परिकल्पना माना जाता है। लेकिन, इसका मॉडल हू-
ब-हू मुरैना जिले के मितावली में मौजूद चौसठ
योगिनी शिव मंदिर से मेल खाता है। 9वीं सदी में
प्रतिहार वंश के राजाओं द्वारा बनाए गए मंदिर में
101 खंभे कतारबद्ध हैं। और 64 कमरों में एक-एक
शिवलिंग है। मंदिर के मुख्य परिसर में भी एक
बड़ा शिवलिंग स्थापित है।
माना जाता है कि हर कमरे में शिवलिंग के साथ
देवी योगिनी की मूर्ति भी रही होगी, जिसके
आधार पर इसका नाम चौसठ योगिनी मंदिर पड़ा।
इकंतेश्वर महादेव के नाम से भी प्रतिष्ठित यह मंदिर
कभी तांत्रिक अनुष्ठान के विश्वविद्यालय के रूप में
जाना जाता था। छह एकड़ में फैली संसद में 12 दरवाजे
और 27 फीट ऊंचे 144 खंभे कतारबद्ध हैं। इसका व्यास
560 फीट और घेरा 533 मीटर है। इसके निर्माण में
1927 में 83 लाख रुपए की राशि खर्च हुई थी।
प्रस्तुति/
अमित कुमार / अमित मिश्रा
मगांअंहिविवि
वर्धा
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