ग्रामीणों और सोनभद्र के 1389 गांवों के 1953458 परिवार पेयजल सप्‍लाई योजना से जुड़ गए हैं। सोनभद्र में झील और नदियों के पानी को शुद्ध करके पीने के लिए सप्‍लाई किया जाएगा। मीरजापुर में बांध पर एकत्र किए गए पानी को शुद्ध करके पीने योग्‍य बनाकर सप्‍लाई किया जाएगा। मीरजापुर और सोनभद्र के लाखों परिवारों को राहत देने वाली इस योजना का वर्चुअल शिलान्‍यास नवंबर में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

दूध उत्पादन में सबसे आगे यूपी

 *रंग ला रही गो संरक्षण-संवर्द्धन की नीति, दुग्ध उत्पादन में अव्वल है यूपी*


*नन्दबाबा और गोकुल पुरस्कारों से पशुपालकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल*


*प्रदेश के 10 जिलों में जल्द लोकार्पित होंगी ग्रीनफील्ड डेयरियां*


राजेश सिन्हा

लखनऊ, 19 फरवरी:*

गो-वंश के संरक्षण और संवर्धन की योगी सरकार की नीतिया रंग ला रही है। सरकार की नीतियों से न केवल निराश्रित गोवंश का संरक्षण हो रहा है, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी साल-दर-साल रिकॉर्ड बन रहा है। नतीजतन दुग्ध उत्पादन के मामले में उत्तरप्रदेश लगातार नम्बर एक के पायदान पर है। गुरुवार को विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में सरकार के इन प्रयासों की सराहना की।


राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि साल 2017–18 में उत्तर प्रदेश में 29,052 हज़ार टन दूध का उत्पादन हुआ था, जो 2018-19 में बढ़कर 30519 हजार टन हो गया। दूध उत्पादन में दूसरे नंबर पर राजस्थान का नंबर आता है। दूध उत्पादकों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा दुधारु पशुओं के रखरखाव हेतु प्रोत्साहित करके दूध उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गोकुल पुरस्कार एवं देशी गोवंश की गाय से सर्वाधिक दूध उत्पादक को नंदबाबा पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। इससे पशुपालकों के बीच एक अच्छा सन्देश भी गया। इस नीति ने पशुपालन में एक नई क्रांति सा माहौल तैयार किया है। यही नहीं, प्रदेश सरकार राज्य में 10 ग्रीनफील्ड डेयरियों की स्थापना करा रही है। यह ग्रीनफील्ड डेयरियां कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, कन्नौज, गोरखपुर, फिरोजाबाद, अयोध्या और मुरादाबाद में स्थापित की जा रही हैं। साथ ही, झांसी, नोएडा, अलीगढ़ तथा प्रयागराज की 4 पुरानी डेयरियों के उच्चीकरण का कार्य भी कराया जा रहा है।


*दुग्ध किसानों को मिल रहे क्रेडिट कार्ड:* योगी सरकार प्रदेश में पंजीकृत 12 लाख से अधिक दुग्ध किसानों का क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करा रही है। प्रदेश के 75 जिलों में करीब 21,537 दुग्ध समितियां हैं, जिनसे लगभग 1279,560 पंजीकृत दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन्हीं दुग्ध उत्पादकों को लक्ष्य करके किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने पर जोर दिया जा रहा है। जिला और ब्लॉक स्तरीय बैंक समितियां व बैंक मित्र दुग्ध संघ के तहत पंजीकृत दुग्ध किसानों को लक्ष्य कर रही हैं, जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है।


*445.07 लाख पशुओं का टीकाकरण:* प्रदेश में पशुओं की नस्ल सुधार हेतु पशु प्रजनन नीति 2018 क्रियान्वित की जा रही है। यही नहीं प्रदेश में खुरपका-मुंहपका रोग के नियंत्रण हेतु इस वित्तीय वर्ष में 520.36 लाख का लक्ष्य के सापेक्ष 445.07 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। प्रदेश के द्वारा गोवंश संरक्षण केंद्र एवं गोवंश वन्य बिहार का निर्माण किया जाए जा रहा है, इनमें से 118 केंद्र का निर्माण कार्य पूर्ण भी हो चुका है। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत 66 हजार से अधिक गोवंश, इच्छुक पशु पालकों की सुपुर्दगी में दिए गए हैं। यही नहीं, अब तक पांच हजार से अधिक आश्रय स्थलों में 5.31 लाख गो वंशीय पशु संरक्षित किए गए हैं।

एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर योगी सरकार का जोर

 राज्य में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का हो रहा लगातार प्रयास : राज्यपाल


-राज्य में बढ़ रही हवाई अड्डों की संख्या, वर्तमान में सात हवाई अड्डे क्रियाशील 

- हवाई अड्डों पर देर रात लैंड होने लगी फ्लाइटें, विदेश जाने वाली फ्लाइटों में इजाफा  

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 राजेश सिन्हा

लखनऊ l : 

विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत के पहले दिन बृहस्पतिवार को सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। गौतमबुद्धनगर के जेवर में विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास कराया जा रहा है, जिसकी भविष्य  में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत औद्योगिक निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। 


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण में प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति-2017 के प्रख्यापित किए जाने और राज्य में बनाए जा रहे हवाई अड्डों का भी जिक्र किया। 

उन्होंने कहा कि कुशीनगर हवाई-अड्डा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार हो चुका है। इसी प्रकार शीघ्र ही लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर और अयोध्या में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हवाईअड्डे हो जाएगे। अभी राज्य में कुल सात हवाई अड्डे लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर , प्रयागराज और हिंडन ही क्रियाशील हैं। जबकि आगामी 8 मार्च से बरेली हवाई अड्डे से भी उड़ाने शुरु हो जाएंगी। इसके अलावा चार हवाई अड्डों अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती तथा मुरादाबाद में भी निर्माण कार्य पूरा हो गया है। सोनभद्र और चित्रकूट में निर्माण कार्य चल रहा है तथा सहारनपुर, झांसी, मेरठ और ललितपुर में भूमि प्राप्त करने की कारवाई की जा रही है। 

             

नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में करीब चार वर्षों में हुए कार्य का राज्यपाल के अभिभाषण में हुआ यह उल्लेख प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाने सरीखा है। योगी सरकार ने राज्य में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जितना कार्य किया है, उतना सूबे में रही किसी भी सरकार ने नहीं किया था। वर्तमान में राज्य के सात हवाई अड्डों से लोग देश भर में आ जा रहे हैं। इन हवाई अड्डों पर देश और विदेश के बड़े हवाई जहाज लैंड कर रहें हैं। सूबे के  लखनऊ और वाराणसी हवाई अड्डों पर भी अब देर रात फ्लाईट लैंड कर रहीं हैं, जबकि आज से करीब आठ साल पहले रात ग्यारह बजे लखनऊ का हवाई अड्डा बेरौनक हो जाता था। इसकी वजह थी रात ग्यारह बजे के बाद लखनऊ हवाई अड्डे पर किसी फ्लाईट का ना आना। अब प्रदेश सरकार ने हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर देकर माहौल बदला है। सरकार ने नये हवाई अड्डे बनाने में रूचि ली तो अब देश के हर हिस्से में जाने वाली फ्लाईटो की संख्या सूबे के सात हवाई अड्डों पर बढ़ाने लगी है। विदेश जाने वाली फ्लाइटों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 

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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

उम्रदराज़ न बनें। 🌹💐🌹💐🌹💐

 उम्र को 

दराज़ में रख दें

उम्रदराज़ न बनें।


खो जाएं ज़िन्दगी में,

मौत का 

इन्तज़ार न करें।


जिनको आना है आए,

जिसको जाना है जाए,

पर हमें जीना है,

हैं ये न भूल जाएं।


जिनसे मिलता है प्यार,

उनसे ही मिलें बार बार,


कभी बचपन को जीएं

तो कभी जवानी को,

पर न छोड़ें बुढापे में भी 

सपने संजोने को।


महफिलों का शौक रखें,

दोस्तों से प्यार करें,

जो रिश्ते हमें समझ सकें

उन रिश्तों की कद्र करें।


बंधें नहीं किसी से भी,

ना किसी को बँधने पर

मजबूर करें।


दिल से जोड़ें

हर रिश्ता, और

उन रिश्तों से 

दिल से जुड़े रहें।


हँसना अच्छा होता है,

पर अपनों के लिये 

रोया भी करें।


याद आएं कभी अपने तो 

आँखें अपनी नम भी करें,


ध्यान रखें कि 

ज़िन्दगी चार दिन की है,

तो फिर 

शिकवे शिकायतें

कम ही करें ...


उम्र को 

दराज़ में रख दें

उम्रदराज़ न बनें।

🌹💐🌹💐🌹💐🌹

बिजली आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार

 *बिजली आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार, ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता: राज्यपाल*


*121.32 लाख मजरों का विद्युतीकरण किया और 138.01 लाख लोगों को बिजली कनेक्शन दिए*


*मार्च 2017 से अब तक 110 ट्रांसमिशन उपकेंद्रों और उससे जुड़ी लाइनों का ऊर्जीकरण, 656 नए 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र स्थापित और 1216 बिजली उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई* 


  राजेश सिन्हा

लखनऊ 


 आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश में बिजली विभाग की ओर से किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार लाया गया है। वर्तमान में जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 21 घंटे 30 मिनट और गांवों में 18 घंटे आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित है और उसी के अनुसार आपूर्ति भी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए 121.32 लाख मजरों का विद्युतीकरण किया गया है और कुल 138.01 लाख बिजली कनेक्शन दिए गए हैं।

आज से शुरू हुए बजट सत्र में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने बिजली विभाग की ओर से किए गए कार्यों का सिलसिलेवार ब्योरा रखा। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 से अब तक 110 ट्रांसमिशन उपकेंद्रों और उससे जुड़ी लाइनों का ऊर्जीकरण किया जा चुका है। 656 नए 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किए गए हैं और 1216 बिजली उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई है। उन्होंने अपने अभिभाषण के जरिए बताया कि सरकार ने न सिर्फ बिजली का उत्पादन बढ़ाया है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के साथ नए बिजली कनेक्शन भी दिए हैं। 


*सौर ऊर्जा उत्पादन भी बढ़ा, सोलर स्ट्रीट लाइट के 62,460 संयन्त्रों की स्थापना भी हुई*

उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा नीति-2017 लागू की गई है, जिसके तहत 1,272 मेगावाट क्षमता की सौर बिजली उत्पादन परियोजनाओं का आवंटन किया जा चुका है। करीब 1,019 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा 1470 मेगावाट सौर ऊर्जा के ओपेन एक्सैस के प्रस्ताव स्वीकृत किए जा चुके हैं। वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के तहत विभिन्न क्षमता के सोलर प्लाण्ट स्थापित किए गए हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, समग्र ग्राम विकास योजना और प्रोजैक्टर बोर्ड के तहत चयनित बाज़ारों में सार्वजनिक मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए कुल मिलाकर सोलर स्ट्रीट लाइट के 62,460 संयन्त्रों की स्थापना की गई है।

