गुरुवार, 28 सितंबर 2023

दयालबाग़ : धर्म शिक्षा जनसेवा और परोपकार की धरती

 दयालबाग, एक  ऐसा  स्थान  ज़िस  मे  खुशबू  बसती  हैं  अध्यातम , धर्म , शिक्षा , जन  कल्याण  और  सर्व  धर्म सम्भाव की, परम  पूज्ये  गुरुओ  की  महान  शिक्षा  की  | 


सन 1915 मे  उस  समय  के  आचार्य  साहब  जी  महाराज  ने  इस  आश्रम  की  नीव  रखी थी , जमीन  विधिवत  अधिग्रहीत  करी गई  थी तथा  उस  समय  यहां  ऊबड  खाबड  भूमि  को  जो  कि  किसी  भी  प्रकार  से  उपयोग  की  स्थिती  मे  नहीं  थी , उस  का  सुधार   कई  सालों  के  कठिन  परिश्रम  के  बल  पर  सत्संगी  लोगो  द्वारा  किया  गया , यह  ही  नहीं  साहब  जी  महाराज  ने  स्वदेशी  की  महत्ता  को बहुत  पहले   समझ  कर  यहां  कई  रोजाना इस्तेमाल  की  वस्तुओ  के  निर्माण  हेतु  कारखाने स्थापित  किये , ज़िस में  न  सिर्फ  इस  मत  के  अनुयायी  बल्कि अन्य  कई  non satsangi लोगो  को  भी  रोजगार  मिला , यह  बात  हैं सन  1915 से 1937 तक के  बीच  की , जब  देश  अंग्रेजो  के  राज  मे  था  और  देश  मे  तमाम  संकट  थे , उस  वक्त  उन्होने  हिंदुस्तानी  जनता  की  भलाई  हेतु  REI नामक  intermediate तक का  स्कूल  खोला  और  इस  स्कूल  के  छात्र  जो  कि आज  भी  90% से  अधिक  non satsangi  परिवारो  से  आते  हैं  उन्होने  देश  विदेश  मे  बड़ा  नाम  कमाया, यही  नहीं  सरन  आश्रम अस्पताल  की  भी  स्थापना  करी  जो  आज  भी  पूरे शहर  के  लोगो  को  बेहतरीन  इलाज  फ्री  मे  प्रदान  करता हैं , यहां  सिर्फ  2 रूपये  का  पर्चा  बनता  हैं  जो  1 साल  तक  चलता  हैं , गरीब  को  इस  से  अच्छा, फ्री  और  आसानी  से  उपलब्ध  इलाज  कहीं  और  मिलता हो तो जाने , यहां  के  DEI विश्वविध्यालय  का  नाम  पूरे  देश विदेश  मे  हैं , जहां  हजारो  बच्चे  पढ़  कर  अपना  भविष्य  उज्जव  करते  हैं , यहां  भी  शिक्षक  और  students  non satsangi भी हैं , students तो  अधिकतर  non satsangi ही  हैं |


पूरे  आगरा  मे  अगर  कहीं  concrete जंगल  नहीं  बना  हैं  तो  वो  जगह  दयालबाग  ही  हैं , वरना  builders और भूमाफीआ  यहां  भी  बड़ी  बड़ी  बिल्डिंग  तान  देते  और  शहर  का  eco-सिस्टम खराब  कर  चुके  होते , दयालबाग  को आगरा  का  environment park भी  कह  सकते हैं  जो  पूरे  शहर  को  fresh oxigen  देने  का  काम  करता हैं , यहां  कई  प्रजाती  के  पौधे  लगाये  ज़ाते  हैं  और  उन  की  चिकित्सा  मे  उपयोग  पर  शोध  भी  हो  रहा  हैं | 


दयालबाग  का  योगदान  समाज  मे केवल  यही  नहीं हैं , यहां  हिन्दु  धर्म  मे  व्याप्त  कई  कुरीतिया  जैसे जात  पात ,

ऊँच  नीच  आदि  को  भी अपने  समाज  मे  पनपने  का  मौका नहीं  दिया  गया  हैं , किसी  भी  जात  का  व्यक्ति  यहां  समान  अधिकार और  सम्मान पाता  हैं  जो  किसी  और  को  प्राप्त हो , यहां विवाह , रिश्ते  जात  देख कर  नहीं  किये  ज़ाते  वरन  जो  योग्य हैं  उस  को प्राथमिकता  मिलती  हैं |


