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दुनिया
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि दो हफ्ते पहले गायब हुए विमान का सफर दक्षिणी हिन्द महासागर में कहीं पूरा हो गया. लंबे इंतजार के बाद अब यात्रियों के बचे होने की रही सही उम्मीद भी खत्म हो गई है.
सोमवार स्थानीय समय रात 10 बजे की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मलेशिया के
प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने कहा, "यह एक दूर दराज की जगह है जहां लैंड करने
की कोई संभावना ही नहीं है, इसलिए गहरी वेदना और अफसोस के साथ मुझे आपको यह
बताना होगा कि नए डाटा के अनुसार एमएच 370 विमान की यात्रा दक्षिणी हिन्द
महासागर में खत्म हो गई."
शोक जताते हुए काला सूट पहने प्रधानमंत्री कुछ ही देर के लिए मीडिया के सामने आए. बगैर वक्त बर्बाद किए उन्होंने कहा कि यात्रियों के परिवारों को सूचित किया जा चुका है. मलेशियन एयरलाइंस ने यात्रियों के परिवारों को संदेश भेज कर कहा है, "हमें मान लेना होगा कि एमएच370 विमान खो चुका है और उस पर सवार कोई भी नहीं बचा."
प्रधानमंत्री का बयान टीवी पर लाइव चला. यात्रियों के रिश्तेदारों को इसके लिए एयरपोर्ट के पास एक होटल में बुलाया गया था. बयान सुनते ही वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे. हॉल में लोगों को चीख चीख कर रोते हुए देखा गया. कई लोग खुद को संभाल ना सके और जमीन पर गिर गए. कुछ लोगों को स्ट्रेचर पर उठा कर अस्पताल ले जाया गया. रिश्तेदारों ने वहां मौजूद पत्रकारों से बात करने से इंकार कर दिया और अधिकतर लोगों ने रोते हुए विनती की कि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए.
एमएच370 ने 8 मार्च को कुआलालम्पुर से चीन की राजधानी के लिए उड़ान भरी. विमान पर कुल 239 यात्री सवार थे जिनमें से 150 से ज्यादा चीन के थे.
जारी रहेगी खोज
विमान को ढूंढने के लिए 26 देशों से मदद ली गई है. जर्मनी के जिओमार इंस्टीट्यूट द्वारा बनायी गयी रोबोटिक पनडुब्बी को भी इस काम पर लगाया जा रहा है. 'एबिस' नाम का यह रोबोट 22 घंटे तक समुद्र में रह सकता है. 900 किलो की इस चार मीटर बड़ी पनडुब्बी में कई कैमरे और सेंसर लगे हैं. वहीं फ्रांस भी मलबा खोजने का काम कर रहा है पर उसका कहना है कि खोज का दायरा बहुत ही बड़ा है.
नजीब रजाक का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने दावा किया कि उसे सैटेलाइट चित्रों में मलबे जैसा कुछ मिला है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अबोट ने बयान दिया कि "सलेटी और हरे रंग के गोल आकार" के कुछ टुकड़े देखे गए हैं और "एक संतरी रंग का चौकोर टुकड़ा" भी.
विमान के ब्लैक बॉक्स की तलाश अभी भी जारी है. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या हुआ, यह जानने के लिए ब्लैक बॉक्स का मिलना बेहद जरूरी है क्योंकि उसी में कॉकपिट की बातें रिकॉर्ड होती हैं और विमान की ठीक लोकेशन भी. लेकिन इसकी बैटरी 30 दिन तक ही चलती है और उसके बाद इसमें जमा सारा डाटा गायब हो जाता है.
जांचकर्ताओं का मानना है कि विमान के साथ जानबूझ कर छेड़ छाड़ की गई जिस कारण उसका हर तरह का संपर्क टूट गया. हालांकि अब भी हाइजैक की बात की जा रही है लेकिन जांचकर्ता तकनीकी खराबी की संभावना को भी खारिज नहीं कर रहे हैं.
आईबी/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)
शोक जताते हुए काला सूट पहने प्रधानमंत्री कुछ ही देर के लिए मीडिया के सामने आए. बगैर वक्त बर्बाद किए उन्होंने कहा कि यात्रियों के परिवारों को सूचित किया जा चुका है. मलेशियन एयरलाइंस ने यात्रियों के परिवारों को संदेश भेज कर कहा है, "हमें मान लेना होगा कि एमएच370 विमान खो चुका है और उस पर सवार कोई भी नहीं बचा."
प्रधानमंत्री का बयान टीवी पर लाइव चला. यात्रियों के रिश्तेदारों को इसके लिए एयरपोर्ट के पास एक होटल में बुलाया गया था. बयान सुनते ही वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे. हॉल में लोगों को चीख चीख कर रोते हुए देखा गया. कई लोग खुद को संभाल ना सके और जमीन पर गिर गए. कुछ लोगों को स्ट्रेचर पर उठा कर अस्पताल ले जाया गया. रिश्तेदारों ने वहां मौजूद पत्रकारों से बात करने से इंकार कर दिया और अधिकतर लोगों ने रोते हुए विनती की कि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए.
एमएच370 ने 8 मार्च को कुआलालम्पुर से चीन की राजधानी के लिए उड़ान भरी. विमान पर कुल 239 यात्री सवार थे जिनमें से 150 से ज्यादा चीन के थे.
जारी रहेगी खोज
विमान को ढूंढने के लिए 26 देशों से मदद ली गई है. जर्मनी के जिओमार इंस्टीट्यूट द्वारा बनायी गयी रोबोटिक पनडुब्बी को भी इस काम पर लगाया जा रहा है. 'एबिस' नाम का यह रोबोट 22 घंटे तक समुद्र में रह सकता है. 900 किलो की इस चार मीटर बड़ी पनडुब्बी में कई कैमरे और सेंसर लगे हैं. वहीं फ्रांस भी मलबा खोजने का काम कर रहा है पर उसका कहना है कि खोज का दायरा बहुत ही बड़ा है.
नजीब रजाक का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने दावा किया कि उसे सैटेलाइट चित्रों में मलबे जैसा कुछ मिला है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अबोट ने बयान दिया कि "सलेटी और हरे रंग के गोल आकार" के कुछ टुकड़े देखे गए हैं और "एक संतरी रंग का चौकोर टुकड़ा" भी.
विमान के ब्लैक बॉक्स की तलाश अभी भी जारी है. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या हुआ, यह जानने के लिए ब्लैक बॉक्स का मिलना बेहद जरूरी है क्योंकि उसी में कॉकपिट की बातें रिकॉर्ड होती हैं और विमान की ठीक लोकेशन भी. लेकिन इसकी बैटरी 30 दिन तक ही चलती है और उसके बाद इसमें जमा सारा डाटा गायब हो जाता है.
जांचकर्ताओं का मानना है कि विमान के साथ जानबूझ कर छेड़ छाड़ की गई जिस कारण उसका हर तरह का संपर्क टूट गया. हालांकि अब भी हाइजैक की बात की जा रही है लेकिन जांचकर्ता तकनीकी खराबी की संभावना को भी खारिज नहीं कर रहे हैं.
आईबी/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)
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