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

श्री शिव सहस्रनामावलिः1008* 🌹

श्री शिव 1008 सहस्रनामावलिः 🌹



१. ॐ स्थिराय नमः ।

२. ॐ स्थाणवे नमः ।

३. ॐ प्रभवे नमः ।

४. ॐ भीमाय नमः ।

५. ॐ प्रवराय नमः ।

६. ॐ वरदाय नमः ।

७. ॐ वराय नमः ।

८. ॐ सर्वात्मने नमः ।

९. ॐ सर्वविख्याताय नमः ।

१०. ॐ सर्वस्मै नमः ।

११. ॐ सर्वकराय नमः ।

१२. ॐ भवाय नमः ।

१३. ॐ जटिने नमः ।

१४. ॐ चर्मिणे नमः ।

१५. ॐ शिखण्डिने नमः ।

१६. ॐ सर्वाङ्गाय नमः ।

१७. ॐ सर्वभावनाय नमः ।

१८. ॐ हराय नमः ।

१९. ॐ हरिणाक्षाय नमः ।

२०. ॐ सर्वभूतहराय नमः ।

२१. ॐ प्रभवे नमः ।

२२. ॐ प्रवृत्तये नमः ।

२३. ॐ निवृत्तये नमः ।

२४. ॐ नियताय नमः ।

२५. ॐ शाश्वताय नमः ।

२६. ॐ ध्रुवाय नमः ।

२७. ॐ श्मशानवासिने नमः ।

२८. ॐ भगवते नमः ।

२९. ॐ खचराय नमः ।

३०. ॐ गोचराय नमः ।

३१. ॐ अर्दनाय नमः ।

३२. ॐ अभिवाद्याय नमः ।

३३. ॐ महाकर्मणे नमः ।

३४. ॐ तपस्विने नमः ।

३५. ॐ भूतभावनाय नमः ।

३६. ॐ उन्मत्तवेषप्रच्छन्नाय नमः ।

३७. ॐ सर्वलोकप्रजापतये नमः ।

३८. ॐ महारूपाय नमः ।

३९. ॐ महाकायाय नमः ।

४०. ॐ वृषरूपाय नमः ।

१. ॐ महायशसे नमः ।

४२. ॐ महात्मने नमः ।

४३. ॐ सर्वभूतात्मने नमः ।

४४. ॐ विश्वरूपाय नमः ।

४५. ॐ महाहनवे नमः ।

४६.ॐ लोकपालाय नमः ।

४७. ॐ अन्तर्हितात्मने नमः ।

४८. ॐ प्रसादाय नमः ।

४९. ॐ हयगर्दभये नमः ।

५०. ॐ पवित्राय नमः ।

५१. ॐ महते नमः ।

५२. ॐ नियमाय नमः ।

५३. ॐ नियमाश्रिताय नमः ।

५४. ॐ सर्वकर्मणे नमः ।

५५. ॐ स्वयम्भूताय नमः ।

५६. ॐ आदये नमः ।

५७. ॐ आदिकराय नमः ।

५८. ॐ निधये नमः ।

५९. ॐ सहस्त्राक्षाय नमः ।

६०. ॐ विशालाक्षाय नमः ।

६१. ॐ सोमाय नमः ।

६२. ॐ नक्षत्रसाधकाय नमः ।

६३. ॐ चन्द्राय नमः ।

६४. ॐ सूर्याय नमः ।

६५. ॐ शनये नमः ।

६६. ॐ केतवे नमः ।

६७. ॐ ग्रहाय नमः ।

६८. ॐ ग्रहपतये नमः ।

६९. ॐ वराय नमः ।

७०. ॐ अत्रये नमः ।

७१. ॐ अत्र्या नमस्कर्त्रे नमः ।

७२. ॐ मृगबाणार्पणाय नमः ।

७३. ॐ अनघाय नमः ।

७४. ॐ महातपसे नमः ।

७५. ॐ घोरतपसे नमः ।

७६. ॐ अदीनाय नमः ।

७७. ॐ दीनसाधकाय नमः ।

७८. ॐ संवत्सकराय नमः ।

७९. ॐ मन्त्राय नमः ।

८०. ॐ प्रमाणाय नमः ।

८१. ॐ परमाय तपसे नमः ।

८२. ॐ योगिने नमः ।

८३. ॐ योज्याय नमः ।

८४. ॐ महाबीजाय नमः ।

८५. ॐ महारेतसे नमः ।

८६. ॐ महाबलाय नमः ।

८७. ॐ सुवर्णरेतसे नमः ।

८८. ॐ सर्वज्ञाय नमः ।

८९. ॐ सुबीजाय नमः ।

९०. ॐ बीजवाहनाय नमः ।

९१. ॐ दशबाहवे नमः ।

९२. ॐ अनिमिषाय नमः ।

९३. ॐ नीलकण्ठाय नमः ।

९४. ॐ उमापतये नमः ।

९५. ॐ विश्वरूपाय नमः ।

९६. ॐ स्वयं श्रेष्ठाय नमः ।

९७. ॐ बलवीराय नमः ।

९८. ॐ अबलगणाय नमः ।

९९. ॐ गणकर्त्त्रे नमः ।

१००. ॐ गणपतये नमः ।

१०१. ॐ दिग्वाससे नमः ।

१०२. ॐ कामाय नमः ।

१०३. ॐ मन्त्रविदे नमः ।

१०४. ॐ परममन्त्राय नमः ।

१०५. ॐ सर्वभावकराय नमः ।

१०६. ॐ हराय नमः ।

१०७. ॐ कमण्डलुधराय नमः ।

१०८. ॐ धन्विने नमः ।

१०९. ॐ बाणहस्ताय नमः ।

११०. ॐ कपालवते नमः ।

१११. ॐ अशनिने नमः ।

११२. ॐ शतघ्निने नमः ।

११३. ॐ खड्गिने नमः ।

११४. ॐ पट्टिशने नमः ।

११५. ॐ आयुधिने नमः ।

११६. ॐ महते नमः ।

११७. ॐ स्त्रुवहस्ताय नमः ।

११८. ॐ सुरूपाय नमः ।

११९. ॐ तेजसे नमः ।

१२०. ॐ तेजस्करनिधये नमः ।

१२१. ॐ उष्णीषिणे नमः ।

१२२. ॐ सुवक्त्राय नमः ।

१२३. ॐ उदग्राय नमः ।

१२४. ॐ विनताय नमः ।

१२५. ॐ दीर्घाय नमः ।

१२६. ॐ हरिकेशाय नमः ।

१२७. ॐ सुतीर्थाय नमः ।

१२८. ॐ कृष्णाय नमः ।

१२९. ॐ श्रृगालरूपाय नमः ।

१३०. ॐ सिद्धार्थाय नमः ।

१३१. ॐ मुण्डाय नमः ।

१३२. ॐ सर्वशुभङ्कराय नमः ।

१३३. ॐ अजाय नमः ।

१३४. ॐ बहुरूपाय नमः ।

१३५. ॐ गन्धधारिणे नमः ।

१३६. ॐ कपर्दिने नमः ।

१३७. ॐ ऊर्ध्वरेतसे नमः ।

१३८. ॐ ऊर्ध्वलिङ्गाय नमः ।

१३९. ॐ ऊर्ध्वशायिने नमः ।

१४०. ॐ नभःस्थलाय नमः ।

१४१. ॐ त्रिजटिने नमः ।

१४२. ॐ चीरवाससे नमः ।

१४३. ॐ रुद्राय नमः ।

१४४. ॐ सेनापतये नमः ।

१४५. ॐ विभवे नमः ।

१४६. ॐ अहश्चराय नमः ।

१४७. ॐ नक्तंचराय नमः ।

१४८. ॐ तिग्ममन्यवे नमः ।

१४९. ॐ सुवर्चसाय नमः ।

१५०. ॐ गजघ्ने नमः ।

१५१. ॐ दैत्यघ्ने नमः ।

१५२. ॐ कालाय नमः ।

१५३. ॐ लोकधात्रे नमः ।

१५४. ॐ गुणाकराय नमः ।

१५५. ॐ सिंहशार्दूलरूपाय नमः ।

१५६. ॐ आर्द्रचर्माम्बरावृताय नमः ।

१५७. ॐ कालयोगिने नमः ।

१५८. ॐ महानादाय नमः ।

१५९. ॐ सर्वकामाय नमः ।

१६०. ॐ चतुष्पथाय नमः ।

१६१. ॐ निशाचराय नमः ।

१६२. ॐ प्रेतचारिणे नमः ।

१६३. ॐ भूतचारिणे नमः ।

१६४. ॐ महेश्वराय नमः ।

१६५. ॐ बहुभूताय नमः ।

१६६. ॐ बहुधराय नमः ।

१६७. ॐ स्वर्भानवे नमः ।

१६८. ॐ अमिताय नमः ।

१६९. ॐ गतये नमः ।

१७०. ॐ नृत्यप्रियाय नमः ।

१७१. ॐ नित्यनर्तनाय नमः ।

१७२. ॐ नर्तकाय नमः ।

१७३. ॐ सर्वलालसाय नमः ।

१७४. ॐ घोराय नमः ।

१७५. ॐ महातपसे नमः ।

१७६. ॐ पाशाय नमः ।

१७७. ॐ नित्याय नमः ।

१७८. ॐ गिरिरुहाय नमः ।

१७९. ॐ नभसे नमः ।

१८०. ॐ सहस्त्रहस्ताय नमः ।

१८१. ॐ विजयाय नमः ।

१८२. ॐ व्यवसायाय नमः ।

१८३. ॐ अतीन्द्रियाय नमः ।

१८४. ॐ अधर्षणाय नमः ।

१८५. ॐ धर्षणात्मने नमः ।

१८६. ॐ यज्ञघ्ने नमः ।

१८७. ॐ कामनाशकाय नमः ।

१८८. ॐ दक्षयागापहारिणे नमः ।

१८९. ॐ सुसहाय नमः ।

१९०. ॐ मध्यमाय नमः ।

१९१. ॐ तेजोऽपहारिणे नमः ।

१९२. ॐ बलघ्ने नमः ।

१९३. ॐ मुदिताय नमः ।

१९४. ॐ अर्थाय नमः ।

१९५. ॐ अजिताय नमः ।

१९६. ॐ अवराय नमः ।

१९७. ॐ गम्भीरघोषाय नमः ।

१९८. ॐ गम्भीराय नमः ।

१९९. ॐ गम्भीरबलवाहनाय नमः ।

२००. ॐ न्यग्रोधरूपाय नमः ।

२०१. ॐ न्यग्रोधाय नमः ।

२०२. ॐ वृक्षकर्णस्थितये नमः ।

२०३. ॐ विभवे नमः ।

२०४. ॐ सुतीक्षणदशनाय नमः ।

२०५. ॐ महाकालाय नमः ।

२०६. ॐ महाननाय नमः ।

२०७. ॐ विष्वक्सेनाय नमः ।

२०८. ॐ हरये नमः ।

२०९. ॐ यज्ञाय नमः ।

२१०. ॐ संयुगापीडवाहनाय नमः ।

२११. ॐ तीक्ष्णतापाय नमः ।

२१२. ॐ हर्यश्वाय नमः ।

२१३. ॐ सहायाय नमः ।

२१४. ॐ कर्मकालविदे नमः ।

२१५. ॐ विष्णुप्रसादिताय नमः ।

२१६. ॐ यज्ञाय नमः ।

२१७. ॐ समुद्राय नमः ।

२१८. ॐ वडवामुखाय नमः ।

२१९. ॐ हुताशनसहायाय नमः ।

२२०. ॐ प्रशान्तात्मने नमः ।

२२१. ॐ हुताशनाय नमः ।

२२२. ॐ उग्रतेजसे नमः ।

२२३. ॐ महातेजसे नमः ।

२२४. ॐ जन्याय नमः ।

२२५. ॐ विजयकालविदे नमः ।

२२६. ॐ ज्योतिषामयनाय नमः ।

२२७. ॐ सिद्धये नमः ।

२२८. ॐ सर्वविग्रहाय नमः ।

२२९. ॐ शिखिने नमः ।

२३०. ॐ मुण्डिने नमः ।

२३१. ॐ जटिने नमः ।

२३२. ॐ ज्वालिने नमः ।

२३३. ॐ मूर्तिजाय नमः ।

२३४. ॐ मूर्द्धगाय नमः ।

२३५. ॐ बलिने नमः ।

२३६. ॐ वेणविने नमः ।

२३७. ॐ पणविने नमः ।

२३८. ॐ तालिने नमः ।

२३९. ॐ खलिने नमः ।

२४०. ॐ कालकटंकटाय नमः ।

२४१. ॐ नक्षत्रविग्रहमतये नमः ।

२४२. ॐ गुणबुद्धये नमः ।

२४३. ॐ लयाय नमः ।

२४४. ॐ अगमाय नमः ।

२४५. ॐ प्रजापतये नमः ।

२४६. ॐ विश्वबाहवे नमः ।

२४७. ॐ विभागाय नमः ।

२४८. ॐ सर्वगाय नमः ।

२४९. ॐ अमुखाय नमः ।

२५०. ॐ विमोचनाय नमः ।

२५१. ॐ सुसरणाय नमः ।

२५२. ॐ हिरण्यकवचोद्भवाय नमः ।

२५३. ॐ मेढ्रजाय नमः ।

२५४. ॐ बलचारिणे नमः ।

२५५. ॐ महीचारिणे नमः ।

२५६. ॐ स्त्रुताय नमः ।

२५७. ॐ सर्वतूर्यनिनादिने नमः ।

२५८. ॐ सर्वातोद्यपरिग्रहाय नमः ।