दयालबाग , अध्यातम , सुरत  शब्द  अभ्यास  द्वारा  साधना  कर  के  उस  परम  पिता  परमात्मा  से  मिलने  का  द्वार  हैं, यहां  नियमित  तौर  पर  धर्म , चेतना  तथा  व्यक्तिक  विकास  पर  गहन शोध  तथा  conferences होती  रहती  हैं , यहां  की  university की  distence education की  branches पूरे  देश  मे  कई  शहरो  मे  हैं  जहां  बच्चे पढ़  कर अपना  जीवन  सुधारते हैं | 


यहां समाज  के  बच्चो  को  superman बनने  की  शिक्षा  बचपन  से  मिलती  हैं , उन  के  चरित्रनिर्माण  तथा  शारीरिक  तथा  मानसिक  विकास  और  मजबूती  पर  बल  दिया  जाता  हैं , क्यो  किया  जाता  हैं  तो यह  बताना भी  ज़रूरी  हैं , देश  और  विदेश  मे  राजनीतिक  और  समाजिक  उठा  पटक सदा  से  चली  आई  हैं  इस  लिये  हमें  आने  वाले  कल  के  लिये  इस  समाज से   volunteers तैयार  करने  हैं  जो  उस  मुशकिल  वक्त  मे  जन  कल्यान  के  हेतु  तत्पर  रहे , यह  कोई  फौज  नहीं  बन रही पर  यह  volunteers की  फौज  आने  वाले  समय  मे  जनता  और  निरीहजन  के  सहयोग  के लिए  बनाई  जा  रही  हैं | 


कुछ  समय  से  दयालबाग  और  सत्संगी  लोगो  पर  निराधार  आरोप समाचार पत्रो  तथा  social media पर लगाये 

जा  रहे  हैं , जो  वास्तविकता  से  कोसो  परे  हैं , न  तो  वो  varified हैं  और  न  ही किसी  भी  रूप  मे  स्वीकार  करने  योग्य| 


दयालबाग  की  भूमि  किसी 1 व्यक्ति  की  मालकियत  नहीं हैं , यह  विधिवत  अधिग्रहित  की  गई  हैं , इस  से  सम्बंधी  सभी  दस्तावेज  राधास्वामी  सत्संग  सभा  के  पास  सुरक्षित  हैं  तथा  प्रशासन या  उस  का वकील  जब  चाहे  उन  का अवलोकन  करें  परंतु  इस  प्रकार  की  कार्येवाही  ज़िस  मे  निर्दोष  लोगो  को  मारा  पीटा  गया , छोटे  बच्चो  तक  को बक्शा  नहीं  गया  वो सभ्य  समाज मे  घोर  निन्दनीय  हैं  और  और  वर्तमान  जनकल्यान  की  नीति  पर  चलने  वाली  B J P सरकार  के  शासन  काल  मे  तो  इस  प्रकार  की  बर्बारिक  अत्याचार  की तो  कोई  उम्मीद  भी  नहीं  कर  सकता | 


सरकार  से  आशा  हैं  कि  वो  न्याय  करेगी  और जनता  से भी  यह  उम्मीद  हैं  कि  वो  पीत  पत्रकारिता  से  प्रभावित  हुये  बिना  अपनी  विवेक  बुद्धि  का  इस्तेमाल  करेगे  किसी  पर  भी  बेबुनियाद  आरोप  लगाने  से पहले  सोचे , सत्संगी  जन  भी  समाज  का  हिस्सा  हैं  और  उन  को  भी  अपनी  बात  सरकार  और  समाज  मे  रखने  का  पूरा  अधिकार  हैं , कोई  जंगलराज  नहीं  चल  रहा  कि  सोशल  media पर  किसी  का  भी  चरित्रहनन कर दिया  जाये और उस  को प्रताडित  किया  जाये |


जो  कुछ  भी  सत्य  होगा  वो  समय  आने  पर खुद  ब  खुद  सामने  आयेगा, पहले  भी  आया  था  और  अब भी  आयेगा  और  वो  समय  आँख  खोलने  वाला  होगा | 


जय  हिन्द / रा धा स्व आ mi🙏


एक जन  सेवक❤️❤️🙏


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें