प्रस्तुति-- हिमानी सिंह, मनीषा यादव
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को शिक्षक
दिवस के अवसर पर देशभर के स्कूलों के विद्यार्थियों से रूबरू हुए। करीब
डेढ़ घंटे चले इस कार्यक्रम में मोदी ने अपनी बात तो रखी ही, साथ ही
विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए।
चूंकि कार्यक्रम दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरिम में हो रहा था, इसलिए स्वाभाविक है कि सबसे अधिक सवाल पूछने मौका भी दिल्ली के विद्यार्थियों को ही मिला, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के अन्य हिस्सों के बच्चों ने भी मोदी से सवाल पूछे। दिल्ली के अलावा तिरुअनंतपुरम (केरल), तिनसुकिया (असम), इंफाल (मणिपुर), दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़), गुजरात और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान निकोबार) के बच्चों ने मोदी से सवाल पूछे। यूं तो क्लासरूम में मोदी को देशभर के विद्यार्थी सुन रहे थे, लेकिन सवाल जवाब के जरिए भी उन्होंने देश के हर कोने को छूने की कोशिश की। उन तक अपनी बात पहुंचाने की सफल कोशिश की।
मोदी के भाषण के बाद बच्चों ने करीब 18 प्रश्न पूछे। कई बार ऐसे सवाल भी आए, जब पूरे कार्यक्रम में ठहाके गूंज उठे। पूर्वोत्तर के एक बच्चे ने जब प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा कि मैं कैसे प्रधानमंत्री बन सकता हूं, तो उन्होंने भी चुटीले अंदाज में कहा कि आप 2024 की तैयारी कीजिए, मुझे 2024 तक कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बच्चे से यह भी कहा कि जब आप प्रधानमंत्री बनें तो मुझे शपथ समारोह में जरूर बुलाएं।
लेह की एक बच्ची ने तो मोदी से बचपन की शरारतों से जुड़ा सवाल पूछ लिया, इस पर मोदी ने अपने बचपन से जुड़े कुछ प्रसंग सुनाए। जब मोदी इस सवाल का जवाब दे रहे थे तब कई बार ठहाकों की गूंज सुनाई दी। इस दौरान कुछ गंभीर किस्म के सवाल बच्चों ने पूछे। एक बच्चे ने जापान की यात्रा को लेकर सवाल पूछा तो छत्तीसगढ़ की एक बालिका ने राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति से जुड़ा सवाल पूछा। पूरे कार्यक्रम के दौरान मोदी ने सभी सवालों के जवाब हल्के फुल्के अंदाज में दिए। कार्यक्रम में एक खास बात देखने को मिली कि सवाल पूछने वालों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा थी।
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