शनिवार, 25 अक्तूबर 2014

NTPC / राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड







मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
NTPC Limited
प्रकार State-owned enterprise Public
(BSE: 532555, NSENTPC)
उद्योग Electricity generating
स्थापना १९७५
मुख्यालय दिल्ली, भारत
प्रमुख व्यक्ति अरूप रॉय चौधरी
(Chairman & MD)[1]
उत्पाद विद्युत्
राजस्व Green Arrow Up Darker.svg भारतीय रुपया50,188.52 करोड़ (US$10.34 बिलियन) (2009-10)[2]
प्रबंधन आधीन परिसंपत्तियां Green Arrow Up Darker.svgभारतीय रुपया8,837.65 करोड़ (US$1.82 बिलियन)(2009-10)[2]
कर्मचारी २५९४४ (२००९)
वेबसाइट www.ntpc.co.in
एनटीपीसी लिमिटेड (पूर्व नाम - राष्ट्रीय तापविद्युत निगम) भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कम्पनी है। सन् २००९ में "फोर्ब्स ग्लोबल २०००" में इसका स्थान ३१७वाँ है। यह भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है जो मुम्बई स्टॉक विनिमय (Bombay Stock Exchange) में पंजीकृत है। इसमें वर्तमान में भारत सरकार का हिस्सा ८९.५% है। ३४१९४ मेगावाट की मौजूदा उत्पादन क्षमता के साथ, एनटीपीसी की वर्ष २०१७ तक ७५००० मेगावॉट कंपनी बनने की योजना है। इसकी स्थापना ०७ नवम्बर १९७५ को हुई थी।
एनटीपीसी का मुख्य काम तापविद्युत संयंत्रों का प्रौद्योगिकी, निर्माण एवं संचालन है। यह भारत एवं विदेश की विद्युत उत्पादक कम्पनियों को तकनीकी सलाह भी देती है। कंपनी की कुल स्थापित क्षमता, देश भर में स्थित १५ कोयला आधारित और ७ गैस आधारित संयंत्र के साथ, ३४१९४ मेगावाट (संयुक्त उद्यमों सहित) है। संयुक्त उपक्रम के तहत इसके ३ कोयला आधारित संयंत्र हैं और एक अन्य संयंत्र ईंधन के रूप में एलएनजी / नाफ्था का उपयोग करता है।
एनटीपीसी का जब उत्तर प्रदेश में सिंगरौली में पहला पिटहैड सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हुआ उस दिन से आज तक एनटीपीसी ने एक लंबी दूरी तय की है।

एनटीपीसी संयंत्र

कोयला आधारित

१५ कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों के साथ एनटीपीसी देश में सबसे बड़ी तापीय विद्युत उत्पा‍दन कंपनी है। कंपनी में कोयला आधारित संस्थापित क्षमता २५,८७५ मेगावॉट है।
क्र. स्थान राज्य कमीशन क्षमता (मेगावॉट)
सिंगरौली उत्तर प्रदेश २०००
कोरबा छत्तीसगढ़ २६००
रामागुंडम आंध्र प्रदेश २६००
फरक्का पश्चिम बंगाल २१००
विंध्याचल मध्य प्रदेश ३२६०
रिहंद उत्तर प्रदेश २०००
कहलगांव बिहार २३४०
एनटीसीपीपी उत्तर प्रदेश १८२०
तालचर कनिहा उड़ीसा ३०००
१० ऊंचाहार उत्तर प्रदेश १०५०
११ तालचर थर्मल उड़ीसा ४६०
१२ सिम्हाद्री आंध्र प्रदेश १५००
१३ टांडा उत्तर प्रदेश ४४०
१४ बदरपुर दिल्ली ७०५
१५ सीपत -II छत्तीसगढ़ १०००

गैस / तरल ईंधन आधारित

एनटीपीसी की संयुक्त गैस आधारित कमीशन क्षमता ३९५५ मेगावॉट है।
क्र. स्थान राज्य कमीशन क्षमता (मेगावॉट)
अंता राजस्थान ४१३
ओरैया उत्तर प्रदेश ६५२
कवास गुजरात ६४५
दादरी उत्तर प्रदेश ८१७
झानौर – गांधार गुजरात ६४८
राजीव गांधी सीसीपीपी कायमकुलम केरल ३५०
फरीदाबाद हरियाणा ४३०

हाइड्रो आधारित

एनटीपीसी ने एक संतुलित संविभाग के लिए हाइड्रो आधारित विद्युत परियोजना के विकास पर दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जोर दिया हैं| इस दिशा में पहला कदम कोलडैम हाइड्रो आधारित विद्युत परियोजना पर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर निवेश करके लिया गया था| अन्य निर्माणाधीन हाइड्रो आधारित विद्युत परियोजना तपोवन विष्नुगाड है| इन सभी परियोजनाओं की निर्माणाधीन गतिविधियाँ पूरे जोरों पर हैं|
क्र. स्थान राज्य कमीशन क्षमता (मेगावॉट)
कोलडैम हिमाचल प्रदेश ८००
तपोवन विष्नुगाड उत्तराखंड ५२०
सिंगरौली सीडब्लू निर्वहन (लघु हाइड्रो) उत्तर प्रदेश

