llers With His SUV
हिट एंड रन केस: बरी हुए सलमान, फैंस की भीड़ देख पिछले दरवाजे से घर पहुंचे
- dainikbhaskar.com
- Dec 10, 2015, 20:46 PM IST
मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 साल पुराने हिट एंड रन केस में
सलमान खान को गुरुवार को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन कोई
भी आरोप साबित नहीं कर पाया। फैसला आते ही सलमान के घर फैंस की भीड़ जमा
हाे गई। उन्हें पिछले दरवाजे से घर में एंट्री लेनी पड़ी।
13 साल बाद फैसला, 2 दिन में बेल, 7 महीने में बरी
- 2002 में मुंबई में सलमान की तेज रफ्तार कार फुटपाथ पर चढ़ गई थी। इसमें एक शख्स की मौत हुई थी।
- वे गैरइरादतन हत्या के दोषी पाए गए। सेशंस कोर्ट ने सलमान को मई में ही 5 साल की सजा सुनाई थी।
- सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद ही सलमान को हाईकोर्ट से बेल मिल गई थी। अब 7 महीने बाद वे बरी हो गए हैं।
UPDATES...
- बॉलीवुड स्टार दीया मिर्जा, संगीता बिजलानी सलमान के गैलेक्सी अपार्टमेंट स्थित घर पहुंचे।
- बताया जा रहा है कि सलमान भीड़ से बचने के लिए पिछले दरवाजे से घर में दाखिल हुए।
- हाईकोर्ट से बरी होने के बाद गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे सलमान खान अपने घर पहुंच गए।
- सलमान के घर के बाहर बड़ी तादाद में उनके फैंस इकट्ठा हैं।
- फैसला आने के बाद सलमान ने ट्वीट किया, 'कोर्ट के फैसले का मैं
सम्मान करता हूं। दुआओं के लिए लोगों का शुक्रिया। फैमिली और फैंस का भी
शुक्रिया, जो मुश्किल वक्त में हमेशा मेरे साथ रहे।'
हाईकोर्ट में आज क्या हुआ?
- हाईकोर्ट का सवाल: जस्टिस ए.आर. जोशी ने गुरुवार को फैसला लिखे जाने की कार्यवाही शुरू की। उन्होंने पूछा कि क्या सलमान कोर्ट में मौजूद हैं?
- पेशी से छूट की मांग: सलमान के वकील अमित देसाई ने इसमें रियायत देने की मांग की।
- वकीलों की दलील: प्रॉसिक्यूशन के वकीलों ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला कुछ भी आए, बेल बाॅन्ड भरने की प्रॉसेस पूरी करने के लिए सलमान का यहां रहना जरूरी होगा।
- करजत में थे सलमान: इस पर एक्टर के वकीलों ने कहा कि सलमान मुंबई से दो घंटे की दूरी पर करजत में हैं। अगर कोर्ट चाहे तो वे यहां मौजूद रहेंगे। लेकिन कोर्ट में सलमान को सिक्युरिटी भी दी जाए।
- परिवार पहुंचा हाईकोर्ट: इस बीच, सलमान की बहन अलवीरा, अर्पिता और पिता सलीम खान हाईकोर्ट पहुंचे।
- सलमान की एंट्री: दोपहर 1.24 बजे सलमान हाईकोर्ट पहुंचे। वे कोर्टरूम 43 की तरफ रवाना हुए।
- ...और फैसला: दोपहर 1.36 बजे हाईकोर्ट के जस्टिस ए.आर. जोशी ने सलमान को बरी किया।
- इमोशनल हुए सलमान: फैसला आते ही दोस्तों, उनकी बहन अलवीरा और बाकी लोगों ने सलमान के कंधे पर हाथ रखा। अलवीरा इमोशनल हुईं। सलमान भी रो दिए। बॉडीगार्ड शेरा ने इशारे से उन्हें दीवार की तरफ चेहरा कर लेने को कहा ताकि लोग उन्हें रोते हुए न देख सकें।
- गाना गुनगुनाते नजर आए: न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बरी
किए जाने के बाद जब हाईकोर्ट की कार्यवाही खत्म हो रही थी, तब अलवीरा ने
सलमान को देख ‘थम्ब्स अप’ किया। सलमान गाना गुनगुनाते नजर आए।
हाईकोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां
