नवदुर्गा - एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा के नौ स्वरूप !
1. जन्म ग्रहण करती हुई कन्या #शैलपुत्री"* स्वरूप है !
2. कौमार्य अवस्था तक * #ब्रह्मचारिणी "* का रूप है !
3. विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह *#चंद्रघंटा " समान है !
4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह #कूष्मांडा"* स्वरूप है !
5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री
#स्कन्दमाता"* हो जाती है !
6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री
#कात्यायनी " रूप है !
7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह #कालरात्रि जैसी है !
8. संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से #महागौरी " हो जाती है !
9 धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार मे अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली #सिद्धिदात्री " हो जाती है !
हर स्त्री अपने आप मे कहीं न कही माँ जगदम्बे का प्रतिबिंब है।
नारीशक्ति में विराजमान माँ जगदम्बे को हमारा प्रणाम है।
नव दुर्गा माता जी की कृपा आप सब पर बनी रहे🙏
जय जय माँ❤️🙏
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