सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

नवरात्र में क्यों वर्जित है प्याज़ लहसुन

 प्याज, लहसुन खाना " शास्त्रों " में क्यों मना किया गया है? विशेषकर नवरात्रि में 🙏

 

सबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा यह है कि समुद्रमंथन से निकले अमृत को, " मोहिनी " रूप धरे "विष्णु "भगवान  जब देवताओं में बाँट रहे थे ; तभी एक राक्षस ( दैत्य, दानव ) " राहू " भी वहीं आकर बैठ गया,

भगवान ने उसे भी देवता समझकर अमृत दे दिया l लेकिन तभी उन्हें सूर्य व चन्द्रमा ने बताया कि ये राक्षस है l भगवान विष्णु ने तुरंत उसके सिर को धड़ से अलग कर दिए l लेकिन " राहू " के मुख में अमृत पहुँच चुका था इसीलिए उसका मुख अमर हो गया l पर भगवान  द्वारा राहू का सिर काटे जाने पर 

उसके कटे सिर से अमृत की कुछ बूँदें जमीन पर गिर गईं जिनसे प्याज और लहसुन उपजे l चूँकि यह दोनों सब्जियां अमृत की बूँदों से उपजी हैं इसीलिए ये रोगों और रोगाणुओं को नष्ट करने में अमृत समान होती हैं पर क्योंकि ये राक्षस के मुख से होकर गिरी हैं इसीलिए इनमें तेज गंध है और ये अपवित्र जिन्हें कभी भगवान के भोग में इस्तेमाल नहीं किया जाता l कहा जाता है कि जो भी प्याज और लहसुन खाते हैं उनका शरीर राक्षसों के शरीर की भाँति मजबूत हो जाता है लेकिन साथ ही उनकी बुद्धि और सोच - विचार राक्षसों की तरह दूषित भी हो जाते हैं l इन दोनों सब्ज़ियों को मांस के समान माना जाता है 

जो लहसुन और प्याज खाता है उसका मन के साथ - साथ पूरा शरीर तामसिक स्वभाव का हो जाता है l ध्यान, भजन में मन नहीं लगता l कुल मिलाकर वैष्णव आचार, विचारों का पतन हो जाता है l इसीलिए सार्वजनिक भंडारों और खासकर नवरात्रि में प्याज और लहसुन खाना शास्त्रों में मना किया गया है  l


जय जय माँ❤️🙏

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