शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

रोजगार देने के मामले में सबसे आगे यूपी

 *मनरेगा में सर्वाधिक रोजगार सृजन कर यूपी बना नम्बर वन*


*-2,958 लाख मानव दिवसों का सृजन, करीब 1.03 करोड़ श्रमिकों को मिला रोजगार*


*83 हजार से अधिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों का हुआ अनुरक्षण और मरम्मत*


राजेश सिन्हा

*लखनऊ, 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से उत्तर प्रदेश नम्बर वन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से उत्तर प्रदेश मनरेगा में रोजगार सृजन का रिकार्ड कायम कर रहा है। मनरेगा के तहत अब ना सिर्फ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा, बल्कि गांव - गांव में हजारों की संख्या में तालाब और शौचालयों का निर्माण हो गया है। कई और निर्माण कार्य भी हुए हैं, जिनके चलते अब गांवों की बदरंग तस्वीर बदलने लगी है। राज्य के गांवों में सुविधाओं का इजाफा हुआ और इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गांवों के विकास पर ध्यान देना है। गुरुवार को विधानमंडल में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में मनरेगा के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की सराहना की।


मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए 3,500 लाख मानव दिवस के लक्ष्य के सापेक्ष 2,958 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में कुल 1.03 करोड़ श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया है, जो पूरे देश में सर्वोच्च है। मनरेगा के तहत हुए यह निर्माण कार्य एक रिकार्ड हैं। कोरोना संकट के दौरान लाकडाउन के समय जब देशभर से करीब चालीस लाख प्रवासी श्रमिक यूपी लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर मनरेगा में उन्हें रोजगार दिया गया। जिसके चलते लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के तहत राज्य में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देखते ही देखते ही पूरा हो गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यूपी में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तय किए गए लक्ष्य को नौ करोड़ बढाकर 35 करोड़ कर दिया है। इसके अलावा, गांव -गांव में जल संचयन के लिए इस वर्ष प्रदेश में 19,951 तालाब बनाए गए हैं। इसी प्रकार 18,206 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है और 99,454 पशु आशय स्थल निर्माणाधीन है। 24,798 पंचायत भवन और 56,906 सामुदायिक शौचालय भी मनरेगा कन्वर्जेन्स के अतंर्गत बनाए गए हैं। 6,020 बकरी शेड बन गए हैं और 24,655 शेड निर्माणाधीन हैं। यहीं नहीं मनरेगा योजना के तहत 8.80 करोड़ पौधों का रोपण राज्य में कराया गया है। बीते चार वर्षों में मनरेगा के तहत राज्य में 15,541 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी कराया गया है। राज्य की 25 नदियों का पुनरुद्धार भी इस समयावधि में किया गया है।  


*सकारात्मक माहौल, बदली गांव की तस्वीर:*

मनरेगा के तहत राज्य में कराए गए निर्माण कार्यों के तहत गांवों की तस्वीर बदली है। इस तस्वीर को और बेहतर करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करेगी। सरकार के इस फैसले से राज्य में मानव रोजगार दिवस के सृजन का लक्ष्य 40 करोड़ से भी अधिक करने में सहायता होगी। मनरेगा से जुड़े अफसरों के अनुसार अगले मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का रोजगार का सृजन करने संबंधी लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इतनी संख्या में पहले कभी रोजगार नहीं दिया गया। बीते तीन वर्षों में मनरेगा योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया जा चुका है। ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 16,000 पंचायत भवनों की मरम्मत करके पुस्तकालय सेवा केंद्र के रूप में विकास कराया गया है। इसके अलावा, 83 हजार से अधिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों का अनुरक्षण और मरम्मत का काम भी किया गया।

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