सोमवार, 8 नवंबर 2021

🌺छठ पूजा से जुड़ी जानकारी / सुरेश चौरसिया

🌺छठ पूजा अब केवल बिहार का ही प्रसिद्ध लोकपर्व नहीं रह गया है, बल्कि इसका फैलाव देश-विदेश के उन सभी भागों में हो गया है जहां इस प्रदेश के लोग जाकर बस गए हैं। फिर भी बहुत से लोग इस व्रत की मौलिक बातों से अनजान है।

🌺कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि छठ या सूर्यषष्ठी व्रत में सूर्य देव की पूजा के साथ छठ मईया की पूजा क्यों की जाती है? कौन है छठी मईया।


🌺श्वेताश्वतरोपनिषद् में बताया गया है कि परमात्मा ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांटा दाहिने भाग से पुरुष, बाएं भाग से प्रकृति का रूप सामने आया।

🌺ब्रह्मवैवर्तपुराण के प्रकृतिखंड में बताया गया है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को देवसेना कहा गया है प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इन देवी का एक प्रचलित नाम षष्ठी हुआ, पुराण के अनुसार ये देवी सभी बालकों की रक्षा करती हैं और उन्हें लंबी आयु प्रदान करती हैं।


🌺''षष्ठांशा प्रकृतेर्या च सा च षष्ठी प्रकीर्तिता।

बालकाधिष्ठातृदेवी विष्णुमाया च बालदा।।

आयु:प्रदा च बालानां धात्री रक्षणकारिणी ।

सततं शिशुपार्श्वस्था योगेन सिद्धियोगिनी''।।

(ब्रह्मवैवर्तपुराण/प्रकृतिखंड)


🌺षष्ठी देवी को ही स्थानीय बोली में षठ/छठ मईया कहा गया है। षष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहा जाता है जो, नि:संतानों को संतान देती हैं और सभी बालकों की रक्षा करती हैं।

🌺आज भी देश के बड़े भूभाग में बच्चों के जन्म के छठे दिन षष्ठी पूजा या छठी पूजा का चलन है। पुराणों में इन देवी का एक नाम कात्यायनी भी है, इनकी पूजा नवरात्र में षष्ठी तिथि को ही होती है

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