श्रीवल्लभ व्यास हिन्दी रंगमंच के बहुत प्रसिद्ध और बड़े अभिनेता थे। उनके अभिनय की सहजता और संवाद अदायगी अद्भुत थी। फिल्मों से ज्यादा मैंने उन्हें मंच पर देखा है। श्रीवल्लभ व्यास रंगमंच के चर्चित स्टार रहे हैं। हिंदी रंगमंच पर उनके योगदान और कार्य का मूल्यांकन अभी बाकी है।
श्रीवल्लभ व्यास जब फिल्मों मे गए तो वहां भी अलग पहचान बनाई। कई यादगार रोल फिल्मों मे कर दर्शकों के चहेते बने। पर 2008 मे फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें पेरालाइसिस का अटैक हुआ। त्रासद पेरालाइसिस और स्मृति लोप के बाद,पिछले कुछ सालों से जयपुर में उनका इलाज चल रहा था।
पिछली बार जब मिला था तो मैने कहा धा, वल्लभ भाई एक बार फिर नाटक करेंगे। वल्लभ भाई बालसुलभ तरीके से मुस्कराहट से खिलखिला उठे। और मुश्किल से उठते हाथों मे मेरा हाध पकड़ गरदन हिलाने लगे।
हम सबको और उनके परिवार को भी उम्मीद थी कि कुछ चमत्कार होगा और सब ठीक हो जाएगा। पर श्रीवल्लभ भाई,त्रासदी का पटाक्षेप कर नेपथ्य मे चले गए।
अभिनय की दुनिया में जहां ग्लैमर है, शोहरत है और बेइंतहा पैसा है,वही कड़वी सच्चाइयों और दुखदायी त्रासदी भी है।
श्रीवल्लभ व्यास ने जिन्दगी के हर पहलू को अभिनय मे बखूबी दर्शाया और अब हमे स्तब्ध और भाव-विभोर कर नेपथ्य मे चले गए।
श्रीवल्लभ व्यास के हिन्दी रंगमंच और फिल्मों में यादगार योगदान को Asmita Theatre Group और सभी रंगकर्मियों का सादर सलाम और विनम्र श्रद्धांजलि।
#ShrivallabhVyas
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