२५९. ॐ व्यालरूपाय नमः ।

२६०. ॐ गुहावासिने नमः ।

२६१. ॐ गुहाय नमः ।

२६२. ॐ मालिने नमः ।

२६३. ॐ तरङ्गविदे नमः ।

२६४. ॐ त्रिदशाय नमः ।

२६५. ॐ त्रिकालधृषे नमः ।

२६६. ॐ कर्मसर्वबन्धविमोचनाय नमः ।

२६७. ॐ असुरेन्द्राणां बन्धनाय नमः ।

२६८. ॐ युधि शत्रुविनाशनाय नमः ।

२६९. ॐ सांख्यप्रसादाय नमः ।

२७०. ॐ दुर्वाससे नमः ।

२७१. ॐ सर्वसाधुनिषेविताय नमः ।

२७२. ॐ प्रस्कन्दनाय नमः ।

२७३. ॐ विभागज्ञाय नमः ।

२७४. ॐ अतुल्याय नमः ।

२७५. ॐ यज्ञविभागविदे नमः ।

२७६. ॐ सर्ववासाय नमः ।

२७७. ॐ सर्वचारिणे नमः ।

२७८. ॐ दुर्वाससे नमः ।

२७९. ॐ वासवाय नमः ।

२८०. ॐ अमराय नमः ।

२८१. ॐ हैमाय नमः ।

२८२. ॐ हेमकराय नमः ।

२८३. ॐ अयज्ञाय नमः ।

२८४. ॐ सर्वधारिणे नमः ।

२५. ॐ धरोत्तमाय नमः ।

२८६. ॐ लोहिताक्षाय नमः ।

२८७. ॐ महाक्षाय नमः ।

२८८. ॐ विजयाक्षाय नमः ।

२८९. ॐ विशारदाय नमः ।

२९०.ॐ संग्रहाय नमः ।

२९१. ॐ निग्रहाय नमः ।

२९२. ॐ कर्त्रे नमः ।

२९३. ॐ सर्पचीरनिवासनाय नमः ।

२९४. ॐ मुख्याय नमः ।

२९५. ॐ अमुख्याय नमः ।

२९६. ॐ देहाय नमः ।

२९७. ॐ काहलये नमः ।

२९८. ॐ सर्वकामदाय नमः ।

२९९. ॐ सर्वकालप्रसादाय नमः ।

३००. ॐ सुबलाय नमः ।

३०१. ॐ बलरूपधृषे नमः ।

३०२. ॐ सर्वकामवराय नमः ।

३०३. ॐ सर्वदाय नमः ।

३०४. ॐ सर्वतोमुखाय नमः ।

३०५. ॐ आकाशनिर्विरूपाय नमः ।

३०६. ॐ निपातिने नमः ।

३०७. ॐ अवशाय नमः ।

३०८. ॐ खगाय नमः ।

३०९. ॐ रौद्ररूपाय नमः ।

३१०. ॐ अंशवे नमः ।

३११. ॐ आदित्याय नमः ।

३१२. ॐ बहुरश्मये नमः ।

३१३. ॐ सुवर्चसिने नमः ।

३१४. ॐ वसुवेगाय नमः ।

३१५. ॐ महावेगाय नमः ।

३१६. ॐ मनोवेगाय नमः ।

३१७. ॐ निशाचराय नमः ।

३१८. ॐ सर्ववासिने नमः ।

३१९. ॐ श्रियावासिने नमः ।

३२०. ॐ उपदेशकराय नमः ।

३२१. ॐ अकराय नमः ।

३२२. ॐ मुनये नमः ।

३२३. ॐ आत्मनिरालोकाय नमः ।

३२४. ॐ सम्भग्नाय नमः ।

३२५. ॐ सहस्त्रदाय नमः ।

३२६. ॐ पक्षिणे नमः ।

३२७. ॐ पक्षरूपाय नमः ।

३२८. ॐ अतिदीप्ताय नमः ।

३२९. ॐ विशाम्पतये नमः ।

३३०. ॐ उन्मादाय नमः ।

३३१. ॐ मदनाय नमः ।

३३२. ॐ कामाय नमः ।

३३३. ॐ अश्वत्थाय नमः ।

३३४. ॐ अर्थकराय नमः ।

३३५. ॐ यशसे नमः ।

३३६. ॐ वामदेवाय नमः ।

३३७. ॐ वामाय नमः ।

३३८. ॐ प्राचे नमः ।

३३९. ॐ दक्षिणाय नमः ।

३४०. ॐ वामनाय नमः ।

३४१. ॐ सिद्धयोगिने नमः ।

३४२. ॐ महर्षये नमः ।

३४३. ॐ सिद्धार्थाय नमः ।

३४४. ॐ सिद्धसाधकाय नमः ।

३४५. ॐ भिक्षवे नमः ।

३४६. ॐ भिक्षुरूपाय नमः ।

३४७. ॐ विपणाय नमः ।

३४८. ॐ मृदवे नमः ।

३४९. ॐ अव्ययाय नमः ।

३५०. ॐ महासेनाय नमः ।

३५१. ॐ विशाखाय नमः ।

३५२. ॐ षष्टिभागाय नमः ।

३५३. ॐ गवाम्पतये नमः ।

३५४. ॐ वज्रहस्ताय नमः ।

३५५. ॐ विष्कम्भिने नमः ।

३५६. ॐ चमूस्तम्भनाय नमः ।

३५७. ॐ वृत्तावृत्तकराय नमः ।

३५८. ॐ तालाय नमः ।

३५९. ॐ मधवे नमः ।

३६०. ॐ मधुकलोचनाय नमः ।

३६१. ॐ वाचस्पत्याय नमः ।

३६२. ॐ वाजसनाय नमः ।

३६३. ॐ नित्यमाश्रमपूजिताय नमः ।

३६४. ॐ ब्रह्मचारिणे नमः ।

३६५. ॐ लोकचारिणे नमः ।

३६६. ॐ सर्वचारिणे नमः ।

३६७. ॐ विचारविदे नमः ।

३६८. ॐ ईशानाय नमः ।

३६९. ॐ ईश्वराय नमः ।

३७०. ॐ कालाय नमः ।

३७१. ॐ निशाचारिणे नमः ।

३७२. ॐ पिनाकवते नमः ।

३७३. ॐ निमित्तस्थाय नमः ।

३७४. ॐ निमित्ताय नमः ।

३७५. ॐ नन्दये नमः ।

३७६. ॐ नन्दिकराय नमः ।

३७७. ॐ हरये नमः ।

३७८ ॐ नन्दीश्वराय नमः ।

३७९. ॐ नन्दिने नमः ।

३८०. ॐ नन्दनाय नमः ।

३८१. ॐ नन्दिवर्द्धनाय नमः ।

३८२. ॐ भगहारिणे नमः ।

३८३. ॐ निहन्त्रे नमः ।

३८४. ॐ कालाय नमः ।

३८५. ॐ ब्रह्मणे नमः ।

३८६. ॐ पितामहाय नमः ।

३८७. ॐ चतुर्मुखाय नमः ।

३८८. ॐ महालिङ्गाय नमः ।

३८९. ॐ चारुलिङ्गाय नमः ।

३९०. ॐ लिङ्गाध्यक्षाय नमः ।

३९१. ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।

३९२. ॐ योगाध्यक्षाय नमः ।

३९३. ॐ युगावहाय नमः ।

३९४. ॐ बीजाध्यक्षाय नमः ।

३९५. ॐ बीजकर्त्रे नमः ।

३९६. ॐ अध्यात्मानुगताय नमः ।

३९७. ॐ बलाय नमः ।

३९८. ॐ इतिहासाय नमः ।

३९९. ॐ सकल्पाय नमः ।

४००. ॐ गौतमाय नमः ।

४०१. ॐ निशाकराय नमः ।

४०२. ॐ दम्भाय नमः ।

४०३. ॐ अदम्भाय नमः ।

४०४. ॐ वैदम्भाय नमः ।

४०५. ॐ वश्याय नमः ।

४०६. ॐ वशकराय नमः ।

४०७. ॐ कलये नमः ।

४०८. ॐ लोककर्त्रे नमः ।

४०९. ॐ पशुपतये नमः ।

४१०. ॐ महाकर्त्रे नमः ।

४११. ॐ अनौषधाय नमः ।

४१२. ॐ अक्षराय नमः ।

४१३. ॐ परमाय ब्रह्मणे नमः ।

४१४. ॐ बलवते नमः ।

४१५. ॐ शक्राय नमः ।

४१६. ॐ नीतये नमः ।

४१७. ॐ अनीतये नमः ।

४१८. ॐ शुद्धात्मने नमः ।

४१९. ॐ शुद्धाय नमः ।

४२०. ॐ मान्याय नमः ।

४२१. ॐ गतागताय नमः ।

४२२. ॐ बहुप्रसादाय नमः ।

४२३. ॐ सुस्वप्नाय नमः ।

४२४. ॐ दर्पणाय नमः ।

४२५. ॐ आमित्रजिते नमः ।

४२६. ॐ वेदकाराय नमः ।

४२७. ॐ मन्त्रकाराय नमः ।

४२८ ॐ विदुषे नमः ।

४२९. ॐ समरमर्दनाय नमः ।

४३०. ॐ महामेघनिवासिने नमः ।

४३१. ॐ महाघोराय नमः ।

४३२. ॐ वशिने नमः ।

४३३. ॐ कराय नमः ।

४३४. ॐ अग्निज्वालाय नमः ।

४३५. ॐ महाज्वालाय नमः ।

४३६. ॐ अतिधूम्राय नमः ।

४३७. ॐ हुताय नमः ।

४३८ ॐ हविषे नमः ।

४३९. ॐ वृषणाय नमः ।

४४०. ॐ शंकराय नमः ।

४४१. ॐ नित्यं वर्चस्विने नमः ।

४४२. ॐ धूमकेतनाय नमः ।

४४३. ॐ नीलाय नमः ।

४४४. ॐ अङ्गलुब्धाय नमः ।

४४५. ॐ शोभनाय नमः ।

४४६. ॐ निरवग्रहाय नमः ।

४४७. ॐ स्वस्तिदाय नमः ।

४४८. ॐ स्वस्तिभावाय नमः ।

४४९. ॐ भागिने नमः ।

४५०. ॐ भागकराय नमः ।

४५१. ॐ लघवे नमः ।

४५२. ॐ उत्सङ्गाय नमः ।

४५३. ॐ महाङ्गाय नमः ।

४५४. ॐ महागर्भपरायणाय नमः ।

४५५. ॐ कृष्णवर्णाय नमः ।

४५६. ॐ सुवर्णाय नमः ।

४५७. ॐ सर्वदेहिनामिन्द्रियाय नमः ।

४५८. ॐ महापादाय नमः ।

४५९. ॐ महाहस्ताय नमः ।

४६०. ॐ महाकायाय नमः ।

४६१. ॐ महायशसे नमः ।

४६२. ॐ महामूर्ध्ने नमः ।

४६३. ॐ महामात्राय नमः ।

४६४. ॐ महानेत्राय नमः ।

४६५. ॐ निशालयाय नमः ।

४६६. ॐ महान्तकाय नमः ।

४६७. ॐ महाकर्णाय नमः ।

४६८. ॐ महोष्ठाय नमः ।

४६९. ॐ महाहनवे नमः ।

४७०. ॐ महानासाय नमः ।

४७१. ॐ महाकम्बवे नमः ।

४७२. ॐ महाग्रीवाय नमः ।

४७३. ॐ श्मशानभाजे नमः ।

४७४. ॐ महावक्षसे नमः ।

४७५.ॐ महोरस्काय नमः ।

४७६. ॐ अन्तरात्मने नमः ।

४७७. ॐ मृगालयाय नमः ।

४७८. ॐ लम्बनाय नमः ।

४७९. ॐ लम्बितोष्ठानमः ।

४८०. ॐ महामायाय नमः ।

४८१. ॐ पयोनिधये नमः ।

४८२.ॐ महादन्ताय नमः ।

४८३. ॐ महादंष्ट्राय नमः ।

४८४. ॐ महाजिह्वाय नमः ।

४८५. ॐ महामुखाय नमः ।

४८६. ॐ महानखाय नमः ।

४८७. ॐ महारोम्णे नमः ।

४८८. ॐ महाकोशाय नमः ।

४८९. ॐ महाजटाय नमः ।

४९०. ॐ प्रसन्नाय नमः ।

४९१. ॐ प्रसादाय नमः ।

४९२. ॐ प्रत्ययाय नमः ।

४९३. ॐ गिरिसाधनाय नमः ।

४९४. ॐ स्नेहनाय नमः ।

४९५. ॐ अस्नेहनाय नमः ।

४९६. ॐ अजिताय नमः ।

४९७. ॐ महामुनये नमः ।

४९८. ॐ वृक्षाकाराय नमः ।

४९९. ॐ वृक्षकेतवे नमः ।

५००. ॐ अनलाय नमः ।

५०१.. ॐ वायुवाहनाय नमः ।

५०२. ॐ गण्डलिने नमः ।

५०३. ॐ मेरुधाम्ने नमः ।

५०४. ॐ देवाधिपतये नमः ।

५०५. ॐ अथर्वशीर्षाय नमः ।

५०६. ॐ सामास्याय नमः ।

५०७. ॐ ऋक्सहस्त्रामितेक्षणाय नमः ।

५०८. ॐ यजुःपादभुजाय नमः ।

५०९. ॐ गुह्याय नमः ।

५१०. ॐ प्रकाशाय नमः ।

५११. ॐ जङ्गमाय नमः ।

५१२. ॐ अमोघार्थाय नमः ।

