कब होगा विवाह लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज
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शुक्र ग्रह औऱ विवाह- गोचर द्वारा समय निर्धारण-
जन्म पत्रिका में भाव 7 विवाह का मुख्य भाव है और भाव 2 परिवार का भाव है भाव 11 इच्छाओ को पूर्ण करने वाला भाव हैं।
जब ग्रहो की दशा भुक्ति अंतर 2,7,11 वे भावो का फल बता रहा होता है और विवाह की अवस्था हो तो विवाह हो जाता हैं ।
शुक्र विवाह का कारक ग्रह है दशा भुक्ति अंतर में शुक्र हो और उसमें 2,7,11 वे भाव का फल न भी हो तो भी विवाह हो जाता हैं ।
जब किन्ही ऐसे 3 ग्रहो की दशा भुक्ति अंतर चल रहे हो जो 2,7,11 वे भावो का फल बता रहे हो ओर विवाह की अवस्था हो तो विवाह होने के समय का निर्धारण पत्रिका में उन ग्रहो से करना होगा जो ग्रह 2,7,11 वे भाव का फल बता रहे हो।
विवाह का निर्णय कब होगा -
1-जब गोचर में 2,7,11 वे भावो के फल कर्ता कोई भी तीन ग्रह इकट्ठे हो जाय ।
2- ऐसे ही कोई तीन ग्रह एक दुसरे से दृष्टि में हो
3- 2,7,11 वे भाव में इन्ही भावो के फल कर्ता कोई तीन ग्रह गोचर में हो ।
4- ऐसे ही कोई तीन ग्रह इन भावो को देखते हो ।
5-ऐसे ही ग्रहो के ऊपर गोचर में ग्रहें हो जो जन्म पत्रिका में 2,7,11 वे भावो का फल प्रदान करते हो ।
फल कर्ता ग्रह जब ग्रह गोचर में हो और ग्रहो में 1अंश की निकटता बन जाय तो समझो घटना घटित होने वाली हैं।
कोई भी दो सम फल कर्ता ग्रहो के अंशो में 1 अंश के अंतर तक का समय फलित होने का समय होता हैं ।
भावो के गोचर के विषय मे ध्यान रखने वाली बात ये हैं कि जब फल कर्ता ग्रह किसी फल कर्ता भाव के भावरम्भ अंश पर आता है तो फल के फलित होने का उपयुक्त समय होता हैं।
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