गुरुवार, 12 जनवरी 2023

सागर भक्ति संगम का धूमधाम से सम्पन्न हुआ 29 वां स्थापना दिवस समारोह


                                               

महापुरुषों के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया


आध्यात्मिक व सामाजिक संस्था सागर भक्ति संगम ने स्थानीय स्वर्ण जयंती पार्क में 29 वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया।  इस अवसर पर सदस्यों ने महापुरुषों के विचारों को आत्मसात एवं जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। विश्व शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया। सांप्रदायिक सौहार्द स्थापना में संगम की भूमिका पर सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया । बीते 29 वर्षों में दस हजार से अधिक बैठकों पर सदस्यों ने प्रसन्नता व्यक्त की। स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता संगम के संयोजक विजय केसरी एवं संचालन संजय खत्री ने किया।

अध्यक्षता करते हुए संगम के संयोजक विजय केसरी ने कहा कि सागर भक्ति संगम एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक वैचारिक एवं सामाजिक संस्था है। यह संस्था बीते 29 वर्षों में दस हजार से अधिक बैठकें कर सांप्रदायिक सौहार्द की दिशा में एक सार्थक पहल किया है।  सामाजिक और अध्यात्मिक नवजागरण की दिशा में संगम निरंतर प्रयासरत है।

युवा समाजसेवी संजय खत्री ने कहा कि जब से मैं सागर भक्ति संगम आ रहा हूं, खुद में विराट परिवर्तन महसूस कर रहा हूं।  जीवन अनुशासन मय बन गया है। जीवन जीने की कला और सरल बन गई है।

पूर्व कार्यपालक अभियंता शंभू सिन्हा ने कहा कि सागर भक्ति संगम प्रातः कालीन टहलने वाले लोगों के लिए एक बहुत ही जीवंत संस्था है । इस संस्था से जुड़कर बहुत कुछ जान पाया हूं। मुश्किलों से सामना कैसे किया जाए ? यह मैं जान पाया हूं।

युवा व्यवसाई प्रदीप स्नेही ने कहा कि सागर भक्ति संगम लोगों के बीच प्रेम और दोस्ती बांट रहा है।  सभी धर्मों के मार्ग एक हैं, यह अपने भजनों के माध्यम से बता रहा है । सांप्रदायिक सौहार्द कायम करने की दिशा में इस संस्था का पहल स्वागत योग्य है।

आध्यात्मिक साधक जयप्रकाश गुप्ता ने कहा कि आज की बदली परिस्थिति में जहां सब लोग भौतिकवादी बन गए हैं । परिणाम हम सबों के सामने हैं । घोर अशांति की आग में दुनिया जल रही है । इससे मुक्ति का एक ही मार्ग है, खुद से साक्षात्कार कर ईश्वर को महसूस करना।  इस मार्ग पर चलकर ही दुनिया को बचाया जा सकता है।  रूस - यूक्रेन युद्ध खुद को ना जानने के परिणाम के रूप में सामने हैं ।‌ इसलिए सबों को अध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने की जरूरत है। सागर भक्ति संगम इस दिशा में लोगों को जागृत कर रहा है।

समाजसेवी योगेंदर प्रसाद गुप्ता ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस संस्था का एक संस्थापक सदस्य हूं । इस संस्था ने जीवन जीने की कला से अवगत कराया।  जीवन की दिशा निर्धारित करने में संगम के भजन मेरे लिए अनुकरणीय है।

वस्त्र वेबसाइट सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि सागर भक्ति संगम एक अनूठी संस्था है।‌ एक और इस संस्था में सामूहिक भजन, कीर्तन, प्रवचन, हास्य, व्यंग है, वहीं दूसरी ओर  खुद से साक्षात्कार करने की विधि विद्यमान है।

स्वर्ण व्यवसाई इंद्र सोनी ने कहा कि मैं कुछ दिन पूर्व ही सागर भक्ति संगम से जुड़ पाया हूं। इस संस्था से जुड़कर मैं खुद में काफी परिवर्तन पा रहा हूं । मैं पहले से ज्यादा शांति महसूस कर रहा हूं। सामूहिक भजन गायन की चर्चा हमारे सनातन शास्त्रों में भी दर्ज है।

इन वक्ताओं के अलावा सुरेश मिस्त्री, अशोक प्रसाद,विकास जयसवाल, मनोज कुमार,सतीश होर्रा, सुमेर सेठी आदि ने भी अपने अपने विचार रखें।  धन्यवाद ज्ञापन सुरेश मिस्त्री ने किय


 विजय केसरी,

( संयोजक)

 सागर भक्ति संगम,

 स्वर्ण जयंती पार्क, हजारीबाग - 825 301,

 मोबाइल नंबर :- 92347 99550.

 दिनांक :- 12.01.23.

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