1857 की क्रांति में अमझेरा के 29 अमर शहीद
2. वीरांगना महारानी दौलतकुंवरजी चावड़ा : झाँसी की रानी का साथ देते हुए शहीद
3. राजकुमार रघुनाथसिंहजी : अंग्रेजों की घृणा का शिकार होकर अमर शहीद हुए
4. राजकुमार किशनसिंहजी : अंग्रेजों की घृणा का शिकार होकर अमर शहीद हुए
5. सेनापति कुंवर भवानीसिंह संदला : 21दिसंबर 1857 को फाँसी पर चढ़ाये गये
6. दीवान गुलाबराय : 21दिसंबर 1857 को फाँसी पर चढ़ाये गये
7. सलूकराय पटवारी : 21दिसंबर 1857 को फाँसी पर चढ़ाये गये
8. कामदार मोहनलाल : 21दिसंबर 1857 को फाँसी पर चढ़ाये गये
9. वकील चिमनलाल राय : कालेपानी की सजा में मृत्यु को प्राप्त हुए
10. महाराजा के निजी सेवक मंशाराम : कालेपानी की सजा में मृत्यु को प्राप्त हुए
11. नगाड़ा वादक फकीर : कालेपानी की सजा में मृत्यु को प्राप्त हुए
12. शाह रसूल खाँ : 11.10.1857 को सरदारपुर युध्द में शहीद
13. बशीउल्ला खाँ मुख्य सचिव : 20 जुलाई 1858 को फाँसी पर चढ़ाये गये
14. जमादार अता मोहम्मद : 20 जुलाई 1858 को फाँसी पर चढ़ाये गये
15. क्रांति सैनिक गुल खाँ तोपची : 20 जुलाई 1858 को फाँसी पर चढ़ाये गये
16. मुंशी नसरूल्ला खाँ : 20 जुलाई 1858 को फाँसी पर चढ़ाये गये
18 से 29 : अमर शहीद महाराजा बख्तावरसिंहजी के वे अज्ञात, अनामी 12 वनवासी अंगरक्षक, जिन्हें दिनांक 21 दिसम्बर 1857 को महू के जंगल में तोपों के मुँह पर बॉधकर उडा दिया।
अमझेरा निवासी और अभिनव स्कूल के प्रधानाचार्य श्री अश्विन शर्मा को "राष्ट्रीय अध्यापक
पुरस्कार - 2007" भारत के राष्ट्रपति से मिलने का गौरव प्राप्त है।
अश्विन शर्मा से उनके ईमेल पते 'abhinavschool@yahoo.co.in' पर संपर्क किया जा सकता है।
अभिनव स्कूल की वेबसाइट है http://www.abhinavschool.com/
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