शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर योगी सरकार का जोर

 राज्य में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का हो रहा लगातार प्रयास : राज्यपाल


-राज्य में बढ़ रही हवाई अड्डों की संख्या, वर्तमान में सात हवाई अड्डे क्रियाशील 

- हवाई अड्डों पर देर रात लैंड होने लगी फ्लाइटें, विदेश जाने वाली फ्लाइटों में इजाफा  

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 राजेश सिन्हा

लखनऊ l : 

विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत के पहले दिन बृहस्पतिवार को सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। गौतमबुद्धनगर के जेवर में विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास कराया जा रहा है, जिसकी भविष्य  में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत औद्योगिक निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। 


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण में प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति-2017 के प्रख्यापित किए जाने और राज्य में बनाए जा रहे हवाई अड्डों का भी जिक्र किया। 

उन्होंने कहा कि कुशीनगर हवाई-अड्डा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार हो चुका है। इसी प्रकार शीघ्र ही लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर और अयोध्या में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हवाईअड्डे हो जाएगे। अभी राज्य में कुल सात हवाई अड्डे लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर , प्रयागराज और हिंडन ही क्रियाशील हैं। जबकि आगामी 8 मार्च से बरेली हवाई अड्डे से भी उड़ाने शुरु हो जाएंगी। इसके अलावा चार हवाई अड्डों अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती तथा मुरादाबाद में भी निर्माण कार्य पूरा हो गया है। सोनभद्र और चित्रकूट में निर्माण कार्य चल रहा है तथा सहारनपुर, झांसी, मेरठ और ललितपुर में भूमि प्राप्त करने की कारवाई की जा रही है। 

             

नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में करीब चार वर्षों में हुए कार्य का राज्यपाल के अभिभाषण में हुआ यह उल्लेख प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाने सरीखा है। योगी सरकार ने राज्य में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जितना कार्य किया है, उतना सूबे में रही किसी भी सरकार ने नहीं किया था। वर्तमान में राज्य के सात हवाई अड्डों से लोग देश भर में आ जा रहे हैं। इन हवाई अड्डों पर देश और विदेश के बड़े हवाई जहाज लैंड कर रहें हैं। सूबे के  लखनऊ और वाराणसी हवाई अड्डों पर भी अब देर रात फ्लाईट लैंड कर रहीं हैं, जबकि आज से करीब आठ साल पहले रात ग्यारह बजे लखनऊ का हवाई अड्डा बेरौनक हो जाता था। इसकी वजह थी रात ग्यारह बजे के बाद लखनऊ हवाई अड्डे पर किसी फ्लाईट का ना आना। अब प्रदेश सरकार ने हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर देकर माहौल बदला है। सरकार ने नये हवाई अड्डे बनाने में रूचि ली तो अब देश के हर हिस्से में जाने वाली फ्लाईटो की संख्या सूबे के सात हवाई अड्डों पर बढ़ाने लगी है। विदेश जाने वाली फ्लाइटों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 

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