बुधवार, 30 अप्रैल 2014

मोदी में तो प्रचार की भी हिम्मत नहींः अब्दुल्ला






28 Apr 2014, 1721 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  
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श्रीनगर
अब्दुल्ला परिवार और नरेंद्र मोदी के बीच वाक-युद्ध जारी है। अब फारुख अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी को करारा जवाब दिया है। उमर अब्दुल्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मोदी को इकश्मीर के इतिहास की जानकारी नहीं है और लगातार उन मुद्दों पर बोलकर मोदी अपनी अज्ञानता दिखाते रहते हैं, जिनके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता होता। ​उन्होंने कहा, 'शुक्र है आपने (मोदी) हमें सेक्युलर होने का सर्टिफिकेट नहीं दिया, नहीं तो हमें सियासत छोड़नी पड़ जाती।' अब्दुल्ला ने कहा कि मोदी जैसा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता है, यह बहुत खतरनाक बात है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी में कश्मीर आकर प्रचार करने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने कहा, 'मोदी साहब में हिम्मत नहीं है कि यहां से अपने तीन-तीन प्रत्याशी होने के बावजूद यहां आकर उनके लिए कैंपेनिंग कर सकें।'



नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि फारुक के पिता शेख अब्दुल्ला, खुद उन्होंने और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर को संप्रदाय के रंग में रंगने का काम किया है। ऐसे में अगर समंदर में किसी को डूबना चाहिए, तो उन्हें अपने पिता और अपना चेहरा याद करना चाहिए।

पढ़ें: ​मोदी का अब्दुल्ला परिवार पर पलटवार

अब्दुल्ला ने कहा कि जब मैंने मोदी को आर्टिकल 370 पर बहस करने की चुनौती दी, तो मुझसे कहा गया कि मेरा उनसे बहस करने का स्तर नहीं है, अब बीजेपी में तोगड़िया और अमित शाह जैसे जबान के तेज लोगों को आगे किया जा रहा है जबकि जसवंत सिंह साहब जैसे कुछ अच्छे लोगों को धकेल दिया गया है।


खबर पढ़ेंः मोदी को वोट देने वाले समंदर में डूब जाएंः फारुक अब्दुल्ला


अपने पिता का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, 'फारुख साहब ने कहा था कि कश्मीर सांप्रदायिक भारत का हिस्सा नहीं होगा। उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होगा। कश्मीर ने लोगों को कश्मीरियत सिखाई, सहन करना सिखाया। कश्मीर में जब पहली बार बंदूक आई तो उसका निशाना हमारी पार्टी का सदस्य ही बना, और आज भी नुकसान हमारी पार्टी का ही हो रहा है।

तस्वीरेंः पार्टी को अच्छी लगी नेताओं की गंदी बाद!

उमर अब्दुल्ला ने मोदी के इस आरोप का भी जवाब दिया कि राज्य सरकार कश्मीरी पंडितों की रक्षा नहीं कर पाई। उन्होंने कहा, 'वह वीपी सिंह, जो बीजेपी के सहयोग से प्रधानमंत्री बने, वह मुफ्ती सईद, जो वीपी सिंह की कैबिनेट में होम मिनिस्टर थे, वह जगमोहन, जिनको मुफ्ती सैयद यहां लाए, उनके दौर में कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर छोड़ा। कश्मीरी पंडित फारुख अब्दुल्ला के दौर में नहीं, बल्कि जनाब जगमोहन के दौर में यहां से गए।'





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'समंदर में डूबने' वाले बयान पर मोदी का फारुक पर पलटवार
28 Apr 2014, 1421 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  
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नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री और नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला के 'मोदी को वोट करने वाले को समंदर में डूब जाना चाहिए' वाले बयान पर नरेंद्र मोदी बेहद कड़ा पलटवार किया है। मोदी ने सोमवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि फारुक के पिता शेख अब्दुल्ला, खुद उन्होंने और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर को संप्रदाय के रंग में रंगने का काम किया है। ऐसे में अगर समंदर में किसी को डूबना चाहिए, तो उन्हें अपने पिता और अपना चेहरा याद करना चाहिए। उधर, मोदी के इस पलटवार के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि वह मोदी नहीं, बल्कि सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ हैं।

खबर पढ़ेंः मोदी को वोट देने वाले समंदर में डूब जाएंः फारुक अब्दुल्ला

फारुक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा था कि मोदी को वोट देने वालों को समुद्र में डूब जाना चाहिए। उन्होंने बीजेपी की ओर संकेत करते हुए कहा था कि अगर देश में सांप्रदायिक ताकतें हावी हो गईं, तो कश्मीर कभी भारत के साथ नहीं रहेगा।

तस्वीरेंः पार्टी को अच्छी लगी नेताओं की गंदी बाद!

मोदी ने फारुक अब्दुल्ला के इस बयान पर पूरे अब्दुल्ला परिवार को लपेटते हुए कहा कि हिंदुस्तान का सेक्युलरिज्म इतना रद्दी नहीं है कि इतनी छोटी से बात से खराब हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं फारुक अब्दुल्ला से कहना चाहता हूं कि हजारों साल के हिंदुस्तान के इतिहास में सेक्युलरिज्म की परंपरा को सबसे बड़ी और गहरी चोट अगर कहीं पड़ी है तो कश्मीर में पड़ी है और वह भी फारुक अब्दुल्ला जी आपके पिताजी (शेख अब्दुल्ला) और आपकी राजनीति के चलते हुआ है... आपके बेटे की राजनीति के चलते हुआ।'

