यूपी के कुख्यात माफिया मुख़्तार अंसारी मनी लॉन्ड्रिंग केस:
ईडी के रडार पर पूर्वांचल के 2 बसपा सांसद,सहित दर्जनों नेताओं से होगी पूछताछ
लखनऊ / प्रयागराज
रामफल सिंह / सुधीर कुमार
यूपी और प्रयागराज जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब मुख़्तार सहित मुख्तार के बेटे सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी और साले सरजील रजा की गिरफ्तारी के बाद दो बसपा संसद समेत दर्जनो छोटे बड़े नेता और सहयोगियों भी अब ईडी के रडार पर आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक दोनों बसपा सांसदों में एक अंसारी परिवार से है तो दूसरा उनका करीबी है।ईडी जल्द ही नोटिस जारी करके इनसे पूछताछ कर सकती है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी और सरजील रजा से हुई पूछताछ के बाद ईडी की टीम अब बसपा सांसदों का बयान दर्ज करने की तैयारी में है।माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी का बयान ईडी 9 मई को दर्ज कर चुकी है।ईडी के समन के बाद अफजाल अंसारी ने 9 मई को प्रयागराज ईडी ऑफिस में अपना बयान दर्ज कराया था।ईडी अब अफ़ज़ाल को एक बार फिर समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी कर रही है।
अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि बसपा सांसद अफजाल अंसारी ही मुख्तार, उसके बेटों और ससुराल के लोगों के अवैध कारोबार को सियासी तौर पर संरक्षण दिलाते थे।ईडी की टीम जांच में सहयोग न करने के आधार पर बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गिरफ्तार कर सकती है।
माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले घोसी से बसपा सांसद अतुल राय भी ईडी के रडार पर हैं। अतुल राय लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से ही जेल में बंद हैं और इन दिनों नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।अतुल राय ने कारोबार और सियासत की शुरुआत मुख्तार अंसारी के परिवार से जुड़कर ही की थी। मुख्तार के परिवार और अतुल राय का कारोबार भी एक ही था।
मुख्तार के परिवार की कंपनी मोबाइल टावर लगाने का काम करती है,जबकि अतुल राय की कंपनी मोबाइल टावर में तेल सप्लाई का काम करती है।
ईडी को शक है कि बसपा सांसद अतुल राय की कंपनी मुख्तार अंसारी के परिवार की बेनामी है।अतुल राय की कंपनी में अघोषित तौर पर मुख्तार के परिवार की हिस्सेदारी हो सकती है।अब्बास और सरजील रजा से हुई पूछताछ में भी ईडी को अतुल राय से जुड़ाव के बारे में काफी अहम जानकारियां मिली है।
हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्तार के परिवार और अतुल राय में दूरियां बढ़ गई थी। मुख्तार के परिवार और अतुल राय में आर्थिक लेनदेन भी होता था।ईडी को अब इस बात का पता लगाना है कि क्या मुख्तार के परिवार और अतुल राय के रिश्ते सचमुच खराब हो गए हैं। क्या अब उनके बीच अब कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है और कोई आर्थिक लेनदेन नहीं होता,या फिर सियासी दिखावे के लिए दोनों ने एक दूसरे से दूरी बना रखी है।
ईडी का मानना है कि दोनों के रिश्ते अगर खराब हो भी गए हैं तो पहले दोनों के बीच ना सिर्फ कारोबारी रिश्ते थे,बल्कि जरायम की दुनिया से लेकर सियासत के मैदान में माफिया मुख्तार अंसारी का परिवार ही अतुल राय का गॉडफादर हुआ करता था।ईडी की टीम जल्द ही नैनी सेंट्रल जेल में बसपा सांसद अतुल राय का बयान दर्ज कर सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक मनी लांड्रिंग केस में ईडी की जांच के दायरे में बसपा सांसद अफजाल अंसारी और बसपा सांसद अतुल राय आ चुके हैं।जरूरत पड़ने पर ईडी बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गिरफ्तार कर सकती है और साथ ही बसपा सांसद अतुल राय का मनी लांड्रिंग केस में भी वारंट बनवा सकती है। ईडी के जांच के दायरे में आने के बाद सांसद अतुल राय की मुश्किलें बढ़ना तय है। सांसद अतुल राय को छात्रा के यौन शोषण के मामले में राहत मिली हुई है,लेकिन दूसरे मामले में अभी जेल में है।ईडी ने शिकंजा कसा तो अतुल राय का जेल से बाहर आना मुश्किल हो जाएगा।
उल्लेखनीय हैं कि माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच ईडी की प्रयागराज यूनिट कर रही है।ईडी की टीम ने मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साले सरजील रज़ा को गिरफ्तार किया है।ईडी कोर्ट की परमिशन से दोनों को अपनी कस्टडी रिमांड में ले रखा है। अब्बास और सरजील का दो बार घंटों आमना सामना भी कराया जा चुका है।इस मामले में मुख्तार के परिवार की कंपनी के कुछ कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए ईडी ने समन जारी किया है और कंपनी के दो कर्मचारियों के बयान भी दर्ज कर चुकी है।इसके साथ ही सरकारी विभाग फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के अफसरों को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है।मुख्तार के परिवार ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके उस पर निर्माण कराने के बाद सरकारी जमीन को सरकारी विभाग एफसीआई को ही किराए पर दे दिया था।ईडी ये पता लगाने की कोशिश में है कि एफसीआई को यह बात पता नहीं थी या फिर काली कमाई के गोरखधंधे में उसके अफसरों की भी मिलीभगत है। ईडी बयान से संतुष्ट नहीं हुई तो एफसीआई के अफसरों पर भी कार्रवाई हो सकती है। वो पुख्ता सबूतों के साथ कुछ और असरदात लोगों पर नकेल डालेगी.
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