मंगलवार, 1 दिसंबर 2015

ये छह योगासन 1


बस ये छह योगासन करें और शेप में आ जाएगी आपकी बॉडी

बस ये छह योगासन करें और शेप में आ जाएगी आपकी बॉडी
नई दिल्ली: हर व्यक्ति के मन में यह डर बना रहता है कि बढ़ता मोटापा उसकी खूबसूरती पर धब्बा न बन जाए। इस मोटापे से छुटकारा पाने के लिए वह किसी न किसी जुगाड़ में लगे रहते हैं। कोई सुबह-सुबह पार्क में दौड़ लगाता नजर आता है, तो कोई जिम में कसरत करता, लेकिन मोटापा है कि जाने का नाम नहीं लेता। ऐसे में मोटापे के साथ कई और बीमारियां भी शरीर से दोस्ती कर लेती हैं। यही नहीं, अपने मोटापे को दूसरों की नजर से बचाने के लिए अपने साइज से बड़ा साइज खरीदना लोग पसंद करते हैं। लेकिन यह सब कोई स्थायी उपाय नहीं है।

जी हां, अगर आप भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की तरह अपने शरीर को शेप में रखना चाहतें है, तो अपनी दिनचर्या में योग को जगह दें। आसान से छह स्टेप आपके शरीर को पहले जैसे आकार में ले आएंगे।

'योग कोई धर्म नहीं है। यह एक विज्ञान है, अच्छा बनने का विज्ञान, ताज़गी का विज्ञान, शरीर को एक करने का विज्ञान, दिमाग और आत्मा को शांत रखने का विज्ञान।' अमित रे, (योग एंड विपासना) एन इंटग्रैटिड लाइफ स्टाइल
योगा कोई हाल ही की घटना नहीं है। यह एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जो कि सिर्फ शरीर को ही शेप में करने के लिए नहीं किया जाता, बल्कि व्यक्ति के पूरे स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायक है।

मैंने योग को एक समग्र पैकेज के रूप में देखा है, जो कि दूसरी शारीरिक गतिविधियों के विपरीत मनुष्य के शरीर को बाहर से साथ ही अंदर से साफ और फिर से युवा करने में मदद करता है। अगर कोई व्यक्ति योगा को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाता है, तो केवल वही व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अंतर को समझ सकता है।

बढ़ते प्रचलन ने लोगों को भी ज्यादा सतर्क बना दिया है। बढ़ती कमर और बढ़ते चयापचय (मेटाबॉलिज्म) विकार- कैंसर, डायबिटीज़ और अन्य बीमारियों को देखते हुए लोग स्वास्थ्य, डाइट प्लान और फिटनेस को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। एक लंबे समय से मैं मानती आ रही थी कि योगा में सिर्फ व्यायाम शामिल होते हैं, जिसमें आसन को कुछ सेकंड तक बनाए रखना ही मुख्य उद्देश्य होता है। यही नहीं, मेरा सोचना था कि योगा वह लोग करते हैं जो स्वस्थ तो हैं, लेकिन वह अपने शरीर में लचीलापन लाना चाहते हैं। जिम में उच्च प्रखर कसरत करने के अलावा, मैंने कभी भी वजन कम करने के लिए योग को प्रभावी कसरत नहीं माना। मुझे योगा के विभिन्न आसनों और इसके गुणों को सही से समझने में काफी समय लगा। लेकिन इसे समझना मेरे लिए काफी शिक्षाप्रद, सकारात्मक और संतुष्टिदायक रहा।

योग और वजन कम करना
 योग के महत्तव और मनुष्य के शरीर से उसके संबंध को समझने के लिए मैं जानी-मानी योग व्यवसायी और फिटनेस एक्सपर्ट सीमा सोंधी से मिली और उनसे पूछा कि योगा वजन कम करने में कैसे मदद करता है। उन्होंने शुरुआत से ही योग के मूल तत्वों के बारे में मुझे बताया।

सीमा सोंधी बताती हैं कि वजन कम करने का लक्ष्य बनाने से पहले वजन बढ़ने के कारणों को जानना बहुत जरूरी है। खाने की आदतों को छोड़कर, वजन बढ़ने के कारण और शारीरिक कार्यों का सही से काम न करना जैसी बातों पर गौर करना चाहिए। योगा एक श्वास अभ्यास है, जो कि सफाई, संतुलन और अंदर के अंग और उनके कार्य को ठीक करता है। कई प्रकार के श्वास व्यायाम और बुनियादी आसन मेटाबॉल्सिम और ह्रदय दर बढ़ाने में मदद करते हैं। एक बार अगर आप इसमें अच्छे से चले जाते हैं, तो फिर केंद्र बाहरी शरीर पर आ जाता है।

सीमा का कहना है, 'मैं वजन कम करने के लिए किसी विशेष आसन पर भरोसा नहीं करती। लगभग सभी आसन अंदर के तंत्र को साफ करने, सहनशक्ति को बढ़ाने, लचीलापन और मेटाबॉलिक दर बढ़ाने में मदद करते हैं।' वह बताती हैं कि शरीर में लचीलापन लाने के लिए योग कैसे सहायक है। इसमें शरीर को घुमाना, आगे और पीछे की ओर मोड़ना, उलटा करना और दूसरी मुद्राएं जंग लगी मांसपेशियों को खोलने में मदद करती हैं और इससे वजन कम होता है।

यहां कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो शुरुआत में आपकी मदद करेंगे।