1. प्रॉसिक्यूशन सलमान के खिलाफ सारे आरोप साबित नहीं कर सका। दोष इस तरह साबित होना चाहिए कि इस पर कोई शक न हो।
2. प्रॉसिक्यूशन ने कुछ अहम गवाहों के बयानात दर्ज नहीं किए। घायल गवाहों से जुड़े सबूतों में भी विरोधाभास है। इससे सलमान के इस केस में शामिल होने पर संदेह पैदा होता है।
3. इस मामले में जांच बहुत गलत तरीके से हुई। ऐसी खामियां छोड़ दी गईं, जिनसे कई बातें आरोपियों के फेवर में चली गईं।
4. इस कोर्ट की यह ड्यूटी है कि वह देखे कि अपराध संदेह से परे जाकर साबित होता हो।
5. निचली अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते वक्त सबूतों का ठीक तरह से ध्यान नहीं रखा।
6. सुनवाई न्याय दिलाने के तय सिद्धांतों पर नहीं थी।
7. यह ऐसा केस नहीं है जिसमें प्रॉसिक्यूशन ने पूरी कामयाबी के साथ सारे आरोप साबित कर दिए हों।
8. सारे सबूत परिस्थितिजन्य थे, यानी उस वक्त के हालात से जुड़े थे।
9. शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में भी प्रॉसिक्यूशन कोई मजबूत सबूत नहीं पेश कर पाया।
10. लोअर कोर्ट ने रेन बार एंड रेस्टोरेंट के बिल को सबूत के तौर पर मंजूर करने के मामले में भी गलती की। उसका पंचनामा नहीं किया गया।
2. प्रॉसिक्यूशन ने कुछ अहम गवाहों के बयानात दर्ज नहीं किए। घायल गवाहों से जुड़े सबूतों में भी विरोधाभास है। इससे सलमान के इस केस में शामिल होने पर संदेह पैदा होता है।
3. इस मामले में जांच बहुत गलत तरीके से हुई। ऐसी खामियां छोड़ दी गईं, जिनसे कई बातें आरोपियों के फेवर में चली गईं।
4. इस कोर्ट की यह ड्यूटी है कि वह देखे कि अपराध संदेह से परे जाकर साबित होता हो।
5. निचली अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते वक्त सबूतों का ठीक तरह से ध्यान नहीं रखा।
6. सुनवाई न्याय दिलाने के तय सिद्धांतों पर नहीं थी।
7. यह ऐसा केस नहीं है जिसमें प्रॉसिक्यूशन ने पूरी कामयाबी के साथ सारे आरोप साबित कर दिए हों।
8. सारे सबूत परिस्थितिजन्य थे, यानी उस वक्त के हालात से जुड़े थे।
9. शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में भी प्रॉसिक्यूशन कोई मजबूत सबूत नहीं पेश कर पाया।
10. लोअर कोर्ट ने रेन बार एंड रेस्टोरेंट के बिल को सबूत के तौर पर मंजूर करने के मामले में भी गलती की। उसका पंचनामा नहीं किया गया।
आगे क्या?
- सलमान को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के पास एक बॉन्ड भरना होगा, क्योंकि अब तक वे इस केस में जमानत पर थे।
- हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन स्पेशल लीव पिटीशन दायर
कर सकता है। इसमें हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी बाकी रहे सवालों का मुद्दा
उठ सकता है।
- प्रॉसिक्यूशन सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर सकता है।
- महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले
पर ठीक तरह से गौर करने के बाद ही सरकार इस बारे में आगे कोई कदम उठाएगी।
- अभी सलमान के खिलाफ राजस्थान में हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट का केस चल रहा है।
- बॉलीवुड में 200 करोड़ रुपए का बिजनेस अभी सलमान पर टिका है।
- बॉलीवुड में 200 करोड़ रुपए का बिजनेस अभी सलमान पर टिका है।
किसने क्या बयान दिया?
- पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले जफर सरेशवाला ने कहा-
हाईकोर्ट ने जब बेल दी थी, तभी मैंने ये बात कही थी कि सलमान को फंसाया
गया। बाद में उस पर आरोप लगाए गए थे।
- एक्सीडेंट में अरेस्ट किया था और फिर छोड़ दिया गया था। 15 दिन बाद उसके खिलाफ आरोप लगाए गए। उसे फंसाया गया था, क्योंकि उससे पहले हिंदुस्तान में धारा 304/1 कभी भी नहीं लगी थी।
- एक्सीडेंट में अरेस्ट किया था और फिर छोड़ दिया गया था। 15 दिन बाद उसके खिलाफ आरोप लगाए गए। उसे फंसाया गया था, क्योंकि उससे पहले हिंदुस्तान में धारा 304/1 कभी भी नहीं लगी थी।
- बता दें कि मई में जिस दिन सलमान को सेशन्स कोर्ट ने फैसला सुनाया था, उस दिन जफरवाला भी एक्टर से मिलने पहुंचे थे।
- वकील आभा सिंह ने कहा- 13 साल बाद हाईकोर्ट मान लेता है कि गाड़ी सलमान नहीं, ड्राइवर अशोक सिंह चला रहा था। यह सवालिया निशान है।
- रवींद्र पाटिल का बयान खारिज क्यों कर दिया गया? उनकी मौत हो गई तो क्या अब डाइंग डिक्लेरेशन खारिज कर दिया जाएगा। मैं चाहूंगी कि महाराष्ट्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाए।
- रवींद्र पाटिल का बयान खारिज क्यों कर दिया गया? उनकी मौत हो गई तो क्या अब डाइंग डिक्लेरेशन खारिज कर दिया जाएगा। मैं चाहूंगी कि महाराष्ट्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाए।
EXPERT VIEW : क्यों बरी हुए सलमान?
- इस केस में प्रॉसिक्यूशन परिस्थितिजन्य सबूतों (circumstantial
evidence) की कड़ियां नहीं जोड़ पाया। सिर्फ अखबारों की कतरनों का सहारा
लिया गया।
- प्रॉसिक्यूशन का गवाह सच बोल रहा है या नहीं, इसकी भी जांच करनी होती है। इस मामले में भी खामी रही।
- सलमान ने शराब पी थी, इसके भी सबूत नहीं मिले। मेडिकल टेस्ट काफी बाद में हुआ।
- सुपरस्टार के रसूख के आगे प्रॉसिक्यूशन कमजोर पड़ गया।
(सुप्रीम कोर्ट के वकील यतेंद्र शर्मा और एपी सिंह के मुताबिक)
क्या है मामला?
- 28 सितंबर, 2002 की आधी रात पार्टी कर घर लौट रहे सलमान खान की लैंड क्रूजर हिल रोड पर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी में घुस गई थी।
- सलमान ने सुबह सरेंडर किया था। पुलिस स्टेशन से ही उनकी जमानत हो गई।
- अक्टूबर 2002 में सलमान पर आईपीसी की धारा 302-II (गैर इरादतन हत्या) लगाई गई।
- घटना में नुरुल्ला शरीफ की मौत हो गई थी। अब्दुल शेख, मुस्लिम शेख,
मुन्नू खान और मुहम्मद कलीम घायल हो गए थे। ये सब बेकरी के बाहर फुटपाथ पर
सो रहे थे।
- अब्दुल शेख के परिवार ने कहा था कि उन्हें कोर्ट के फैसले से कोई मतलब नहीं है। उन्हें तो बस 10 लाख रुपए का मुआवजा मिल जाए।
- इस केस में बॉम्बे की सेशन्स कोर्ट ने सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान की सजा पर रोक लगा दी।
बुधवार को कोर्ट में क्या हुआ था?
- हाईकोर्ट के जस्टिस एआर जोशी ने बुधवार को सलमान की अपील पर फैसला
लिखवाए जाने के दौरान कहा कि सलमान के खिलाफ बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल का
बयान भरोसे के लायक नहीं है।
- पाटिल के बयान से यह साबित नहीं होता कि सलमान की कार का टायर हादसे के बाद फटा था या पहले।
- इससे पहले जज ने कहा था कि होटल के बिल इस बात का सबूत नहीं हो सकते कि सलमान ने हादसे की रात एल्कोहल लिया था। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
कौन थे पाटिल?
- सलमान के बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल पुलिस कॉन्स्टेबल थे।
- सलमान ने शिकायत की थी कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलती हैं।
इसलिए पाटिल को बतौर बॉडीगार्ड सलमान की ड्यूटी में लगाया गया था।
- 13 साल पहले इस मामले में एफआईआर पाटिल ने ही दर्ज कराई थी। उन्होंने ही बतौर चश्मदीद गवाही दी थी।
- 2007 में पाटिल की टीबी के कारण मौत हो गई।
पाटिल ने क्या दिया था बयान?
