*प्रकाशनार्थ*
===========
रांची 26 सितम्बर 2023
*सिर्फ पेेशा नियमावली 2022 बनाने से राज के आदिवासी मूलवासी समाज का भला नही होने वाला है उसके लिए हेमंत सोरेन सरकार को अपनी प्रतिबद्धता एवं संकल्प व्यक्त कर कैबिनेट से पास करा कर अधिसूचना जारी करना होगा तभी पेशा अधिनियम को लागू कर ग्राम सभा को मजबूत कर सपनों को पूरा किया जा सकता है* *
विजय शंकर नायक*
============≈=========
उपरोक्त बाते आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह पूर्व विधायक प्रत्याशी आदिवासी मूूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने पेेशा नियमावली 2022 बनने पर अपनी प्रतिक्रिया में कही ।इन्होने आगे यह भी कहा कि माननीय विधायक लोबिन हेंब्रम के संघर्ष और झारखंड बचाओ मोर्चा के द्वारा किये गये आन्दोलन का ही नतीजा है कि पंचायती राज विभाग के अधिकारी एंव पदाधिकारियों ने दिन रात एक कर इस नियमावली को तैयार किया जिसके लिए झारखंड बचाओ मोर्चा उन्हे साधुवाद देता है और उनके द्वारा किए गये मेहनत के लिए उन्हे बधाई देता है ।
श्री नायक ने आगे कहा कि अब इसे लागु करवाने की दिशा मे ठोस और सकरात्मक पहल की जानी चाहिए जिसके प्रथम चरण मे पेेशा नियमावली 2022 को बिना देर किए ही इसे झारखंड के मुख्य सचिव को भेजकर इसमे उनकी सहमति प्राप्त कर विभागीय मन्त्री से अनुमोदन सहमती लेकर मुख्य मन्त्री को भेजा जाना चाहिए और उनसे भी अनुमोदन प्राप्त कर इसे कैबिनेट में लाकर कैबिनेट से पास करा कर अधिसूचना जारी कराया जाए तब ही ग्राम सभा को मजबूत करने का सपना पुरा होगा और *अबुवा दिशुम अबुआ राज* के सपनो को धरातल में उतारा जा सकेगा ।
श्री नायक ने यह भी कहा की पुलिस के द्वारा किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर ग्राम सभा को 48 घन्टा में गिरफ्तारी कई सूचना ग्राम सभा को देने को अनिवार्य किया गया है को 48 घन्टा से कम कर 24 घन्टा किया जाए और जो ग्राम सभा को गलत अवैध तरिके से लिए गए आदिवासी जमीन को वापस कराने या लेने का अधिकार दिया गया है उसमे अनुसूचित जाति को भी इसमे जोड़ा जाना चाहिए और ग्राम सभा के अधिनियम रहने वाले दलित समाज के लोगो से गलत एंव अवैध तरिके से लिए या हडपे गये भूमि को भी वापस करने के कानून को शामिल किया जाए तथा सी.एन.टी/एस.पी.टी एक्ट मे आने वाले सभी मूलवासी समाज को भी इस कानून मे लिया जाना चाहिए, ग्राम सभा के एक तिहाई कोरम को पुरा करने के लिए अनु.जाति के सदस्यो को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए ताकि पेशा कानून मे समस्त झारखंडी समाज का भला हो सके ।
भवदीय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें