इसके भौगोलिक स्वरूप को देखें तो पता चलेगा कि पिछले २५० वर्षों में १२० किमी का विस्तार कर चुकी है। हिमालय की ऊँची पहाड़ियों से तरह तरह से अवसाद (बालू, कंकड़-पत्थर) अपने साथ लाती हुई ये नदी निरंतर अपने क्षेत्र फैलाती जा रही है। उत्तरी बिहार के मैदानी इलाकों को तरती ये नदी पूरा क्षेत्र उपजाऊ बनाती है। नेपाल और भारत दोनों ही देश इस नदी पर बाँध बना रहे हैं परन्तु पर्यावरणविदों की मानें तो ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है।
यह नदी उत्तर बिहार के मिथिला क्षेत्र की संस्कृति का पालना भी है। कोशी के आसपास के क्षेत्रों को इसी के नाम पर कोशी कहा जाता है।
नाम
हिन्दू ग्रंथों में इसे कौशिकी नाम से उद्धृत किया गया है। कहा जाता है कि विश्वामित्र ने इसी नदी के किनारे ऋषि का दर्ज़ा पाया था। वे कुशिक ऋषि के शिष्य थे और उन्हें ऋग्वेद में कौशिक भी कहा गया है। सात धाराओं से मिलकर सप्तकोशी नदी बनती है जिसे स्थानीय रूप से कोसी कहा जाता है (नेपाल में कोशी)। महाभारत में भी इसका ज़िक्र कौशिकी नाम से मिलता है।मार्ग
काठमाण्डू से एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए जाने वाले रास्ते में कोसी की चार सहायक नदियाँ मिलती हैं। तिब्बत की सीमा से लगा नामचे बाज़ार कोसी के पहाड़ी रास्ते का पर्यटन के हिसाब से सबसे आकर्षक स्थान है। बागमती, तथा बूढ़ी गंडक इसकी प्रमुख सहायक नदियों में से एक हैं।नेपाल में यह कंचनजंघा के पश्चिम में पड़ती है। नेपाल के हरकपुर में केसी की दो सहायक नदियाँ दूधकोसी तथा सनकोसी मिलती हैं। सनकोसी, अरुण और तमर नदियों के साथ त्रिवेणी में मिलती हैं। इसके बाद नदी को सप्तकोशी कहा जाता है। बराहक्षेत्र में यह तराई क्षेत्र में प्रवेश करती है और इसके बाद से इसे कोशी (या कोसी) कहा जाता है। इसकी सहायक नदियाँ एवरेस्ट के चारों ओर से आकर मिलती हैं और यह विश्व के ऊँचाई पर स्थित ग्लेशियरों (हिमनदों) के जल लेती हैं। त्रिवेणी के पास नदी के वेग से एक खड्ड बनाती है जो कोई १० किलोमीटर लम्बी है। भीमनगर के निकट यह भारतीय सीमा में दाख़िल होती है। इसके बाद दक्षिण की ओर २६० किमी चलकर कुरसेला के पास गंगा में मिल जाती है।
कोसी बाँध
मुख्य लेख : कोसी बाँध
कोसी नदी पर सन १९५८ एवं १९६२ के बीच एक बाँध बनाया गया। यह बाँध
भारत-नेपाल सीमा के पास नेपाल में स्थित है। इसमें पानी के बहाव के
नियंत्रण के लिये ५२ द्वार बने हैं जिन्हें नियंत्रित करने का कार्य भारत
के अधिकारी करते हैं। इस बाँध के थोड़ा आगे (नीचे) भारतीय सीमा में भारत ने
तटबन्ध बनाये हैं।संदर्भ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- कोसी साहित्य(यहॉं कोसी अंचल में रचित साहित्य के बारे में पढ़ें)
- कविता कोसी (हिन्दी ब्लॉग ; यहाँ कोसी नदी के बारे में बहुत विस्तृत जानकारी है।)
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