आज बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी है...
मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर अपनी आत्मकथा बियांड द लाइंस में लिखते है, मुझे पता है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस में नरसिम्हा राव की भूमिका थी. जब कर सेवक मस्जिद को गिरा रहे थे तो वो अपने निवास स्थान पर पूजा में बैठे हुए थे और वहां से तभी है जब मस्जिद का आखिरी पठार हटा दिया गया. लेकिन नरसिम्हा राव पर बहुचर्चित किताब हाफ लायन लिखने वाले विनय सीतापति इस मामले में राव को क्लीन चिट देते हैं. सीतापति कहते हैं, नवंबर 1992 में दो विध्वंसो की योजना बनाई गई थी. एक बाबरी मस्जिद की और दूसरी राव की ख़ुद की. संघ परिवार बाबरी मस्जिद गिरवाना चाह रहा था और कांग्रेस में राव के प्रतिद्वंदी राव को. राव को पता था कि बाबरी मस्जिद गिरे या न गिरे उनके विरोधी ज़रूर उन्हें 7 आर सी आर से बाहर देखना चाहते थे.
Shambhunath Shukla Manmohan Sharma Raman Hitkari Arun Kumar जैन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें