सोमवार, 20 सितंबर 2021

खबर ही खबर / सूरज यादव

  सूरज


: *सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंचे एक बुजुर्ग फरियादी* ने ऐसी अजीबोगरीब मांग रखी कि मुख्यमंत्री अपनी हंसी नहीं रोक पाए। दरअसल गोपालगंज के एक गांव से पटना पहुंचे एक रिटायर्ड शिक्षक ने सीएम से कहा कि उनके गांव को उत्तर प्रदेश में शामिल करा दिया जाए। सीएम नीतीश कुमार के सामने इतने दिनों के कार्यकाल में किसी ने ऐसी मांग नहीं रखी थी। इस वजह से बुजुर्ग की बात सुनते ही सीएम हंस पड़े। 


मामला कुछ ऐसा है कि गोपालगंज से एक इंटर कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसिपल योगेंद्र मिश्र सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आए थे। प्रक्रिया पूरी करने के बाद जब वे सीएम के सामने पहुंचे तो सीएम ने उनसे अपनी बात रखने को कहा। बुजुर्ग शिक्षक ने कहा कि उनका गांव उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला से मात्र 1किलोमीटर की दूरी पर है जबकि गोपालगंज जिला मुख्यालय से ज्यादा दूर है। इसलिए उनके गांव को बिहार के बजाय उत्तर प्रदेश में शामिल करा दिया जाए क्योंकि वहां की भौगोलिक स्थिति की यही मांग है। इस बात पर मुख्यमंत्री हंसने लगे। किसी को यह समझ में नहीं आया की इसका क्या हल निकाला जाए। अंत में मुख्यमंत्री ने बुजुर्ग शिक्षक को पदाधिकारियों के पास भेज दिया।

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: *बिहार छह करोड़ व्यक्तियों के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के करीब* पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने छह माह में छह करोड़ कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके लिए राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान का लगातार संचालन किया जा रहा है। सभी व्यक्तियों को कोरोना टीका के दो डोज दिए जा रहे हैं। राज्य में 16 जनवरी, 2021 से कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। इस माह के अंत तक राज्य में 5.50 करोड़ टीकाकरण किए जाने की उम्मीद है। 


कोविन पोर्टल के अनुसार राज्य में रविवार को कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा पांच करोड़ के पार हो गया। 17 सितंबर को कोरोना टीकाकरण महाअभियान के बाद शनिवार तक 4,99,02,007 व्यक्तियों को टीका दिया जा चुका था। रविवार की शाम छह बजे तक 1,03,085 व्यक्तियों को कोरोना टीका दिया जा चुका था। इस प्रकार राज्य में अबतक 5,00,56,648 व्यक्तियों को टीका दिया जा चुका है। 


स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिसंबर 2021 तक छह माह में छह करोड़ व्यक्तियों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि अभी छह करोड़ व्यक्तियों के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने में तीन माह शेष है। अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर में भी लगातार कोरोना टीकाकरण कार्य किए जाएंगे। इस बीच कोरोना टीकाकरण महाअभियान का भी संचालन किया जाएगा। ऐसे में बिहार निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक कोरोना टीकाकरण करने में सक्षम होगा।


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: *भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सोमवार को फल्गु में तर्पण और पिंडदान के साथ गयाधाम* में कर्मकांड शुरू हुआ। पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वालों के अलावा एक, तीन, सात दिन कर्मकांड करने वालों की भीड़ मोक्षदायिनी में उमड़ी। सोमवार अहले सुबह से पिंडदानी फल्गु नदी के तट पर पहुंचे। तीर्थयात्रियों ने पवित्र फल्गु में डुबकी लगाकर पूर्वजों को याद किया। फल्गु की पतली जलधारा में स्नान करने के बाद पिंडदानियों ने तर्पण कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और स्वर्गलोक की प्राप्ति की कामना की। फल्गु नदी, घाट से लेकर विष्णुपद मंदिर तक तीर्थयात्री नजर आए। कोरोना के कारण इस बार करीब 80 फीसदी भीड़ कम रही। पहले दिन करीब सात हजार लोगों ने पिंडदान किया। दूसरे दिन मंगलवार को गया पंचकोस क्षेत्र की प्रेतशिला, ब्रह्मकुंड रामकुंड और रामशिला पिंडवेदियों पर तीर्थयात्री पिंडदान करेंगे। 


कोरोना के कारण इस बार न पितृपक्ष मेला लगा है और ही पिंडदानियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। निजी तौर पर सिर्फ संगत घाट पर दो पंडाल बने हैं। फल्गु गजाधर और देवघाट पर पंडाल नहीं बने। इस कारण पिंडदानियों ने खुले और फल्गु की रेत पर बैठकर पिंडदान  किया। तीखी धूप के बीच बालू पर बैठकर पिंडदानियों ने घंटों कर्मकांड किया। जौ और चावल के चूर्ण से बने पिंड को कर्मकांड के बाद फल्गु की धारा में प्रवाहित किया गया। इसके बाद पिंडदानियों ने विष्णुचरण के दर्शन-पूजन किए। गयाधाम में पहले दिन पिंड दान करने वालों में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा के पिंडदानियों की संख्या अधिक रही।


सूरज यादव 

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