गुजरात में छात्रों का टोटा, 32 कॉलेजों में एक भी स्टूडेंट नहीं
प्रस्तुति- अमन कुमार
गुजरात में एमबीए और एमसीए कोर्स कराने
वाले कॉलेजों का भविष्य अंधेरे में नजर आने लगा है। राज्य के कुल 289
कॉलेजों में से 32 में इस साल एक भी स्टूडेंट ने आवेदन नहीं किया है।
टीओआई की खबर के मुताबिक इन कोर्सों की राज्य में 20,810 सीटें उपलब्ध हैं लेकिन इनमें केवल 7,513 ही भर पाई हैं और 13,657 खाली हैं। केवल 41% ही सीट भर पाई हैं।
इतना ही नहीं जिन कॉलेजों में स्टूडेंट्स आए भी हैं उनकी हालत भी कुछ अच्छी नहीं है। इनमें से 79 कॉलेज में केवल 10 बच्चों ने आवेदन किया है और 91 कॉलेज में केवल 20 सीटों पर ही प्रवेश हो पाया है।
हाल ही में संपन्न हुई प्रवेश प्रक्रिया के द्वितीय चरण के बाद भी कॉलेजों की स्थिति खराब ही रही। एमबीए कोर्स कराने वाले 124 कॉलेजों में से केवल 30 ही अपनी सीटें भर पाए हैं। वहीं, एमसीए कराने वाले 84 कॉलेजों में से पहले सत्र के लिए केवल 16 कॉलेजों में ही 100 प्रतिशत प्रवेश हुआ है।
एमसीए के तीसरे सत्र में स्थिति फिर भी बेहतर है। यहां 81 कॉलेज में से 47 की तीसरे सत्र की सारी सीटें भर गई हैं।
हांलाकि, इसकी वजह भी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का नया नियम माना जा रहा है। नियम के अनुसार गणित और सांख्यकि से बीएससी या बीसीए करने वाले एमसीए के तीसरे सत्र में सीधे प्रवेश ले सकते हैं।
व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश समिति के पदाधिकारी के मुताबिक कुल सीटों में से एमबीए की 4,050 सीट, एमएसीए सत्र एक की 1,261 और एमसीएस सत्र तीन की 1,842 सीट भर चुकी हैं। खाली सीटों में एमबीए कोर्स की 6,587, एमएसीए सत्र एक की 4,923 और एमएसीए सत्र तीन की 2,147 सीटें बची हैं।
टीओआई की खबर के मुताबिक इन कोर्सों की राज्य में 20,810 सीटें उपलब्ध हैं लेकिन इनमें केवल 7,513 ही भर पाई हैं और 13,657 खाली हैं। केवल 41% ही सीट भर पाई हैं।
इतना ही नहीं जिन कॉलेजों में स्टूडेंट्स आए भी हैं उनकी हालत भी कुछ अच्छी नहीं है। इनमें से 79 कॉलेज में केवल 10 बच्चों ने आवेदन किया है और 91 कॉलेज में केवल 20 सीटों पर ही प्रवेश हो पाया है।
हाल ही में संपन्न हुई प्रवेश प्रक्रिया के द्वितीय चरण के बाद भी कॉलेजों की स्थिति खराब ही रही। एमबीए कोर्स कराने वाले 124 कॉलेजों में से केवल 30 ही अपनी सीटें भर पाए हैं। वहीं, एमसीए कराने वाले 84 कॉलेजों में से पहले सत्र के लिए केवल 16 कॉलेजों में ही 100 प्रतिशत प्रवेश हुआ है।
एमसीए के तीसरे सत्र में स्थिति फिर भी बेहतर है। यहां 81 कॉलेज में से 47 की तीसरे सत्र की सारी सीटें भर गई हैं।
हांलाकि, इसकी वजह भी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का नया नियम माना जा रहा है। नियम के अनुसार गणित और सांख्यकि से बीएससी या बीसीए करने वाले एमसीए के तीसरे सत्र में सीधे प्रवेश ले सकते हैं।
व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश समिति के पदाधिकारी के मुताबिक कुल सीटों में से एमबीए की 4,050 सीट, एमएसीए सत्र एक की 1,261 और एमसीएस सत्र तीन की 1,842 सीट भर चुकी हैं। खाली सीटों में एमबीए कोर्स की 6,587, एमएसीए सत्र एक की 4,923 और एमएसीए सत्र तीन की 2,147 सीटें बची हैं।
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