५१३. ॐ प्रसादाय नमः ।

५१४. ॐ अभिगम्याय नमः ।

५१५. ॐ सुदर्शनाय नमः ।

५१६. ॐ उपकाराय नमः ।

५१७. ॐ प्रियाय नमः ।

५१८. ॐ सर्वस्मै नमः ।

५१९. ॐ कनकाय नमः ।

५२०. ॐ काञ्चनच्छवये नमः ।

५२१. ॐ नाभये नमः ।

५२२. ॐ नन्दिकराय नमः ।

५२३. ॐ भावाय नमः ।

५२४. ॐ पुष्करस्थपतये नमः ।

५२५. ॐ स्थिराय नमः ।

५२६. ॐ द्वादशाय नमः ।

५२७. ॐ त्रासनाय नमः ।

५२८. ॐ आद्याय नमः ।

५२९. ॐ यज्ञाय नमः ।

५३०. ॐ यज्ञसमाहिताय नमः ।

५३१. ॐ नक्ताय नमः ।

५३२. ॐ कलये नमः ।

५३३. ॐ कालाय नमः ।

५३४. ॐ मकराय नमः ।

५३५. ॐ कालपूजिताय नमः ।

५३६. ॐ सगणाय नमः ।

५३७. ॐ गणकाराय नमः ।

५३८. ॐ भूतवाहनसारथये नमः ।

५३९. ॐ भस्मशयाय नमः ।

५४०. ॐ भस्मगोप्त्रे नमः ।

५४१. ॐ भस्मभूताय नमः ।

५४२. ॐ तरवे नमः ।

५४३. ॐ गणाय नमः ।

५४४. ॐ लोकपालाय नमः ।

५४५. ॐ अलोकाय नमः ।

५४६. ॐ महात्मने नमः ।

५४७. ॐ सर्वपूजिताय नमः ।

५४८. ॐ शुक्लाय नमः ।

५४९. ॐ त्रिशुक्लाय नमः ।

५५०. ॐ सम्पन्नाय नमः ।

५५१. ॐ शुचये नमः ।

५५२. ॐ भूतनिषेविताय नमः ।

५५३. ॐ आश्रमस्थाय नमः ।

५५४. ॐ क्रियावस्थाय नमः ।

५५५. ॐ विश्वकर्ममतये नमः ।

५५६. ॐ वराय नमः ।

५५७. ॐ विशालशाखाय नमः ।

५५८. ॐ ताम्रोष्ठाय नमः ।

५५९. ॐ अम्बुजालाय नमः ।

५६० ॐ सुनिश्चलाय नमः ।

५६१. ॐ कपिलाय नमः ।

५६२. ॐ कपिशाय नमः ।

५६३. ॐ शुक्लाय नमः ।

५६४. ॐ आयुषे नमः ।

५६५. ॐ परस्मै नमः ।

५६६. ॐ अपरस्मै नमः ।

५६७. ॐ गन्धर्वाय नमः ।

५६८. ॐ अदितये नमः ।

५६९. ॐ तार्क्ष्याय नमः ।

५७०. ॐ सुविज्ञेयाय नमः ।

५७१. ॐ सुशारदाय नमः ।

५७२. ॐ परश्वधायुधाय नमः ।

५७३. ॐ देवाय नमः ।

५७४. ॐ अनुकारिणे नमः ।

५७५. ॐ सुबान्धवाय नमः ।

५७६. ॐ तुम्बवीणाय नमः ।

५७७. ॐ महाक्रोधाय नमः ।

५७८. ॐ ऊर्ध्वरेतसे नमः ।

५७९. ॐ जलेशयाय नमः ।

५८०. ॐ उग्राय नमः ।

५८१. ॐ वंशकराय नमः ।

५८२. ॐ वंशाय नमः ।

५८३. ॐ वंशनादाय नमः ।

५८४. ॐ अनिन्दिताय नमः ।

५८५. ॐ सर्वाङ्गरूपाय नमः ।

५८६. ॐ मायाविने नमः ।

५८७. ॐ सुह्रदे नमः ।

५८८. ॐ अनिलयाय नमः ।

५८९. ॐ अनलाय नमः ।

५९०. ॐ बन्धनाय नमः ।

५९१. ॐ बन्धकर्त्रे नमः ।

५९२. ॐ सुबन्धनविमोचनाय नमः ।

५९३. ॐ सयज्ञारये नमः ।

५९४. ॐ सकामारये नमः ।

५९५. ॐ महादंष्ट्राय नमः ।

५९६. ॐ महायुधाय नमः ।

५९७. ॐ बहुधा निन्दिताय नमः ।

५९८. ॐ शर्वाय नमः ।

५९९. ॐ शङ्कराय नमः ।

६००. ॐ शङ्कराय नमः ।

६०१. ॐ अर्धनाय नमः ।

६०२. ॐ अमरेशाय नमः ।

६०३. ॐ महादेवाय नमः ।

६०४. ॐ विश्वदेवाय नमः ।

६०५. ॐ सुरारिघ्ने नमः ।

६०६. ॐ अहिर्बुन्ध्याय नमः ।

६०७. ॐ अनिलाभाय नमः ।

६०८. ॐ चेकितानाय नमः ।

६०९. ॐ हविषे नमः ।

६१०. ॐ अजैकपदे नमः ।

६११. ॐ कापालिने नमः ।

६१२. ॐ त्रिशङ्कवे नमः ।

६१३. ॐ अजिताय नमः ।

६१४. ॐ शिवाय नमः ।

६१५. ॐ धन्वन्तरये नमः ।

६१६. ॐ धूमकेतवे नमः ।

६१७. ॐ स्कन्दाय नमः ।

६१८. ॐ वैश्रवणाय नमः ।

६१९. ॐ धात्रे नमः ।

६२०. ॐ शक्राय नमः ।

६२१. ॐ विष्णवे नमः ।

६२२. ॐ मित्राय नमः ।

६२३. ॐ त्वष्ट्रे नमः ।

६२४. ॐ ध्रुवाय नमः ।

६२५. ॐ धराय नमः ।

६२६. ॐ प्रभावाय नमः ।

६२७. ॐ सर्वगाय वायवे नमः ।

६२८. ॐ अर्यम्णे नमः ।

६२९. ॐ सवित्रे नमः ।

६३०. ॐ रवये नमः ।

६३१. ॐ उषङ्गवे नमः ।

६३२. ॐ विधात्रे नमः ।

६३३. ॐ मान्धात्रे नमः ।

६३४. ॐ भूतभावनाय नमः ।

६३५. ॐ विभवे नमः ।

६३६. ॐ वर्णविभाविने नमः ।

६३७. ॐ सर्वकामगुणावहाय नमः ।

६३८. ॐ पद्मनाभाय नमः ।

६३९. ॐ महागर्भाय नमः ।

६४०. ॐ चन्द्रवक्त्राय नमः ।

६४१. ॐ अनिलाय नमः ।

६४२. ॐ अनलाय नमः ।

६४३. ॐ बलवते नमः ।

६४४. ॐ उपशान्ताय नमः ।

६४५. ॐ पुराणाय नमः ।

६४६. ॐ पुण्यचञ्चुरिणे नमः ।

६४७. ॐ कुरुकर्त्रे नमः ।

६४८. ॐ कुरुवासिने नमः ।

६४९. ॐ कुरुभूताय नमः ।

६५०. ॐ गुणौषधाय नमः ।

६५१. ॐ सर्वाशयाय नमः ।

६५२. ॐ दर्भचारिणे नमः ।

६५३. ॐ सर्वेषां प्राणिनां पतये नमः ।

६५४. ॐ देवदेवाय नमः ।

६५५. ॐ सुखासक्ताय नमः ।

६५६. ॐ सते नमः ।

६५७. ॐ असते नमः ।

६५८. ॐ सर्वरत्नविदे नमः ।

६५९. ॐ कैलासगिरिवासिने नमः ।

६६०. ॐ हिमवद्गिरिसंश्रयाय नमः ।

६६१. ॐ कूलहारिणे नमः ।

६६२. ॐ कूलकर्त्रे नमः ।

६६३. ॐ बहुविद्याय नमः ।

६६४. ॐ बहुप्रदाय नमः ।

६६५. ॐ वणिजाय नमः ।

६६६. ॐ वर्धकिने नमः ।

६६७. ॐ वृक्षाय नमः ।

६६८. ॐ बकुलाय नमः ।

६६९. ॐ चन्दनाय नमः ।

६७०. ॐ छदाय नमः ।

६७१. ॐ सारग्रीवाय नमः ।

६७२. ॐ महाजत्रवे नमः ।

६७३. ॐ अलोलाय नमः ।

६७४. ॐ महौषधाय नमः ।

६७५. ॐ सिद्धार्थकारिणे नमः ।

६७६. ॐ सिद्धार्थाय नमः ।

६७७. ॐ छन्दोव्याकरणोत्तराय नमः ।

६७८. ॐ सिंहनादाय नमः ।

६७९. ॐ सिंहदंष्ट्राय नमः ।

६८०. ॐ सिंहगाय नमः ।

६८१. ॐ सिंहवाहनाय नमः ।

६८२. ॐ प्रभावात्मने नमः ।

६८३. ॐ जगत्कालस्थालाय नमः ।

६८४. ॐ लोकहिताय नमः ।

६८५. ॐ तरवे नमः ।

६८६. ॐ सारङ्गाय नमः ।

६८७. ॐ नवचक्राङ्गाय नमः ।

६८८. ॐ केतुमालिने नमः ।

६८९. ॐ सभावनाय नमः ।

६९०. ॐ भूतालयाय नमः ।

६९१. ॐ भूतपतये नमः ।

६९२. ॐ अहोरात्राय नमः ।

६९३. ॐ अनिन्दिताय नमः ।

६९४. ॐ सर्वभूतानां वाहित्रे नमः ।

६९५. ॐ सर्वभूतानां निलयाय नमः ।

६९६. ॐ विभवे नमः ।

६९७. ॐ भवाय नमः ।

६९८. ॐ अमोघाय नमः ।

६९९. ॐ संयताय नमः ।

७००. ॐ अश्वाय नमः ।

७०१. ॐ भोजनाय नमः ।

७०२. ॐ प्राणधारणाय नमः ।

७०३. ॐ धृतिमते नमः ।

७०४. ॐ मतिमते नमः ।

७०५. ॐ दक्षाय नमः ।

७०६. ॐ सत्कृताय नमः ।

७०७. ॐ युगाधिपाय नमः ।

७०८. ॐ गोपालये नमः ।

७०९. ॐ गोपतये नमः ।

७१०. ॐ ग्रामाय नमः ।

७११. ॐ गोचर्मवसनाय नमः ।

७१२. ॐ हरये नमः ।

७१३. ॐ हिरण्यबाहवे नमः ।

७१४. ॐ प्रवेशिनां गुहापालाय नमः ।

७१५. ॐ प्रकृष्टारये नमः ।

७१६. ॐ महाहर्षाय नमः ।

७१७. ॐ जितकामाय नमः ।

७१८. ॐ जितेन्द्रियाय नमः ।

७१९. ॐ गान्धाराय नमः ।

७२०. ॐ सुवासाय नमः ।

७२१. ॐ तपःसक्ताय नमः ।

७२२. ॐ रतये नमः ।

७२३. ॐ नराय नमः ।

७२४. ॐ महागीताय नमः ।

७२५. ॐ महानृत्याय नमः ।

७२६. ॐ अप्सरोगणसेविताय नमः ।

७२७. ॐ महाकेतवे नमः ।

७२८. ॐ महाधातवे नमः ।

७२९. ॐ नैकसानुचराय नमः ।

७३०. ॐ चलाय नमः ।

७३१. ॐ आवेदनीयाय नमः ।

७३२. ॐ आदेशाय नमः ।

७३३. ॐ सर्वगन्धसुखावहाय नमः ।

७३४. ॐ तोरणाय नमः ।

७३५. ॐ तारणाय नमः ।

७३६. ॐ वाताय नमः ।

७३७. ॐ परिध्यै नमः ।

७३८. ॐ पतिखेचराय नमः ।

७३९. ॐ संयोगवर्धनाय नमः ।

७४०. ॐ वृद्धाय नमः ।

७४१. ॐ अतिवृद्धाय नमः ।

७४२. ॐ गुणाधिकाय नमः ।

७४३. ॐ नित्याय आत्मसहायाय नमः ।

७४४. ॐ देवासुरपतये नमः ।

७४५. ॐ पत्ये नमः ।

७४६. ॐ युक्ताय नमः ।

७४७. ॐ युक्तबाहवे नमः ।

७४८. ॐ देवाय दिविसुपर्वणाय नमः ।

७४९. ॐ आषाढाय नमः ।

७५०. ॐ सुषाढाय नमः ।

७५१. ॐ ध्रुवाय नमः ।

७५२. ॐ हरिणाय नमः ।

७५३. ॐ हराय नमः ।

७५४. ॐ आवर्तमानेभ्यो वपुषे नमः ।

७५५. ॐ वसुश्रेष्ठाय नमः ।

७५६. ॐ महापथाय नमः ।

७५७. ॐ विमर्शाय शिरोहारिणे नमः ।

७५८. ॐ सर्वलक्षणलक्षिताय नमः ।

७५९. ॐ अक्षाय रथयोगिने नमः ।

७६०. ॐ सर्वयोगिने नमः ।

७६१. ॐ महाबलाय नमः ।

७६२. ॐ समाम्नायाय नमः ।

७६३. ॐ असमाम्नानाय नमः ।

७६४. ॐ तीर्थदेवाय नमः ।

७६५. ॐ महारथाय नमः ।

७६६. ॐ निर्जीवाय नमः ।

७६७. ॐ जीवनाय नमः ।

७६८. ॐ मन्त्राय नमः ।

