मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

यूपी सरकार का विकास संग कदमताल

*सुनहरी करेगी किसानों की किस्मत को सुनहरा*


*मिड डे मील में शामिल हो सकती हैं सुनहरी*


*सीएम सिटी में त्रिदिवसीय सुनहरी महोत्सव फरवरी के तीसरे हफ्ते में*


*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं महोत्सव का उद्घाटन*


*मिशन किसान कल्याण*


*लख़नऊ*


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के बाद चर्चा के बाद सुर्खियों में आयी सुनहरी शकरकंद किसानों की किस्मत को भी सुनहरा करेगी। सीएम सिटी (गोरखपुर) में फरवरी के तीसरे हफ्ते में तीन दिन आयोजित होने वाले सुनहरी शकरकंद महोत्सव में इसकी पृष्ठभूमि तैयार होगी। 

 दरअसल सुनहरी के पौष्टिकता के मद्​देनजर आंगनबाड़ी के हॉट कुक्ड योजना और परिषदीय स्कूलों के मिड डे मील योजना में इसे शामिल करने का प्रस्ताव भी शासन को महोत्सव के दौरान भेजा जाएगा। ऐसा हुआ तो यह आयोजन सुनहरी शकरकंद की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।


मालूम हो कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार झांसी के स्ट्राबेरी महोत्सव की तर्ज पर गोरखपुर में भी तीन दिवसीय सुनहरी महोत्सव का अायोजन होना है। इसकी संभावित तिथि 19 से 21 फरवरी है। चूंकि कार्यक्रम सीएम सिटी में होना है। लिहाजा आयोजकों की दिली इच्छा है कि इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री करें। ऐसे में उनकी उपलब्धता के अनुसार आयोजन की तिथि की अंतिम घाेषणा की जाएगी।


*40 से ज्यादा होटल/ रेस्टोरेंट में परोसे जाएंगे सुनहरी के पकवान*


हाल के दिनों में आयोजन की तैयारियों के लेकर दो बैठकें हो चुकी हैं। चंद रोज पहले अपर मुख्य सचिव उद्यान मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रम के स्वरूप में विस्तृत चर्चा हुई। इसमें निदेशक उद्यान डाॅ.आरके तोमर के अलावा झांसी में स्ट्राबेरी का सफल आयोजन कराने वाले गौरव गर्ग और अन्य लोग मौजूद थे। मौके पर कार्यक्रम का स्वरूप क्या होगा। इस बाबत एक बैठक 29 जनवरी को गोरखपुर के एनेक्सी भवन के सभागार में हुई। तय हुआ कि महोत्सव का मुख्य आयोजन वहां के होटल रैडिसन में होगा। इस दौरान जिले के तकरीबन 40 प्रमुख होटल्स / रेस्टोरेंट में सुनहरी के व्यंजनों को स्टार्टर, मेन कोर्स और डेजर्ट के रूप में परोसा जाएगा। 


*विशेषज्ञ देंगे सुनहरी के पोषक तत्वों की जानकारी*


लोग सुनहरी के पोषक तत्व, इसकी खेती के उन्नत तरीके, बाजार और बनने वाले व्यंजनों के बारे में जानें इस बाबत गोष्ठी भी होगी। इसमें विशेषज्ञों के साथ इसकी खेती करने वाले किसान भी अपनी बात रखेंगे। मकसद यह है कि लोग सुनहरी की खूबियों को जानें। इसकी मांग निकले और किसान इसकी खेती के लिए प्रेरित हों। मांग निकलने पर इसकी खेती करने वाले किसानों को उपज का वाजिब दाम मिलेगा। इससे उनकी आय भी बढ़ेगी। 


