रविवार, 3 अक्तूबर 2021

खबर ही खबर / सूरज यादव

: *पटना के ग्रामीण क्षेत्रों और उपनगरीय इलाके में रैपिड रिस्पांस टीम*



 (आरआरटी) डेंगू को नियंत्रित करेगी। यह टीम प्रभावित इलाके में लार्वासाइड का छिड़काव, फॉगिंग के साथ-साथ प्रभावित इलाके में डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाएगी। पटना के ग्रामीण इलाके में डेंगू का प्रकोप बढ़ने और लगातार नए मरीजों के मिलने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय और वीबीडीसी (पूर्व में मलेरिया पदाधिकारी) द्वारा इस टीम का गठन किया गया है। 


जिला वीबीडीसी पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि जिले भर में 10 से ज्यादा टीमों का गठन किया जा चुका है। प्रकोप बढ़ने पर ऐसी कई अन्य टीम का गठन किया जाएगा। बताया कि पटना सिविल सर्जन कार्यालय को कुल 55 डेंगू संक्रमितों की सूची अबतक मिली है। इनमें 38 मरीज अलग-अलग ग्रामीण व उपनगरीय इलाके से हैं। पटना शहरी क्षेत्रों में भी डेंगू के मरीज मिलने की सूचना मिल रही है। हालांकि पूरी सूची उपलब्ध नहीं है। 


बताया कि फिलहाल बख्तियारपुर, फतुहा, बिहटा, दानापुर, खगौल से डेंगू संक्रमितों के मिलने की सूचना सिविल सर्जन कार्यालय को मिली थी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के कंकड़बाग, मीठापुर बस स्टैंड के सामने के मोहल्ले, पुनाईचक, अगमकुआं, पटना सिटी के कुछ मोहल्ले और बाजार समिति इलाके से डेंगू के मरीज अबतक मिल चुके हैं। वीबीडीसी की कंसल्टेंट कल्याणी त्रिवेदी ने बताया कि कुल 43 जगहों पर अबतक आरआरटी द्वारा लार्वा का छिड़काव व फॉगिंग किया जा चुका है। पटना नगर निगम से भी इसके लिए संपर्क किया जा चुका है। शहरी इलाके की सूची निगम को उपलब्ध करायी जाती है।


 सूरज:

*बिहार के सभी निजी स्कूलों को अब मान्यता लेने से पहले ई-संबंधन पोर्टल*


 पर पंजीयन करवाना होगा। ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीयन करने के बाद ही निजी स्कूल को राज्य सरकार से एनओसी मिल पायेगा। राज्य सरकार के एनओसी लेने के बाद ही निजी विद्यालय संबंधित बोर्ड यानी सीबीएसई या सीआईएससीई से मान्यता ले पायेंगे। 


अभी तक निजी स्कूल सीधा राज्य सरकार के पास एनओसी के लिए आवेदन करते थे। राज्य सरकार से एनओसी मिलने के बाद सीबीएसई या सीआईएससीई से स्कूलों को मान्यता लेनी होती थी, लेकिन अब किसी भी स्कूल को चलाने के लिए ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है। 


नये स्कूल के अलावा प्रदेशभर में चल रहे सभी निजी स्कूलों को ई-संबंधन में पंजीकृत होना होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने ई-संबंधन पोर्टल खोल दिया है। सभी स्कूलों को पोर्टल पर पंजीयन इस साल के अंत तक कर लेना है। ज्ञात हो कि प्रदेश भर में ग्यारह हजार से अधिक निजी स्कूल हैं। जिन स्कूलों को राज्य सरकार से एनओसी और सीबीएसई या सीआईएससीई से मान्यता मिल चुकी है, उन्हें भी ई-संबंधन पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना होगा।



 सूरज:


 *प्रारम्भिक शिक्षकों को भी 10, 20 और 30 साल पर वित्तीय प्रोन्नति का लाभ*


 मिलेगा। बिहार सरकार मंत्रि परिषद की एक अक्टूबर को बैठक में लिए गए निर्णयानुसार अब प्रारंभिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं सहायक शिक्षकों को वित्तीय उन्नयन का लाभ मिलेगा। 


वित्तीय प्रोन्नति पर मुहर लगने पर जिला संघ के अध्यक्ष प्रद्युम्न प्र. सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष बैद्यनाथ पाठक एवं प्रधान सचिव भूप नारायण पाण्डेय ने कहा कि लंबे समय से संघ इसकी लड़ाई लड़ रहा था। जिला संघ के संयुक्त प्रधान सचिव रघुवंश प्र. सिंह ने कहा कि 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्षों पर वित्तीय प्रोन्नति के लिए पिछले दो वर्षों से शिक्षक संघ प्रयासरत था। वर्ष 2019 में मंत्रिपरिषद की बैठक से इसे अकारण लौटा दिया गया था। इसके बाद राज्य संघ की ओर से निरंतर पत्र लिखा जाता रहा तथा शिक्षा मंत्री से मिलकर ज्ञापन भी सौंपा गया। 