खबर पढ़ेंः गुजरात के कसाई हैं नरेंद्र मोदीः तृणमूल

मोदी ने कहा कि देश में कश्मीर एक ही है, जहां से पंडितों को धर्म के आधार पर निकाल दिया गया। कश्मीर सूफी परंपरा की भूमि थी जिसे अब्दुल्ला परिवार ने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए संप्रदाय के रंग से रंग दिया।

पढ़ें: मोदी की आंखें राक्षसों जैसीः सलमान खुर्शीद

फारुक पर बरसते हुए मोदी ने आगे कहा कि बीजेपी को वोट देने वालों को दरिया में डुबाने की बात करने वाले फारुक, उनके पिताजी शेख अब्दुल्ला और बेटे उमर ने कश्मीर की राजनीति को सारी दुनिया में कौमी रंग देने का पाप किया है। मोदी ने कहा, 'अगर डूबना है तो किसको डूबना चाहिए... जरा दर्पण में देखिए... आपके पिताजी का चेहरा दर्पण के सामने खड़ा करके सवाल पूछो...'

इससे पहले बीजेपी नेता अरुण जेटली ने भी अब्दुल्ला के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा, 'यह दर्शाता है कि अब्दुल्ला ने बहुमत की राय की अवमानना की है। फारुक साहब का मानना है और जो सही भी है कि भारत धर्मनिरपेक्ष है और यह सांप्रदायिक राजनीति को स्वीकार नहीं करेगा। भारत में इस धर्मनिरपेक्षता ने सबसे बड़ी एकमात्र असफलता कहां देखी है?'

जेटली ने कहा, 'भारत में धर्मनिरपेक्षता की एकमात्र सबसे बड़ी असफलता फारुक साहब के अपने राज्य कश्मीर में है। यदि भारत ने राज्य से कश्मीरी पंडित नामक एक समुदाय को निकालकर जातीय सफाये की घटना देखी है तो ऐसा केवल कश्मीर में हुआ है।'

बीजेपी नेता ने कहा कि वह अब्दुल्ला के यह कहने से खुश हैं कि कश्मीर सांप्रदायिक राजनीति को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, 'लेकिन क्या कश्मीर कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए उनका फिर स्वागत करेगा।' जेटली ने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं तो किसी को समुद्र में कूदने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कश्मीरी पंडितों के घर वापस नहीं जा पाने पर यदि फारुक साहब और उनकी पार्टी मूकदर्शक बनी हुई है तो पश्चाताप के रूप में उन्हें कम से कम डल झील में एक डुबकी लगानी चाहिए।'



रॉबर्ट वाड्रा मामले में वसुंधरा सरकार पर बढ़ा दबाव
29 Apr 2014, 1429 hrs IST,टाइम्स ऑफ इंडिया  
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नई दिल्ली
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर करप्शन के मामले में निशाना बनाने की स्ट्रैटिजी खुद राजस्थान में बीजेपी की सरकार पर ही भारी पड़ती दिख रही है। पहले दिग्विजय सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख में रॉबर्ट वाड्रा का बचाव किया। दिग्विजय सिंह ने वसुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वाड्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, तो राज्य सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की?

पढ़ेंः कांग्रेस के लिए बोझ बने रॉबर्ट वाड्रा?

दिग्विजय सिंह के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी वाड्रा मामले पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को आड़े हाथ लिया है। केजरीवाल ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा के मामले में कार्रवाई नहीं होना इस बात का सबूत है कि बीजेपी-कांग्रेस में डील हो गई है। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने दिल्ली में अपनी 49 दिनों की सरकार में ही शीला दीक्षित और अंबानी पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। केजरीवाल ने वसुंधरा राजे को वाड्रा पर कार्रवाई करने की चुनौती दी है।

पढ़ेंः रॉबर्ट वाड्राः लव, लैंड और लोचा

कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि राजस्थान में बीजेपी की ही सरकार है। अगर वाड्रा ने जमीन सौदे में नियमों का पालन नहीं किया, तो बीजेपी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी। दिग्विजय सिंह ने वाड्रा का बचाव करते हुए कहा कि चुनावी फायदे के लिए बीजेपी इस तरह का झूठा प्रचार कर रही है। दिग्विजय का दावा है कि प्रियंका गांधी को मिल रहे जनसमर्थन से मोदी, बीजेपी घबरा गए हैं। इसीलिए उनके और वाड्रा के खिलाफ निजी हमले हो रहे हैं।

पढ़ेंः वाड्रा ने एक लाख से बनाए 325 करोड़

दिग्विजय सिंह ने वाड्रा के बहाने मोदी-अडाणी के कथित रिश्ते पर भी निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा, 'ऑपिनियन पोल ने जैसे ही मोदी को पीएम प्रॉजेक्ट करना शुरू किया, अडाणी के शेयर खूब चढ़े। अगर एक परिवार से जुड़ने के कारण वाड्रा से 3.5 एकड़ जमीन के लिए हिसाब मांगा जा रहा है, तो मोदी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से लिंक का जवाब भी देना चाहिए।'

पढ़ेंः वाड्रा पर फिल्म से बीजेपी का कांग्रेस पर निशाना

हालांकि दिग्विजय सिंह और केजरीवाल के पलटवार के बाद राजस्थान सरकार की ओर से भी सफाई आई है। राजस्थान सरकार ने फिर कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा ने जमीन से सौदों में नियमों का उल्लंघन किया है। बीजेपी ने दावा किया है कि चुनाव के बाद राजस्थान में वाड्रा के जमीन के सौदों की जांच कराई जाएगी।

देखेंः रॉबर्ट वाड्रा के विडियो पर बढ़ा बवाल
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