इतिहास

एनटीपीसी का जब उत्तर प्रदेश में सिंगरौली में पहला पिटहैड सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हुआ उस दिन से आज तक एनटीपीसी ने एक लंबी दूरी तय की है।
१९७५
७ नवम्बर को एनटीपीसी का निगमीकरण किया गया|
१९७६
कंपनी की प्राधिकृत शेयर पूँजी १२५ करोड़ थी|
१९७८
कोरबा और रामागुंडम परियोजनाओं का क्रियान्वन हुआ|
१९८०
प्राधिकृत शेयर पूँजी ३०० करोड़ से बढकर ८०० करोड़ हो गई|
१९८२
विद्युत् प्रबंधन संस्थान, दिल्ली नामक शिक्षा केंद्र की शुरुआत हुई|
१९८६
ऋण बाज़ार में बांड जारी करने के लिए प्रथम सार्वजनिक उपक्रमों में से एक बना|
१९८९
अंता, राजस्थान में प्रथम गैस आधारित संयंत्र का प्रचालन शुरू हुआ|
१९९४
संस्थापित क्षमता १५००० मेगावाट से अधिक हो गयी|
१९९७
नवरत्न सार्वजनिक उपक्रमों में से एक उपक्रम घोषित हुआ|
२०००
हिमाचल प्रदेश में ४०० मेगावाट क्षमता की पहली जल विद्युत् परियोजना का निर्माण शुरू हुआ|
२००२
संस्थापित क्षमता २०००० मेगावाट से अधिक हुई|
२००४
एनटीपीसी सूचीबद्ध कंपनी बना|
२००७
विंध्यांचल संयंत्र ३२६० मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश में सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र बना|

सहायक कंपनियां

एनईएससीएल

21 अगस्‍त, 2002 को इस कंपनी का गठन किया गाय था। यह विद्युत ऊर्जा के वितरण और आपूर्ति के व्‍यापार में कदम रखने के उद्देश्‍य से गठित एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली एक सहायक कंपनी है जो विद्युत क्षेत्र में आरंभ किए गए सुधारों की अगली कड़ी है।

एनवीवीएन

Tयह कंपनी 1 नवम्‍बर 2002 को एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली सहायक कंपनी के रूप में गठित की गई थी। कंपनी का उद्देश्‍य विद्युत पावर की बिक्री और खरीद करना, संस्‍थापित क्षमता का प्रभावी रूप से उपयोग करना और इस प्रकार बिजली की लागत में कमी लाना है।

एनएचएल

इस कंपनी का निर्माण 12 दिसम्‍बर 2002 को एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली एक सहायक कंपनी के रूप में 250 मेगावॉट तक की छोटी और मध्‍यम जल विद्युत विद्युत परियोजनाओं के विकास के उद्देश्‍य से किया गया था।

पीपीडीसीएल

एनटीपीसी लिमिटेड, गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लि. (जीपीसीएल) और गुजरत विद्युत मंडल (जीईबी) के बीच वर्ष 2004 में 50 : 50 इक्विटी भागीदारी के साथ एनटीपीसी और जीपीसीएल के बीच एक नई संयुक्‍त उद्यम कंपनी के निर्माण द्वारा गुजरात के पीपावाव में 1000 मेगावॉट ताप विद्युत परियोजना के विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए थे। गुजरात सरकार के निर्णय का पालन करते हुए एनटीपीसी लिमिटेड ने स्‍वयं को इस कंपनी से अलग कर लिया है। पीपीडीसीएल भी इसका समापन कर रही है।

कांटी बिजली उत्‍पादन निगम लि. (पूर्व वैशाली पावर जनरेटिंग कंपनी लि.)

मुजफ्फरपुर थर्मल पावर स्‍टेशन (2*110 मेगावॉट) को लेने के लिए, एक सहायक कंपनी 'वैशाली पावर जनरेटिंग कंपनी लि. (वीपीजीसीएल) का निगमन 6 सितम्‍बर 2006 को एनटीपीसी की 51 प्रतिशत इक्विटी के साथ किया गया और शेष इक्विटी का योगदान बिहार राज्‍य विद्युत मंडल ने दिया। यह कंपनी मौजूदा इकाई को नया रूप देने और संयंत्र को चलाने के लिए गठित की गई थी। दूसरी इकाई को 17 अक्‍तूबर 2007 को चार वर्ष शांत रहने के बाद पुन: सक्रिय बनाया गया है। पहली इकाई को नया रूप देने और आधुनिकीकरण का कार्य प्रगति पर है। इस कंपनी को 10 अप्रैल 2008 को एक नया नाम 'कांटी बिजली उत्‍पादन निगम लि.' दिया गया है।

भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल)

'भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड ' के नाम से एनटीपीसी लिमिटेड की एक सहायक कंपनी का निगमन 22 नवम्‍बर 2007 को एनटीपीसी तथा रेल मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 74 : 26 इक्विटी योगदान के साथ नबी नगर, बिहार में स्थित कोयला आधारित विद्युत संयंत्र की 250 मेगावॉट की 4 इकाइयों के गठन हेतु किया गया था। परियोजना के निवेश अनुमोदन जनवरी 2008 में प्रदान किए गए थे।

संदर्भ

  1. TNN, Jul 29, 2010, 02.55am IST (2010-07-29). "NBCC's Arup Roy Choudhury is NTPC chairman - India - The Times of India". Timesofindia.indiatimes.com. अभिगमन तिथि: 2010-09-01.
  2. "BSE 2010 Data". http://www.bseindia.com. अभिगमन तिथि: 2010-08-26.

बाहरी कड़ियाँ

दिक्चालन सूची

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