*सुनहरी में मिलता है भरपूर मात्रा में बिटामिन ए* 

 मालूम हो कि सुनहरी शकरकंद गंजी की ही एक प्रजाति है। आम शकरंकद और इसमें फर्क यह है कि काटने पर इसका गूदा गोल्डेन रंग का होता है। ऐसा इसमें उपलब्ध बीटा कैरोटीन की प्रचुर मात्रा के कारण होता है। मूल रूप से यह केन्या में पाई जाती है। गोरखपुर समेत पूर्वांचल और झारखंड के कृषि जलवायु क्षेत्र में इसकी खेती को प्रोत्साहन देने में गोरखपुर के कृषि वैज्ञािनक डॉ आरसी चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 100 ग्राम सुनहरी शकरकंद में बीटा कैरोटिन की मात्रा लगभग 20 ग्राम होती है। यह किसी व्यक्ति के लिए हफ्ते भर के लिए जरूरी विटामिन-ए की आपूर्ति कर देता है। इसमें मिलने वाला एंटी आक्सीडेंट यकृत और कैंसर जैसे रोगों के रोकथाम में मददगार है।

[2/2, 19:08] Ss संजय सिंह Rsahaर: *सीएम आवास पर सजी खास पाठशाला, मंत्रियों ने सीखे गुर*


*कैबिनेट की हाईटेक बैठक के लिए मंत्रीगण भी हैं उत्साहित*


*लखनऊ, 2 फरवरी:* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास 05, कालिदास मार्ग पर मंगलवार को एक खास पाठशाला सजी। मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के संकल्प के साथ लगी इस खास पाठशाला में विद्यार्थी थे प्रदेश के मंत्रीगण, तो, प्रशिक्षक की भूमिका में थे, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ।


दरअसल, प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठकों को पेपरलेस करने की कवायद में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में मंगलवार को मंत्रीगणों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और सचिव आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट के लिए तैयार किये गए नए पोर्टल के विभिन्न बिंदुओं के बारे में एक प्रस्तुतीकरण दिया। मंत्रियों को बताया गया कि, किस प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होगी, उसकी सूचना पोर्टल पर कैसे प्राप्त होगी, फिर गोपन विभाग के माध्यम से कैसे मंत्रिपरिषद के लिए टिप्पणियों को यहां एक्सेस किया जा सकेगा। यही नहीं, मीटिंग एजेंडा, पिछली बैठकों के एजेंडे और निर्णयोपरांत हुई कार्यवाही की जानकारी भी यहां उपलब्ध होगी।  प्रस्तुतीकरण के बाद अधिकारियों और विशेषज्ञों ने मंत्रियों के टैबलेट पर पूरी कार्यवाही का अभ्यास भी कराया। मुख्यमंत्री ने नई व्यवस्था को नए उत्तर प्रदेश की नई पहचान से जोड़ते हुए सभी मंत्रियों और उनके स्टाफ के विधिवत प्रशिक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने टैबलेट और पोर्टल की तकनीकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री के इस नए प्रयोग से मंत्रियों में खासा उत्साह भी रहा। कई मंत्रियों ने नई व्यवस्था के सम्बंध में अपनी विभिन्न जिज्ञासा भी जाहिर की, जिसका समुचित समाधान किया गया।

[2/2, 19:08] Ss संजय सिंह Rsahaर: *लखनऊ व सोनभद्र समेत चार जनपदों में बनेंगे एकलव्‍य विद्यालय* 


*प्रदेश सरकार ने भेजा केन्‍द्र को प्रस्‍ताव*


*प्रदेश के बहराइच व लखीमपुर में संचालित हो रहे हैं एकलव्‍य विद्यालय* 


*सोनभद्र में 48 करोड़ की लागत से बनेगा एकलव्‍य विद्यालय* 


*लखनऊ। 2 फरवरी*


ग्रामीण और अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार लगातार काम कर रही है। खासकर आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जलाने के सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने सोनभद्र, बिजनौर, लखनऊ व श्रावस्‍ती में एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने का प्रस्‍ताव केन्‍द्र को भेजा है। अभी बहराइच और लखीमपुर खीरी में एकलव्‍य विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। 


आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का स्‍तर बेहतर करने के लिए केन्‍द्र व प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सोमवार को आम बजट में केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय बनाए जाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालय का मॉडल पेश किया था। इसमें बीस प्रतिशत आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों की बेहतर शिक्षा के लिए एकलव्‍य विद्यालय बनाए जाते हैं।