७६९. ॐ शुभाक्षाय नमः ।

७७०. ॐ बहुकर्कशाय नमः ।

७७१. ॐ रत्नप्रभूताय नमः ।

७७२. ॐ रत्नाङ्गाय नमः ।

७७३. ॐ महार्णवनिपानविदे नमः ।

७७४. ॐ मूलाय नमः ।

७७५. ॐ विशालाय नमः ।

७७६. ॐ अमृताय नमः ।

७७७. ॐ व्यक्ताव्यक्ताय नमः ।

७७८. ॐ तपोनिधये नमः ।

७७९. ॐ आरोहणाय नमः ।

७८०. ॐ अधिरोहाय नमः ।

७८१. ॐ शीलधारिणे नमः ।

७८२. ॐ महायशसे नमः ।

७८३. ॐ सेनाकल्पाय नमः ।

७८४. ॐ महाकल्पाय नमः ।

७८५. ॐ योगाय नमः ।

७८६. ॐ युगकराय नमः ।

७८७. ॐ हरये नमः ।

७८८. ॐ युगरूपाय नमः ।

७८९. ॐ महारूपाय नमः ।

७९०. ॐ महानागहनाय नमः ।

७९१. ॐ अवधाय नमः ।

७९२. ॐ न्यायनिर्वणाय नमः ।

७९३. ॐ पादाय नमः ।

७९४. ॐ पण्डिताय नमः ।

७९५. ॐ अचलोपमाय नमः ।

७९६. ॐ बहुमालाय नमः ।

७९७. ॐ महामालाय नमः ।

७९८. ॐ शशिन्व हरसुलोचनाय नमः ।

७९९. ॐ विस्ताराय लवणाय कूपाय नमः ।

८००. ॐ त्रियुगाय नमः ।

८०१. ॐ सफलोदयाय नमः ।

८०२. ॐ त्रिलोचनाय नमः ।

८०३. ॐ विषण्णाङ्गाय नमः ।

८०४. ॐ मणिविद्धाय नमः ।

८०५. ॐ जटाधराय नमः ।

८०६. ॐ विन्दवे नमः ।

८०७. ॐ विसर्गाय नमः ।

८०८. ॐ सुमुखाय नमः ।

८०९. ॐ शराय नमः ।

८१०. ॐ सर्वायुधाय नमः ।

८११. ॐ सहाय नमः ।

८१२. ॐ निवेदनाय नमः ।

८१३. ॐ सुखाजाताय नमः ।

८१४. ॐ सुगन्धाराय नमः ।

८१५. ॐ महाधनुषे नमः ।

८१६. ॐ भगवते गन्धपालिने नमः ।

८१७. ॐ सर्वकर्मणामुत्थानाय नमः ।

८१८ ॐ मन्थानाय बहुलाय वायवे नमः ।

८१९. ॐ सकलाय नमः ।

८२०. ॐ सर्वलोचनाय नमः ।

८२१. ॐ तलस्तालाय नमः ।

८२२. ॐ करस्थालिने नमः ।

८२३. ॐ ऊर्ध्वसंहननाय नमः ।

८२४. ॐ महते नमः ।

८२५. ॐ छत्राय नमः ।

८२६. ॐ सुच्छत्राय नमः ।

८२७. ॐ विख्यातलोकाय नमः ।

८२८. ॐ सर्वाश्राय क्रमाय नमः ।

८२९. ॐ मुण्डाय नमः ।

८३०. ॐ विरूपाय नमः ।

८३१. ॐ विकृताय नमः ।

८३२. ॐ दण्डिने नमः ।

८३३. ॐ कुण्डिने नमः ।

८३४. ॐ विकुर्वणाय नमः ।

८३५. ॐ हर्यक्षाय नमः ।

८३६. ॐ कुकुभाय नमः ।

८३७. ॐ वज्रिणे नमः ।

८३८. ॐ शतजिह्वाय नमः ।

८३९. ॐ सहस्त्रपादे सहस्त्रम्रूर्ध्ने नमः ।

८४०. ॐ देवेन्द्राय नमः ।

८४१. ॐ सर्वदेवमयाय नमः ।

८४२. ॐ गुरवे नमः ।

८४३. ॐ सहस्त्रबाहवे नमः ।

८४४. ॐ सर्वाङ्गाय नमः ।

८४५. ॐ शरण्याय नमः ।

८४६. ॐ सर्वलोककृते नमः ।

८४७. ॐ पवित्राय नमः ।

८४८. ॐ त्रिककुन्मन्त्राय नमः ।

८४९. ॐ कनिष्ठाय नमः ।

८५०. ॐ कृष्णपिङ्गलाय नमः ।

८५१. ॐ ब्रह्मदण्डविनिर्मात्रे नमः ।

८५२. ॐ शतघ्नीपाशशक्तिमते नमः ।

८५३. ॐ पद्मगर्भाय नमः ।

८५४. ॐ महागर्भाय नमः ।

८५५. ॐ ब्रह्मगर्भाय नमः ।

८५६. ॐ जलोद्भवाय नमः ।

८५७. ॐ गभस्तये नमः ।

८५८. ॐ ब्रह्मकृते नमः ।

८५९. ॐ ब्रह्मिणे नमः ।

८६०. ॐ ब्रह्मविदे नमः ।

८६१. ॐ ब्राह्मणाय नमः ।

८६२. ॐ गतये नमः ।

८६३. ॐ अनन्तरूपाय नमः ।

८६४. ॐ नैकात्मने नमः ।

८६५. ॐ स्वयंभुवाय तिग्मतेजसे नमः ।

८६६. ॐ उर्ध्वगात्मने नमः ।

८६७. ॐ पशुपतये नमः ।

८६८. ॐ वातरंहसे नमः ।

८६९. ॐ मनोजवाय नमः ।

८७०. ॐ चन्दनिने नमः ।

८७१. ॐ पद्मनालाग्राय नमः ।

८७२. ॐ सुरभ्युत्तरणाय नमः ।

८७३. ॐ नराय नमः ।

८७४. ॐ कर्णिकारमहास्त्रग्विणे नमः ।

८७५. ॐ नीलमौलये नमः ।

८७६. ॐ पिनाकधृते नमः ।

८७७. ॐ उमापतये नमः ।

८७८. ॐ उमाकान्ताय नमः ।

८७९. ॐ जाह्नवीधृते नमः ।

८८०. ॐ उमाधवाय नमः ।

८८१. ॐ वराय वराहाय नमः ।

८८२. ॐ वरदाय नमः ।

८८३. ॐ वरेण्याय नमः ।

८८४. ॐ सुमहास्वनाय नमः ।

८८५. ॐ महाप्रसादाय नमः ।

८८६. ॐ दमनाय नमः ।

८८७. ॐ शत्रुघ्ने नमः ।

८८८. ॐ श्वेतपिङ्गलाय नमः ।

८८९. ॐ पीतात्मने नमः ।

८९०. ॐ परमात्मने नमः ।

८९१. ॐ प्रयतात्मने नमः ।

८९२. ॐ प्रधानधृते नमः ।

८९३. ॐ सर्वपार्श्वमुखाय नमः ।

८९४. ॐ त्र्यक्षाय नमः ।

८९५. ॐ धर्मसाधारणाय वराय नमः ।

८९६. ॐ चराचरात्मने नमः ।

८९७. ॐ सूक्ष्मात्मने नमः ।

८९८. ॐ अमृताय गोवृषेश्वराय नमः ।

८९९. ॐ साध्यर्षये नमः ।

९००. ॐ आदित्याय वसवे नमः ।

९०१. ॐ विवस्वते सवितामृताय नमः ।

९०२. ॐ व्यासाय नमः ।

९०३. ॐ सुसंक्षेपाय विस्तराय सर्गाय नमः ।

९०४. ॐ पर्ययाय नराय नमः ।

९०५. ॐ ऋतवे नमः ।

९०६. ॐ संवत्सराय नमः ।

९०७. ॐ मासाय नमः ।

९०८. ॐ पक्षाय नमः ।

९०९. ॐ संख्यासमापनाय नमः ।

९१०. ॐ कलाभ्यो नमः ।

९११. ॐ काष्ठाभ्यो नमः ।

९१२. ॐ लवेभ्यो नमः ।

९१३. ॐ मात्राभ्यो नमः ।

९१४. ॐ मुहूर्ताहःक्षपाभ्यो नमः ।

९१५. ॐ क्षणेभ्यो नमः ।

९१६. ॐ विश्वक्षेत्राय नमः ।

९१७. ॐ प्रजाबीजाय नमः ।

९१८. ॐ लिङ्गाय नमः ।

९१९. ॐ आद्याय नमः ।

९२०. ॐ सते नमः ।

९२१. ॐ असते नमः ।

९२२. ॐ व्यक्ताय नमः ।

९२३. ॐ अव्यक्ताय नमः ।

९२४. ॐ पित्रे नमः ।

९२५. ॐ मात्रे नमः ।

९२६. ॐ पितामहाय नमः ।

९२७. ॐ स्वर्गद्वाराय नमः ।

९२८. ॐ प्रजाद्वाराय नमः ।

९२९. ॐ मोक्षद्वाराय नमः ।

९३०. ॐ त्रिविष्टपाय नमः ।

९३१. ॐ निर्वाणाय नमः ।

९३२. ॐ ह्लादनाय नमः ।

९३३. ॐ ब्रह्मलोकाय नमः ।

९३४. ॐ परस्यै गतये नमः ।

९३५. ॐ देवासुरविनिर्मात्रे नमः ।

९३६. ॐ देवासुरपरायणाय नमः ।

९३७. ॐ देवासुरगुरवे नमः ।

९३८. ॐ देवाय नमः ।

९३९. ॐ देवासुरनमस्कृताय नमः ।

९४०. ॐ देवासुरमहामात्राय नमः ।

९४१. ॐ देवासुरगणाश्रयाय नमः ।

९४२. ॐ देवासुरगणाध्यक्षाय नमः ।

९४३. ॐ देवासुरगणाग्रण्ये नमः ।

९४४. ॐ देवातिदेवाय नमः ।

९४५. ॐ देवर्षये नमः ।

९४६. ॐ देवासुरवरप्रदाय नमः ।

९४७. ॐ देवासुरेश्वराय नमः ।

९४८. ॐ विश्वस्मै नमः ।

९४९. ॐ देवासुरमहेश्वराय नमः ।

९५०. ॐ सर्वदेवमयाय नमः ।

९५१. ॐ अचिन्त्याय नमः ।

९५२. ॐ देवतात्मने नमः ।

९५३. ॐ आत्मसम्भवाय नमः ।

९५४. ॐ उद्भिदे नमः ।

९५५. ॐ त्रिविक्रमाय नमः ।

९५६. ॐ वैद्याय नमः ।

९५७. ॐ विरजसे नमः ।

९५८ ॐ नीरजसे नमः ।

९५९ ॐ अमराय नमः ।

९६० ॐ ईड्याय नमः ।

९६१. ॐ हस्तीश्वराय नमः ।

९६२. ॐ व्याघ्राय नमः ।

९६३. ॐ देवसिंहाय नमः ।

९६४. ॐ नरर्षभाय नमः ।

९६५. ॐ विबुधाय नमः ।

९६६. ॐ अग्रवराय नमः ।

९६७. ॐ सूक्ष्माय नमः ।

९६८. ॐ सर्वदेवाय नमः ।

९६९. ॐ तपोमयाय नमः ।

९७०. ॐ सुयुक्ताय नमः ।

९७१. ॐ शोभनाय नमः ।

९७२.ॐ वज्रिणे नमः ।

९७३. ॐ प्रासानां प्रभवाय नमः ।

९७४. ॐ अव्ययाय नमः ।

९७५. ॐ गुहाय नमः ।

९७६. ॐ कान्ताय नमः ।

९७७. ॐ निजाय सर्गाय नमः ।

९७८. ॐ पवित्राय नमः ।

९७९. ॐ सर्वपावनाय नमः ।

९८०. ॐ श्रृङ्गिणे नमः ।

९८१. ॐ श्रृङ्गप्रियाय नमः ।

९८२. ॐ बभ्रवे नमः ।

९८३. ॐ राजराजाय नमः ।

९८४. ॐ निरामयाय नमः ।

९८५. ॐ अभिरामाय नमः ।

९८६. ॐ सुरगणाय नमः ।

९८७. ॐ विरामाय नमः ।

९८८. ॐ सर्वसाधनाय नमः ।

९८९. ॐ ललाटाक्षाय नमः ।

९९०. ॐ विश्वदेवाय नमः ।

९९१. ॐ हरिणाय नमः ।

९९२. ॐ ब्रह्मवर्चसे नमः ।

९९३. ॐ स्थावराणां पतये नमः ।

९९४. ॐ नियमेन्द्रियवर्धनाय नमः ।

९९५. ॐ सिद्धार्थाय नमः ।

९९६. ॐ सिद्धभूतार्थाय नमः ।

९९७. ॐ अचिन्त्याय नमः ।

९९८. ॐ सत्यव्रताय नमः ।

९९९. ॐ शुचये नमः ।

१०००. ॐ व्रताधिपाय नमः ।

१००१. ॐ परस्मै नमः ।

१००२. ॐ ब्रह्मणे नमः ।

१००३. ॐ भक्तानां परमायै गतये नमः ।

१००४. ॐ विमुक्ताय नमः ।

१००५. ॐ मुक्ततेजसे नमः ।

१००६. ॐ श्रीमते नमः ।

१००७. ॐ श्रीवर्धनाय नमः ।

१००८. ॐ जगते नमः ।

॥ इति श्रीमहाभारते अनुशासनपर्वणि श्रीशिवसहस्त्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥

गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

चौरीचौरा शताब्दी समारोह*

*सुबह से शाम तक छाया रहा जोश मिश्रित उमंग*


आजादी की लड़ाई और देशभक्ति के नाम रहीं मंचीय प्रस्तुतियां*

*सुबह स्मारक स्थलों से निकली प्रभातफेरी में गूंजते रहे गगनभेदी नारे*

शाम को नयनाभिराम दीपोत्सव, पुलिस बैंड पर गूंजे देशभक्ति के तराने*

राजेश  सिन्हा 

गोरखपुर, 4 फरवरी।

 चौरीचौरा शताब्दी समारोह के शुभारंभ के पहले दिन सुबह से शाम तक जोश मिश्रित उमंग छाया रहा। सुबह चौरीचौरा समेत जिले के सभी स्मारक स्थलों से गगनभेदी नारों के बीच प्रभातफेरी निकाली गई तो मुख्य महोत्सव स्थल चौरीचौरा में मंच पर पूरे दिन देश की आजादी की लड़ाई से जुड़े कार्यक्रम लोगों में जोश भरते रहे। शाम को स्मारक स्थलों पर दीपोत्सव की छटा देखते ही बन रही थी। इसी बेला में पुलिस बैंड पर देशभक्ति गीतों के तराने गूंज रहे थे। 


मुख्य समारोह के उद्घाटन के बाद शुरू हुई मंचीय कार्यक्रमों की श्रृंखला। चौरीचौरा जनप्रतिरोध के सौवें बरस के अवसर पर आयोजित चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव में "आजादी की क्रांति 1857 से 1922"  नाट्य प्रस्तुति के जरिये चौरीचौरा की घटना की यादें जीवंत हो उठीं। मानवेंद्र त्रिपाठी की परिकल्पना व निर्देशन में इस नाटक का मंचन देखकर लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत की ज्यादती को नजदीक से महसूस किया। इसमें 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1922 तक की ऐतिहासिक घटनाओं की प्रभावी प्रस्तुति ने दर्शकों को अंत तक अपने आकर्षण में बांधे रखा।

कहानी के रूप में शुरू हुए इस मंचन में झांसी की रानी के शौर्य से लेकर चौरीचौरा जनप्रतिरोध को लाेगों के सामने प्रस्तुत किया गया। लगान के नाम पर किस तरह किसानों को सताया जा रहा था। लगान न मिलने पर अंग्रेज व उनकी पुलिस कैसे लोगों को प्रताड़ित करती थी, कैसे घर की इज्जत पर हाथ डालने की कोशिश होती थी, इस बिन्दुओं को जीवंत तरीके से उभारा गया। जमींदारों एवं पुलिस के आतंक से प्रताड़ित जनता विरोध पर उतरती है। पुलिस की ओर से फायरिंग की जाती है, कई सत्याग्रही शहीद हो जाते हैं। गोलीबारी की इस घटना की प्रतिक्रिया में सत्याग्रहियों में आक्रोश पनपा और उसकी परिणति में थाना जला दिया गया। किसानों पर अत्याचार करने वाले ब्रिटिश पुलिस के 23 कर्मी मारे गए। किस तरह से इस घटना की सूचना महात्मा गांधी तक पहुंचती है और उनकी ओर से असहयोग आंदोलन को स्थगित करने के फैसले से आम किसान किस तरह दुखी होते हैं, यह दृश्य काफी मार्मिक तरीके से पेश किया गया।


मुख्य मंच से आल्हा सम्राट फौजदार सिंह ने वीर सेनानियों की गाथा सुनाकर दर्शकों में जोश भर दिया। आल्हा सम्राट की लाइन ''चौरीचौरा लगा महोत्सव, आए बड़े-बड़े सरदार...'' पर दर्शकों ने वंदे मातरम का नारा लगाकर पूरे पंडाल को गुंजायमान कर दिया।मंच पर पहुंचते ही फौजदार सिंह ने भारत माता के साथ वीर भूमि चौरीचौरा की जय बोलने के साथ स्थानीय लोगों से स्वयं को जोड़ने में कामयाब रहे। करीब आधा घंटा तक हुई इस प्रस्तुति में दर्शक अपनी कुर्सियों से खड़े रहे। इसके बाद महोबा से आए रामचरण यादव व साथी  कलाकारों ने दिवाली व डंडा पाई नृत्य की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। प्रयागराज की पूर्णिमा व साथियों ने ढेढिया नृत्य पर सधे कदमताल का शानदार प्रदर्शन किया। जोश भरने की अब बारी थी फरूवाही नृत्य के कलाकारों की। चौरीचौरा के रामज्ञान यादव व टीम ने अमर शहीद बंधु सिंह पर केंद्रित प्रस्तुति दी तो छेदी यादव व साथियों ने "फुंकलें चौरीचौरा थनवा ए मितवा" पर फरूवाही से लोगों भुजाएं फड़का दीं। 


फरूवाही नृत्य के बाद मंच पर आए अखिलेश सिंह एवं उनकी टीम ने कार्यकम की शुरूआत देशभक्ति गीत से की। ''''जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा..वो भारत देश है मेरा...'''' गीत शुरू करते ही पंडाल में उपस्थित दर्शकों ने वंदे मातरम का जयघोष किया। गीत जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, लोग तालियों की गड़गड़ाहट भी बढ़ती गई। अखिलेश सिंह की ओर से प्रस्तुत देशभक्ति एवं सूफी गीतों का लोगों ने खूब आनंद उठाया। उनकी ओर से प्रस्तुत गीत '''छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नयना मिलाय के...'' 'को खूब सराहना मिली


वन्देमातरम गायन का विश्व रिकॉर्ड, सीएम योगी ने भी गाया*


*गायन वाले 1.50 लाख से अधिक वीडियो अपलोड, शुरू हुई स्क्रूटनी*


*चौरीचौरी शताब्दी समारोह में वन्देमातरम गायन के 50 हजार वीडियो अपलोड करने का था लक्ष्य*


गोरखपुर, 4 फरवरी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत उत्तर प्रदेश के आम और खास लोग सैल्यूट की मुद्रा में वन्देमातरम गायन करने के साथ उसकी वीडियो अपलोड कर विश्व रिकॉर्ड बनाने के अभियान का हिस्सा बने। यह अभियान गुरुवार की दोपहर 12 बजे खत्म हुआ, जिला प्रशासन के मुताबिक तब डेढ़ लाख से अधिक लोगों इस अभियान का हिस्सा बन चुके थे। इसके पहले ‌इंग्लैंड की एक संस्था के नाम यह रिकार्ड है जिसने 20 हजार वीडियो अपलोड किए थे। एडीएम वित्त व राजस्व राजेश सिंह के मुताबिक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से वीडियो की स्क्रूटनी शुरू हो गई है। इसके बाद ही सही संख्या का पता चलेगा कि मानक के मुताबिक अपलोड हुई वीडियो की असल संख्या क्या है। उसके बाद अधिकृत रूप से रिकॉर्ड की घोषणा की जाएगी।

एडीएम श्री सिंह ने बताया कि दो दिन में पूरे प्रदेश से डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने वीडियो अपलोड किया है। बुधवार की रात तक करीब डेढ़ लाख वीडियो अपलोड होने की सूचना थी। अपलोड वीडियो की गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड संस्था के सदस्य स्क्रूटनी कर रहे हैं। मानक पर सही मिलने वाले अपलोड वीडियो की वास्तविक संख्या देखने के बाद निर्णय लिया जाएगा। 


*बुधवार की सुबह से गुरुवार 12 बजे तक चला अभियान*

चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव में शहीदों की याद में वन्देमातरम गायन का विश्व कीर्तिमान बना दुनिया भर में पहुंचाने के लिए अभियान बुधवार की सुबह 10 बजे से लेकर गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक चला। इसके तहत वन्देमातरम के पहले छंद को गाकर वीडियो अपलोड किया जाना था। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की तरफ से बुधवार की सुबह ही लिंक https://chaurichauramahotsav.in/  उपलब्ध कराया गया था। बुधवार की देर शाम तक ही करीब 1.50 लाख वीडियो अपलोड हो चुकी थी। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ करने ‌वेब लिंक के जरिए कार्यक्रम से जुड़े तो मुख्य मंच से भी यह जानकारी साझा की गई।



 चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लखनऊ स्थित शहीद स्मारक पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की पावन स्मृति पर पुष्पांजलि कर माँ गोमती में दीपदान किया।

यूपी में पंचायत चुनाव की तिथि का एलान

 अतुल जैन*



यूपी में पंचायत चुनाव की तिथि का एलान


हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित की


लखनऊl 


17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा करे सरकार


30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव करा लें- कोर्ट


15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव


15 मई तक ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराएं


हाईकोर्ट ने आयोग और सरकार को आदेश दिया


उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ


विजय उपाध्याय की याचिका पर HC का आदेश


राज्य निर्वाचन आयोग के रुख पर कोर्ट नाराज़

बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

राम मंदिर को अनोखा अनूठा बनाने की कोशिश

 *गोल्डेन टेंपल की तर्ज पर लगेगी ऑटोमेटिक मशीन*

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सुनील मिश्र


अयोध्या।

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 राममंदिर निर्माण के साथ 70 एकड़ परिसर की भव्यता का भी प्लान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयार कर लिया है। ट्रस्ट का फोकस रामलला के भक्तों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर है। श्रीरामजन्म भूमि परिसर में भक्तों के लिए गोल्डन टेंपल की तर्ज पर ऑटोमेटिक पैर धुलने के लिए मशीन लगेगी। साथ ही दिव्यांग भक्तों के लिए लिफ्ट की भी व्यवस्था होगी। इसके साथ ही लोट्स पाेंड, राम कॉरिडोर, पब्लिक प्लाजा राममंदिर की भव्यता बढ़ाते दिखेंगे।




रामलला के भक्तों को ट्रस्ट बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की योजना बना रहा है। अभी कहीं कोई व्यवस्था नहीं होने से भक्त जूता-चप्पल पहनकर ही रामलला के दर्शन करने जाते हैं। हिंदू धर्म में जूता-चप्पल पहनकर भगवान के दर्शन-पूजन की मनाही है, लेकिन रामजन्मभूमि में न चाहते हुए भी भक्तों को जूता-चप्पल पहनकर दर्शन के लिए जाना पड़ता है। हालांकि अब राममंदिर में भक्तों के लिए ऑटोमेटिक पैर धुलने के लिए मशीन लगाई जाएगी। दर्शन करने जाते समय श्रद्धालु प्रवेश द्वार पर जहां अपना जूता-चप्पल जिस बॉक्स में जमा करेगा, उसे ऑटोमेटिक मशीन के जरिए निकास द्वार पर पहुंचाने का इंतजाम होगा। भक्तों का सामान जमा करने के लिए मंदिर परिसर में ही अमानती घर बनाए जाएंगे।



अभी रामजन्मभूमि परिसर के बाहर दर्शन मार्ग पर मात्र एक अमानती घर बना है। इसके अलावा दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों में अमानती घर बना रखा है, जहां से अक्सर भक्तों के सामान गायब होते रहते हैं। राममंदिर की सीढ़ियां चढ़ने में असमर्थ दिव्यांग व बुजुर्ग भक्तों के लिए मंदिर में लिफ्ट भी लगाई जाएगी, अभी व्हील चेयर की व्यवस्था है। पब्लिक प्लाजा, लोटस पोंड, राम कॉरिडोर से भी रामजन्मभूमि परिसर की भव्यता निखरेगी। म्यूजिकल फौव्वारा मंदिर परिसर की शोभा बढ़ाएगा। इसी तरह अन्य कई प्रकल्पों के जरिए राममंदिर परिसर को सजाने के प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है।


राममंदिर निर्माण को लेकर इंजीनियरिंग टीम ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसके मुताबिक 70 एकड़ मंदिर परिसर की चारदीवारी के चारों तरफ 10 फीट की जगह छोड़ी जाएगी ताकि तीन लेअर में ग्रीनरी स्थापित हो सके। सबसे दूर बड़े छायादार पौधे, फिर उससे छोटे आकार के पौधे और चारदीवारी के करीब और छोटे आकार के पौधे लगाए जाएंगे। इसका मकसद है कि सरयू की रेती से आने वाली हवा की धूल मंदिर तक न पहुंचे।


