शनिवार, 5 दिसंबर 2015

नाग देवता प्रकटोत्सव




 प्रस्तुति- धीरज पांडेय


औरंगाबाद के उमगा मंदिर में अचानक नाग देवता के प्रगट होने से श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई और लोग इसे भगवान भोलेनाथ की कृपा मानकर पूजा अर्चना भी करने लगे।ताज्जुब की बात तो यह है कि हजारो की भीड़ और नाग देवता पर चढ़ रहे चढ़ावे के बाद भी वह अपने जगह से नहीं हटा।बताया जाता है कि सुबह जब उमगा पहाड़ पर स्थित शिव मंदिर के बाहर लोगो ने जब एक सांप को देखा तो इसकी सूचना मंदिर के पुजारी को दी।पुजारी के द्वारा नाग को हटाने के काफी प्रयास किये गए परंतु वह अपने स्थान से टस मस तक नहीं हुआ।पुजारी ने तत्काल उस सर्प की पूजा शुरू कर दी।यह खबर आग की तरह आस पास के गाँवो में फ़ैल गयी और इसे भगवान का चमत्कार मानकर लोग मंदिर परिसर में नाग देवता के दर्शन के लिए जुटने लगे।देखते देखते भक्तों की भीड़ जमा हो गयी और लोग नाग देवता की पूजा करने लगे।बताया जा रहा है की यह नाग शंखनाभ [ सफ़ेद नाग ]प्रजाति का है , इसी जाती के नागो के राजा तक्षक थे।

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