- 28 सितंबर, 2002 को मैं सलमान खान के बॉडीगार्ड की ड्यूटी पर था। मुझे उनके साथ ही रहना था। वे (होटल से) रात 2.15 बजे बाहर निकले।
- सलमान ड्राइविंग सीट पर बैठे। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे कार चला पाएंगे? लेकिन उन्होंने मेरे सवाल को नजरअंदाज कर दिया।
- वे 90-100 किमी/घंटा की रफ्तार से कार चला रहे थे। हिल रोड पर पहुंचने से पहले एक चौराहे पर मैंने उनसे कार धीमी करने को कहा, क्योंकि आगे राइट टर्न आने वाला था। उन्होंने मुझे फिर नजरअंदाज कर दिया।
- टर्न लेते वक्त उन्होंने कार पर से कंट्रोल खो दिया और गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ा दी। कार अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी से जा टकराई। बेकरी का शटर टूट गया।
- लोग इकट्ठा हो गए और चिल्लाने लगे। मैंने लोगों को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया और कहा कि मैं पुलिसवाला हूं। इससे वे कुछ शांत हुए।
- सलमान और कमाल खान वहां से भाग गए। मैंने देखा एक शख्स गंभीर रूप से जख्मी है। चार और लोग कार के नीचे दबे हुए थे।
- मैंने ही पुलिस कंट्रोल रूम फोन किया और बाद में बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह हादसा इसलिए हुआ, क्योंकि कार तेज रफ्तार में थी।
- आरोपी नशे में थे। वे कार को मोड़ते वक्त उसे कंट्रोल नहीं कर सके।
- सलमान ड्राइविंग सीट पर बैठे। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे कार चला पाएंगे? लेकिन उन्होंने मेरे सवाल को नजरअंदाज कर दिया।
- वे 90-100 किमी/घंटा की रफ्तार से कार चला रहे थे। हिल रोड पर पहुंचने से पहले एक चौराहे पर मैंने उनसे कार धीमी करने को कहा, क्योंकि आगे राइट टर्न आने वाला था। उन्होंने मुझे फिर नजरअंदाज कर दिया।
- टर्न लेते वक्त उन्होंने कार पर से कंट्रोल खो दिया और गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ा दी। कार अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी से जा टकराई। बेकरी का शटर टूट गया।
- लोग इकट्ठा हो गए और चिल्लाने लगे। मैंने लोगों को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया और कहा कि मैं पुलिसवाला हूं। इससे वे कुछ शांत हुए।
- सलमान और कमाल खान वहां से भाग गए। मैंने देखा एक शख्स गंभीर रूप से जख्मी है। चार और लोग कार के नीचे दबे हुए थे।
- मैंने ही पुलिस कंट्रोल रूम फोन किया और बाद में बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह हादसा इसलिए हुआ, क्योंकि कार तेज रफ्तार में थी।
- आरोपी नशे में थे। वे कार को मोड़ते वक्त उसे कंट्रोल नहीं कर सके।
किस अाधार पर सस्पेंड हुई थी सजा?
- हाईकोर्ट ने सेशन्स कोर्ट के फैसले के खिलाफ सलमान की अर्जी मंजूर
कर ली थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि सेशन्स कोर्ट से मिली पांच साल की सजा पर
अमल अभी नहीं होगा। सलमान जमानत पर रहेंगे। लेकिन विदेश जाने के लिए कोर्ट
से इजाजत लेनी होगी।
- जस्टिस अभय थिप्से ने कहा था- "सलमान लंबे समय से जमानत पर हैं।
उनकी आजादी पर कोई रोक नहीं लगी। आमतौर पर ऐसे मामलों में अपील मंजूर की
जाती है और आरोपी को जमानत दी जाती है।"
- जज ने कहा था, "यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें अपील पर सुनवाई और
फैसला होने तक उन्हें जेल में रखा जाए। जब अपील मंजूर कर ली गई हो और उस पर
फैसला बाकी हो तो उनके हक से खिलवाड़ क्यों होना चाहिए? कई मामलों में लोग
पूरी सजा काट लेते हैं और बाद में ऊपरी अदालतों से उन्हें बरी कर दिया
जाता है।"
- इस टिप्पणी के बाद हाईकोर्ट जज ने सलमान के कन्विक्शन पर रोक लगा दी और उन्हें जमानत दे दी।
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