रामजन्मभूमि परिसर में सीता रसोई स्थापित की जाएगी। जहां रामभक्तों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था होगी। रामजन्मभूमि परिसर स्थित पुराने जर्जर हो चुके मंदिरों व भवनों को हटाने के क्रम में ही सीता रसोई को भी ध्वस्त कर दिया गया है। अब नए सिरे से सीता रसोई को भव्यता प्रदान की जाएगी। यहां रामलला के भक्तों को 24 घंटे मुफ्त भोजन प्रदान किया जाएगा।


राममंदिर विश्व भर के लिए आस्था का केंद्र तो होगा ही साथ ही साथ वास्तुकला की दृष्टि से भी अनुपम उदाहरण के रूप में प्रस्तुत होगा। हमारा प्रयास है कि रामभक्तों को नए मंदिर में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों, इसका खाका तैयार किया जा चुका है। राममंदिर निर्माण के समानांतर ही 70 एकड़ परिसर का विकास भी हमारी प्राथमिक योजना में है।- डॉ.अनिल मिश्र, ट्रस्टी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र

प्रधानमंत्री की होगी चौरी चौरा शताब्दी समारोह में गरिमामय उपस्थिति

 *PM Modi to inaugurate Chauri Chaura uprising’s centenary celebrations on Thursday* 


*The State Government will highlight the sacrifices of those unsung heroes whose names were consigned to anonymity by the Britishers.*


*Martyrs of Chauri Chaura to get the honor they deserved: CM Yogi*


*Mass recitation of ‘Vande Mataram’ to rent the air. Prabhat Pheris across UP to mark Chauri Chaura’s 100 years, followed by events at all martyrs’ memorials.*


Rajesh  sinha 

*Lucknow, February 3, 2021*


The Chauri Chaura incident occurred at Chauri Chaura in Gorakhpur district of the United Province, (modern Uttar Pradesh) in British India on February 4,  1922. There was a mass demonstration of people against the brutal measures of the Britishers in response to which the police opened fire on them. The following activities led to the death of three civilians and twenty-three policemen. The incident shook the foundation of British Empire in India. Mahatma Gandhi, who was strictly against violence, halted the Non-cooperation Movement on the national level on February 12, 1922, as a direct result of this incident.


Chauri Chaura uprising played a decisive role in giving a new direction to the freedom movement as it became an important reason behind the Revolt of 1857, however, it still failed to gain the recognition it deserved by the historians and writers as no literature gives the detailed record of the incident. 


The Uttar Pradesh CM, has planned a series of events during the whole year to celebrate the ‘Chauri Chaura’ historically. It will be celebrated in a grand way to commemorate all the freedom fighters. In order to instill the feeling of patriotism in youth and to make sure that the new generation is sensitised by the sacrifices made to attain freedom, UP CM has also instructed the officials to make all detailed history of the incidents accessible to the youth.



The events will begin in all districts, from February 4 and will continue till February 4 next year. Along with the beautification of ‘Chauri Chaura Shaheed Memorial’ at Gorakhpur, the area will be developed as a tourist spot. The mass recitation of 'Vande Matram', various cultural events in schools colleges, rendition of inspirational stories, cleanliness drive along with facelifting of all the martyrs’ memorials of the state are few of the planned events which will be kickstarted virtually on February 4 by Prime Minister Modi.



*The Unsung Heroes of Chauri Chaura find their mention in Purvanchal Folk Songs:* 

The Chauri Chaura uprising did not get the recognition it deserved by the historians at the time it took place, however, the people of Purvanchal glorified the valour of freedom fighters and have portrayed their patriotic sentiments through folk songs. 


Among them, ‘‘Komal Veer Mastana, Phunkle Chauri-Chaura Thana’’ and ‘’Sahuakol Mein Komal Taple, Phukle Chaura Thana, Theek Dupahariya Chaura Jar Gayil, Koi  Maram Nahi Jana’’ were once very popular. Apart from this, a poem by Veer Ras, “Bhadke Ahir Gaon ke Saare, Dai Thane Mein Aag Lagaye, Kaat Giraya Thanedaar Ko, Gayi Khabar Hind Mein Chhaye, Faili Ashanti Kuch Bharat Mein, Aandolan Ko Diya Bhagaye, Socha Kuch Ho Shayad Unse Galti Gaye Yahan Par Khaye…………Jara Sochna Dil Ko Bhaaye” is also widely known. 



*Chauri Chaura played major role in expansion of the revolutionary movement:*

The Jallianwala Bagh Massacre and the Chauri Chaura Uprising became incidents of national importance and played a very significant role in giving a new direction to the freedom movement in India. The valour of those bravehearts who lost their lives inspired the others and sparked a desire in them to attain freedom from the oppressive policies of the Britishers. 


Gorakhpur became the home of revolutionaries like Chandrashekhar Azad, Bhagat Singh, Ram Prasad Bismil, Rajendra Lahiri, Ashfaq Ullah Khan, Shachindra Nath Sanyal, Vishwanath Mukherjee and many more. Their ideology was adopted by the other Indians who had a dream of a Free India brimming in their eyes. 


*Shachindra Nath Sanyal took his last breath in Gorakhpur:* 

Shachindra N. Sanyal and all his four brothers made numerous sacrifices in the Indian Freedom Movement. Rabidranath N. Sanyal was involved in the Banaras conspiracy, Jitendra N. Sanyal was convicted on charges of unrest in Benares and Lahore, Bhupendra N. Sanyal was accused in the ‘Kakori Kand’ and Shachindra N. Sanyal spent 25 years of his lifespan of 52 years in prison as he was sentenced to the punishment of ‘kaalapani’ twice with two other cases against him. He took his last breath in the ‘Daudpur’ locality of Gorakhpur.


*The echoes of Chauri Chaura incident were heard in several countries*


After 1857 incident, the Chauri Chaura uprising was the most courageous incident in the history which got publicised in other countries also. In fact,  'Leader', the hindi daily of Prayagraj ( Allahabad), had given vivid details of the incident and termed it as 'unprecedented'  event of freedom struggle in which 23 policemen were burnt alive in Chauri Chaura police station.


   A total of 172  persons were handed death sentence but due to the efforts of Mahamana Madan Mohan Malviya, who fought cases on their behalf, 151 were saved. Still, the nineteen freedom fighters were hanged while 14 were imprisioned  to life and ten received jail term of eight years each.

आम आदमी की सेहत का बजट में रखा गया है पूरा ख्याल

 *बजट में हेल्‍थ सेक्‍टर को मिली सौगात, यूपी को होगा सर्वाधिक लाभ*

*अब ग्रामीण क्षेत्रों में और भी बेहतर हो सकेंगींं स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं*

*प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार*

*यूपी को 75 इंटीग्रेटेड लैब की होगी स्‍थापना*

*इंटीग्रेटेड लैब व ब्‍लॉक में क्रिटिकल केयर अस्‍पताल से मिलेगा यूपी को लाभ*

*बजट में आम आदमी की सेहत का रखा गया खास ख्याल*


राजेश सिन्हा 

*लखनऊ, 03 फरवरी।

आम बजट में चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र के लिए जिस बड़े आर्थिक पैकेज का एलान किया गया है। उसमें देश के अन्‍य राज्‍यों की अपेक्षा यूपी को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है। प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए हर कदम पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। ऐसे में अब वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट में हेल्‍थ सेक्‍टर को मिली सौगात से उत्‍तर प्रदेश को सर्वाधिक लाभ होगा।  बजट में हर जिले में इंटीग्रेटेड लैब की स्‍थापना की घोषणा के बाद सबसे ज्‍यादा इंटीग्रेटेड लैब का निर्माण यूपी में किया जाएगा। प्रदेश के 75 जनपदों को इंटीग्रेटेड लैब बनेंगी।

                     उत्‍तर प्रदेश को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं से लैस करने के लिए तत्‍पर योगी सरकार एक ओर जहां हेल्‍थ सेक्‍टर में प्रदेशवासियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं वहीं ये बजट स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को और भी बेहतर बनाएगा। सबसे अधिक जनसंख्‍या वाले प्रदेश में इसके तहत 17,788 ग्रामीण और 11,022 शहरी स्‍वास्‍थ्‍य एवं वेलनेस केन्‍द्रों को जरूरी सहायता मुहैया कराई जाएगी।


*पुणे की तर्ज पर लखनऊ में विकसित किया जाएगा वायरोलॉजी सेंटर*

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने पुणे की तर्ज पर लखनऊ में वायरोलॉजी सेंटर शुरू करने की घोषणा की है। वहीं योगी सरकार ने चिकित्सा की सबसे प्राचीन विधा आयुर्वेद को नई पहचान दिलाने के लिए सरकार ने गोरखपुर में आयुर्वेद के सरकारी अस्पताल में गम्भीर रोग से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए टेलीमेडिसिन की सुविधा को शुरू किया जा चुका है। अब जल्‍द ही टेलीमेडिसिन की सुविधा का विस्‍तार प्रदेश के दूसरे जिलों में भी किया जाएगा।


*बजट से यूपी को हेल्‍थ सेक्‍टर में होगा फायदा*

24 करोड़ की आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश को चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य बजट में 135 प्रतिशत की वृद्धि‍  का सबसे अधिक लाभ मिलेगा। 15 स्‍वास्‍थ्‍य आपातकालीन ऑपरेशन केन्‍द्रों की स्‍थापना की जाएगी जिसमें से 03 केन्‍द्र यूपी में स्‍थापित किए जाने हैं। इसके साथ ही 35 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान का भी सर्वाधिक जनसंख्‍या वाले उत्‍तर प्रदेश को मिलेगा।


*यूपी के ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्रों को किया जा रहा अपग्रेड*

इस बजट से हेल्‍थ सेक्‍टर में 602 ब्‍लॉक में क्रिटिकल केयर अस्‍पताल, 75 हजार ग्रामीण हेल्‍थ सेंटर, हर जिले में इंट्रीग्रेटड लैब का इंतजाम, पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना व मिशन पोषण 2.0 समेत अन्‍य घोषणा से सर्वाधिक लाभ यूपी को होगा। अब प्रदेशवासियों को दी जा रही स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में और भी इजाफा होगा। बता दें कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ के दिशा निर्देशन में जहां प्रदेश के ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्रों को अपग्रेड करते हुए सात करोड़ की लागत से हेल्‍थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार किए जा रहें हैं वहीं मिशन पोषण के तहत भी लोगों को राहत मिल रही है।

*डॉक्‍टर बोले, हेल्‍थ सेक्‍टर के लिए अभी तक का सबसे स्‍वर्णिम बजट*

लखनऊ के केजीएमयू के पल्‍मोनरी क्रिटिकल केयर यूनिट के हेड डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि बजट में हेल्‍थ सेक्‍टर के लिए की गई घोषणा से यूपी के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में इजाफा होगा। इस बार हेल्‍थ के बजट को कई गुना बढ़ाया गया है। जिससे अब प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में काफी इजाफा होगा। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह यूपी ने सफलता हासिल की है जो दूसरे राज्‍यों के लिए नजीर बना है। ऐसे में ब्‍लॉक लेवल पर क्रिटिकल केयर अस्‍पताल की घोषणा से निश्चित तौर पर यूपी को भी फायदा मिलेगा।


महानिदेशक डीजी परिवार कल्‍याण डॉ राकेश दुबे ने बताया कि चिकित्‍सा ढांचे को मजबूत करने वाला बजट है। सरकार के इस हेल्‍थ बजट का लाभ लोगों को लंबे समय तक मिलेगा। वैक्‍सीन निर्माण, हर जिले में इंटीग्रेटेड लैब, जिलों में क्रिटिकल केयर अस्‍पताल खोलने का फैसला उम्‍दा है। इस बजट से स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं बेहतर हो सकेंगीं।

UP gears up to expand Ganga and Purvanchal Expressways

 Yogi government to further boost up the infrastructure 


UP gears up to expand Ganga and Purvanchal Expressways 


The longest Expressway of  the country to be even longer



CM tells officials to prepare detailed proposals for the both



Lucknow, Feb 3, 2021


The Uttar Pradesh Government is set to expand India’s biggest Ganga Expressway. Led by Chief Minister Yogi Adityanath, the state government is planning to extend the expressway from Prayagraj to Varanasi as well as from Meerut to Haridwar. The Chief Minister has already directed the concerned department to prepare a detailed proposal in this regard.


In view of the Central Government’s plan to expand highways and expressways as envisaged in the Union budget, CM Yogi Adityanath  at a meeting with senior officials, directed to start preparing the proposal in right earnest. 

If approved, the length of the expressway will increase by 150 kilometres. Presently, the length of the expressway is 596 kilometres which will be built at an estimated cost of Rs 36,402 crores. 

The expansion proposal aims at linking several cities with the expressway, including Meirut, Hapur, Bulandshahar, Amroha, Sambhal, Shahjahanpur, Hardoi, Unnao, Rae Bareli, Pratapgarh  and Prayagraj.         

