जिसे गुण की पहचान नही*,
*उसकी " प्रशंसा " से डरिए*।
*
और*
*जिसे गुण की पहचान है*,
*उसके " मौन "से डरिए* !!
*🌹🌹*
*रिश्ते बनाना इतना आसान जैसे -*
*'मिट्टी' पर 'मिट्टी' से "मिट्टी" लिखना....!*
*लेकिन रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल जैसे-*
*'पानी' पर 'पानी' से "पानी" लिखना.....!!*
*🙏🏻शुभ प्रभात 🙏🏻*
🌈🌈
*हमारी खुशी हमारी सोच पर निर्भर है*
*हम शिकायत कर सकते हैं कि गुलाब की झाड़ियों में कांटें हैं*
*या खुश हो सकते हैं कि काँटों की झाड़ियों में गुलाब हैं*..
*🌹🙏🌹सुप्रभात🌹🙏🌹*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
*किसी को गलत,*
*समझने से पहले एक बार,*
*उसके हालात समझने की,*
*कोशिश जरूर करें...*
*हम सही हो सकते हैं...*
*लेकिन मात्र हमारे*
*सही होने से ,*
*सामने वाला गलत*
*नहीं हो सकता...!!!*
🙏🙏🙏🙏
पन्नों की तरह*
*दिन पलटते जा रहें हैं.*
*खबर नहीं कि ये*
*आ रहें हैं या जा रहे हैं.*
🙏🌷सुप्रभात🙏🌷
*🙏🙏सुप्रभात🙏🙏*
*🌴आज का सुविचार🌴*
*"लफ़्ज़" "आईने" हैं*
*मत इन्हें "उछाल" के चलो*
*"अदब" की "राह" मिली है तो*
*"देखभाल" के चलो*
*मिली है "ज़िन्दगी" तुम्हे*
*इसी ही "मकसद" से,*
*"सँभालो" "खुद" को भी और*
*"औरों" को भी "सँभाल" के चलो*
*‼👣जय श्री कृष्णा👣‼*
कुछ इकठ्ठा भी उन्हीं के पास होता है,
जो बाँटना जानते हैं,*
*फिर चाहे भोजन हो,*
*प्यार हो,या सम्मान "*
🙏 *सुप्रभात*🙏
*संबंध और पानी*
एक समान होते है।
न कोई *रंग*, न कोई *रूप*,
पर फिर भी जीवन के
*अस्तित्व* के लिए
सबसे *महत्वपूर्ण*…।
सुप्रभात🍹🌹
*यदि हर कोई आप से खुश है*
*तो ये निश्चित है कि आपने जीवन*
*में बहुत से समझौते किये हैं...*
*और*
*यदि आप सबसे खुश हैं*
*तो ये निश्चित है कि आपने लोगों*
*की बहुत सी ग़लतियों*
*को नज़रअंदाज़ किया है।*
*सुप्रभात 🌹*
[7/8, 09:53] KS कुसुम सहगल दीदी:
बहुत सुंदर
*''रहता हूं किराये की काया में,*
*रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूँ।*
*मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी,*
*बातें मैं महल मिनारों की कर जाता हूँ।*
*जल जायेगी ये मेरी काया एक दिन,*
*फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूँ।*
*मुझे पता हैे मैं खुद के सहारे श्मशान तक भी ना जा सकूंगा*
*इसीलिए जमाने में दोस्त बनाता हूँ!''*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
*🙏🏻 🙏🏻सुप्रभात*
*💐💐 🌷 💐💐*
जिन्दगी" मे कभी किसी को "कम" मत समझो।*
*पूरी दुनिया को "डूबाने" की "ताकत" रखने वाला "समंदर"*
*"तेल" की एक बूंद को नही "डूबो" सकता...।।*
*🌹🌹सुप्रभात 🌹🌹*
: *जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है,*
*मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता ।*
*जीवन एक अवसर है,-*
*श्रेष्ठ बनने का।*
*श्रेष्ठ करने का।*
*श्रेष्ठ पाने का ।*
🙏🏻सुप्रभात🙏🏻
क्षमा किसे कहते है ...??*
*कुचलने के बाद भी*
*फूलों की पंखुड़ियों द्वारा...*
*दी हुई सुगंध ही*
*वास्तव में "क्षमा" है...!!!!!!*
*🙏🌹सुप्रभात🌹🙏*,
दोबारा गर्म की हुई चाय
और समझौता किया हुआ रिश्ता,
दोनों मे पहले जैसी मिठास कभी नही आती।।*
🙏🙏
"रोग" अपनी "देह" में पैदा होकर भी
हानि पहुंचाता है।*
और "औषधि" वन में पैदा होकर भी हमारा*
*लाभ ही करती है।।*
*"हित" चाहने वाला पराया भी अपना हैं*
*और अहित करने वाला अपना भी पराया है।।*।
*🙏🌹
*शानदार रिश्ते चाहिए तो
उन्हें गहराई से निभाइये..*
*"लाजवाब मोती
" कभी किनारों पे नही मिलते..*
🙏🙏
*” पक्के हुए फल की तीन पहचान होती है… एक तो वह नर्म हो जाता है दूसरे वह मीठा हो जाता है तीसरे उसका रंग बदल जाता है… ”*
*” इसी तरह से परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है… पहली उसमें नम्रता होती है… दूसरे उसकी वाणी मे मिठास होता है और तीसरे उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है….. ”*
*🌄🌄 सुप्रभातम
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं,*
*और अनुभव से अर्थ*!!
