सोमवार, 15 नवंबर 2021

खबर ही खबर / कुमार सूरज



: *दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली होती जा रही है और वायु प्रदूषण की वजह से लोगों* का जीना मुहाल हो गया है। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निर्माण, गैर-जरूरी परिवहन, बिजली संयंत्रों को रोकने और घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) लागू करने जैसे मुद्दों पर कल एक इमरजेंसी बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। 


सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 17 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एनसीआर क्षेत्र से जुड़े राज्य सरकारों को अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने को कहा। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा कल होने वाली इमरजेंसी बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों को भी उपस्थित रहने को कहा है और अपने सुझाव प्रस्तूत करने का आदेश दिया।


दिल्ली में प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आप क्या बड़े कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण में पराली जलाए जाने का योगदान मात्र चार प्रतिशत है, ऐसे में इसे लेकर हल्ला मचाने का कोई आधार नहीं है।


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*केरल के पल्लकड़ में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की खबर* मिली है। खबर के मुताबिक, यह कार्यकर्ता सोमवार सुबह करीब 9 बजे अपने परिवार के साथ कहीं जा रहा था, तभी उसपर हमला किया गया। मृतक की पहचान 27 वर्षीय एस संजीत के तौर पर हुई है।


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आरएसएस कार्यकर्ता अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहा था। बीजेपी जिला अध्यक्ष केएम हरीदास ने इस हत्या के लिए सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया पर आरोप लगाया है, जो कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई की राजनीतिक इकाई है।


पुलिस ने बताया कि संजीत के शरीर पर 50 से ज्यादा बार धारधार हथियार से वार के निशान मिले हैं। हत्या के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। फिलहाल जांच जारी है। 


हालांकि, यह पहली बार नहीं जब केरल में आरएसएस वर्कर की जान ली गई हो। इसी साल फरवरी में भी एक आरएसएस कार्यकर्ता की मौत के बाद राज्य में बीजेपी और हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। उस समय चेर्थला के पास नगमकुलनगरा इलाके में आरएसएस और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के बीच हुई झड़प में संघ के कार्यकर्ता नंदू की मौत हो गई थी। एसडीपीआई इस्लामिक संगठन पीएफआई की राजनीतिक इकाई है।


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 *डेंगू का डंक अब बेकाबू होता दिख रहा* है। दिल्ली सरकार की तमाम कवायदों के बावजूद राजधानी में डेंगू और मलेरिया की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली में बीते एक सप्ताह में डेंगू के रिकॉर्ड करीब 2570 मरीजों की पुष्टि होने के बाद मच्छर जनित बीमारी के कुल मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 5270 तक पहुंच गया है। इसके साथ ही दिल्ली में डेंगू के मामलों का छह साल का रिकॉर्ड टूट गया है। 


दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) द्वारा सोमवार को जारी साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इस सीजन में डेंगू के मामले बढ़कर 5,277 हो गए हैं, जो 2015 के बाद से राजधानी में मच्छर जनित बीमारी के सबसे अधिक मामले हैं। पिछले एक सप्ताह में 2,569 नए मामले दर्ज किए गए हैं, हालांकि, डेंगू के कारण कोई भी ताजा मौत की सूचना नहीं मिली है। अब तक कुल 9 लोगों की मौत हो चुकी है।


नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में 13 नवंबर तक 5,277 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2015 के बाद से एक साल में सबसे ज्यादा मामले हैं। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो- साल 2016 में 4431 मामले, साल 2017 में 4726 मामले, साल 2018 में 2798 मामले, साल 2019 में 2036 मामले और साल 2020 में 1072 डेंगू के कुल मामले दर्ज किए गए थे।  


हर साल मॉनसून की शुरुआत के साथ दिल्ली में डेंगू का प्रकोप देखा जाता है, जो आमतौर पर सर्दी का मौसम आते ही समाप्त हो जाता है। हालांकि, इस वर्ष राजधानी में मामलों में बड़ी वृद्धि देखी जा रही है जो अब भी जारी है।


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नहीं रही मन्नू भंडारी 


*हिंदी साहित्य की मशहूर लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया* है। आंखों देखा झूठ, आपका बंटी जैसे लोकप्रिय उपन्यासों के लिए चर्चित रहीं मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल, 1931 को हुआ था। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत की एक पीढ़ी का अवसान हो गया है। भोपाल में जन्मीं मन्नू भंडारी नई कहानी आंदोलन का हिस्सा रही हैं, जिसकी शुरुआत निर्मला वर्मा, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी, कमलेश्वर जैसे लेखकों ने की थी। मन्नू भंडारी उन लेखिकाओं में से रही हैं, जिन्होंने आजादी के बाद के भारत की आकांक्षी महिलाओं की कहानियों को लिखा है। उनकी कहानियों और उपन्यासों में महिला किरदारों के संघर्ष और समाज में उनकी स्थिति का चित्रण किया गया है। 


उनके महिला किरदार पुरानी रुढ़ियों को तोड़ते, स्वतंत्र अस्तित्व की बात करते दिखते हैं। मशहूर लेखक राजेंद्र यादव उनके पति थे। उनके साथ ही मन्नू भंडारी का पहला उपन्यास 'एक इंच मुस्कान' 1961 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास को उन्होंने राजेंद्र यादव के साथ ही मिलकर लिखा था। यह उपन्यास काफी लोकप्रिय हुआ था, जिसमें दो महिलाओं की एक ही पुरुष से प्रेम कहानी दिखाई गई थी। इस उपन्यास के पुरुष संवादों को राजेंद्र यादव ने लिखा था, जबकि दोनों महिलाओं को अभिव्यक्त करने का काम मन्नू भंडारी ने किया था। 


इसके बाद मन्नू भंडारी का दूसरा उपन्यास आपका बंटी प्रकाशित हुआ था। यह उपन्यास एक ऐसे बच्चे की कहानी पर आधारित था, जिसके माता-पिता का तलाक हो गया है और उन्होंने अलग-अलग लोगों से शादी कर ली थी। पैरेंट्स की शादी के टूटने का बच्चे पर क्या असर होता है, उसका चित्रण इस उपन्यास में देखने को मिला था। यह अपने आप में हिंदी साहित्य में नई तरह की कहानी का लेखन था, जिसकी काफी सराहना की गई थी। इस उपन्यास की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे फ्रेंच, बंगाली और इंग्लिश में भी अनुवाद किया गया था।  


मन्नू भंडारी के लेखन की काफी सराहना की गई और उन पर आधारित फिल्में भी आईं। ऐसी ही एक मशहूर फिल्म रजनीगंधा थी, जो 1974 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म उनकी शॉर्ट स्टोरी 'यही सच है' पर आधारित थी। यही नहीं इस फिल्म ने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता था। 


बेटी ने बताया- 10 दिन से थीं बीमार, मंगलवार को दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार

मन्नू भंडारी की बेटी रचना यादव ने बताया, 'वह करीब 10 दिन से बीमार थीं। उनका हरियाणा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां आज दोपहर को उन्होंने अंतिम श्वांस ली।' रचना ने बताया कि मन्नू भंडारी का अंतिम संस्कार मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। तीन अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के भानपुरा में जन्मीं भंडारी प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं। उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में अध्यापिका के पद पर भी अपनी सेवाएं दी थीं।



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