कार्य में शिथिलता को देखते हुए तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ. संजय कुमार सिंह से मिलकर इस बाबत पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट किया। बताया कि पुरानी व्यवस्था में वित्तीय उन्नयन का लाभ क्रमश: 12 वर्षो एवं 24 वर्षों पर दो बार ही मिलता था। अब नई व्यवस्था के अनुसार क्रमश: 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्षो पर तीन बार आर्थिक लाभ मिलेगा। दिनांक 01 जनवरी 2009 से वैचारिक लाभ तथा एक अप्रैल 2010 से आर्थिक लाभ देय होगा।

 सूरज:


*सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग से सूबे की स्वास्थ्य सेवा को लगातार बेहतर बनाने* का प्रयास चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के रुप में कार्यकाल का पांचवा वर्ष चल रहा है। इन पांच वर्षों में जिले में स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचनाओं का तेजी से विकास हुआ है। पांच वर्षों के कार्यकाल का आंकड़ा पेश करते मंत्री ने कहा कि  किशनगंज जिले में पिछले पांच वर्षों के अंदर 42.19 करोड़ रुपए का काम हुआ है। 41 योजनाओं  में यह राशि खर्च की गयी है। इसके अलावे पांच बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। जिस पर 36.09 करोड़ खर्च होने हैं। 


स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पूरे राज्य में चिकित्सा सेवा के साथ चिकित्सा शिक्षा भी कैसे बेहतर हो इस पर काम किया जा रहा है। शिक्षा सेवा में सबसे जरुरी है मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाना। आजादी के बाद से वर्ष 2005 तक राज्य में केवल आठ मेडिकल कॉलेज थे। आज की तारीख में यहां 18 मेडिकल कॉलेज हैं। अगले चार सालों में इसकी संख्या बढ़कर 29 हो जाएगी। आजादी  के बाद 2005 यानि 58 वर्षों में राज्य में सिर्फ 8 मेडिकल कॉलेज थे। 


स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि वर्ष 2005 से 2025 के बीच 29 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। इनमें दस तैयार हो गए हैं और चल रहे हैं। मेडिकल कॉलेज बढ़ाने का मकसद है कि हमारे पास डाक्टरों की संख्या बढ़े। डाक्टर मेडिकल कॉलेज से ही निकलते हैं। प्रधानमंत्री का निर्देश है कि देश के राज्यों के सभी जिलों में एक मेडिकल कॉलेज हो। इसके आलोक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करते रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अगले चार वर्षों में हम 29 मेडिकल कॉलेज खोलने में सफल होंगे। 


चिकित्सा सेवा केवल डाक्टर से ही नहीं पूरा होता है इसके अंदर नर्सिंग का भी बड़ा योगदान होता है। डाक्टर अस्पताल में हो व नर्स नहीं हो तो स्वास्थ्य सेवा बेहतर नहीं होता है। इसलिए राज्य के अंदर नर्सिंग की पढ़ाई व परामेडिकल की पढ़ाईके लिए भी नए संस्थान खुले। आत्मनिर्भर बिहार के तहत सात निश्चय फेज व फेज टू में हमने जो निर्णय लिया उसे क्रियान्वित कर रहे हैं। नए जीएनम संस्थान, नए फार्मेसी कॉलेज खुल रहे हैं। सिर्फ हम पढ़ा नहीं रहे नौकरी देने का भी काम कर रहे हैं।

सूरज:


 *बिहार में मुंगेर की तारापुर और दरभंगा की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट के लिए इसी महीने उपचुनाव* होना है। नामांकन की तैयारियां चल रही हैं। एनडीए ने अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर दिये थे। रविवार को महागठबंधन में शामिल लालू की पार्टी राजद ने कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया। राज्य की दोनों सीटों पर राजद ने अपने प्रत्याशी उतार दिये हैं। कांग्रेस दोनों में से एक सीट मांग रही थी। 


राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रविवार को दोनों सीटों के लिए नामों की घोषणा कर दी। तारापुर से अरुण कुमार साह और कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को मैदान में उतारा गया है। कहा कि राजद अध्यक्ष लालू यादव की सहमति से दोनों नामों की घोषणा की गई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए 70 सीट छोड़ देने वाला राजद उप चुनाव में कुशेश्वरस्थान की एक सीट नहीं देने से दोनों दलों के बीच रार बढ़ने की आशंका है। पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस को मिली थी। कांग्रेस के वरीय नेता अशोक राम बहुत कम मतों से हार गए थे। इस बार भी वह चुनाव लड़ना चाहते थे।


राजद की घोषणा के तत्काल बाद कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई। कांग्रेस प्रवक्ता आसित नाथ तिवारी ने कहा कि दोनों प्रत्याशी महागठबंधन के नहीं हैं। इसे महागठबंधन का प्रत्याशी नहीं कहा जा सकता है। राजद ने प्रत्याशी घोषित किया है, इसलिए इसे राजद प्रत्याशी ही कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि नामों की घोषणा के वक्त न तो वामपंथी दल के लोग थे और न ही कांग्रेस का कोई नेता था। ऐसे में इसे महागठबंधन की घोषणा नहीं कहा जा सकता है। कांग्रेस जल्द अपनी रणनीति साफ करेगी।

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