प्रस्तुति-- रीना शरण / अम्मी शरण
स्कॉटलैंड में आजादी को लेकर लोगों में किस तरह का मतभेद है, इसे समझने के
लिए किसी बड़े जनमत संग्रह की जरूरत नहीं. बस छोटे से शहर ओबान में जाकर
समुद्र किनारे लोगों से मिलिए, बहुत कुछ समझ आ जाएगा.
करीब 700 साल पहले स्कॉटलैंड ने ऐसी जीत हासिल की थी, जिसे स्वतंत्रता की
राह में पहली विजय कहा जा सकता है. उन्होंने बैनोकबर्न की लड़ाई जीती थी.
लेकिन इसके बाद भी वह ग्रेट ब्रिटेन का ही हिस्सा रहा और अब 18 सितंबर को
वहां की जनता तय करेगी कि क्या स्कॉटलैंड को आजाद हो जाना चाहिए.
कैलम मैकलाखलैन और पॉल स्लोआन जब मिलते हैं, तो अजीब सी बहस छिड़ जाती है. दोनों बरसों से दोस्त हैं और दोनों की आजादी को लेकर अपनी राय है. वे मिल कर स्कॉटलैंड में कई रेस्तरां चला रहे हैं. मैकलाखलैन का तर्क है कि स्वतंत्र स्कॉटलैंड में नया विश्वास आएगा और चूंकि इस देश में सिर्फ 50 लाख लोग होंगे, लिहाजा किसी मुश्किल घड़ी में फैसला जल्दी लिया जा सकेगा, "आइसलैंड को देखिए. वित्तीय संकट के दौरान उन्होंने अपने बैंकरों को जेल में डाल दिया और इसकी मदद से मंदी से जल्दी ही बाहर निकल आए."
मैकलाखलैन का कहना है कि स्वतंत्रता के साथ स्कॉटलैंड के लोग यह भी तय कर सकेंगे कि क्या वे यूरोपीय संघ के साथ रहना चाहते हैं या नहीं. हालांकि वह खुद संघ के बहुत बड़े समर्थक नहीं हैं लेकिन वह चाहते हैं कि स्कॉट जनता इस मामले में अपनी राय रखे. ग्रेट ब्रिटेन की कुल आबादी में सिर्फ आठ फीसदी हिस्सा स्कॉटलैंड का है और यूरोपीय संघ के फैसले पर यहां के लोगों पर बहुत कम निर्भर हैं. ब्रिटेन में हाल के दिनों में संघ से निकलने पर चर्चा हो रही है.
लेकिन मैकलाखलैन के बिजनेस पार्टनर स्लोआन का अलग तर्क है, "हम लोग 300 साल तक सफलता के साथ ब्रिटेन में रहे हैं. अब इसे क्यों तोड़ना है." उन्हें वित्तीय चिंता भी है. उन्हें लगता है कि स्वतंत्रता के बाद वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होगी. उन्हें यकीन है कि स्कॉटलैंड इतना राजस्व नहीं उगाह पाएगा कि अपना ढांचा खड़ा कर सके. कारोबारी होने के नाते उन्हें इस बात का भी डर है कि कहीं यहां लेबर पार्टी की सरकार न बन जाए, "वे अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं और गरीबों को देते हैं." वे लंदन में कंजरवेटिव सरकार से खुश हैं.
ओबान गेलिक कोयर के भी ज्यादातर लोग स्वतंत्रता के समर्थक हैं. इसके फायदे के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं, "हम ज्यादा समान समाज चाहते हैं. शांति के लिए एक आवाज, जो अमेरिका से बंधी न हो, जो हमें इराक और अफगानिस्तान की लड़ाई में खींच लेते हैं." हालांकि स्विट्जरलैंड में पैदा हुई मार्गरेट की राय अलग है. कोयर में शायद वह इकलौती अलग राय वाली हैं. उन्हें भी वित्तीय चिंता सता रही है.