 देश भर में अभी 462 एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहे है। 750 और एकलव्‍य विद्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव सोमवार को आम बजट में पेश किया गया है। वहीं, यूपी में बहराइच व लखीमपुर में एकलव्‍य विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा ललितपुर में एकलव्‍य विद्यालय निर्माण का कार्य चल रहा है। 


*सोनभद्र में 48 करोड़ की लागत से एकलव्‍य विद्यालय* 


प्रदेश सरकार ने आदिवासी मूल के छात्रों को उच्‍च गुणवत्‍ता की शिक्षा उपलब्‍ध कराने के लिए प्रदेश के चार जनपदों में एकलव्‍य विद्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव केन्‍द्र सरकार को भेजा है। इसमें लखनऊ समेत सोनभद्र, बिजनौर और श्रावस्‍ती में एकलव्‍य विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। जानकारों के अनुसार सोनभद्र में 48 करोड़ रूपए की लागत से एकलव्‍य विद्यालय का निर्माण कराए जाने का प्रस्‍ताव है जबकि अन्‍य जनपदों में 38 करोड़ रुपए की लागत से एकलव्‍य विद्यालय के निर्माण का प्रस्‍ताव भेजा गया है।

[2/2, 19:08] Ss संजय सिंह Rsahaर: एमएसएमई सेक्टर को 61759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया गया 

एमएसएई सेक्टर के ऋण लक्ष्य को संशोधित कर 76 हजार करोड़ रुपये किया गया 


लखनऊ, 2 फरवरी : 

कोरोना महामारी के दौरान 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को ऋण (लोन) देकर बड़ा लक्ष्य साधा है। कुल मिलाकर आपदा में अवसर को तलाश करते हुए सूबे की सरकार ने एमएसएमई इकाइयों को बीते साल अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया। एमएसएमई इकाइयों को ऋण दिलाने के लक्ष्य को सौ फीसदी हासिल करते हुए अब एमएसएई सेक्टर के वर्तमान वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को संशोधित करते हुए 76 हजार करोड़ कर दिया गया है।  


राज्य के अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डा. नवनीत सहगल के अनुसार मात्र नौ माह में 

एमएसएमई इकाइयों को ऋण मुहैया कराना एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तरप्रदेश में एमएसएमई की लगभग नौ लाख 50 हजार इकाइयां पंजीकृत हैं। गैर पंजीकृत एमएमएसई इकाइयों की संख्या इससे कई गुना अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में उद्योग की रीढ़ एमएसएमई इकाइयां ही हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान यहां की एमएसएमई इकाइयों ने बहुत ही कम समय में आवश्यक वस्तुओं-पीपीई किट, मास्क, सैनेटाइजर आदि को निर्मित कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाकर मिशाल पेश की। इन इकाइयों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

 

एमएसएमई इकाइयों के महत्व को समझते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई इकाइयों पर ध्यान दिया और इन इकाइयों को कार्य करने के लिए ऋण मुहैया कराने पर ध्यान दिया। जिसके चलते बैंकों को इन इकाइयों को ऋण देने के लिए कहा गया। अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61759 करोड़ रुपये का ऋण एमएसएमई इकाइयों को मुहैया करा दिया गया। राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (एसएलबीसी) की बैठक में एमएसएमई इकाइयों को मुहैया कराए गए आंकड़ों से इसकी पुष्टि हुई।

*एक करोड़ लोगों रोजगार देने का लक्ष्य*

डा. नवनीत सहगल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्हें आसानी से ऋण प्राप्त हो सके, इसका प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने का प्रयास है। यूपी में देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ एमएसएमई इकाइयों  को औद्योगिक गतिविधियों और रोजगार सृजन के मामले में राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में पेश कर रहे हैं। केंद्रीय बजट में भी इस बात की पुष्टि की गई है जब सेक्टर ने प्रस्तावों में और बढ़ोतरी की है। योगी सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र पर पूरा जोर दिया हुआ है। ओडीओपी का एक घटक पहले से ही एक सफल कहानी रही है। इस संबंध में, राज्य सरकार ने हाल ही में 'उद्योग सारथी' ऐप लॉन्च किया है जिसने उद्यमियों को स्वयं के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इस ऐप के जरिये एमएसएमई इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा।  


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