With the extension of the expressway from Prayagraj to Varanasi, several places in the eastern UP will get connected through the expressway, including Varanasi, Mirzapur, Bhadohi, Sonbhadra and Chandoli, which will pave way for development of industries and tourism in the state.

It is worth mentioning that the Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority (UPEIDA)  is implementing the expressway projects in the state. Initially, it will a six-lane expressway, which might be extended later to eight.   

With Prime Minister Narendra Modi having set his goal to make Varanasi an export hub and in view of the emphasis on road infrastructure in the union budget, the UP CM has come with the expansion plan for Ganga Expressway, which would enhance eastern UP’s connectivity with New Delhi as well as with other parts of the country. 

The  Yogi Government also plans to extend Poorvanchal Expressway up to Balia and has directed concerned authorities to prepare a detailed  proposal for the same. The under-construction Purvanchal Expressway is originally was to be built from Lucknow to Ghazipur.

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

यूपी सरकार का विकास संग कदमताल

*सुनहरी करेगी किसानों की किस्मत को सुनहरा*


*मिड डे मील में शामिल हो सकती हैं सुनहरी*


*सीएम सिटी में त्रिदिवसीय सुनहरी महोत्सव फरवरी के तीसरे हफ्ते में*


*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं महोत्सव का उद्घाटन*


*मिशन किसान कल्याण*


*लख़नऊ*


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के बाद चर्चा के बाद सुर्खियों में आयी सुनहरी शकरकंद किसानों की किस्मत को भी सुनहरा करेगी। सीएम सिटी (गोरखपुर) में फरवरी के तीसरे हफ्ते में तीन दिन आयोजित होने वाले सुनहरी शकरकंद महोत्सव में इसकी पृष्ठभूमि तैयार होगी। 

 दरअसल सुनहरी के पौष्टिकता के मद्​देनजर आंगनबाड़ी के हॉट कुक्ड योजना और परिषदीय स्कूलों के मिड डे मील योजना में इसे शामिल करने का प्रस्ताव भी शासन को महोत्सव के दौरान भेजा जाएगा। ऐसा हुआ तो यह आयोजन सुनहरी शकरकंद की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।


मालूम हो कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार झांसी के स्ट्राबेरी महोत्सव की तर्ज पर गोरखपुर में भी तीन दिवसीय सुनहरी महोत्सव का अायोजन होना है। इसकी संभावित तिथि 19 से 21 फरवरी है। चूंकि कार्यक्रम सीएम सिटी में होना है। लिहाजा आयोजकों की दिली इच्छा है कि इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री करें। ऐसे में उनकी उपलब्धता के अनुसार आयोजन की तिथि की अंतिम घाेषणा की जाएगी।


*40 से ज्यादा होटल/ रेस्टोरेंट में परोसे जाएंगे सुनहरी के पकवान*


हाल के दिनों में आयोजन की तैयारियों के लेकर दो बैठकें हो चुकी हैं। चंद रोज पहले अपर मुख्य सचिव उद्यान मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रम के स्वरूप में विस्तृत चर्चा हुई। इसमें निदेशक उद्यान डाॅ.आरके तोमर के अलावा झांसी में स्ट्राबेरी का सफल आयोजन कराने वाले गौरव गर्ग और अन्य लोग मौजूद थे। मौके पर कार्यक्रम का स्वरूप क्या होगा। इस बाबत एक बैठक 29 जनवरी को गोरखपुर के एनेक्सी भवन के सभागार में हुई। तय हुआ कि महोत्सव का मुख्य आयोजन वहां के होटल रैडिसन में होगा। इस दौरान जिले के तकरीबन 40 प्रमुख होटल्स / रेस्टोरेंट में सुनहरी के व्यंजनों को स्टार्टर, मेन कोर्स और डेजर्ट के रूप में परोसा जाएगा। 


*विशेषज्ञ देंगे सुनहरी के पोषक तत्वों की जानकारी*


लोग सुनहरी के पोषक तत्व, इसकी खेती के उन्नत तरीके, बाजार और बनने वाले व्यंजनों के बारे में जानें इस बाबत गोष्ठी भी होगी। इसमें विशेषज्ञों के साथ इसकी खेती करने वाले किसान भी अपनी बात रखेंगे। मकसद यह है कि लोग सुनहरी की खूबियों को जानें। इसकी मांग निकले और किसान इसकी खेती के लिए प्रेरित हों। मांग निकलने पर इसकी खेती करने वाले किसानों को उपज का वाजिब दाम मिलेगा। इससे उनकी आय भी बढ़ेगी। 


*सुनहरी में मिलता है भरपूर मात्रा में बिटामिन ए* 

 मालूम हो कि सुनहरी शकरकंद गंजी की ही एक प्रजाति है। आम शकरंकद और इसमें फर्क यह है कि काटने पर इसका गूदा गोल्डेन रंग का होता है। ऐसा इसमें उपलब्ध बीटा कैरोटीन की प्रचुर मात्रा के कारण होता है। मूल रूप से यह केन्या में पाई जाती है। गोरखपुर समेत पूर्वांचल और झारखंड के कृषि जलवायु क्षेत्र में इसकी खेती को प्रोत्साहन देने में गोरखपुर के कृषि वैज्ञािनक डॉ आरसी चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 100 ग्राम सुनहरी शकरकंद में बीटा कैरोटिन की मात्रा लगभग 20 ग्राम होती है। यह किसी व्यक्ति के लिए हफ्ते भर के लिए जरूरी विटामिन-ए की आपूर्ति कर देता है। इसमें मिलने वाला एंटी आक्सीडेंट यकृत और कैंसर जैसे रोगों के रोकथाम में मददगार है।

[2/2, 19:08] Ss संजय सिंह Rsahaर: *सीएम आवास पर सजी खास पाठशाला, मंत्रियों ने सीखे गुर*


*कैबिनेट की हाईटेक बैठक के लिए मंत्रीगण भी हैं उत्साहित*


*लखनऊ, 2 फरवरी:* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास 05, कालिदास मार्ग पर मंगलवार को एक खास पाठशाला सजी। मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के संकल्प के साथ लगी इस खास पाठशाला में विद्यार्थी थे प्रदेश के मंत्रीगण, तो, प्रशिक्षक की भूमिका में थे, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ।


दरअसल, प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठकों को पेपरलेस करने की कवायद में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में मंगलवार को मंत्रीगणों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और सचिव आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट के लिए तैयार किये गए नए पोर्टल के विभिन्न बिंदुओं के बारे में एक प्रस्तुतीकरण दिया। मंत्रियों को बताया गया कि, किस प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होगी, उसकी सूचना पोर्टल पर कैसे प्राप्त होगी, फिर गोपन विभाग के माध्यम से कैसे मंत्रिपरिषद के लिए टिप्पणियों को यहां एक्सेस किया जा सकेगा। यही नहीं, मीटिंग एजेंडा, पिछली बैठकों के एजेंडे और निर्णयोपरांत हुई कार्यवाही की जानकारी भी यहां उपलब्ध होगी।  प्रस्तुतीकरण के बाद अधिकारियों और विशेषज्ञों ने मंत्रियों के टैबलेट पर पूरी कार्यवाही का अभ्यास भी कराया। मुख्यमंत्री ने नई व्यवस्था को नए उत्तर प्रदेश की नई पहचान से जोड़ते हुए सभी मंत्रियों और उनके स्टाफ के विधिवत प्रशिक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने टैबलेट और पोर्टल की तकनीकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री के इस नए प्रयोग से मंत्रियों में खासा उत्साह भी रहा। कई मंत्रियों ने नई व्यवस्था के सम्बंध में अपनी विभिन्न जिज्ञासा भी जाहिर की, जिसका समुचित समाधान किया गया।

[2/2, 19:08] Ss संजय सिंह Rsahaर: *लखनऊ व सोनभद्र समेत चार जनपदों में बनेंगे एकलव्‍य विद्यालय* 


*प्रदेश सरकार ने भेजा केन्‍द्र को प्रस्‍ताव*


*प्रदेश के बहराइच व लखीमपुर में संचालित हो रहे हैं एकलव्‍य विद्यालय* 


*सोनभद्र में 48 करोड़ की लागत से बनेगा एकलव्‍य विद्यालय* 


*लखनऊ। 2 फरवरी*


ग्रामीण और अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार लगातार काम कर रही है। खासकर आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जलाने के सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने सोनभद्र, बिजनौर, लखनऊ व श्रावस्‍ती में एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने का प्रस्‍ताव केन्‍द्र को भेजा है। अभी बहराइच और लखीमपुर खीरी में एकलव्‍य विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। 


आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का स्‍तर बेहतर करने के लिए केन्‍द्र व प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सोमवार को आम बजट में केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय बनाए जाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय का मॉडल पेश किया था। इसमें बीस प्रतिशत आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों की बेहतर शिक्षा के लिए एकलव्‍य विद्यालय बनाए जाते हैं।


 देश भर में अभी 462 एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहे है। 750 और एकलव्‍य विद्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव सोमवार को आम बजट में पेश किया गया है। वहीं, यूपी में बहराइच व लखीमपुर में एकलव्‍य विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा ललितपुर में एकलव्‍य विद्यालय निर्माण का कार्य चल रहा है। 


*सोनभद्र में 48 करोड़ की लागत से एकलव्‍य विद्यालय* 


प्रदेश सरकार ने आदिवासी मूल के छात्रों को उच्‍च गुणवत्‍ता की शिक्षा उपलब्‍ध कराने के लिए प्रदेश के चार जनपदों में एकलव्‍य विद्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव केन्‍द्र सरकार को भेजा है। इसमें लखनऊ समेत सोनभद्र, बिजनौर और श्रावस्‍ती में एकलव्‍य विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। जानकारों के अनुसार सोनभद्र में 48 करोड़ रूपए की लागत से एकलव्‍य विद्यालय का निर्माण कराए जाने का प्रस्‍ताव है जबकि अन्‍य जनपदों में 38 करोड़ रुपए की लागत से एकलव्‍य विद्यालय के निर्माण का प्रस्‍ताव भेजा गया है।

[2/2, 19:08] Ss संजय सिंह Rsahaर: एमएसएमई सेक्टर को 61759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया गया 

एमएसएई सेक्टर के ऋण लक्ष्य को संशोधित कर 76 हजार करोड़ रुपये किया गया 


लखनऊ, 2 फरवरी : 

कोरोना महामारी के दौरान 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को ऋण (लोन) देकर बड़ा लक्ष्य साधा है। कुल मिलाकर आपदा में अवसर को तलाश करते हुए सूबे की सरकार ने एमएसएमई इकाइयों को बीते साल अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया। एमएसएमई इकाइयों को ऋण दिलाने के लक्ष्य को सौ फीसदी हासिल करते हुए अब एमएसएई सेक्टर के वर्तमान वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को संशोधित करते हुए 76 हजार करोड़ कर दिया गया है।  


राज्य के अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डा. नवनीत सहगल के अनुसार मात्र नौ माह में 

एमएसएमई इकाइयों को ऋण मुहैया कराना एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तरप्रदेश में एमएसएमई की लगभग नौ लाख 50 हजार इकाइयां पंजीकृत हैं। गैर पंजीकृत एमएमएसई इकाइयों की संख्या इससे कई गुना अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में उद्योग की रीढ़ एमएसएमई इकाइयां ही हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान यहां की एमएसएमई इकाइयों ने बहुत ही कम समय में आवश्यक वस्तुओं-पीपीई किट, मास्क, सैनेटाइजर आदि को निर्मित कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाकर मिशाल पेश की। इन इकाइयों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

 

एमएसएमई इकाइयों के महत्व को समझते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई इकाइयों पर ध्यान दिया और इन इकाइयों को कार्य करने के लिए ऋण मुहैया कराने पर ध्यान दिया। जिसके चलते बैंकों को इन इकाइयों को ऋण देने के लिए कहा गया। अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61759 करोड़ रुपये का ऋण एमएसएमई इकाइयों को मुहैया करा दिया गया। राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (एसएलबीसी) की बैठक में एमएसएमई इकाइयों को मुहैया कराए गए आंकड़ों से इसकी पुष्टि हुई।

*एक करोड़ लोगों रोजगार देने का लक्ष्य*

डा. नवनीत सहगल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्हें आसानी से ऋण प्राप्त हो सके, इसका प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने का प्रयास है। यूपी में देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ एमएसएमई इकाइयों  को औद्योगिक गतिविधियों और रोजगार सृजन के मामले में राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में पेश कर रहे हैं। केंद्रीय बजट में भी इस बात की पुष्टि की गई है जब सेक्टर ने प्रस्तावों में और बढ़ोतरी की है। योगी सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र पर पूरा जोर दिया हुआ है। ओडीओपी का एक घटक पहले से ही एक सफल कहानी रही है। इस संबंध में, राज्य सरकार ने हाल ही में 'उद्योग सारथी' ऐप लॉन्च किया है जिसने उद्यमियों को स्वयं के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इस ऐप के जरिये एमएसएमई इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा।  


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