लेकिन ओबान में आजादी के पक्षधर ज्यादा लोग हैं और मार्गरेट का कहना है कि दोस्तों से वह भी कई बार प्रभावित हो जाती हैं. ओपीनियन पोल के मुताबिक स्वतंत्रता का विरोध करने वालों की संख्या जरा ज्यादा है लेकिन कई वोटर अभी भी मन नहीं बना पाए हैं. तो आखिर में उन्हीं वोटरों से तय होगा कि क्या 300 साल पुराना यह बंधन टूटने वाला है.
रिपोर्टः बिर्गिट मास/एजेए
संपादनः ओंकार सिंह जनौटी
कैलम मैकलाखलैन और पॉल स्लोआन जब मिलते हैं, तो अजीब सी बहस छिड़ जाती है. दोनों बरसों से दोस्त हैं और दोनों की आजादी को लेकर अपनी राय है. वे मिल कर स्कॉटलैंड में कई रेस्तरां चला रहे हैं. मैकलाखलैन का तर्क है कि स्वतंत्र स्कॉटलैंड में नया विश्वास आएगा और चूंकि इस देश में सिर्फ 50 लाख लोग होंगे, लिहाजा किसी मुश्किल घड़ी में फैसला जल्दी लिया जा सकेगा, "आइसलैंड को देखिए. वित्तीय संकट के दौरान उन्होंने अपने बैंकरों को जेल में डाल दिया और इसकी मदद से मंदी से जल्दी ही बाहर निकल आए."
मैकलाखलैन का कहना है कि स्वतंत्रता के साथ स्कॉटलैंड के लोग यह भी तय कर सकेंगे कि क्या वे यूरोपीय संघ के साथ रहना चाहते हैं या नहीं. हालांकि वह खुद संघ के बहुत बड़े समर्थक नहीं हैं लेकिन वह चाहते हैं कि स्कॉट जनता इस मामले में अपनी राय रखे. ग्रेट ब्रिटेन की कुल आबादी में सिर्फ आठ फीसदी हिस्सा स्कॉटलैंड का है और यूरोपीय संघ के फैसले पर यहां के लोगों पर बहुत कम निर्भर हैं. ब्रिटेन में हाल के दिनों में संघ से निकलने पर चर्चा हो रही है.
लेकिन मैकलाखलैन के बिजनेस पार्टनर स्लोआन का अलग तर्क है, "हम लोग 300 साल तक सफलता के साथ ब्रिटेन में रहे हैं. अब इसे क्यों तोड़ना है." उन्हें वित्तीय चिंता भी है. उन्हें लगता है कि स्वतंत्रता के बाद वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होगी. उन्हें यकीन है कि स्कॉटलैंड इतना राजस्व नहीं उगाह पाएगा कि अपना ढांचा खड़ा कर सके. कारोबारी होने के नाते उन्हें इस बात का भी डर है कि कहीं यहां लेबर पार्टी की सरकार न बन जाए, "वे अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं और गरीबों को देते हैं." वे लंदन में कंजरवेटिव सरकार से खुश हैं.
ओबान गेलिक कोयर के भी ज्यादातर लोग स्वतंत्रता के समर्थक हैं. इसके फायदे के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं, "हम ज्यादा समान समाज चाहते हैं. शांति के लिए एक आवाज, जो अमेरिका से बंधी न हो, जो हमें इराक और अफगानिस्तान की लड़ाई में खींच लेते हैं." हालांकि स्विट्जरलैंड में पैदा हुई मार्गरेट की राय अलग है. कोयर में शायद वह इकलौती अलग राय वाली हैं. उन्हें भी वित्तीय चिंता सता रही है.
लेकिन ओबान में आजादी के पक्षधर ज्यादा लोग हैं और मार्गरेट का कहना है कि दोस्तों से वह भी कई बार प्रभावित हो जाती हैं. ओपीनियन पोल के मुताबिक स्वतंत्रता का विरोध करने वालों की संख्या जरा ज्यादा है लेकिन कई वोटर अभी भी मन नहीं बना पाए हैं. तो आखिर में उन्हीं वोटरों से तय होगा कि क्या 300 साल पुराना यह बंधन टूटने वाला है.
रिपोर्टः बिर्गिट मास/एजेए
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- तारीख 29.06.2014
- रिपोर्ट Anwar Jamal Ashraf
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