*इंसान बहुत कमाल का है*...
*पसन्द करे तो बुराई नही देखता,*...
*नफरत करे तो अच्छाई नही !*...
🌹सु प्रभात🌹
रिश्तों का क्षेत्रफल*
*भी कितना अजीब है....*
*लोग लंबाई,*
*चौड़ाई देखते है*,
*लेकिन...*गहराई नहीं...!!*
🌹सुप्रभात।🌹
*सुंदरता हो न हो, सादगी होनी चाहिए,, खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए, रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए,, मुलाकातें हो न हो, बातें होनी चाहिए, यूं तो उलझे हैं सभी, अपनी-अपनी उलझनों में,, पर सुलझाने की कोशिश, हमेशा होनी चाहिए.!!*
जीवन में आगे बढ़ना है*
*तो*
*कभी कभी बहरे हो जाओ.!!*
*क्योंकि*
*अधिकतर लोगों की बातें*
*मनोबल गिराने वाली होती हैं.!!*
*जिंदगी आसान बनाईए..*
कुछ *'अंदाज'* से,
कुछ *’नजर अंदाज’ से
करने वाले तो बहुत मिलते है,*
*लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते है......*
*उस इंसान से तो कभी भी झुठ मत बोलिये जिसे आपके झुठ पर भी भरोसा हो.......जिंदगी को देखने का सबका अपना-अपना नजरिया होता है। कुछ लोग भावना में ही दिल की बात कह देते हैं और...कुछ लोग गीता पर हाथ रख कर भी सच नहीं बोलते।*
*दुःख में स्वयं की एक अंगुली*
*आंसू पोंछती है ;*
*और सुख में दसो अंगुलियाँ*
*ताली बजाती है ;*
*जब स्वयं का शरीर ही ऐसा*
*करता है तो*
*दुनिया से क्या गिला-शिकवा*
*करना...!!*
*🖋
*एक निवाला पेट तक पहुंचाने का*
*ईश्वर ने क्या खूब इंतजाम किया है,*
*अगर गर्म है तो हाथ बता देते हैं,*
*सख्त है तो दांत बता देते हैं,*
*कड़वा या तीखा है तो जुबान बता देती है,*
*बासी है तो नाक बता देती है,*
*बस मेहनत का है या बेईमानी का,*
*इसका फैसला आपको करना है ।*
अपनी बातों को सदैव*
*ध्यानपूर्वक कहे*
*क्योंकि हम तो कहकर*
*भूल जाते है,*
*लेकिन लोग उसे याद रखते है।*
*संगत से गुण ऊपजे, संगत से गुण जाए*
*लोहा लगा जहाज में , पानी में उतराय!*
*कोई भी नही जानता कि हम इस जीवन के सफ़र में एक दूसरे से क्यों मिलते है,*
*सब के साथ रक्त संबंध नहीं हो सकते परन्तु ईश्वर हमें कुछ लोगों के साथ मिलाकर*
*अद्भुत रिश्तों में बांध देता हैं*,
*हमें उन रिश्तों को हमेशा संजोकर रखना चाहिए।*🙏
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