बुधवार, 8 अक्तूबर 2014

कमजोर लोग बन गए संघर्ष की मिसाल


 

 

प्रस्तुति-- किशोर प्रियदर्शी, सजीली सहाय

 

दक्षिणी इटली के एक शहर में छह विकलांग लोगों का एक गुट स्थानीय माफिया की ताकत को ललकारा है. फादार गियाकोमो पानीजिया के नेतृत्व में चली इस जंग में माफिया गुट एँद्राघेत्ता क्राइम सिंडिकेट पर भारी पड़ गई.

माफियाओं को ललकारने वाले लोग बेहद कमजोर हैं इनमें से कुछ तो व्हीलचेयर पर हैं पर इन लोगों ने दूसरों को रास्ता दिखा दिया है. चार मंजिली एक इमारत को कभी जुआरियों का अड्डा था और जिसकी आड़ में नशीली दवाओं की तस्करी होती थी वो अब फादर पानिज्जी के संघर्ष की पहचान बन गई है. .
फादर ने बताया कि ये इमारत गैरकानूनी रूप से बनाई गई और मुख्य सड़क पर होने के बावजूद किसी का ध्यान इस तरफ नहीं जाता था. माफिया गुट ने सबके मुंह पर खामोशी का ताला जड़ रखा था. जब वो पहली बार अपने गैरसरकारी संगठन के साथ यहां आए तो कोई भी बिल्डर इस जगह पर माफिया के डर से काम करने को तैयार नहीं हुआ.
इटली की सरकार ने 30 साल पहले ही सिसली और नेपल्स में माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जिससे कि संगठित अपराध पर नियंत्रण हो सके. ये प्रक्रिया बहुत धीमी गति से दक्षिणी इटली के कालाब्रिया इलाके तक पहुंची चहां एंद्राघेत्ता माफिया गुट ने इतनी चतुराई से अपना जाल बुन रखा था कि पुलिस के लिए भी इसे भेद पाना मुश्किल हो रहा था. इमारत 2002 में माफिया गुट से वापस लेकर स्थानीय प्रशासन के हवाले कर दी गई. इमारत पर कब्जा मिलने के साथ ही फादर को धमकियां मिलने लगीं. कई बार तो पुलिस अधिकारियों के सामने भी उन्हें धमकाया गया.
कभी उन्हें इमारत उड़ाने की धमकी मिलती तो कभी उनके कामकाज को नुकसान पहुंचाने की और कभी जान से मारने की लेकिन फादर टिके रहे. उनकी संस्था के लिए काम करने वाली गाड़ियों को भी कई बार नुकसान पहुंचाया गया. फादर पानिज्जा ने अपने इन अनुभवों को एक किताब में भी लिखा है. फादर को अब पुलिस की सुरक्षा भी मिली है. पुलिस ने उनका साथ इसलिए दिया जिससे कि जब्त की गई इमारतों का अच्छे कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सके. साथ ही पुलिस जनता को भी ये संदेश देना चाहती थी कि सरकार माफिया से मजबूत है. इस इमारत में अब पानिज्जा की संस्था के अधिकारी रहते हैं. इसके अलावा कई गैरसरकारी संस्थाओं के दफ्तर भी इसी इमारत में हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम

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