सूर्य नमस्कार
यह एक बुनियादी, सबसे ज्यादा जाना-जाने वाला और व्यापक रूप से अभ्यास किया जाने वाला आसन है। सूर्य नमस्कार का अर्थ है-'सूरज का अभिवादन' या 'वंदन करना'। इसमें 12 योग मुद्राओं का मिश्रण होता है, जो कि शरीर के विभिन्न भागों को केंद्रित करता है। इसकी यही खासियत इसे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद बनाती है। उदाहरण के लिए प्रार्थना की मूल मुद्रा, आगे की ओर मुड़ना और फिर भुजांगासन।


कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि शरीर को चुस्त रखने के लिए सूर्य नमस्कार एक बढ़िया तरीका है, क्योंकि यह शरीर के लगभग हर संभव अंग की कसरत करने में मदद करता है। यह कंकाल प्रणाली की सहनशक्ति बढ़ाने, तनाव और चिंताओं को दूर करने में भी सहायक है।

वीर भद्रासन या योद्धा मुद्रा
इस आसन की मुद्रा पहाड़ों पर जाने वाली मुद्रा के सामान होती है। अपने एक पैर को पीछे की ओर खींचकर, दूसरे पैर को आगे कूदने की मुद्रा में बना लें, जिसमें घुटने 90 डिग्री मुद्रा में हो और हाथों को जोड़कर सिर के ऊपर तक ले जाएं।



वीरभद्रासन-2 के लिए आप इस मुद्रा को आगे ले जा सकते हैं, जिसमें अपने हाथ छाती के सामने ले जाएं और खींचे हुए पैरों को सीधा कर लें (बाहर की और निकलती हुई), वहीं दूसरे पैर को अभी भी 90 डिग्री पर ही रखें और अपने दोनों हाथों को खींचकर बाहर की तरफ फैला लें। यह योद्धा मुद्रा आपके पैर, जांघ, पीठ और हाथ पर काम करती है। यही नहीं, यह रक्त प्रवाह सही करने में भी मदद करती है।

त्रिकोणासन
यह आसन करने के लिए पैरों को फैला लें, जिसमें सीधा पैर बाहर निकाल लें। अब अपने हाथों को बाहर की ओर खोल लें और सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की ओर ले जाएं। सीधी कमर के साथ नीचे की ओर देखें।

अपनी सीधी हथेली को जमीन पर रखें (इसे सीधे पैर के आगे या पीछे भी रखा जा सकता है) और अपने उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं। इसी प्रक्रिया को दूसरी साइड से भी दोहराएं। यह आसन शरीर की साइडों, हाथों और जांघों पर काम करता है।

पूर्वोत्तनासन
इसकी शुरुआत करने में शायद थोड़ी मुश्किल लगे, लेकिन इसका असर आपको खुश कर देगा। यह आपकी पीठ, कंधों, हाथ, रीढ़ की हड्डी, कलाई और जंग लगी मांसपेशियों पर काम करता है। यह श्वसन प्रणाली को सही रूप से चलाने के लिए भी बहुत अच्छा आसन है। यही नहीं, यह शरीर की मुख्य ताकत को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह आपके पैरों, जांघों की अंदरूनी मांसपेशियां और हिप्स पर भी असर डालता है।


अपने पैरों पर बैठकर उन्हें आगे की ओर खींचें। हाथों को हिप्स के पीछे ले जाएं और पैरों की तरफ करें। अब पैरों से शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और सिर को पीछे की तरफ धकेलने की कोशिश करें। यह पुश-अप करने की मुद्रा का ठीक उल्टा होता है।

मेरी पसंदीदा मुद्रा

वैसे तो मैं रोज योग नहीं करती, लेकिन कुछ मुद्राएं ऐसी हैं, जिन्हें मैं अपने वर्कआउट में जरूर शामिल करती हूं। यह मांसपेशियों की सहनशक्ति बढ़ाने, खिंचाव और लचीलापन बढ़ाने में मदद करती है। इन्हें एक बार करने से आपको चुनौतीपूर्ण, थकाऊ और संवेदात्मक अनुभूति का अहसास होगा।

बोट मुद्रा

पीठ के बल लेट जाएं और अपने शरीर को ‘वी’ आकार, जो कि नांव (बोट) से मिलता-जुलता है, ऐसा बनाएं। मुद्रा को दस सेकंड तक बनाएं रखें। इस दौरान आपको लगेगा कि आपकी मांसपेशियां उछल रही हैं, लेकिन यकीन मानो यह आपके बैली फैट को बिल्कुल खत्म कर देगा।


ब्रिज मुद्रा

पीठ के बल लेट जाएं और हाथ बगल में फैला लें। अब घुटनों को मोड़कर, उन्हें बाहर की तरफ फैला लें। पेट वाले हिस्से से शरीर को ऊपर की ओर उठाएं, अपने हाथों से सहारा देकर, मुद्रा को कुछ देर तक बनाएं रखें। यह मुद्रा आपके हिप्स, जांघ, पेट और पीठ पर काम करेगी।

स्वस्थ रहने और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए शारीरिक व्यायाम ही सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। लेकिन एक बात अवश्य ध्यान रखें कि व्यायाम के दैरान अगर उचित आहार न लिया जाए, तो शारीरिक व्यायाम करना व्यर्थ और अनुत्पादक है।

सीमा इसलिए सात्विक और योगिक डायट की सलाह देती हैं, जिनमें ताजा और जैविक उत्पादों पर ही भरोसा किया जा सकता है। मसालों पर रोक और प्रोसेसड फूड खाना हानिकारक है। इस दौरान घर का बना खाना, ताजे फल और एक बार डाइट में सब्जियों को शामिल किया जा सकता है। साथ ही, एक बार में खाए जाने वाले खाने की मात्रा को भी ध्यान में रखना जरूरी है। आपनी खाने की आदत को नियंत्रित करना होगा।


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