सूरज: यादव
बिहार पंचायत चुनाव : दूसरे चरण में 55.02 % मतदान
बक्सर के राजपुर क्षेत्र के बूथ पर तैनात पीठासीन पदाधिकारी पर गड़बड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और उन्हें तत्काल हटाकर दूसरे पदाधिकारी को तैनात किया गया। जबकि अररिया के एक बूथ पर तैनात मतदानकर्मी पर पंच-सरपंच के मतपत्र खो देने के कारण कानूनी और विभागीय कार्रवाई किया जाएगा।
जितिया पर्व के बावजूद बड़ी संख्या में महिला मतदाता लाइन में खड़ी नजर आईं। एक-दो जगह पर ईवीएम में आई खामी के कारण मतदान की प्रक्रिया कुछ समय के लिए बाधित रही। वहीं गया जिले में मतदान करने जा रहे मुखिया उम्मीदवार, उनके परिवार और अन्य वोटर्स के साथ मारपीट की गई। इसी बीच मोतिहारी में बोगस वोटिंग रोकने के लिए पहुंची पुलिस के साथ मारपीट की गई है। भोजपुर में हार्ट अटैक आने से एक वोटर की मौत हो गई है।
पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में नवीनगर प्रखंड की 25 पंचायतों में बुधवार को मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया। जिउतिया पूजा के कारण महिलाओं ने उपवास रखा है और इसका असर मतदान पर दिख रहा है। सुबह में वोटिंग का ट्रेंड बदला हुआ नजर आया। सभी मतदान केंद्रों पर पहले महिलाओं को वोट देने के लिए आगे किया गया और पुरुष मतदाता बेहद कम संख्या में पहुंचे।
[9/29, 18:55] S सूरज: *प्रीपेड मीटर लगाने के खिलाफ बिजली उपभोक्ताओं का गुस्सा लगातार जारी* है। पटना सिटी में गुस्साए लोगों ने अशोक राजपथ जामकर बिजली ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान लोगों ने जमकर हंगामा मचाया।
प्रीपेड मीटर लगाए जाने के खिलाफ गुस्साए लोगों ने मालसालामी थाना क्षेत्र के बाजार समिति स्थित कटरा बिजली ऑफिस का घेराव कर मुख्य सड़क अशोक राजपथ को जामकर धरने पर बैठ गए। धरना व घेराव में काफी संख्या में महिला व पुरुष शामिल थे। इधर लोगों जे आक्रोश को देखते हुए बिजली ऑफिस के पदाधिकारियों व कर्मी चुपके से एक-एक कर निकल गए।
धरना का नेतृत्व कर रहे शैलेन्द्र यादव ने बताया कि जो नया प्रीपेड मीटर लगा है, उसमें बिजली बिल ज्यादा आ रहा है। रिचार्ज करने पर भी बिजली समय पर नहीं आ पा रही है। लाइन जब चाहे तब कट जाती है। शिकायत करने के बाबजूद भी सुधार नही हो पाता है। बिजली ऑफिस आकर शिकायत करते है तो कोई सुनने को तैयार तक नहीं है।
उपभोक्ताओं का कहना था कि बहुत ऐसे उपभोक्ता है जिसके पास अपना मोबाइल नहीं है। ऐसी स्थिति में वह रिचार्ज कैसे कराएगा। उपभोक्ता जवाहर प्रसाद ने बताया कि तीन कमरे के मकान में उसके यहां पहले सात से आठ सौ रुपये मासिक बिल आता था। लेकिन 19 सितम्बर को प्रीपेड मीटर लगने के बाद से एक सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बिल खपत हो रही है। ऐसी स्थिति में पांच से छह हजार रुपये महीना कमाने वाला कैसे बिजली उपयोग करेगा। उपभोक्ताओं ने प्रीपेड मीटर को अविलंब हटाने की मांग की।
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